03 -Orange City Craft Mela -2016-
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- เผยแพร่เมื่อ 17 ก.พ. 2016
- ORANG CITY CRAFT MELA
SOUTH CENTRAL ZONE CULTURAL CENTRE CAMPUS A NATIONAL FESTIVAL OF CRAFTS, FOOD & FOLK DANCES FROM ALL OVER INDIA ARTISTS PROFORMED VAROUS ACTIVITY THER ARE 4000 PEOPLES ENJOYING THIS DAILY FUNCTION DAILY ORGANISED
Jai Sankar ji.
Om nmo shiwaye
Jai jai jai Shri shivshankar
God is one shiv sarvlok ke Malik har jageh shiv shiv hai
Jai jangam. Krishna jogi banbhori
Jai Bhole Nath ji ki. Har Har Mahadev ji ki
Bam bam bhole Jay bhole Bhandari Teri hai dila sabse nyaari har har Mahadev 🌹🌹🙏
Jai shivsanker jai ho!
Jai Mahadev
Har Har mahadev
JAI HO JAI HO 🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️♥️♥️♥️♥️♥️🌹🌹🌹🌹🌹
Jai bholenaath ki
हर हर महादेव 🌹🌹🌹🌹🙏
Khush kar di bahi ne har har Mahadev
Har har mahadev
Bum bum bholayyyy
har har mahadev jai bholy shankr om namo shivaay jai ho gori shankr💖from sudhir ARORA Bajrangi amritsar
Jai ho
Jay Shiv Shankar
Devon Ke Dev Mahadev
'जय शिवा,
JAI SHANKAR
Jai ho 🙏🙏
Har har Mahadev 🙏🙏
जय जंगम
Jai jai
👏👏👏Har har mahadev
Mahdev
जय जंगम देवता
Dhanye he Jangam Jogi samaj ko kalyug me is parampara ko bachaye hue he. Sadar pram aap sabhi ko🙏🙏
Har har mahadev❤️🙏
Jai shankar mahadav ki jai
Mast Om Namah Shivaya Om Namah Shivaya
Ja bola nath ji
Thank yu
Ok
🔱🔱hr hr Mahadev 🔱🔱
bham bham bollya
Jai Bholle Nath Jiiiiiiiiii
Ja Bhola nath ji
😍
Jai Shiv Shankar Mahadev ki Jai ho.
Ja Bhola nath ji
Loved it . Thank you . Mahadev ji kee jai
har har maha dev
राइट बुद्धि को विनायक कहते हैं लेफ्ट बुद्धि को कार्तिक कहते हैं मस्तक को ब्रह्म कहते हैं ध्यान को दिव्या कहते हैं आंखों को नारायण विष्णु कहते हैं सांसो को शिव प्राणों को शिव सती शक्ति कहते हैं पार्वती को संघनी माता कहते हैं इस प्रकार से शिव की महिमा कहते हैं इसीलिए हम सब भारत के वासी कहलाते हैं
👌🙏😪
Har Har Mahadev
भक्ति के मार्ग पर जन्म और कर्म का कोई संदेह नहीं जन्म और कर्म के मार्ग पर भक्ति श्रेष्ठ है इसीलिए भारत को महान बताया गया है
हर हर महादेव 🌹🌹🌹🌹🙏
Apna send karo ji please
कलयुग में सभी रावण की संताने हैं क्या जो रावण जैसे गुण रखते हैं सभी रावण के गुण कैसे थे रावण भगवान देवी देवताओं की सत्य वचन पाठ पूजा व्रत रखता किंतु परंतु की बात नहीं श्री राम जी का संदेश रावण के पास पहुंचाया गया पुणे संतों की शरण जाकर उच्च लेकर भक्ति के मार्ग पर चलें उसे ही पूर्ण भक्ति कहते हैं वही हो रहा है आज नए जमाने के कलयुग में पूजा पाठ व्रत रखते हैं किंतु परंतु की बात नहीं भगवान को देखे बगैर भगवान देवी देवताओं की पूजा पूर्ण नहीं क्योंकि धन दौलत तो सबके पास होती है भक्ति पूर्ण संतो के पास होती है पूर्ण महापुरुषों के पास होती है वह भगवान के प्रकाश को दिखा के भक्ति के मार्ग को खोल दे उसे पूर्ण भक्ति का मार्ग कहते हैं कथा कीर्तन सभी करते हैं राम नाम सभी जपते हैं राम को देखे बगैर शिव को देखे बगैर विष्णु को देखे बगैर ब्रह्म को देखे बगैर भक्ति पाठ पूजा व्रत करना अपने प्रजा को धोखे में रखना
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जंगम उत्पत्ति-ः
प्रचलित गाथा के अनुसार। जंगमों की उत्पत्ति उस समय हुई। जब भवगवान शिव व माता पार्वती से विवाह उपरांत लावे प्रथा भगवान शिव की 108 वीं शादी से शुरू हुई इससे पहले स्वयंबर रचाए जाते थे माता पार्वती कहने लगी कि हे पति परमेश्वर तेरा मेरा होया कारज इस धरती माता पर बेदी रचाने से दाग लग गया है इस दाग को धोने के लिए कोई दान दक्षिणा पैदा करो बिना दान यह धोया नही जावै तो भगवान शिव क्या काम करते हैं संहशर टके सोरण के लेते है ओर वेदी के बीच में छोड़ देते हैं संवा सेर मोती लेते हैं और सूरज बंशी कपड़े उतारते हैं और दान देने के लिए बेदी के ऊपर खड़े हो जाते हैं ब्रिह्मा जी को कहते हैं ले ब्रिह्मा मेरी शादी का दान तो वह कहते हैं नहीं महाराज, मैं आपका दान नहीं ले सकता, शिव कहते है आप यह दान क्यों नहीं ले सकते,ब्रिह्मा कहते हैं कि महाराज सूतक जेल्या पातक जेल्या उसका दान में ले सकता हूं आपका दान कच्चा पांरा ब्रहमहंस शिवनरमैल जो खाए जड़ा मूल से गल जाए मुझ में इतनी शक्ति नहीं है कि मैं आपका दान ग्रहण कर सकूं (अथवा पच्चा सकूं) पास खड़े विष्णु क्षेत्री को कहने लगे ले विष्णु मेरी शादी का दान विष्णु भगवान कहता है कि नहीं महाराज मेरे तो होंगे कन्यात खैत्री
कन्यात खैत्री राजपुत क्षेत्री
दाबेंगे घोड़ो की पीठ
पकडैगैं शस्त्र की मुठ
रणक्षेत्र में युद्ध करेंगे(लड़ाई करेंगे)
गऊ ब्राह्मण की रक्षा करेंगे
हटी करेंगे व्यापार करेगे
मैं तेरे आगे हाथ पसारु
तो सारी सृष्टि मांगने पर हो जाए
देने वाला जग में कौन रहेगा
इस प्रकार भगवान विष्णु ने भी भिक्षा ग्रहण करने से मना कर दिया तब माता पार्वती कहने लगी कि जिस प्रकार
मैंने अपनी शक्ति से गणेश को पैदा किया
ओर उसे सभी देवताओं से प्रथम पूजा का अधिकार दिलवाया आप भी ठीक उसी प्रकार दान दक्षिणा लेने वाला अपना पुजारी, पुरोहित पैदा करो जिसको
हम भी माने तुम भी मानो
माने भी दुनिया सारी
वह भी इसी तरह का स्वामी बनाना चाहिए। तो फिर भगवान शिव क्या काम करते है
जंगल में से कुषा मंगाते हैं
जिसको हम दाब भी बोलते हैं
और उस कुषा का पवित्र पुतला बना लेते हैं
भगवान शिव अपनी दाई जांघ में चीरा लगाकर उस पुतले पर अमी जल का छिटा लगाकर अनंत देरू जंगम पैदा करते हैं अब भगवान शिव कहते हैं ले जंगम मेरी शादी का दान जंगम कहता है महाराज,
बिह्म मुकर गए विष्णु मुकर गए
मैं तो अभी पैदा हुआ हूं
मैंने कोई भजन नहीं किया तप नहीं किया
मैं आपकी शादी का दान कैसे ले सकता हूं सुना है
हाथ में लूंगा मेरा हाथ गल जाएगा
वस्त्र मे लूंगा मेरा वस्त्र सड़ जाएगा
मुझे कोई ऐसा पात्र दो, चिन्ह दो कोई निशानी दो जिससे मैं आपका दान ले सकूं और साथ में भजन और तप कर सकूं तो भगवान शिव अपना मुकुट व माता पार्वती अपने कर्णफूल दे देती है भगवान विष्णु अपनी सेज शेषनाग व अपना प्रतीक मोरपंखी (कंलगी)ओर बिह्म जी अपना पवित्र जनेऊ व चोला दे देते है भगवान शिव के नंदीबैल अपने गले की टल्ली अथवा घंटी दे देते है फिर सदाशिव कहते हैं !
जा रे जंगम तू देवता है
शिव शक्ति का अंश नंदी का अंश
बिह्मा का अंश विष्णु का अंश
जिसमें अंश गुरु की कहिए
चार खुंट मे शिव शिव रटना
मेरा दान घंनगोरी में लेना
मेरा दान घंटी में लेना
घर घर माईयां घर घर बहना
भिक्षा मांग सभी से खाना
जो दे उसका भला
जो न दे उसका भला
मंदा बोल कभी ना कहना
मेरा जो सच्चा प्रिया भगत है
वह तेरे को जरूर मानहगा
हमको माने तुमको मानह
जो हमको ना मानह
वो तुमको क्या मानह
बिह्मा न मान्या विष्णु न मान्या
शिवहां न मान्या पुरोहित करके
शिव का दान जंगम ने लिया
जंगम ने लिया टल्ली के बीच में
और बाणा स्वरुप जंगम को अमरता का वरदान दिया।
P boo
Har Har mahadev
JAI HO JAI HO 🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️♥️♥️♥️♥️♥️🌹🌹🌹🌹🌹
Har har mahadev
Jai Shankar ki
JAI HO JAI HO 🙏🙏🙏🙏🙏❤️❤️❤️❤️❤️♥️♥️♥️♥️♥️🌹🌹🌹🌹🌹
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