रोचक प्रस्तुति द्वारा काका हाथरसी के जीवन का सजीव चित्र खींचने के लिए आपको साधुवाद नीलम जी। मुझे स्मरण है, काका हाथरसी की महाप्रयाण यात्रा में प्रत्येक व्यक्ति के ठहाके उनकी वसीयत, उनकी अन्तिम इच्छा पूरी कर रहे थे किन्तु सबके हृदयों में शोक का अपार सागर वाडवाग्नि सा जल रहा था। काका जैसे लोग विरले ही होते हैं।
भई वाह! नीलम जी, कमाल, कमाल और कमाल। आपकी शोध क्षमता और अभिव्यक्ति को शत् शत् नमन। बहुत बढ़िया जानकारी मिली हास्य और व्यंग्य के सिरमौर काका हाथरसी के बारे में।
हास्य कवि काका हाथरसी पर केंद्रित' मन के मौसम 'की यह प्रस्तुति 15:36 रोचक और ज्ञानवर्धक लगी। काका हाथरसी का काव्य पाठ भी अत्यधिक लोकप्रिय था। ऐसे लोकप्रिय कवि पर प्रस्तुत यह अंक भी बहुत सुंदर है।
हास्य कवि के नाम से विख्यात सर्वतोन्मुखी प्रतिभा के धनी काका अंततः हास्य रस के कवि के रूप में ही नहीं अन्य विविध कारणोंं से भी प्रसिद्धि को प्राप्त करते हैं ! उनके जीवन के बहुत सारे ऐसे अछूते प्रसंग जो एपिसोड के माध्यम से सामान्य पाठकों को जानने के लिए i मिले मेरे लिए तो यह एपिसोड बहुत ही उपयोगीऔर ज्ञानवर्धक रहा है मन के मौसम की इस प्रस्तुति के लिए डॉ नीलम जी का आभार । आशा है ऐसे और भी एपिसोड देखने और सुनने को मिलेंगे शुभकामनाएंi
“मन के मौसम” की तरफ़ से हम क्षमा चाहेंगे कि श्री काका हाथरसी के इस एपिसोड में ग़लती से यह बताया गया है कि काका जी ने 1936 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।दरअसल हिन्दी हास्य-व्यंग्य के चोटी के कवि,“संगीत”जैसी महान पत्रिका और भारतीय संगीत संबंधी अनेक किताबों के इस रचयिता ने आरंभिक शिक्षा के अलावा नियमित शिक्षा नहीं प्राप्त की।अपनी इस भूल के लिए हम क्षमा चाहेंगे। TEAM MANN KE MAUSAM 🙏
महान हास्य कवि पर आधारित यह एपिसोड बहुत उपयोगी व जानकरी
पूर्ण है।प्रस्तुति लाजवाब है।महान कवि को नमन।
आप को बधाई और धन्यवाद ।
सुषमा शाह ।
रोचक प्रस्तुति द्वारा काका हाथरसी के जीवन का सजीव चित्र खींचने के लिए आपको साधुवाद नीलम जी। मुझे स्मरण है, काका हाथरसी की महाप्रयाण यात्रा में प्रत्येक व्यक्ति के ठहाके उनकी वसीयत, उनकी अन्तिम इच्छा पूरी कर रहे थे किन्तु सबके हृदयों में शोक का अपार सागर वाडवाग्नि सा जल रहा था।
काका जैसे लोग विरले ही होते हैं।
भई वाह! नीलम जी, कमाल, कमाल और कमाल। आपकी शोध क्षमता और अभिव्यक्ति को शत् शत् नमन। बहुत बढ़िया जानकारी मिली हास्य और व्यंग्य के सिरमौर काका हाथरसी के बारे में।
हास्य कवि काका हाथरसी पर केंद्रित' मन के मौसम 'की यह प्रस्तुति 15:36 रोचक और ज्ञानवर्धक लगी। काका हाथरसी का काव्य पाठ भी अत्यधिक लोकप्रिय था। ऐसे लोकप्रिय कवि पर प्रस्तुत यह अंक भी बहुत सुंदर है।
हास्य कवि के नाम से विख्यात सर्वतोन्मुखी प्रतिभा के धनी काका अंततः हास्य रस के कवि के रूप में ही नहीं अन्य विविध कारणोंं से भी प्रसिद्धि को प्राप्त करते हैं ! उनके जीवन के बहुत सारे ऐसे अछूते प्रसंग जो एपिसोड के माध्यम से सामान्य पाठकों को जानने के लिए i मिले मेरे लिए तो यह एपिसोड बहुत ही उपयोगीऔर ज्ञानवर्धक रहा है मन के मौसम की इस प्रस्तुति के लिए डॉ नीलम जी का आभार । आशा है ऐसे और भी एपिसोड देखने और सुनने को मिलेंगे शुभकामनाएंi
“मन के मौसम” की तरफ़ से हम क्षमा चाहेंगे कि श्री काका हाथरसी के इस एपिसोड में ग़लती से यह बताया गया है कि काका जी ने 1936 में इलाहाबाद विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।दरअसल हिन्दी हास्य-व्यंग्य के चोटी के कवि,“संगीत”जैसी महान पत्रिका और भारतीय संगीत संबंधी अनेक किताबों के इस रचयिता ने आरंभिक शिक्षा के अलावा नियमित शिक्षा नहीं प्राप्त की।अपनी इस भूल के लिए हम क्षमा चाहेंगे।
TEAM MANN KE MAUSAM 🙏