कोई भी ब्राह्मण ग्रन्थ चौदहवीं शताब्दी से पुराना नहीं है। क्योंकि ये सभी ग्रंथ देवनागरी लिपि में ही लिखे मिलते हैं और १०वीं सदी से पहले नागरी लिपि आज के रूप में थी ही नहीं। संस्कृत का विकास भी बौद्धों ने चौथी पांचवीं शताब्दी में धम्म लिपी में पाली और प्राकृत भाषाओं से किया था। कोई भी ब्राह्मण ग्रंथ धम्म लिपि में लिखा हुआ उपलब्ध नहीं है।
ज़रा सोचो कि मनुस्मृति में शूद्रों को पब्लिक में पादने का भी अधिकार नहीं था और मनु तो स्वयं ब्रह्मा और सरस्वती की संतान थे। सरस्वती ब्रह्माजी की पत्नी और पुत्री दोनों थीं!!
गुरुजी आप भारत के एक महान तार्किक,वैज्ञानिक सोच वाले क्रान्तिकारी व्यक्तित्व हैं । आप को नेपाल से नमन करता हुँ ।
हमे लगता है कि समाज धीरे धीरे बदलने लगा है जय भीम नमो बुधाय
👍🏻👍🏻♥️♥️♥️♥️ jai bheem jai manavta ♥️♥️♥️♥️
जय भीम जय संविधान❤❤❤बहुत ही अच्छी वीडियो है 🙏🙏🙏🙏
Jai bhim 💪💯
GURU JI🙏💙🙏 PARNAAM AAP KO 😊😊
👌👌👌👌👌👌👌👌
Shandar stream
Johar 🙏 namaskar guru ji
Mark dorsan dete rahe
Dhanyavad
Han dikh raha hai Sun Raha Hai Sab Kuchh sahi hai
👍👍👍👍👍👍
Manu smarti jalao apna samaj bachao jai bheem jai sanvidhan
ओरिजिनल मनुस्मृति किसके द्वारा लिखा गया है वह पुस्तक का नाम बताएंगे sir जी जय भीम जय संविधान जय भारत ❤❤❤
❤ मनुस्मृति को किस सन सत्र में लिखा गया है sir जी जरूर बताना और किसने लिखा है ❤ जय भीम जय संविधान जय भारत ❤❤❤
@@sagarkawachi1409 जर्मन विद्वान सर विलियम जोन्स ने 1794 में इसे प्रकाशित किया था !
कोई भी ब्राह्मण ग्रन्थ चौदहवीं शताब्दी से पुराना नहीं है। क्योंकि ये सभी ग्रंथ देवनागरी लिपि में ही लिखे मिलते हैं और १०वीं सदी से पहले नागरी लिपि आज के रूप में थी ही नहीं। संस्कृत का विकास भी बौद्धों ने चौथी पांचवीं शताब्दी में धम्म लिपी में पाली और प्राकृत भाषाओं से किया था। कोई भी ब्राह्मण ग्रंथ धम्म लिपि में लिखा हुआ उपलब्ध नहीं है।
ज़रा सोचो कि मनुस्मृति में शूद्रों को पब्लिक में पादने का भी अधिकार नहीं था और मनु तो स्वयं ब्रह्मा और सरस्वती की संतान थे। सरस्वती ब्रह्माजी की पत्नी और पुत्री दोनों थीं!!
Wah
Murakhta hi saari samsya
Dalit chintako ko pad kar jyada judicious hona chahiye, kyo ki Prachin Vangmay par kisi lekhan ne Brahaman hone ka dava nahi kiya hai,
स्वामी जी अगर 2685 में से 1471 गलत है तो इस बात की क्या गारंटी है कि बाकी बचे हुए सही है। वो भी गलत हो सकते हैं।