अतुलनीय कविता एवं अविस्मरणीय व्याख्यान, श्री राम भक्ति मे विलीन बिना ऐसी लेखनी सम्भव नही. “राम राज्य” के लेखक के बिना ऐसी व्याख्यान भी सम्भव नही. हृदय स्पर्शी प्रस्तुतिकरण 👏सादर चरणस्पर्श प्रणाम 🙏💐
अद्भुत अदभुत अद्भुत, रचनाकार को दंडवत प्रणाम वाह क्या उत्कृष्ट सृजन वाह वाह वाह, और दादा आप तो अप्रतिम हो ही, हर पंक्ति में प्राण फूंकने वाले आशुतोष, शिव शंकर अमूर्त को मूर्त करने वाले सच में बहुत ही उम्दा प्रस्तुति, वाह, बहुत बहुत बधाई दादा🙏🙏🙏👏👏👏💐💐💐💐
राम ... राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
धन्य धन्य वे गुरुदेव (सद्गुरू प्रभाकर शास्त्रीजी)प्रथम उनके चरणो मे प्रणाम जिनहोने ऐसे शिष्य हमे "प्रदान"किया धन्य उन मातापिता को जिनहोने आप को जनम दिया और धन्य हमारा "महाराष्ट्र"जिनके आप "जावई"हो जिन्हे हम"नारायण"कहते है जय हो जय हो
kya khub kaha, ati karnpriya, pahli bar itni acchi Vayakhya setu banne ki sunni h. rom rom harshit ho utha hai. dhanyawad Rana ji aur dhanywad kavi satish ji. bahulmul sabdon ko Sanjo kr kya adbhut Kavita likhi h aapne.
Wo dekh anjani laal hai ye tere jaiso ke kaal hai ye ....hanuman ishar jb paate chullu mein tumko pee jate.....❤ bahoot hi badhiya sir waaah kya baat hai man ko chuleti hai kuch kuch lines well said sir ❤❤
महाराज विभीषण बतलाओ। कोई स्तुति जिसका गान करूं? सागर तो अब भी ज्यों का त्यों। अब कौन सा अन्य विधान करूं? मर्यादा में रहकर मैंने व्रत रखकर पूरा मान दिया। रहे निराहार एक भक्त भांति जब तप कर इसका ध्यान किया। उत्तम थी मंत्रणा आपकी। पर मनुहार जलधि को न भाया। गत तीन दिवस तो रीत गए, बस इसने शठता दिखलाया। सागर की ओर मुड़े रघुवर। आंखें दिखती अति कोप भरी भय के बिन प्रीत नहीं होती। सुजनो ने कही ये बात खरी रहे सागर अब तू ध्यान से सुन जो राम तुम्हें बतलाता है। किस बूते पर तू अखड रहा रघुवर तुम को दिखलाता है अपनापन बहुत निभाया मैं। कई रजनी दिवस मनाया मैं अनुनय तुझको स्वीकार नहीं माना तूने आभार नहीं हम क्या हैं तुम्हें दिखाते हैं पलभर में अभी सुखाते हैं लक्ष्मण समीप ज़रा आना तो शरचाप मेरा पकड़ाना तो एक बाण से अभी मिटाता हूं धरती से इसे हटाता हूं लंका को आज ही है जाना क्या इसके बल पर रण थाना। मैंने सोचा इन्हें मान मिले धरती पर बहु सम्मान मिले। कामी हरी महिमा न सुनता, क्रोधी भी शांति नहीं चुनता। लोभी वैराग्य से दूर रहे। ममता रथ ज्ञान को व्यर्थ कहे, इनको समझाना है वैसे ऊसर में बीज पड़े जैसे क्यों चला तौलने राम को तू इस राम बिना किस काम का तू? मेरी क्षमता तो न्यारी है। तुझ पर सौमित्र ही भारी है। पहले दिन लक्ष्मण बोला था, शायद तेरा मन तोला था। आज्ञा यदि पाता शेष मेरा। न दिखता कहीं अवशेष तेरा निज धनुष उठाता लखन अगर I बिन मांगे देता मुझे डगर वह देख अंजनी लाल है ये तेरे जैसों के काल हैं ये इस कपि से रवि थर्राया था फल समझ उसे जब खाया था हनुमान इशारा भी पाते चुल्लू में तुझको पी जाते। जब सखा विभीषण युक्त कही जाने क्यों मुझको लगी सही। इस कारण तुझे मनाया है। मनुहार का पथ अपनाया है। श्रद्धा से तुझे पुकारा है। तू समझा राम बेचारा है रामत्व देख अब राम का तू ले पकड़ मार्ग यम धाम का तू जो राम बाण संधान किया। सागर की ओर निशान किया। जल निधि मन में है घबराया कर बाँध है हरी सम्मुख आया। बोला प्रभु तेरा दास हूँ मैं। पर मन से बहुत उदास हूँ मैं। निर्माण तुम्हीं संहार तुम्हीं सब लोकों के आधार तुम्हीं संकल्प से मुझे सुखा सकते अब आप ही मुझे बचा सकते मेरा अपराध हो माफ प्रभु नहीं किया रंच उपहास प्रभु। प्रकृति में जितने पांच तत्व उनमें झलका है मुख्य कार्य यदि मैं स्वभाव गुण त्याग हूँ तो सृष्टि में उपजेगा विकार जड़ हूँ स्थिर है स्वभाव मेरा चेतन सम नहीं प्रभाव मेरा। तेरे द्वारा ही मैं निर्मित हूँ और पूरी तरह समर्पित हूँ। हे कमल नयन करुणानिधान मुझ पर न तानों दिव्य बाण। तुम कहो अभी घट जाऊंगा। संकल्प से ही मिट जाऊँगा श्रीराम यही उपकार करो, यूँ बाणों से न प्रहार करो। एक सहज उपाय बताता हूँ। अति सरल मार्ग दर्शाता हूँ। नल नील को है आशीष मिला जल पर तैरे पाषाण शिला मुझ पर एक सेतु बनवाओ। सेना लंका तक ले जाओ। मैं स्वयं भी भार उठाऊंगा। तेरे चरणों से तर जाऊंगा। राघव को जल्द ही वचन भाए तज क्रोध प्रभु मुस्काए। प्रभु बोले मैं संतुष्ट बहुत, पर ब्रह्मा होंगे रुष्ट बहुत ब्रह्मास्त्र है चढता जब धनु पर बिन लक्ष विजय न लौटे घर रत्नाकर ऐसी राय कहो संधान भी हो तेरी हानि न हो। सागर बोला हे राम प्रभु! उत्तर तट में एक धाम प्रभु, कुछ खल कुटुम्ब का वास वहाँ वे करते मुझे निराश वहाँ श्रीराम अस्त्र को भेद दिया, जहां जल निधि ने संकेत किया दण्डवत किया करुणाकर को और लौट गया अपने घर को। प्रभु सागर को वरदान दिया नल नील सेतु निर्माण किया।
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
मेरे पास शब्द नहीं महोदय आपकी कविता के लिए जय है सिया राम लिखता हूं❤
राम की चेतावनी by arnav
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अतुलनीय कविता एवं अविस्मरणीय व्याख्यान,
श्री राम भक्ति मे विलीन बिना ऐसी लेखनी सम्भव नही.
“राम राज्य” के लेखक के बिना ऐसी व्याख्यान भी सम्भव नही.
हृदय स्पर्शी प्रस्तुतिकरण 👏सादर चरणस्पर्श प्रणाम 🙏💐
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दादा सचमुच आपके वाचन की शैली के समकक्ष कोई दूसरा कवि अथवा व्यक्तित्व मैने आजतक नहीं देखा, कितना सुंदर पाठन किया आपने, धन्य हो गया मैं सुनकर।
💐🙏🥰
राम की चेतावनी by arnav
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प्रभु की दिव्यता है सर आपमें सादर नमन है आपको 🙏
विनय ना मानत जलधि, जड़ गए तीन दिन बीति।
बोले राम सकोप तब, भय बिनु होय ना प्रीति।।
Jai ho Har har Mahadev..
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तेरे द्वारा ही मैं निर्मित हूं,
और पूरी तरह समर्पित हूं।
अहा! ❤ जय हो प्रभु राम चंद्र की।🙏
Official divek raika
राम का रामत्व इस प्रकार अद्भुत विलक्षण व्याख्या करने वाले वे हैं जिनमे स्वयं राम रोम रोम में समाये हों। अद्भुत हैं आप आदरणीय 🙏🏻💐
बहुत ही बढ़िया व सत्य कथन से स्पष्ट सात्विकता से परिपूर्ण हैं 🙏 श्री राम
अद्भुत शब्द संयोजन, अद्भुत प्रस्तुति, दृश्य मानो सजीव हो उठा, अद्भुत हैं आप आशुतोष जी 🙏🏻🌹🌹
ऐसी रचना जैसे लगता प्रभु साक्षात बोल रहे हो
जय श्री राम
निशब्द!!!!!🔥🔥🔥🔥🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏जय श्री राम 🙏
विनय ना मानत जलधि जड़ , गए तीन दिन बीति।
बोले राम सकोप तब , भय बिनु होय ना प्रीति।।
Satish Srijan ji ki saari kavitaaye dil chuu leti hain❤️❤️❤️
unki book kaha milegi ?
How to get books of Satish srajan ji. Aisi books baar baar padne ka man karta hai
Can you tell me, how to get ?
@@AnjniKumarDwivedi Unka Sahityapedia pe bhi page hai, mai toh wahi se padhti hu unki anya kavitaayein 😍
जय श्री राम 🙏
आपके जिह्वा पर साक्षात् सरस्वती माता का वास है l जीस कारण आप इतनी अच्छी कविता पढ़ पाते हैं l 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Right
Spellbound by sir ji skills. From our college days, he always illustrated uniqueness 🙏
गजब प्रस्तुति आदरणीय दादा भैया राणा जी 😊🙏💐 । सादर चरण स्पर्श । जय श्री राम 🙏💐।।
राम की चेतावनी by arnav
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नमः पार्वती पतए
हर हर महादेव
अद्भुत मान्यवर ।
आपकी आवाज मुग्ध कर देती है
🌺 जय श्री राम 🌺🙏
आप ज्ञानवान हो प्रभु ,आपकी ये रचना रोमांचित कर रही है लगभग 50 बार सुन चुके पर अभी नया ही लग रहा है।
Aap ki vachan kala bahut hi adbhut hai....🙏🙏🙏
बहुत सुन्दर प्रस्तुति
जय श्री राम 🕉️🙏
हनुमान इशारा भी पाते, चुल्लु में tuzko पी जाते❤वाह
I love Hanuman ji❤❤
Atishayokti alankar ka udaharan. Koi bhi manav/pashu sagar ko nahin p sakta hai.
@@RajendraKumar-ux9ct Agastya muni pi gye the
🎉🎉😢🎉🎉🎉
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अद्भुत अदभुत अद्भुत, रचनाकार को दंडवत प्रणाम वाह क्या उत्कृष्ट सृजन वाह वाह वाह, और दादा आप तो अप्रतिम हो ही, हर पंक्ति में प्राण फूंकने वाले आशुतोष, शिव शंकर अमूर्त को मूर्त करने वाले सच में बहुत ही उम्दा प्रस्तुति, वाह, बहुत बहुत बधाई दादा🙏🙏🙏👏👏👏💐💐💐💐
Kisne likhi hai kavita kon si hai
हृदय को छू लेने वाली प्रस्तुति❤🙏👍
राम की चेतावनी by arnav
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Jay siyaram 🙏
Bahut Sundar vachan Kiya hai aapne
राम ... राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🕉️🕉️🕉️
जय श्री राम ❤
अतुलितबलधामम् हेमशैलाभदेहमं दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामाग्रगण्यम्। सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं रघुपतिप्रियभक्तं वातजातं नमामि।।
हृदय स्पर्शी प्रस्तुतिकरण 👏 सादर चरणस्पर्श प्रणाम 🙏
धन्य धन्य वे गुरुदेव (सद्गुरू प्रभाकर शास्त्रीजी)प्रथम उनके चरणो मे प्रणाम जिनहोने ऐसे शिष्य हमे "प्रदान"किया धन्य उन मातापिता को जिनहोने आप को जनम दिया और धन्य हमारा "महाराष्ट्र"जिनके आप "जावई"हो जिन्हे हम"नारायण"कहते है जय हो जय हो
अद्भुत 🙏
तेरे द्वारा ही निर्मीत हुं
और पुरीतरह सर्मपित हुं
हमारा भी अहंकार जागजाता है
तो समर्पण ही बचाता है
बहोत अद्भुत प्रस्तुती
🙏🙏🙏जय श्रीराम 🚩🚩
My god jisse sach me gosebumb jise kehe te hai bo aaj laga
JAY SHREE RAM🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आवाज कितनी मनमोहक है ❣️
जय श्री राम दादा
बहुत सुन्दर प्रस्तुति सादर प्रणाम
अद्भुत अकल्पनीय अविस्मार्निय
Approva...bahut Sundar kavita🙏
Advoot and sung by Ashutosh very very nicely Ram Mengi 29 Raghunath Pura JAMMU
मां सरस्वती के लाल हैं आप। बहुत ही सुन्दर ❤❤
राम की चेतावनी by arnav
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क्षमा शोभती उस भुजंग को
जिसके पास गरल हो
उसको क्या जो दंतहीन
विषरहित, विनीत, सरल हो।
kya khub kaha, ati karnpriya, pahli bar itni acchi Vayakhya setu banne ki sunni h. rom rom harshit ho utha hai. dhanyawad Rana ji aur dhanywad kavi satish ji. bahulmul sabdon ko Sanjo kr kya adbhut Kavita likhi h aapne.
क्यु चला तोलने राम को तू, इस राम बिना किस काम का तू... रे सागर अब तू गौर से सुन... 👏👏👏
Wo dekh anjani laal hai ye tere jaiso ke kaal hai ye ....hanuman ishar jb paate chullu mein tumko pee jate.....❤ bahoot hi badhiya sir waaah kya baat hai man ko chuleti hai kuch kuch lines well said sir
❤❤
🙏
बहुत बहुत सुंदर❤
सुकून मिल जाता है कितनी प्यारी रचनाएं सुनकर 🙏🙏🙏😇
आपका बहुत बहुत आभार.…...
Mananiy Ashutosh Rana ji❤❤❤
Apki dharapravah Kavita bolne ki kala Mera Dil Jeet leti hai har baar... Loved it❤❤
जय जय सिया राम
लाजवाब 🙏🙏
Sir 🙏 प्रणाम
जय श्री राम धन्यवाद आशुतोष जी ❤️💖🙏
Sundar adbhut
Aap ka Mangal Ho
Aap ka Bhlaa Ho
Sab ka Mangal
Sab ka Bhlaa
जय जय अतुलनीय भाई दादा सादर चरण स्पर्श 🌹🙏
अतिसुन्दर रचना...आपकी ओजस्वी वाणी से कविता पूर्ण हुई . ..!! सादर प्रणाम 🙏
जय श्री कृष्णा 🙏
हर - हर महादेव 🙏🚩🔱
❤ अतिसुंदर
क्या इसके बल पे रँण ठाना? बहुत सुंदर सृजन💐💐💐💐💐🙏🙏🙏
The words and the narration, just amazinggg! Loved it❤️
जय श्री सियाराम जय राम जय राम राम राम राम हरे हरे हरे हर हर हर महादेव 🕉️❤️🙏🚩🌼🌺🌸📿🌍
बहुत अच्छी रचना प्रस्तुति
जय श्री सीताराम लक्ष्मण हनुमान जी भगवान 🕉❤️🔱🚩🚩🙏
अदभुद अप्रतिम
Satish Srijan Ji❤️❤️❤️
Jai Siyaram ❤❤
Beautifully written and narrated ❤❤🎉🎉
अदभुत आपके मुख से ये रचना सुनके रोंगटे खड़े हो जाते है बहुत अच्छे सर।जय श्री राम❤❤❤
आत्मा तृप्त हो गई! 🙏
आपकी वजह से मुझे एक नया rap song मिल गया धन्यवाद 🎉 आपका ❤
हृदयस्पर्शी, अप्रतिम एवं अद्भुत प्रस्तुति। आपको मेरा प्रणाम 🙏
जय श्री राम 🙏🚩
Great ashotush sir you are really lord ram sir proud of you
जय श्री राम 🏹🚩.....🙏❤️
Bahut bahut dhanyawad Ashutosh sir, beautiful kavita big fan of ur recitation. ❤
Ashotush rana sir you are a great human being you deserve bharat ratna
Adbhud 🙏
100 % bina bhay ke kaam nhin hota
Jo ho vinamr bo hi Jeevan bhar Rota 🙏🙌💐
Gjb aap jaisa koi nahi guru ji 🙏🙏🙏🙏🙏
महाराज विभीषण बतलाओ। कोई स्तुति जिसका गान करूं?
सागर तो अब भी ज्यों का त्यों। अब कौन सा अन्य विधान करूं?
मर्यादा में रहकर मैंने व्रत रखकर पूरा मान दिया।
रहे निराहार एक भक्त भांति जब तप कर इसका ध्यान किया।
उत्तम थी मंत्रणा आपकी। पर मनुहार जलधि को न भाया।
गत तीन दिवस तो रीत गए, बस इसने शठता दिखलाया।
सागर की ओर मुड़े रघुवर। आंखें दिखती अति कोप भरी
भय के बिन प्रीत नहीं होती। सुजनो ने कही ये बात खरी
रहे सागर अब तू ध्यान से सुन जो राम तुम्हें बतलाता है।
किस बूते पर तू अखड रहा रघुवर तुम को दिखलाता है
अपनापन बहुत निभाया मैं। कई रजनी दिवस मनाया मैं
अनुनय तुझको स्वीकार नहीं माना तूने आभार नहीं
हम क्या हैं तुम्हें दिखाते हैं पलभर में अभी सुखाते हैं
लक्ष्मण समीप ज़रा आना तो शरचाप मेरा पकड़ाना तो
एक बाण से अभी मिटाता हूं धरती से इसे हटाता हूं
लंका को आज ही है जाना क्या इसके बल पर रण थाना।
मैंने सोचा इन्हें मान मिले धरती पर बहु सम्मान मिले।
कामी हरी महिमा न सुनता, क्रोधी भी शांति नहीं चुनता।
लोभी वैराग्य से दूर रहे। ममता रथ ज्ञान को व्यर्थ कहे,
इनको समझाना है वैसे ऊसर में बीज पड़े जैसे
क्यों चला तौलने राम को तू इस राम बिना किस काम का तू?
मेरी क्षमता तो न्यारी है। तुझ पर सौमित्र ही भारी है।
पहले दिन लक्ष्मण बोला था, शायद तेरा मन तोला था।
आज्ञा यदि पाता शेष मेरा। न दिखता कहीं अवशेष तेरा
निज धनुष उठाता लखन अगर I बिन मांगे देता मुझे डगर
वह देख अंजनी लाल है ये तेरे जैसों के काल हैं ये
इस कपि से रवि थर्राया था फल समझ उसे जब खाया था
हनुमान इशारा भी पाते चुल्लू में तुझको पी जाते।
जब सखा विभीषण युक्त कही जाने क्यों मुझको लगी सही।
इस कारण तुझे मनाया है। मनुहार का पथ अपनाया है।
श्रद्धा से तुझे पुकारा है। तू समझा राम बेचारा है
रामत्व देख अब राम का तू ले पकड़ मार्ग यम धाम का तू
जो राम बाण संधान किया। सागर की ओर निशान किया।
जल निधि मन में है घबराया कर बाँध है हरी सम्मुख आया।
बोला प्रभु तेरा दास हूँ मैं। पर मन से बहुत उदास हूँ मैं।
निर्माण तुम्हीं संहार तुम्हीं सब लोकों के आधार तुम्हीं
संकल्प से मुझे सुखा सकते अब आप ही मुझे बचा सकते
मेरा अपराध हो माफ प्रभु नहीं किया रंच उपहास प्रभु।
प्रकृति में जितने पांच तत्व उनमें झलका है मुख्य कार्य
यदि मैं स्वभाव गुण त्याग हूँ तो सृष्टि में उपजेगा विकार
जड़ हूँ स्थिर है स्वभाव मेरा चेतन सम नहीं प्रभाव मेरा।
तेरे द्वारा ही मैं निर्मित हूँ और पूरी तरह समर्पित हूँ।
हे कमल नयन करुणानिधान मुझ पर न तानों दिव्य बाण।
तुम कहो अभी घट जाऊंगा। संकल्प से ही मिट जाऊँगा
श्रीराम यही उपकार करो, यूँ बाणों से न प्रहार करो।
एक सहज उपाय बताता हूँ। अति सरल मार्ग दर्शाता हूँ।
नल नील को है आशीष मिला जल पर तैरे पाषाण शिला
मुझ पर एक सेतु बनवाओ। सेना लंका तक ले जाओ।
मैं स्वयं भी भार उठाऊंगा। तेरे चरणों से तर जाऊंगा।
राघव को जल्द ही वचन भाए तज क्रोध प्रभु मुस्काए।
प्रभु बोले मैं संतुष्ट बहुत, पर ब्रह्मा होंगे रुष्ट बहुत
ब्रह्मास्त्र है चढता जब धनु पर बिन लक्ष विजय न लौटे घर
रत्नाकर ऐसी राय कहो संधान भी हो तेरी हानि न हो।
सागर बोला हे राम प्रभु! उत्तर तट में एक धाम प्रभु,
कुछ खल कुटुम्ब का वास वहाँ वे करते मुझे निराश वहाँ
श्रीराम अस्त्र को भेद दिया, जहां जल निधि ने संकेत किया
दण्डवत किया करुणाकर को और लौट गया अपने घर को।
प्रभु सागर को वरदान दिया नल नील सेतु निर्माण किया।
Jai shri Ram 🚩🚩🚩
आप और आपकी जे कविता वर्णन करवे की कला कछु अलगई है दद्दाजी बहुत ही उमदा❤,
JAY shree ram 🚩
जय सियाराम ❤❤
खल को विनय समझ ना आए। ❤❤❤
Jai Shree Ram ❤🎉🎉
Kya sundar kavita utna hi sundar kavita vaachan
सुन्दर प्रस्तुति आशुतोष राणा जी
जय श्री राम 🧡🧡🧡🧡
सुंदर प्रस्तुति 🙏
जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम जय श्री राम
Jai Shri Ram🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
ह्रदय आनंद से भर गया.. आपके मुख से इतनी सुंदर व्याख्या सुनकर, मन आनंदित हो उठा
ईश्वर अपने सभी रूपों में आपको आशीष देते हैं 🙏 अद्भुत प्रस्तुति 🙏 वागीशा पूरे समय साथ थीं👍💫
Bahut hi sundar rachna hai aashutosh ji ko koti koti naman
Goosebumps 😊😊😊
आपके मुख से किसी भी भजन या कविता को सुनने का आंनद ही अनन्या है जय श्री राम ||
राम की चेतावनी by arnav
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Jai shree Ram 🧡 Jai Siya Ram 🧡 Jai shree Ram 🧡 Jai Siya Ram 🧡 Jai shree Ram 🧡 Jai Siya Ram 🧡
जय श्री राम ❤
दादा आपको सुनना बहुत पसंद है हमें ❤❤❤❤❤
🚩🇮🇳🚩जय श्री राम 🚩🚩🚩🚩🚩
अति सुन्दर
लोकाभिरामं रणरंग्धीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्। कारूण्यरूपं करूणा करंतं श्रीरामचन्द्रं शरणंप्रपद्यै।।
अद्बुद् गुरुदेव अगली वीडियो का इंतजार रहेगा ❤❤
🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️🙇♂️जय श्रीराम
Jai Siya Ram 🙏
Bahut bahut sunder kavitva sir aapne or sundar bana diya jai ho,
Jai maryada Purushottam Bhagwan Shri Ram 🌹🙏🙏🙏🌹🙏🙏🙏🌹🙏🙏🙏🌹
आपके मुखार विन्दु से बार बार सुनता हूँ❤🎉🌵🌷🪴💐❤🌹
क्या यह रामधारी सिंह दिनकर जी लिखा हुआ है महोदय❤🎉