नई 'Acharya Prashant' App डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन कोर्स: solutions.acharyaprashant.org संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/enquiry?formid=209
यह है असली सत्संग जो जीवन की गहरी समझ विकसित करता है, गूढ़ रहस्य को उजागर करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद गुरुजी। समीक्षा करने का आप का तरीका अत्यंत प्रभावशाली है।।🙏
मैंने श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन कईं बार किया हैं, किन्तु जिस तरह से गुरु जी समझाते हैं, वैसे मै स्वयं के अध्ययन से नहीं समझ पायीं,, इतनी गहनता और पूर्ण यथार्थ से समझाने के लिए कोटि कोटि नमन गुरुदेव🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे स्वयं श्री कृष्ण जी हमें भागवत गीता का ज्ञान दे रहे हो।🙏 धन्य हो गया जीवन आप सा महान गुरु पाकर।🙏 आपका बहुत बहुत आभार आचार्य जी 🙏🙏
39:19 किसी ऐसी चीज के प्रेम मे पड़ जाईए कि सह भी ले और सहने के तरफ ध्यान भी ना देना पड़े।🏵️ फिर सह भी लेंगे ओर सहने की पीड़ा से गुजरना नही पड़ता । 🌠 आनंद 🌈❤️🧡
सही काम में जो पीड़ा मिले उसे प्रेम का उपहार मानकर सीने से नहीं लगा सकते, उसे देवता का प्रसाद मान कर माथे से नहीं लगा सकते तो उसे दवाई का कड़वा घूँट ही मानकर बस सह लो। -आचार्य प्रशांत
गुरूजी की व्याख्यानों की बात ही कुछ और है प्रत्येक विषय को सुंदर और सरल तरीके से बोधगम्य बना देता है, विषयों में छिपा वास्तविकता, मर्म जनमानस तक पहुंचा देते हैं मार्गदर्शन के लिए आभार गुरूजी।🙏
जानने वाले जानते बूझते आत्मा की ओर बढ़ते हैं प्रकाश में, बोध में, ज्ञान में और ना जानने वाले अज्ञान में अंधकार में अत्मा की ओर बढ़ते हैं इस जगत में जो कुछ भी चलायमान है वो है सब आत्मा की ही खोज है आत्मा मात्र अविनाशी तत्त्व है जो विनाशी संसार को चला रहा है 🙏🙏🙏🌼
1:17:54 ये एक बड़ी विडंबना रही 🙄🥺🙆🏽♀️🙆🏽♀️ तभी मुझे कुछ कभी समझ नही आता था । 😬 धन्यवाद आपका और उन दानी लोगो का जिनकी वजह से मैं आज समझने तो तत्पर हूं। 🙏🏻 धन्यवाद हर उस जीव का जो मुझे आप तक ले कर आया, 🙏🏻🙏🏻💙💙
मेरे ख्याल से कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि, हे पार्थ! जो तेरे भीतर कुरीतियाँ, विकृतियाँ और दूषित धन (दुर्योधन) हैं उसके सभी अंगों का अंत कर मैं तेरे साथ हूँ, जीत तेरी होगी तू लड़ ।
🙏 I believe that either accept the truth and reality of life or obey the things of Acharya ji because it is Acharya ji who tells only the truth and real things. And we all have not found any such person till now. Agree?
In life there are no truths just relative truths, based on individual perspectives, that too forged over many lives and many false beliefs. So you are right, Acharya ji gives us the truth.
आचार्य जी 47 लाख सब्सक्राइबर तो ये यू ट्यूब अभी बता रहा है और करोड़ों सब्सक्राइबर आपके ऑफलाइन बन चुके हैं, हर घर घर आचार्य जी के विचार एक तूफान की तरह पहुँच रहे हैं, आपने इस दुनिया को सिखाया है की श्री गीता के ज्ञान में कितनी शक्ति है
आचार्य जी प्रणाम आपका गीता पर ज्ञान दर्शन एक नई दिशा दिखाता है एक नई सोच पैदा करता है और हमारे पुराने मान्यताओं को बदलने में सक्षम है गीता का सही अर्थ आप से ही पता लगता है धन्यवाद आचार्य जी जब स्थितियां खराब हो तो उनका डटकर सामना करो पलायन मत करो इसी में तुम्हारी सफलता है और प्रसन्नता है सुख दुख में जो समान रहता है वही आनंद का अधिकारी है
1:21:45 आचार्य जी । योग का अर्थ है जुड़ना । जोड़ने के लिए 2 चीजें चाहिए । वो दो क्या हैं ? और अगर दोनों भिन्न नही हैं तो योग शब्द का प्रयोग ही मिथ्या है ।
" धर्म अहम को चाहिए ताकि वो आत्मा को ओर बड़ सके" " एक कष्ट ऐसा है जिसे आप जितना सहोगे उतना कम होता जाएगा, दूसरा वह है जिसे आप जितना सहोगेउत्न बढ़ता चला जाएगा। सहने से पहले कहना सीखो की कष्ट किस चीज के लिए से रहे हो। कष्ट तो दुर्योधन और रावण ने भी सहा था, लेकिन वो सत्य के विरुद्ध खड़े होने का कष्ट सह रहे थे। झूट के कारण जरा सा भी कष्ट मत सहो और सच के खातिर जो झेलना पड़ते वो झेल लेना।"
आचार्य प्रशांत जी आपका बहुत बहुत दिल से धन्यवाद 🙏 आपने श्रीमद्भागवत गीता का जो समझाया है शायद ही कोई पुरुष संत महात्मा ज्ञानी समझा सकता है 🙏 आपने सारे पहलू साफ़ साफ़ कर दी 🙏 आचार्य जी आपका 9 एपिसोड का इंतज़ार कर रहा हूँ🙏 सही मायने में आप जैसा समझाने का तरीक़ा किसी के पास नही है 🙏 और भी बहुत से विडीओ आपके देखे जा रहा हूँ मन ही नही भर रहा है 🙏 मानवीय नरेंद्र मोदी जी निवेदन है आपको z सुरक्षा मिलनी चाहिए 🙏 श्री कृष्ण तो सदा असली हीरा है कोई संशय नही पर हीरे की पहचान जिस अन्दाज़ में आप करवा रहे है वो भी किसी से कम नही 👏 आपका कार्य ओर उद्देश्य इस समाज के लिए बहुत उपयोगी है 🙏
19:05 सही काम में अगर पीड़ा मिले, अगर उसे प्रेम का उपहार मान कर, सीने से नहीं लगा सकते, उसे देवता का प्रसाद मान कर माथे से नहीं लगा सकते, तो उसे दवाई का कड़वा घूंट ही मान कर बस सह लो। बहुत अच्छा होता कि, उसे प्रेम का उपहार मानते। सहना नहीं पड़ता बात आनंद की होती।🌺🙏🌺
सेहेन के लिए तो धीरज चाहिए और धीरज प्यार और ज्ञान के बिना संभव नहीं हो सकता। 🙏🏾 धन्यवाद गुरुजी 🙏🏾 सही बात कही है आपने,हम सब अर्जुन है।हम सबको कृष्ण चाहिए।बस उस कृष्ण को पहचाना बाकी है।🙏🏾❤️
अर्जुनों के लिए गीता है। उन्हें असत में सत दिखता है और सत असत जैसा दिखता है। अर्जुनों को समझाना पड़ता है कि "तुम कौन हो और तुम्हारे लिए क्या सही है? तुम वो हो जो कष्ट में है, ऐसा कुछ मत कर देना अर्जुन जो तुम्हारे कष्ट को और बढ़ा दें। तुमसे मैं बात इसलिए नहीं कर रहा कि आत्मा तुम्हारी सच्चाई है। तुमसे मैं बात इसलिए कर रहा हूँ क्योंकि अहंकार तुम्हारा वर्तमान तथ्य है।" -आचार्य प्रशांत
गीता ज्ञान को कितने अनुपम ढंग से समझा रहे हैं आप के लिए किसी के पास कुछ भी शब्द कहने को नहीं है कसे इस ज्ञान के लिए आभार व्यक्त करु आचार्य जी आप तो संसार को बदल दो गए अपने व्याख्यान से मेरा शत् शत् नमन ❤️🙏🙏🙏🙏🙏
आचार्य जी श्रीमद् भगवद् गीता की आपने जितनी स्पष्ट, सुंदर और विस्तृत व्याख्या की है उतनी अच्छी व्याख्या पिछली एक शताब्दी मे तो किसी ने नही की होगी शत् शत् नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏
अपने ही हित हेतु किसी भी अन्य चीज़ के ऊपर सत्य को मूल्य दें। जो व्यक्ति सच्चाई को सबसे ऊपर रखता है, वो किसी पर उपकार नहीं कर रहा है। वो कुछ ऐसा कर रहा है जिससे उसका स्वयं का व्यक्तिगत कल्याण ही होगा। और ये व्यक्तिगत कल्याण इतना विशेष होगा कि पारमार्थिक हो जाएगा। उसका स्वार्थ परमार्थ बन जाएगा यदि स्वार्थ सत्य की दिशा में है तो। -आचार्य प्रशांत
Acharya ji apko naman , jo v bolte hai ap. Bahut khub , har insan ko ap ne liye jina hota , khud ko pahe chan na padta BASS , chalte chalte raha pe ,pathar to ate hai ,7s ko hata ke chal na padta EAHI , baki sab BALLE BALLE ap ko again 🙆🙆🙆🙆🙆👍👍👍🌷🌷🌷🌷🌷🌷
आचार्य जी आपको कैसे धन्यवाद करू वो शब्द ही नहीं है क्योंकि आपके ही वजह से जीवन का उद्देश्य क्या है ये पता चला नही तो तो ऐसे सामाजिक परम्पराओं की कुरीतियों से ग्रसित होता आया लेकिन वो आप ही है जिसके वजह से अज्ञान से बढ़कर ज्ञान की ओर बढ़ा हूं। ऐसे आचार्य को सत सत नमन।🙏🏼🙏🏼🙏🏼
🙏 आपने सत्य का अमृत छिड़क दिया है हमारे मन के भीतर अब हम मुक्त हो रहे हैं, बहुत प्यारी -प्यारी टिप्पणीयाँ करना चाह रहा हूँ पर मेरे शब्द छोटे पड़ रहे हैं 🙏
नई 'Acharya Prashant' App डाउनलोड करें: acharyaprashant.org/app
उपनिषद, गीता व सभी प्रमुख ग्रंथों पर ऑनलाइन कोर्स: solutions.acharyaprashant.org
संस्था से संपर्क हेतु इस फॉर्म को भरें: acharyaprashant.org/enquiry?formid=209
Excellent acharya ji
Excellent Acharya ji
Acharya Ji Marne k bd kya hota h..
बहुत-बहुत धन्यवाद गुरु जी
Best shastrarth
यह है असली सत्संग जो जीवन की गहरी समझ विकसित करता है, गूढ़ रहस्य को उजागर करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद गुरुजी। समीक्षा करने का आप का तरीका अत्यंत प्रभावशाली है।।🙏
मैंने श्रीमद्भागवत गीता का अध्ययन कईं बार किया हैं, किन्तु जिस तरह से गुरु जी समझाते हैं, वैसे मै स्वयं के अध्ययन से नहीं समझ पायीं,, इतनी गहनता और पूर्ण यथार्थ से समझाने के लिए कोटि कोटि नमन गुरुदेव🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Bilkul sahi ❤ 🙏
Gita samjhana is yug me bht jaruri hai
Sach m. Same. Teen baar pdhi b suni b lekin ache se aj i smjh... 😊😊
ऐसा प्रतीत हो रहा है जैसे स्वयं श्री कृष्ण जी हमें भागवत गीता का ज्ञान दे रहे हो।🙏
धन्य हो गया जीवन आप सा महान गुरु पाकर।🙏 आपका बहुत बहुत आभार आचार्य जी 🙏🙏
Bilkul sahi... Acharya ji to mere liye Krishna hi hai
Sahi kaha apne
आचार्य जी सादर प्रणाम
मन ऐसा मान रहा है कि बिष्णु भगवान् स्वयं गीता उपदेश दे रहे हैं।
आचार्य जी सादर प्रणाम,
Ryt😌😌 😊
28:15 सिर्फ सह लेने को तितिक्षा नही कहते, सत्य की राह मे जो कुछ आए उसे सहने को तितक्षा कहते है। 🍁✨
39:19 किसी ऐसी चीज के प्रेम मे पड़ जाईए कि सह भी ले और सहने के तरफ ध्यान भी ना देना पड़े।🏵️
फिर सह भी लेंगे ओर सहने की पीड़ा से गुजरना नही पड़ता । 🌠
आनंद 🌈❤️🧡
Tru🤞
सही काम में जो पीड़ा मिले उसे प्रेम का उपहार मानकर सीने से नहीं लगा सकते, उसे देवता का प्रसाद मान कर माथे से नहीं लगा सकते तो उसे दवाई का कड़वा घूँट ही मानकर बस सह लो।
-आचार्य प्रशांत
धैर्य रखना, कभी निराश मत होना;
जिसने तुमको बनाया है वो इस ब्रम्हांड का सबसे बड़ा लेखक है!
🌺हीरा मिल गया है गाँठ मे बाँध लिया है🌺
नमन आचार्य 🙏🙏
इस सत्र में सामिल सभी वंधुजनों को मेरा प्रणाम 👏
गुरूजी की व्याख्यानों की बात ही कुछ और है प्रत्येक विषय को सुंदर और सरल तरीके से बोधगम्य बना देता है, विषयों में छिपा वास्तविकता, मर्म जनमानस तक पहुंचा देते हैं मार्गदर्शन के लिए आभार गुरूजी।🙏
भगवान श्रीकृष्ण, वर्धमान महावीर, गौतम बुद्ध और स्वामी विवेकानंद के बाद जिवन में इतना सच पथ दिखाने वाले आचार्य प्रशांत जैसे और कोई नहीं है.
जानने वाले जानते बूझते आत्मा की ओर बढ़ते हैं प्रकाश में, बोध में, ज्ञान में और ना जानने वाले अज्ञान में अंधकार में अत्मा की ओर बढ़ते हैं इस जगत में जो कुछ भी चलायमान है वो है सब आत्मा की ही खोज है आत्मा मात्र अविनाशी तत्त्व है जो विनाशी संसार को चला रहा है 🙏🙏🙏🌼
1:17:54 ये एक बड़ी विडंबना रही 🙄🥺🙆🏽♀️🙆🏽♀️
तभी मुझे कुछ कभी समझ नही आता था । 😬
धन्यवाद आपका और उन दानी लोगो का जिनकी वजह से मैं आज समझने तो तत्पर हूं। 🙏🏻
धन्यवाद हर उस जीव का जो मुझे आप तक ले कर आया, 🙏🏻🙏🏻💙💙
श्रीमद्भगवदगीता को आपके मुख से सुनना मन को आनंदित कर देता है गुरुदेव। मेरे लिए तो श्री कृष्ण हैं आप गुरुदेव। 🙏🙏🙏🙏
भगवान आपको लंबी उम्र दे
ताकि हम आप को और अधिक समय तक सुन सके जिससे भ्रम के कारण फैला हुआ दुख मिट सके 🙏🙏🙏🙏🙏
जो अहम को आत्मा की ओर ले जाए वही धर्म है।
-आचार्य प्रशांत
True
मेरे ख्याल से कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि, हे पार्थ! जो तेरे भीतर कुरीतियाँ, विकृतियाँ और दूषित धन (दुर्योधन) हैं उसके सभी अंगों का अंत कर मैं तेरे साथ हूँ, जीत तेरी होगी तू लड़ ।
धन्यवाद आचार्य जी, आपने तो जीवन ही बदल दिया है आप ना होते तो ऐसा होना संभव नहीं था जितना भी धन्यवाद करें बहुत कम है🙏
स्वार्थ सत्य की दिशा मे है तो स्वार्थ परमार्थ भी बन जाएगा । 🌈🙏🏻✨
जगत में जो कुछ भी चलायमान है वो है आत्मा के लिए ही, आत्मा एकमात्र अविनाशी तत्व है जो इस विनाशी संसार को चला रहा है।
🙏 I believe that either accept the truth and reality of life or obey the things of Acharya ji because it is Acharya ji who tells only the truth and real things. And we all have not found any such person till now. Agree?
Yes
In life there are no truths just relative truths, based on individual perspectives, that too forged over many lives and many false beliefs. So you are right, Acharya ji gives us the truth.
Right
Absolutely right
Totally agree.....
अद्भुत विश्लेषण गुरुदेव 🙏
कब से प्रतीक्षा थी गीता के अगले अंश की ।
आज से अब अगले अंश की प्रतीक्षा शुरू हो गई है । प्रतीक्षा को लम्बा मत करवाईयेगा ।🙏🙏
Aapse achi geeta aur koi nhi padata acharaya ji 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
Aapko pranam 🙏🏻
अचार्य जी के चरणों में कोटि कोटि नमन है मेरा 🙏🙏🙏🙏🙏
बड़े वर्ग मतलब आचार्य जी कही इस्कॉन वालों को तो नही कह रहे है , उनकी गीता यथार्थ मेरे घर रखी है किंतु आचार्य जी को जबसे सुना तबसे उसे खोला ही नही।।
Same here
गीता की सुंदर व्याख्या करने के लिए धन्यवाद आचार्य जी...🙏🙏✨
आचार्य जी 47 लाख सब्सक्राइबर तो ये यू ट्यूब अभी बता रहा है और करोड़ों सब्सक्राइबर आपके ऑफलाइन बन चुके हैं, हर घर घर आचार्य जी के विचार एक तूफान की तरह पहुँच रहे हैं, आपने इस दुनिया को सिखाया है की श्री गीता के ज्ञान में कितनी शक्ति है
bhai 4.78 crore
जय श्रीकृष्ण जय गुरुदेव 🙏🚩💕❤
सब अनित्य है और उसकी सार्थकता ही इसीमें है कि वो नित्य की खातिर मिट जाए।
अदभुद समझ है आपकी, क्या ख़ूब समझआया आपने👌💝❣️
असली प्रेम सबको आत्मा से ही है बस उसको ढूढ़ अलग अलग जगह रहे है.....
शत शत नमन आचार्य जी🙏🏻🙏🏻🙏🏻🇮🇳🇮🇳
कौरव कौन?
जो वृत्ति के बहाव में बह गया।
-आचार्य प्रशांत
शत् शत् नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏
अध्यात्म के क्षेत्र में क्रांति लाने वाले नव युग के ऋषि आचार्य प्रशांत को मेरा नमन🙏
धर्म वो जो अहं को आत्मा की तरफ ले जाए।
पुराने जैसा तुममे कुछ न रहे यही आत्मा की महत्ता है।🍁🌿
27:30 इसलिए कि कोई व्यक्ति अपने प्राण देने को तैयार है, यह सिद्ध नही होता कि वो सही है ।
सादर नमन आचार्य जी 🙏🏻🙏🏻🚩🚩
गीता किसके लिए है भीतर से वृत्ति को और बाहर से संस्कृति को चुनौती देने के लिए है --आचार्य जी
शत शत नमन आचार्य जी।
गीता का सारा प्रवचन- अहम को ही संबोधित किया गया है।
और अहम से कहा जा रहा है तुम वो करो जो तुम्हें आत्मा की ओर ले जाएगा।
-आचार्य प्रशांत
एक ओर है प्रकृति जो कहती है कि मेरे बहाव में बहो, और दूसरी ओर है कृष्ण जो कहते हैं। मेरी ओर बढो और जो रास्ते में जो भी आता है उसे सहो।
-आचार्य जी 😇
आचार्य जी प्रणाम आपका गीता पर ज्ञान दर्शन एक नई दिशा दिखाता है एक नई सोच पैदा करता है और हमारे पुराने मान्यताओं को बदलने में सक्षम है गीता का सही अर्थ आप से ही पता लगता है धन्यवाद आचार्य जी
जब स्थितियां खराब हो तो उनका डटकर सामना करो पलायन मत करो इसी में तुम्हारी सफलता है और प्रसन्नता है
सुख दुख में जो समान रहता है वही आनंद का अधिकारी है
प्रात: स्मरणीय गुरू!!! हार्दिक नमस्कार।
सच्चाई की राह में जो कुछ भी आये उसको सहने को तितिक्षा कहते हैं। 🙏🙏
" प्रकृति माॅ है, पत्नी नहीं; नमन करो, भोग नहीं " ~ आचार्य प्रशांत जी प्रणाम 🙏
जय श्री कृष्ण जय श्री आचार्य जी 🎯🙏
1:21:45 आचार्य जी । योग का अर्थ है जुड़ना । जोड़ने के लिए 2 चीजें चाहिए । वो दो क्या हैं ?
और अगर दोनों भिन्न नही हैं तो योग शब्द का प्रयोग ही मिथ्या है ।
मन का आत्मा में मिल जाना, आत्मस्थ हो जाना या ब्रह्मलीन हो जाना ही योग कहलाता हैं |🌻
~ आचार्य प्रशांत 🙏
" धर्म अहम को चाहिए ताकि वो आत्मा को ओर बड़ सके"
" एक कष्ट ऐसा है जिसे आप जितना सहोगे उतना कम होता जाएगा, दूसरा वह है जिसे आप जितना सहोगेउत्न बढ़ता चला जाएगा। सहने से पहले कहना सीखो की कष्ट किस चीज के लिए से रहे हो। कष्ट तो दुर्योधन और रावण ने भी सहा था, लेकिन वो सत्य के विरुद्ध खड़े होने का कष्ट सह रहे थे। झूट के कारण जरा सा भी कष्ट मत सहो और सच के खातिर जो झेलना पड़ते वो झेल लेना।"
हम तो गीता 20सल से पाठ कर रहे है लेकीन हम शरीर समझकर पढ रहे थे हमने इस तरह का अर्थ पहली बार सुना है
आचार्य प्रशांत जी आपका बहुत बहुत दिल से धन्यवाद 🙏 आपने श्रीमद्भागवत गीता का जो समझाया है शायद ही कोई पुरुष संत महात्मा ज्ञानी समझा सकता है 🙏 आपने सारे पहलू साफ़ साफ़ कर दी 🙏 आचार्य जी आपका 9 एपिसोड का इंतज़ार कर रहा हूँ🙏 सही मायने में आप जैसा समझाने का तरीक़ा किसी के पास नही है 🙏 और भी बहुत से विडीओ आपके देखे जा रहा हूँ मन ही नही भर रहा है 🙏 मानवीय नरेंद्र मोदी जी निवेदन है आपको z सुरक्षा मिलनी चाहिए 🙏 श्री कृष्ण तो सदा असली हीरा है कोई संशय नही पर हीरे की पहचान जिस अन्दाज़ में आप करवा रहे है वो भी किसी से कम नही 👏 आपका कार्य ओर उद्देश्य इस समाज के लिए बहुत उपयोगी है 🙏
इतनी सुंदर व्याख्या। 🙏🕉️
19:05 सही काम में अगर पीड़ा मिले, अगर उसे प्रेम का उपहार मान कर, सीने से नहीं लगा सकते, उसे देवता का प्रसाद मान कर माथे से नहीं लगा सकते, तो उसे दवाई का कड़वा घूंट ही मान कर बस सह लो। बहुत अच्छा होता कि, उसे प्रेम का उपहार मानते। सहना नहीं पड़ता बात आनंद की होती।🌺🙏🌺
सेहेन के लिए तो धीरज चाहिए और धीरज प्यार और ज्ञान के बिना संभव नहीं हो सकता। 🙏🏾
धन्यवाद गुरुजी 🙏🏾
सही बात कही है आपने,हम सब अर्जुन है।हम सबको कृष्ण चाहिए।बस उस कृष्ण को पहचाना बाकी है।🙏🏾❤️
शत शत नमन गुरुजी 🍂🍂❤
Har har mahadev gurudev 🙏🥰
This is needed ❤❤❤
चरण स्पर्श आचार्य जी🙏🙏❤
जो कुछ भी अनित्य है उसकी सार्थकता ही इसमें है कि उसको मिटा दो एक संसाधन की तरह नित्य तक पहुँचने के लिए। 🙏🙏
राम जीते या रावण जीत और उक्त कृष्ण जीते या दुर्योधन नित्य आत्मा से कोई मतलब नही है कोटि-कोटि नमन 🕉️👏
53:53 अद्भुत व्याख्यान 🙏🏻
अंत मे चाहिए तो सभी को एक ही 🌠 सच 🍁
आचार्य श्री के श्री चरणों में शत शत नमन
शत शत नमन गुरूजी ❤️🙏
धन्यवाद आचार्य जी। ❣️❣️🙏🙏🙏❤️♥️
अर्जुनों के लिए गीता है।
उन्हें असत में सत दिखता है और सत असत जैसा दिखता है।
अर्जुनों को समझाना पड़ता है कि "तुम कौन हो और तुम्हारे लिए क्या सही है?
तुम वो हो जो कष्ट में है, ऐसा कुछ मत कर देना अर्जुन जो तुम्हारे कष्ट को और बढ़ा दें।
तुमसे मैं बात इसलिए नहीं कर रहा कि आत्मा तुम्हारी सच्चाई है।
तुमसे मैं बात इसलिए कर रहा हूँ क्योंकि अहंकार तुम्हारा वर्तमान तथ्य है।"
-आचार्य प्रशांत
सत सत नमन आचार्यजी। इन सत्रों के जरिए आप हम सबकों प्रतिदिन मार्गदर्शन कर रहे है।
गीता ज्ञान को कितने अनुपम ढंग से समझा रहे हैं आप के लिए किसी के पास कुछ भी शब्द कहने को नहीं है कसे इस ज्ञान के लिए आभार व्यक्त करु आचार्य जी आप तो संसार को बदल दो गए अपने व्याख्यान से मेरा शत् शत् नमन ❤️🙏🙏🙏🙏🙏
गुरुजी ज्ञान देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद ़़़ आप जैसे ज्ञानी बहुत भाग्यशाली ओं को मिलते हैं
कोटिश नमन गुरुदेव बहुत बहुत धन्यवाद 🙏🙏💝💝💝
आचार्य जी श्रीमद् भगवद् गीता की आपने जितनी स्पष्ट, सुंदर और विस्तृत व्याख्या की है उतनी अच्छी व्याख्या पिछली एक शताब्दी मे तो किसी ने नही की होगी
शत् शत् नमन आचार्य जी 🙏🙏🙏🙏🙏
प्रणाम गुरुजी 🙏🏾🙏🏾🙏🏾
❤️❤️❤️❤️
बडे नशीब वाले है वो युवा जिसको इतना सही गायडन्स मिल रहा है.
आत्मा ही परमात्मा है
सत् सत् 'नमन गुरु जी 👏👏🙏🏼🙏🏼
Pure TH-cam pr koi ish tarh geeta nhi samjha sakta 🎉
Thanks Acharya Ji, iska wait kar raha tha
शत् शत् नमन गुरुजी ❤️🙏🙏
ज्ञान की जरूरत हर पल हर झड़ साथ होना बहुत जरूरी है सर कहे या गुरु आप तो बहुत महान है
अपने ही हित हेतु किसी भी अन्य चीज़ के ऊपर सत्य को मूल्य दें।
जो व्यक्ति सच्चाई को सबसे ऊपर रखता है, वो किसी पर उपकार नहीं कर रहा है।
वो कुछ ऐसा कर रहा है जिससे उसका स्वयं का व्यक्तिगत कल्याण ही होगा।
और ये व्यक्तिगत कल्याण इतना विशेष होगा कि पारमार्थिक हो जाएगा।
उसका स्वार्थ परमार्थ बन जाएगा यदि स्वार्थ सत्य की दिशा में है तो।
-आचार्य प्रशांत
Needed this series 😍😍 Gita 5, 6 and so on kab aaenge?
Participate in Gita Samagam series. It's online on zoom.
जो मरेगा वो फिर जन्म भी लेगा जो जन्म लेगा वह फिर मरेगा भी आत्मा तो अनंत है तो इसमें शॉक कैसा बहुत समझा दिया आचार्य आपने🙏🙏
25:00 सही दिशा में जाने पर जो भी ऊंच नीच झेलना पड़े झेल लो is called तितिक्षा
34:10 Anand ka matlab
jay shree ram bhagwan ji jay mata rani ji
8:30 तुम वो मत करो,जो तुम्हे रुचिकर लगता है, प्रिय लगता है। तुम वो करो जो उचित है।🌺🙏🌺
1:20:00 - 1:30:00 Life Changer, Concept of "Aatma"
Acharya ji apko naman , jo v bolte hai ap. Bahut khub , har insan ko ap ne liye jina hota , khud ko pahe chan na padta BASS , chalte chalte raha pe ,pathar to ate hai ,7s ko hata ke chal na padta EAHI , baki sab BALLE BALLE ap ko again 🙆🙆🙆🙆🙆👍👍👍🌷🌷🌷🌷🌷🌷
आचार्य जी आपको कैसे धन्यवाद करू वो शब्द ही नहीं है क्योंकि आपके ही वजह से जीवन का उद्देश्य क्या है ये पता चला नही तो तो ऐसे सामाजिक परम्पराओं की कुरीतियों से ग्रसित होता आया लेकिन वो आप ही है जिसके वजह से अज्ञान से बढ़कर ज्ञान की ओर बढ़ा हूं।
ऐसे आचार्य को सत सत नमन।🙏🏼🙏🏼🙏🏼
Thanks
🙏 आपने सत्य का अमृत छिड़क दिया है हमारे मन के भीतर अब हम मुक्त हो रहे हैं, बहुत प्यारी -प्यारी टिप्पणीयाँ करना चाह रहा हूँ पर मेरे शब्द छोटे पड़ रहे हैं 🙏
🙏❤❤🙏 सत्य के लिए कोई शब्द ही नहीं मिल रहे बस सत्य या आत्मा बोलकर इंगित कर रहा हूँ 🙏
We are very lucky.....coz we have acharay ji ❤😊
Acharya ji ko saat saat naman 🙏🙏🙏🙏
प्रणाम आचार्य जी 🙏
Asli satsang. Pranam Acharya ji !
Shat shat Naman Guru ji🙏🙏
स्वार्थ सत्य की दिशा मे है तो स्वार्थ परमार्थ मे बदल जायेगा.
Great 👍 attempt to explain the dynamics of consciousness
This is not attempt anymore
The best of em all thank you acharya ji
Jail shree Krishna sir.