"आचार्य प्रशांत संग लाइव ऑनलाइन सत्रों से जुड़ें, फ्री ईबुक पढ़ें: acharyaprashant.org/grace?cmId=m00022 'Acharya Prashant' app डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app?cmId=m00022 उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन वीडियो श्रृंखलाएँ: acharyaprashant.org/hi/courses?cmId=m00022 संस्था की वेबसाइट पर जाएँ: acharyaprashant.org/hi/home"
नान्यं गुणेभ्यः कर्तारं यदा द्रष्टानुपश्यति । गुणेभ्यश्च परं वेत्ति मद्भावं सोऽधिगच्छति ॥ - जब कोई मनुष्य प्रकृति के तीनों गुणों के अतिरिक्त अन्य किसी को कर्ता नहीं देखता है और स्वयं को दृष्टा रूप से देखता है तब वह प्रकृति के तीनों गुणों से परे स्थित होकर मुझ परमात्मा को जानकर मेरे दिव्य स्वभाव को ही प्राप्त होता है। ।। भगवद्गीता ।। ❤❤❤❤
यह एक महत्वपूर्ण video है। श्रीमद्भगवद्गीता 3.27. some notes - ✨कर्ताभाव गलत नहीं है, झूठ है। ✨न आत्मा का शरीर से कोई सम्बंध है, न शरीर का आत्मा से कोई सम्बंध है। ✨जो कुछ भी तुम गति होते देख रहे हो ओ क्रिया मात्र है। ✨What's stand between you and you is you. ✨ कामना उठती है प्रकृतिगत गुण से। ✨हम (conditioned) कठपुतलियां है और हमको चला रहा है इन मालिकों ने - शरीर, समाज,संयोग।
आज आचार्य जी बहुत हसे ये कह कर की अहंकार का कोई रोल नही है फिर भी रो रहा है समाज ने शिक्षा दी है आप जैस उचे लोगो की बात सूने ओर हमे सूनना अच्छा भी लगता है लेकिन पिछली विडिओ मे आप ने कहा की आप मुझे सुनते हो लेकिन क्या आप अपने जवान बेटे को हमारे पास भेज ना चाहेंगे ये सुनते ही ऐसा महसुस हुआ की कुछ झिन गया
हम है नही पर ये बात उतनी खतरनाक है नही क्युकी जड़ पदार्थ भी होता नही है लेकिन वो दुख भी नही पाता न होने में उसकी बुराई भी नही है । क्युकी उसको न होते हुए भी उसका गुमान नही है। हमारी समस्या सिर्फ इतनी से नही है की हम है नही पर मनियता पूरी है की हम है और यही दुख है। जहा सिर्फ मालिक ही मालिक है बहा तुम नही हो । जहा तुमने एक बार मालिक के सामने सिर झुका दिया वहा तुम फिर नही हो। ये सस्ता सरेंडर है। घटिया तरीके का समर्पण है।
Mey to bachpan see hin sab per prashan uthaya tha sab naraj hote thay but kucha lok acha sochne lagi App online ate ho but mera ground per ladhae jari App ko pranam App ka gyaan hi mera shakti he
करता न मानने से बोहोत चीजे हटती है जीवन से पहला भोग ता दूसरा कर्तव । जो करता नही हैं वो भोगता नही है और करता नही है तो गैर जिमादारी नहीं रहती। उन करत्व में मत उलझिए जो आपके है ही नही । शरीर आपके ऊपर बंधन डालता अनिवारित होंता है । आपके लिए जरूरी नही है की आप उसकी बात मान ही ले। जिसको आप अपनी कामना बोलते हो वो शरीर का आदेश होता है । वो आपकी कामना नही वो शरीर का आदेश है।
कामना उठती है प्रकृति से क्या आपकी कामना सिर्फ आपकी थी । ये तो आपका गुड है। हम कंडीशन पुतले है । ये तीन है जो हमे चला रहे हैं। एक शरीर समाज सयोग । सयोग ~ समय और स्थितियां ।
Hm machine hai ..hme karta nhi samjhna khud ko...hm sharir , samaj aur sanyog k kathputli matra hai ....hm jo bhi gati krte hai .wo kriya matra hai kyoki karta to hai hi nhi ... Jad aur Chetan me antar manyata ka hai...wo manyata hi krta bhav (Ahankar) hai. ..very nice explanation 👌❤ Acharya g...bhram door ho rhe Sat sat naman Acharya g 🙏🙏🙏
11 सितंबर को 1.54 करोड़ से आज 8 अक्टूबर तक 1.81 सब्सक्राइबर हो चुके है 27 दिन में 27 लाख लोग जुड़े हे प्रतिदिन 1 लाख लोग जुड़ रहे हे। लगता है अब लोग जाग रहे हे। प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏
भाई केवल सब्सक्राइबर बढ़ने से नहीं होता तुम ये देखो कि आचार्य जी की बातों को गहराई से उतारा किस किसने हैं अपने जीवन में।। भीड़ की जरूरत नहीं है जब एक आचार्य जी इतनी बड़ी क्रांति ला सकते हैं तो १ लाख आचार्य जी के विचारों को गहराई से समझने और समझआने वालें हो तो क्या नहीं हो सकता
जो कुछ महाराष्ट्र के संत तुकाराम,संत ज्ञानेश्वर आदि संतो ने बताया था वही बाते आचार्यजी के माध्यम से आज समझ मे आ रही है। जैसे की=जे का रंजले गांजले त्यांसी म्हणे जो आपुले ।।तोचि साधु ओळखावा देव तेथेची जाणावा।। इसका मतलब ये है की भगवान स्वर्ग मे नही है। जो दीन लोगो की सेवा निष्काम भाव से करता है वही भगवान है राम कृष्ण हरी 🙏
आचार्य जी के इस mission में हम सब को तन मन और धन से संपूर्ण समर्पण के साथ आगे बढ़ना है..यह हम सब का सर्वप्रथम कर्त्तव्य है कि यह गीता ज्ञान संपूर्ण विश्व तक जल्द से जल्द पहुंचाना है. क्यों कि अब ज्यादा समय नही है.. हम सब को यह प्रतिज्ञा करना है हमारा जो भी अपने पास धन पूजीं है सब इसी विश्व कल्याण के कार्य मे लगाकर अपना धन सही अर्थ मे सफल करना है..घर परिवार रिश्तेदार अन्य मित्र संबंध में ईन अज्ञानी अधर्मी विकारी लोंगो पर अपना धन खर्च न करें....
मैं ने जानी, मैं की माया । मैं को मार, मैं को पाया ।। - कबीरदास पहले मैं शरीर था। शरीर से हटा तो मैं मन हो गया। मन से हटा तो मैं चेतना हो गया। चेतन से हटा तो मैं आत्मा (शिव) हो गया। यही सत्य मैं ने जाना सत्यम शिवम सुंदरम माना
हम हैं नहीं. पर मानते है कि हम हैं. गुमान है होने का. You are between you and you.. आत्मज्ञान को पाना है. You are nothing. परमात्मा के आगे आत्मसमर्पण करें.
ओम्.... हर इंसान पेट पर नौकर है भगवान् का, जितना पेट मे खा लो, जितना तन को पहना लो बस इतना ही मनुष्य का है😢फ़िर ये शरीर भी आखिर में मेरी नही है, कुछ समय के लिए मिली है। कभी न कभी ये धोख़ा दे देगा। सबसे बड़ा धोखे बाज ये शरीर है जो बिना बताये इंसान को छोड़ जाता है। Shukrane हैं कि आज के समय में हमे sachhai मिल पता चल गई 💘💘👌👌👏👏
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Acharya ji pranam ❤
Acharya ji .... please make a video on person with disabilities people 🙏🏻
🙏🙏
Hum hein hi nahi
Acharyaji namskar apka adhyatm sunkar bahut man ko khushi milati hai
" आनंद तो सरलता में ही है " ~ Acharya Prashant Ji प्रणाम 🙏
नान्यं गुणेभ्यः कर्तारं यदा द्रष्टानुपश्यति ।
गुणेभ्यश्च परं वेत्ति मद्भावं सोऽधिगच्छति ॥
- जब कोई मनुष्य प्रकृति के तीनों गुणों के अतिरिक्त अन्य किसी को कर्ता नहीं देखता है और स्वयं को दृष्टा रूप से देखता है तब वह प्रकृति के तीनों गुणों से परे स्थित होकर मुझ परमात्मा को जानकर मेरे दिव्य स्वभाव को ही प्राप्त होता है।
।। भगवद्गीता ।। ❤❤❤❤
शरीर, समाज, संयोग ये हैं असली मालिक, ये है असली शोषक, ये तीन पूरी जिंदगी पूरे हस्ती लिए जा रहे हैं।
Bht bht 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻pranaam acharya ji….guru bharmah.. guru vishnu.. guru devo maheshwara
यह एक महत्वपूर्ण video है। श्रीमद्भगवद्गीता 3.27. some notes -
✨कर्ताभाव गलत नहीं है, झूठ है।
✨न आत्मा का शरीर से कोई सम्बंध है, न शरीर का आत्मा से कोई सम्बंध है।
✨जो कुछ भी तुम गति होते देख रहे हो ओ क्रिया मात्र है।
✨What's stand between you and you is you.
✨ कामना उठती है प्रकृतिगत गुण से।
✨हम (conditioned) कठपुतलियां है और हमको चला रहा है इन मालिकों ने - शरीर, समाज,संयोग।
Thanks
. Thanks. Thanks. Acharyaprasantji.
Good information true talk with you thank right freedom
आज आचार्य जी बहुत हसे ये कह कर की अहंकार का कोई रोल नही है फिर भी रो रहा है समाज ने शिक्षा दी है आप जैस उचे लोगो की बात सूने ओर हमे सूनना अच्छा भी लगता है लेकिन पिछली विडिओ मे आप ने कहा की आप मुझे सुनते हो लेकिन क्या आप अपने जवान बेटे को हमारे पास भेज ना चाहेंगे ये सुनते ही ऐसा महसुस हुआ की कुछ झिन गया
U are the obstacle in your own way what stands between u and u is u
हम है नही पर ये बात उतनी खतरनाक है नही क्युकी जड़ पदार्थ भी होता नही है लेकिन वो दुख भी नही पाता न होने में उसकी बुराई भी नही है । क्युकी उसको न होते हुए भी उसका गुमान नही है।
हमारी समस्या सिर्फ इतनी से नही है की हम है नही पर मनियता पूरी है की हम है और यही दुख है।
जहा सिर्फ मालिक ही मालिक है बहा तुम नही हो ।
जहा तुमने एक बार मालिक के सामने सिर झुका दिया वहा तुम फिर नही हो। ये सस्ता सरेंडर है। घटिया तरीके का समर्पण है।
पेड़ के सुखे पीले पत्ते हवा में उड़ रही है इसका मतलब ये नही है कि पत्ते मे जान है ❤
जय श्री कृष्ण आचार्य जी,,🙏🙏🕉️🕉️🙏🙏
अहंकार से ही जीव की प्रतिती होती है
जैसे घड़े मे सूर्य का प्रतिबिम्ब, घड़े को तोड़ना मतलब अहंकार को विलीन करणा
Har ek wo Insaan jo acharya ji kO Sun rha hai bhot bhaagyshaali hai..❤
शरीर + समाज + संयोग
जड़ और चेतन दोनों प्रकृति के गुणों से ही संचालित होता है l लेकिन चेतन आपने को कर्ता मान कर वध जाता हैl चेतन वो जो अपने आप को मैं बोले
Mey to bachpan see hin sab per prashan uthaya tha sab naraj hote thay but kucha lok acha sochne lagi App online ate ho but mera ground per ladhae jari App ko pranam App ka gyaan hi mera shakti he
उदासीनवदासीनो गुणैर्यो न विचाल्यते ।
गुणा वर्तन्त इत्येव योऽवतिष्ठति नेङ्गते ॥
हरे कृष्ण ❤❤🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙇
तत् त्वम् असि❤
आज तक जिन इंसानों से बात करते आ रहे थे सब मशीन थे।🙏 प्रणाम आचार्य जी
करता न मानने से बोहोत चीजे हटती है जीवन से पहला भोग ता दूसरा कर्तव ।
जो करता नही हैं वो भोगता नही है और करता नही है तो गैर जिमादारी नहीं रहती।
उन करत्व में मत उलझिए जो आपके है ही नही । शरीर आपके ऊपर बंधन डालता अनिवारित होंता है । आपके लिए जरूरी नही है की आप उसकी बात मान ही ले। जिसको आप अपनी कामना बोलते हो वो शरीर का आदेश होता है । वो आपकी कामना नही वो शरीर का आदेश है।
कर्ता भाव गलत नही है छुट है:- आचार्य जी🙏🙏
कामना उठती है प्रकृति से
क्या आपकी कामना सिर्फ आपकी थी ।
ये तो आपका गुड है।
हम कंडीशन पुतले है । ये तीन है जो हमे चला रहे हैं।
एक शरीर समाज सयोग ।
सयोग ~ समय और स्थितियां ।
absolutely right achharya ji🙏🙏🙏🤍🕉️
This man has no other hidden agenda in life other than to free you so that you leave happiness and live in Joy. Please contribute as much as you can.
Acharya jii aapke vichar adbhutt hai
Aapko follow krna aasan nhi.
Kavi Tiwari - Human Brain can Think & Understand As much as possible!! So Be Positive & Full of Hope to Follow his Teachings in Real life
🙏 सत्यम शिवम सुंदरम 🙏शिव को नमन🌹
प्रणाम आचार्य जी🌺🙏 🥀🌼🌺🌸🌹🌷🙏🎄🍒💐🍀🌱🌻💘🎋😎🌴🍁💚💜💛🧡💙❤🖤💝💟💌🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Kota koti parnaam sir ji.
हम दो चेतनाओं की संयोग की नहीं , सामाजिक वर्जनाओं की पैदाइश हैं
Allah aapko slamat rakhe
💫🌟
सादर प्रणाम आचार्य जी 🙏💐
आज बहुत कुछ क्लियर हुआ है।
Hm machine hai ..hme karta nhi samjhna khud ko...hm sharir , samaj aur sanyog k kathputli matra hai ....hm jo bhi gati krte hai .wo kriya matra hai kyoki karta to hai hi nhi ... Jad aur Chetan me antar manyata ka hai...wo manyata hi krta bhav (Ahankar) hai. ..very nice explanation 👌❤ Acharya g...bhram door ho rhe
Sat sat naman Acharya g 🙏🙏🙏
सभी दर्शक को विनंती है आचार्य प्रशांत जी के विङीयो मे जो सिध्दांतीक वाक्य और सुञ गुढ बाते कमेंट मे लिखा करे धन्यवाद
❤
मैने एक गूढ बात लिखी है कृपया उसे पढे🙏
कमेंट में लिखने के बजाए। जिंदगी में लागू करो। आचार्य जी ने वो बातें इसलिए नहीं। ताकि तुम वही बात कमेंट में लिख सको।
@@dineshgodara202 बिल्कुल सही 👍
Sahee Farmayaa Dinesh ji
कोटि कोटि प्रणाम आचार्य जी 😘🙏 जय श्री कृष्णा राधे राधे 😘🙏
जो नही है वो हि कर्ता है यानी शिव है 32.15 शिर नहि चकरा रहा है , सायद कुछ समझ आ रहा है।❤ you Achaarya jee !
जीवन बदल रहा है आचार्य जी... परेशानी दिक्कतें दुःख हो रहा है पर जीवन में कृष्णत्व तो चाहिये ही चाहिये ❤❤❤❤❤
11 सितंबर को 1.54 करोड़ से आज 8 अक्टूबर तक 1.81 सब्सक्राइबर हो चुके है
27 दिन में 27 लाख लोग जुड़े हे प्रतिदिन 1 लाख लोग जुड़ रहे हे। लगता है अब लोग जाग रहे हे।
प्रणाम आचार्य जी 🙏🙏🙏
भाई केवल सब्सक्राइबर बढ़ने से नहीं होता तुम ये देखो कि आचार्य जी की बातों को गहराई से उतारा किस किसने हैं अपने जीवन में।।
भीड़ की जरूरत नहीं है जब एक आचार्य जी इतनी बड़ी क्रांति ला सकते हैं तो १ लाख आचार्य जी के विचारों को गहराई से समझने और समझआने वालें हो तो क्या नहीं हो सकता
I am also following the subscriptions for a couple of months now. It's so amazing to see the numbers growing. 🙇♂️
Congratulations 🎉🎉🎉🎉
Lekin active views to badh hi nahi rahe na!! Uska kya log subscribe karke chhod de rahe he. Unko sunane vaale badhe to kuchh hoga!😢
शरीर , समाज, संयोग, समय, स्थिति ही कर्ता का निर्धारण करता है l कर्ता आपने आप मे कुछ नहीं होता है
कर्ता होनेकी हमारी हैसियत हि नहि है अगर एक साक्षी और अलग कर्ता है तो वह बास्तबमे अवतार और मुक्त पुरुष है।१९वे मिनट का दिव्य ज्ञान् ❤
आचार्य जी सादर अभिवादन करना चाहिए क्योंकि हम सब मिलकर इस रास्ते पर आसीन नहीं है बचाना
meri aankhe khul gai
TH-cam पर यह एकमात्र channel है जिसके subscriber बढ़ते देख कर खुशी होती है।❤😊
जो कुछ महाराष्ट्र के संत तुकाराम,संत ज्ञानेश्वर आदि संतो ने बताया था वही बाते आचार्यजी के माध्यम से आज समझ मे आ रही है। जैसे की=जे का रंजले गांजले त्यांसी म्हणे जो आपुले ।।तोचि साधु ओळखावा देव तेथेची जाणावा।।
इसका मतलब ये है की भगवान स्वर्ग मे नही है। जो दीन लोगो की सेवा निष्काम भाव से करता है वही भगवान है
राम कृष्ण हरी 🙏
Jai shree krish jai shree ramchandra
Mai apke vicharo ke parti kritagy hu danyavad acharya ji🙏🙏
हमारे निम्न मालिक है
शारीर
समाज
समय
संयोग
अचार्य जी आपने मुझे गहरी नीद से जगाकर जो उपकार किया है उसके लिए मैं सदैव आपका शुक्रगुजार रहूंगा।
Apka channel search krne k bad hi show hota h phle apke videos notification m show hote the but अब kyun nh archarya ji😊
आचार्य जी के इस mission में हम सब को तन मन और धन से संपूर्ण समर्पण के साथ आगे बढ़ना है..यह हम सब का सर्वप्रथम कर्त्तव्य है कि यह गीता ज्ञान संपूर्ण विश्व तक जल्द से जल्द पहुंचाना है. क्यों कि अब ज्यादा समय नही है..
हम सब को यह प्रतिज्ञा करना है हमारा जो भी अपने पास धन पूजीं है सब इसी विश्व कल्याण के कार्य मे लगाकर अपना धन सही अर्थ मे सफल करना है..घर परिवार रिश्तेदार अन्य मित्र संबंध में ईन अज्ञानी अधर्मी विकारी लोंगो पर अपना धन खर्च न करें....
जय आचार्य प्रशांत 😊😊😊
Pranam acharya❤
Aap se hi sab ki subah our sham hoti hai meri har baat me sirf aap ki hi baat hoti hai 🙏🙏❤❤❤❤acharya ji aapne hame prem ka matlab sikhaya 🙏🙏
🙏
प्रणाम, आराध्य।🙇
अर्जुन किसी और पर नहीं स्वयं पर ही तीर चला रहे हैं ।
अदभुत,अदभुत ज्ञान।🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹
सबसे बड़ी चीज़ मुक्ति। आचार्य जी का मुख्य संदेश🙏🙏
Truth always truth প্রনাম গুরুদেব প্রনাম 🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐🙏🙏🙏
आचार्य जी आप जैसे गीता समझाते हो
वैसे कोई भी नहीं समझा सकता 🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी सादर अभिवादन
Man is a machine
मैं ने जानी, मैं की माया ।
मैं को मार, मैं को पाया ।। - कबीरदास
पहले मैं शरीर था। शरीर से हटा तो मैं मन हो गया। मन से हटा तो मैं चेतना हो गया। चेतन से हटा तो मैं आत्मा (शिव) हो गया।
यही सत्य मैं ने जाना
सत्यम शिवम सुंदरम माना
Sach
🙏
सत्यमेव जयते... सत्यम , शिवम , सुंदरम...
❤❤😢
Insaan to lakho carodo me koi ek hota hai baki to sab mashine h what's Epic ❤
Koti koti pranam acharya ji
प्रणाम आचार्य जी नमन 🙇♂️!
Adbhut creative thought
Jay shree ram ♈ acharya ji💯🙏
🙏🙏🙏 Aachary ji ❤️
कुछ है आपके जीवन में ऐसा जो शरीर, समाज और संयोगों से अछूता हो?🙄✨
Acharya ji ki batt 100million logo tak pauchani chaiye
❤️❤️❤️
Dhanyawad acharya ji 🙏❤️
नमन आचार्य जी 🙏
Aarambh me Shreemad bhagwad geeta uchharte samay Kya sthirgambhirta hai,Kya adaryukta bhiti.. Jagdamb jagdamb
Pranam adhikari ❤🎉
Parnam acharya ji
Acharya jee pranam ♥️♥️♥️
धन्यवाद
Naman Acharya ji koti koti pranam...🙏🙏❣️
आप की बहुत बहुत आभारी हूं, गुरु जी.... कोटि कोटि प्रणाम
Very very right guru ji 🙏💞
प्रकृति के गुणों की क्रियाओं ही सब कर्म बनते हैं
शत शत नमन गुरुदेव 🙏 🙏 🙏
हे गुरुदेव🥲🙏🙏🙏🙏🙏🙏
शरीर समाज और संयोग पर ही हम चलते हैं,
हमारा अपना तो कुछ हैं ही नहीं ❤❤❤
Masterpiece
प्रणाम आचार्य जी🙏🙏🙏🙏🙏🙏❤❤❤❤❤
चरण स्पर्श आचार्य जी🙏🙏🙏❤️❤️❤️
हम हैं नहीं. पर मानते है कि हम हैं. गुमान है होने का. You are between you and you.. आत्मज्ञान को पाना है. You are nothing. परमात्मा के आगे आत्मसमर्पण करें.
पुर्णता के पक्ष मे चूना
व करना ही पुण्य हैं. शत शत नमन आचार्य जी
आचार्य जी प्रणाम
प्रणिपात आचार्य श्री 🙏
Continue with how to deal with all maalik in next vidio thanks so much acharyaji
Good speaking sir ji
ओम्.... हर इंसान पेट पर नौकर है भगवान् का, जितना पेट मे खा लो, जितना तन को पहना लो बस इतना ही मनुष्य का है😢फ़िर ये शरीर भी आखिर में मेरी नही है, कुछ समय के लिए मिली है। कभी न कभी ये धोख़ा दे देगा। सबसे बड़ा धोखे बाज ये शरीर है जो बिना बताये इंसान को छोड़ जाता है। Shukrane हैं कि आज के समय में हमे sachhai मिल पता चल गई 💘💘👌👌👏👏
Thanks
MY DEAR GURU JI (MUCHE AAP JEISA KOI NHI MILA JO BHI MILA USE PAISA CHAHIYE THA YA KIO SCCHA NOKAR) TQK U TQK U
शत शत नमन 🙏🙏,
सादर प्रणाम आचार्य जी। 🙏
This is philosophy of the highest order!
Video like karta hu
🙏"जै जै हनुमान गुसाई कृपा करो गुरु देव की नाई " तुम ( सत, रज, तम) शरीर, समाज और सयोग नहीं हो🙏धन्यवाद आचार्य श्री🙏
Pranam acharya ji🙏🙏🙏❤❤❤aap mahan ho acharya ji🙏🙏
Tat tvam asi 👌👌🙏🙏