Very good information sharing by Ashok Sir 👍👍👍 Great initiative for people who can avoid such problems/hurdles. Litterely I am also part of the fortunate list.
Bhai mne 2022 m claim lia tha hdfc ergo se Ncb zero nahi kia continue rkha 2023 m national insurance ka lia 2024 me icici lombard ka Ab car accident hogyii total loss h claim me kya issue aayega sir ??
Sir Very very important question Please Reply Sir, Agr vehicle Commercial ho aur usme IMT23 ad-on bhi ho Aur Accident me Kewal IMT23 parts hi damage ho to claim milega ya nhi ?? Claim genuine ho
@@aapkaamit5491 मै आपका सवाल सही से समझ नही पाया हूॅ। वैसे बीमा कंपनी बीमा क्लेम मे नुकसान की क्षतिपूर्ति policy terms and conditions के तहत बीमाधारक ग्राहक को करती है।
बीमा कंपनी की जिम्मेदारी बीमा पालिसी अनुबंध के अनुसार दुर्घटना नुकसान के लिए बीमाधारक ग्राहक को उसके बीमा क्लेम के भुगतान की होती है। बीमा कंपनी यह क्लेम भुगतान करने मे salvage बिक्री करके, उस value को क्लेम भुगतान में adjust कर सकती है। लेकिन यदि बीमा कंपनी ऐसा करना चाहती है तो कर सकती है लेकिन इसकी वजह से बीमाधारक ग्राहक के क्लेम को late नहीं कर सकती है।
Sir,I am Dr.Uday Kumar Basak from West Bengal.Please reply. In constructive total loss can the insured demand the IDV and hand over the damaged car to the insurer defying any other solution?
यदि दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी को with Registration certificat के साथ बेचा जाता है तो उसे गाड़ी बेचना कहते है। यदि गाड़ी के Registration certificat को cancel करके बेचा जाता है तो उसे salvage या wreckage बेचना कहते है। Salvage value/ wreckage value जानने के लिए कोई fix पैमाना नही होता है, इसके लिए खुले मार्केट से quotation लेकर, प्राप्त rate के आधार पर जाना जा सकता है।
मै मोटर OD claim विषय पर , बीमा नियमों के अनुसार सही गलत के अंतर को बताने में सहायता कर सकता हूँ। सही वाजिब मोटर OD claim विषय हक लेने मे सहायता कर सकता हूँ। लेकिन मुझे निर्णय लेने का अधिकार नहीं होता है, इसलिए किसी मोटर बीमा क्लेम विवाद विषय में मै यह नहीं कह सकता हूँ कि यह कितने समय मे solve होगा।
Sir i am having 10 year old cb shine recently i had a accident the estimated is about 8500 (70%) and idv value is 12000 they are considering as a constructive total loss what should i do now?
यदि रिपेयर खर्च 70% of IDV है तो यह क्लेम किसी भी नजरिए से constructive total loss/ total loss नहीं है। वैसे आमतौर पर सभी बीमा कंपनी बजाय रिपेयर खर्च के, partial loss basis मानकर गणना करने मे यदि बीमा कंपनी की net liability 75% of idv से अधिक आती है, तब constructive total loss / total loss claim मानते है। हालंकि मै रिपेयर खर्च के आधार पर मानता हूँ, लेकिन मेरा जैसा मानने वाले 01% भी नहीं है। आप बीमा कंपनी को ईमेल पर जानकारी देकर बता सकते है कि आपके अनुसार रह एक partial loss claim है। इसलिए आप एक partial loss basis claim settlement चाहते है। यदि बीमा कंपनी आपसे सहमत होती है तो सही है अन्यथा आप स्वयं अपनी जिम्मेदारी पर अपनी motorcycle को रिपेयर कराने का निर्णय ले सकते है। बस रिपेयर शुरू कराने से पहले बीमा कंपनी को ईमेल पर इसकी जानकारी दे देना। जब मोटरसाइकिल रिपेयर हो जायेगी तो वास्तविक रिपेयर खर्च की जानकारी हो जायेगी, जो 75% of idv से कम होगा, आप बीमा कंपनी को यह बिल भेजकर partial loss basis पर claim settlement की मांग कर सकते है। इस पर भी बीमा कंपनी न माने तो आप बीमा लोकपाल आफिस की website पर जाकर online तरीके से शिकायत कर सकते है। इस क्लेम केस मे आपको irdai, department of financial services, higher authorities को शिकायत करनी चाहिए।
Meri bike ke dono rim bend ho gaye hai....claim.approved hai and rim replace ho rahee hai ...question yeh hai kee salvage kitna percent lagta hai ...aur agar mai salvage deta hun ...kya Rim mujhe jis condition me abhee hai usse condition me milegee ya completely damage karke milaygee ?
मोटर own damage बीमा पॉलिसी एक indemnity ( क्षतिपूर्ति) का contract होती है। बीमा क्लेम indemnification की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होती है। बीमा कंपनी क्लेम मे उपलब्ध scrap salvage को बेचकर क्लेम indemnification मे इस्तेमाल कर सकती है। यदि बीमाधारक उस उपलब्ध salvage को लेना चाहता है तो बीमा कंपनी उस salvage को अनुमानित वास्तविक लगभग कीमत पर बीमाधारक को दे सकती है, क्लेम अमाउंट मे से काटकर दे सकती है।
निजी कार मोटर OD बीमा पालिसी के अंतर्गत में condition 03 में बीमा क्लेम सैटलमैट करने के लिए 02 विकल्प दिये होते है। 1, partial loss basis claim, 2, ctl/tl basis claim. लेकिन बीमा पालिसी में Net of salvage with RC नामक कोई विकल्प नहीं लिखा होता है।
STANDARD FORM FOR PRIVATE CAR PACKAGE POLICY :- Policy condition 03- 3. The Company may at its own option repair reinstate or replace the vehicle or part thereof and/or its accessories or may pay in cash the amount of the loss or damage and the liability of the company shall not exceed: (a) for total loss / constructive total loss of the vehicle - the Insured's Declared Value (IDV)of the vehicle (including accessories thereon) as specified in the Schedule less the value of the wreck. (b) for partial losses, i.e. losses other than Total Loss/Constructive Total Loss of the vehicle - actual and reasonable costs of repair and/or replacement of parts lost/damaged subject to depreciation as per limits specified.
As per IRDAI Circular- Circular Ref. No: IRDAI/NL/CIR/MOTOD/118/07/2019 Date:26-07-2019 Misuse of Total Loss Accident Vehicle Documents over Stolen Vehicles To, ALL GENERAL INSURERS (OTHER THAN STAND-ALONE HEALTH INSURERS AND SPECIALISED INSURERS) Re: - Misuse of Total Loss Accident Vehicle Documents over Stolen Vehicles It has come to the notice of Authority that in case of Total Loss (TL) of the vehicle, salvage of the vehicle is being sold to scrap dealers without cancelling Certificate of Registration (RC) of the vehicle. 2. It has been informed by the Law Enforcement Authorities that documents pertaining to such vehicles are being misused like giving new identity to the stolen vehicles by forging engine number and chassis number of destroyed vehicles under TL claims. 3. As per Section 55 of Motor Vehicle Act 1988, (1) If a motor vehicle has been destroyed or has been rendered permanently incapable of use, the owner shall, within fourteen days or as soon as may be, report the fact to the registering authority within whose jurisdiction he has the residence or place of business where the vehicle is normally kept, as the case may be, and shall forward to the authority the certificate of registration of the vehicle. (2) The registering authority shall, if it is the original registering authority, cancel the registration and the certificate of registration, or, if it is not, shall forward the report and the certificate of registration to the original registering authority and that authority shall cancel the registration. 4. In view of the above, all insurers are advised to ensure cancellation of Certificate of Registration (RC) of the vehicle in case of total loss claim settlement. Yours faithfully,
(Yegnapriya Bharath) Chief General Manager (NL) Insurance Regulatory and Development Authority of India. All Right Reserved.
@@omgupta1014 जो सर्वेयर साहब है व बीमा कंपनी है दोनो को सर्वे रिपोर्ट देने के लिए ईमेल करनी चाहिए। हो सकता है शुरूआत मे दोनो ही आपको सर्वे रिपोर्ट न दे, कोई जबाब न दे या इसके लिए कोई ऊलजलूल वजह बताये, ऐसा हो तो आप बार बार ईमेल करें, साथ मे irdai officials व संबंधित वरिष्ठ अधिकारीगण को शिकायत करे। बीमा कंपनी व एप्रूवड सर्वेयर दोनो की जिम्मेदारी होती है कि वो बीमाधारक ग्राहक को सर्वे रिपोर्ट कापी दे। कभी कभी ऐसा भी होता है कि आप बीमा कंपनी से सर्वे रिपोर्ट कापी की मांग करेंगे और ये लोग आपको सिर्फ assessment sheet या preliminary survey report, preliminary assessment sheet आदि भेजे, जबकि आप final survey report copy की मांग कर रहे होंगे। क्लेम सैटलमैट का निर्णय, final survey report के आधार पर, ध्यान मे रखकर बीमा कंपनी को लेना होता है। सर्व रिपोर्ट मे क्लेम के विषय मे बहुत सी जानकारी, असेसमेंट की जानकारी, admissibility पर recommendation आदि होती है। इसलिए final सर्वे रिपोर्ट न मिलने तक, इसकी मांग लगातार करते रहना चाहिए।
sir mere gadi ki idv value 4.5 lakh jabki surveyor or workshop ne 3.6 lakh ka repair cost dikhake total loss m de diya h jabki dusra workshop usko 2 lakh m hi repair kr rha h insurance company ka manager dusre workshop se repaire ki mana kar rha h to ab kya kare
गाड़ी के मालिक आप है। गाड़ी कहाँ पर रिपेयर करानी है यह निर्णय आपको लेना है। यदि आप पहले यह गाड़ी को रिपेयर कराने के लिए ले गयें है और किसी वजह से रिपेयर खर्च, workshop के standard, way of working आदि आदि से, तो आप किसी दुसरी वर्कशाप पर अपनी मर्जी पसंद से गाड़ी को रिपेयर करने के लिए ले जा सकते है। इसके लिए आपको किसी से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। बस आपको इसकी जानकारी बीमा कंपनी या संबधित लोगो को ईमेल / पत्रि के द्वारा दे देनी है। यदि गाड़ी का रिपेयर खर्च 75% of IDV से कम होगा तो यह एक constructive total loss claim होगा।
Sir mere pass swift vid hai awor ushki idv 307716 awoe awor bima complny bol rahi hai ki 75 demej hai awor sir muje car thik karvani hai to kyaa kare sir plzzz batavo kya kare
आप अपने गाड़ी के नुकसान को सही से जाना लो। गाड़ी का रिपेयर खर्च अलग अलग स्तर की वर्कशाप पर अलग अलग होता है। अधिकांश मामलों मे वाहन निर्माता कंपनी डीलर वर्कशाप पर खर्च ज्यादा आता है, इसके बाद इनसे कम multibrand workshop पर आता है, व सबसे कम छोटी वर्कशाप दुकान टाइप की जो वर्कशाप होती है उन पर सबसे कम आता है। आप गाड़ी रिपेयर खर्च को IInd hand पार्टस से रिपेयर कराकर भी कम कर सकते है। बीमा क्लेम मे यह आपकी मर्जी है कि आप किसी भी वर्कशाप पर अपनी मर्जी से गाड़ी को रिपेयर करा सकते है। बीमा पालिसी अनुबंध या देश के कानून मे वाहन निर्माता कंपनी के यहाँ पर ही गाड़ी को रिपेयर कराने की बाध्यता नहीं है। यदि आपने बीमा क्लेम के लिए किसी बड़ी वर्कशाप पर गाड़ी को रिपेयर कराने के लिए ले गये है, लेकिन अब आप उसके रिपेयर खर्च या व्यवहार, या कार्य प्रणाली से सहमत व संतुष्ट नहीं है तब भी आप अपनी मर्जी से गाड़ी को दुसरी वर्कशाप पर रिपेयर कराने के लिए स्थानांतरित कर सकते है। यह आपकी मर्जी पसंद पर निर्भर करता है। गाड़ी को रिपेयर कराने मे आप नये, IInd hand parts का इस्तेमाल कर सकते है, यह भी आपकी मर्जी पसंद पर निर्भर करता है। बीमा पालिसी अनुबंध या देश के कानून मे इसके लिए भी कोई मनाही नहीं है। बस आपको अपनी गाड़ी के रिपेयर खर्च को manage करना है। आपको बीमा कंपनी व एप्रूवड सर्वेयर को लिखित में जानकारी देकर कि यह गाड़ी 75% of IDV से कम खर्च में रिपेयर हो जायेग, अपनी गाड़ी को अपनी मर्जी से अपनी जिम्मेदारी पर रिपेयर करा देनी है। जब गाड़ी रिपेयर हो जाय तो बीमा कंपनी को रिपेयर बिल 75% of IDV से कम उपलब्ध करा देना है, व लिखित मे Re inspection survey करने के लिए निवेदन करना है, व बताना है कि यह गाड़ी कुल 75% of IDV से कम खर्च में रिपेयर हो गयी है। अतः यह एक partial loss claim है और आप बीमा कंपनी से partial loss basis claim settlement चाहते है। हो सकता है बीमा कंपनी आपसे एकदम से सहमत न हो कुछ दिन लगातार बीमा कंपनी से इस विषय मे email communication करना, बीमा कंपनी मान जायेगी। क्योंकि बीमा कंपनी के पास आपके क्लेम को partial loss claim न कहने के लिए कोई भी उपयुक्त जबाब नहीं होगा। यदि 1% बीमा कंपनी तब भी आपको partial loss basis पर क्लेम नहीं देती तब आप बीमा लोकपाल आफिस में शिकायत कर सकते है। यहां पर आपको न्याय मिल ही जायेगा। यदि 01 % आपको यहाँ से भी न्याय नहीं मिलता तो आप consumer court जा सकते है, यहाँ से आपको न्याय जरूर मिल जायेगा।
सर मेरी गाड़ी में CTL में SATTLE हो रही। लेकिन INSURANCE कंपनी बिना SATTLEMENT OFFER और SATTLEMENT AMOUNT बताए गाड़ी को SALVAGE BUYER को HAND OVER करने कह रही। क्या करूँ ?
आप बीमा कंपनी से लिखित मे यह सब मांगिये। आप बीमा कंपनी से पूछियेगा कि बीमा कंपनी घोषित साल्वेज गाड़ी को एक साल्वेज के तौर पर, मोटर व्हीकल एक्ट के section 55 के अनुसार Registration certificate को cancel करके किसी अज्ञात कबाड़ी को बेचने के लिए कह रही है या घोषित साल्वेज को एक गाड़ी के रूप में with Registration certificate, blank RTO form 29-30 पर बीमाधारक ग्राहक के हस्ताक्षर के साथ, एक अज्ञात कबाड़ी को बेचने के लिए कह रही है। बीमा क्लेम indemnification की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होती है। यदि बीमा कंपनी यह क्लेम indemnification में साल्वेज वेल्यू को adjust करना चाहती है तो करे, लेकिन बीमा कंपनी को यह साल्वेज निपटान को स्वयं अपनी जिम्मेदारी पर करना होगा। यदि बीमा कंपनी साल्वेज के नाम पर दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी को with Registration certificate बेच कर क्लेम सैटलमैट करना चाह रही होगी, तब भी वह अपनी स्वयं की जिम्मेदारी पर यह process को लिखकर नहीं देगी, क्योंकि यह एक illegal process होता है। ऐसे मामले मे बीमा कंपनी बहुत धूर्तता से काम करती है, यह सब बीमाधारक ग्राहक से एक affidavit के रूप मे consent लिखवाकर लेती है। यह affidavit consent की भाषा, अपनी पसंद के अनुसार एक तैय format के अनुसार बीमा कंपनी, बीमाधारक ग्राहक को देती है। जिसमे लिखा होता है कि बीमाधारक ग्राहक स्वयं ऐसा चाहता है। मतलब बीमा कंपनी इस गलत कार्य की जिम्मेदारी बड़ी चालाकी से बीमाधारक ग्राहक पर डाल देती है। Protection of policy holders interest gazette notification 2017 मे General insurance claim के लिए तैय guidelines के अनुसार बीमा कंपनी को बीमाधारक ग्राहक को क्लेम सैटलमैट के लिए लिखित में offer देना होता है। आप बीमा कंपनी से ईमेल करके proper स्पष्ट भाषा मे यह क्लेम settlement के लिए offer की लिखित मे देने के लिए मांग करो। आप बीमा कंपनी से कहो कि बीमा कंपनी जैसें भी यह क्लेम को settle करना चाहती है, जिसे जैसे salvage को जिस प्रकार बेचना चाहती है, यह सब पहले आपको लिखित मे दे।
Sir आज से 30 साल पहले मेरे पिता जी की कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी कार total loss थी । 30 साल पहले उस कार की value 3 लाख रु थी । मेरे परिवार को डेथ क्लेम तो मिल गया था लेकिन कार का क्लेम नही मिला था तो हमने कार के क्लेम के लिए court में मुकद्दमा कर दिया और अभी अभी कार के loss के क्लेम का मुकद्दमा जीता है । आप कृपया ये बताएं कि 30 साल पहले 3 लाख total loss हुई कार का आज की डेट में कितना क्लेम मिलेगा
@@chaitanyajangra2096 अगर आपको यह क्लेम कोर्ट के माध्यम से केस लड़कर, कोर्ट के आदेश से मिल रहा है, तो कोर्ट ही ने क्लेम अमाउंट भी तैय किया होगा। आपको कोर्ट के आदेशानुसार क्लेम अमाउंट मिलना चाहिए।
Sar mera ninja 650 hain usme saed painsl dono trf ka change huaa udke mera 7% salvage kata ja rha kya Fiver me bhi salvage kata tha h kyu mera 80000 bil hain mera fiver ka 5000 mil jayegaa
मोटर बीमा पालिसी एक indemnity ( क्षतिपूर्ति) का contract होता है, यह क्षतिपूर्ति बीमा पालिसी अनुबंध के अनुसार होती है। बीमा पालिसी अनुबंध मे salvage के नाम deduction को कहीं भी नहीं लिखा होता है। हालांकि बीमा कंपनी गाड़ी क्लेम मे जनित salvage को बेचकर, उसे बीमा धारक के क्लेम क्षतिपूर्ति में इस्तेमाल कर सकती है। लेकिन क्लेम क्षतिपूर्ति की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की है। और यदि बीमा धारक इस साल्वेज के निपटान के लिए स्वयं तैयार है, तब एप्रूवड सर्वेयर या बीमा कंपनी को यह साल्वेज की वेल्यू- वास्तविक वेल्यू के अनुसार देनी चाहिए। 5%,,7% आदि का कोई नियम नहीं होता है। आप वजन के हिसाब से, लोकल एरिया मे कबाड़ी के द्वारा लगभग तैय रेट के अनुसार, प्लास्टिक, लोहे, aluminium आदि साल्वेज की पृकृति के अनुसार, लगभग रेट तैय कर सकते है।
@@motorinsuranceclaimspracti4142 surveyor mujhe bola ki 7% lgegaa jo is fiver ka kimat 500 bhi nhin milegaa 5600 mere se us Fiver le rhe hain or mujhe policy Lete Waqt ye nhin bola gya tha or sabse bari baat hain ki we mujhe GST kat kr payment krne ko bol rhe hain jisme mera 80000 ka bill me mujhe only 62000 rupya dene ko bol rhe hain GST kyu kat rhe hain mere jab ki we bole Zerro depression me jitna ka bill aayega usme only clame charge ktegaa or gst or salvage kata ja rha hain tab ye GST policy Lete Waqt mai diya or we mujhe clame dete wakt kyu kat rhe gst mere se jo Mera fainal billl Kawasaki ka mai 80000 pade kiya we bill ka copy Sarver Ko bhi Mila usko gst katne hal nhin full payment n kregaa sar plzzz help me 🙏 kya kri IRDA complain Kara Kyaa ya consumer case plaze help me 🙏🙏
@@Nk_patel_94 सबसे पहले बीमा कंपनी के chief Grievance officer को लिखित मे सभी शिकायत को भेजिये। हो सके तो इन्हें 01,02,03 नंबर मे किजिये। इसके बाद बीमा कंपनी आपको जबाब देगी। यदि आप की शिकायत को बीमा कंपनी हल कर देती है और आप उससे संतुष्ट होते है तो ठीक है, वर्ना फिर आप अपने क्षेत्र के लिए तैय बीमा लोकपाल आफिस मे अपनी बीमा क्लेम सैटलमैट के विषय मे गलत तरीके से सैटलमैट करने के लिए शिकायत को दर्ज कराइये। आपकी बीमा पालिसी पर आपके क्षेत्र के बीमा लोकपाल आफिस का पता फोन नंबर लिखा होगा। आप बीमा कंपनी से भी further शिकायत करने के लिए बीमा लोकपाल आफिस का पता व contact details की जानकारी को माँग सकते है। आप Google पर बीमा लोकपाल आफिस के विषय मे जानकारी को व शिकायत के तरीके को , bima lokpal की website पर जाकर चैक कर सकते है। लेकिन सबसे पहले आप बीमा कंपनी को लिखित में शिकायत भेजिये।
Sir mera total loss claim का decesion consumer court के through 4 साल मे clear hua h ab mujhe insurance company ko salvage देने के लिए order hua है or payment लेनी है लेकिन जिस workshop me मैंने damaged car रखी थी उसका manager clear नही बता रहा की car कहाँ है मुझे लगता है workshop द्वारा car को scrap कर दिया है अब मै claim कैसे प्राप्त करू और workshop के खिलाफ क्या कार्यवाही करू
यदि आप साल्वेज जमा नहीं कर पा रहे है तो बीमा कंपनी salvage scrap valve काटकर भुगतान कर सकती है। लेकिन आपको गाड़ी के Registration को cancel करने के लिए गाड़ी का चैसिस नंबर तो चाहिए होगा। आपकी गाड़ी पिछ्ले 04 वर्ष से खड़ी हुई है आपको समय समय पर गाड़ी की खबर लेनी चाहिए थी। अब आप को इस salvage scrap गाड़ी की चोरी के बारे में पुलिस FIR दर्ज करवानी चाहिए। यह गाड़ी का misuse भी हो सकता है। इसलिए FIR तो जरूरी है।
Total loss/ constructive total loss Insured vehicle has a loan outstanding, can it be considered wreck value with rc in survey report or it is considered without rc
Wreck value का मतलब कबाड़ वेल्यू से होता है। वाहन को RC के साथ बेचने को गाड़ी बेचना कहते है न कि कबाड़ बेचना। जो गाड़ी constructive total loss / total loss basis पर सैटल हो रही है, उस गाड़ी की RC cancellation की जानी चाहिए।
Report of the Working Group on Revisiting the product structure of Motor Own Damage 20th March, 2019, IRDAI. 3. Total Loss / Constructive Total Loss Claims: A vehicle will be considered to be a CTL, where the aggregate assessed cost of retrieval and / or repair of the vehicle before application of depreciation, salvage and deductibles exceeds 75% of the Sum Insured. """ In all cases of Total Loss / CTL, the Registration Certificate of the vehicle shall be cancelled and claim shall be settled only after the Insured surrenders such cancelled RC"". The policy shall be cancelled without return of premium.In Theft of entire vehicle, Total Loss and Constructive Total Loss claims the Sum Insured shall be payable.
As per IRDAI Circular- Circular Ref. No:IRDAI/NL/CIR/MOTOD/118/07/2019 Date:26-07-2019 Misuse of Total Loss Accident Vehicle Documents over Stolen Vehicles To, ALL GENERAL INSURERS (OTHER THAN STAND-ALONE HEALTH INSURERS AND SPECIALISED INSURERS) Re: - Misuse of Total Loss Accident Vehicle Documents over Stolen Vehicles It has come to the notice of Authority that in case of Total Loss (TL) of the vehicle, salvage of the vehicle is being sold to scrap dealers without cancelling Certificate of Registration (RC) of the vehicle. 2. It has been informed by the Law Enforcement Authorities that documents pertaining to such vehicles are being misused like giving new identity to the stolen vehicles by forging engine number and chassis number of destroyed vehicles under TL claims. 3. As per Section 55 of Motor Vehicle Act 1988, (1) If a motor vehicle has been destroyed or has been rendered permanently incapable of use, the owner shall, within fourteen days or as soon as may be, report the fact to the registering authority within whose jurisdiction he has the residence or place of business where the vehicle is normally kept, as the case may be, and shall forward to the authority the certificate of registration of the vehicle. (2) The registering authority shall, if it is the original registering authority, cancel the registration and the certificate of registration, or, if it is not, shall forward the report and the certificate of registration to the original registering authority and that authority shall cancel the registration. 4. """""" In view of the above, all insurers are advised to ensure cancellation of Certificate of Registration (RC) of the vehicle in case of total loss claim settlement"""" . Yours faithfully,
(Yegnapriya Bharath) Chief General Manager (NL) Insurance Regulatory and Development Authority of India. All Right Reserved.
One High Court Judgment:- IN THE HIGH COURT OF KERALA AT ERNAKULAM PRESENT THE HONOURABLE MR. JUSTICE T.R.RAVI FRIDAY, THE 3RD DAY OF SEPTEMBER 2021 / 12TH BHADRA, 1943 WP(C) NO. 27258 OF 2020. PETITIONER: SANDHYA LAL W/O. AJITH, 10/655(9/242) DOOSAMPARAMP, CHANDIROOR, AROOR, CHERTHALA, ALAPPUZHA-688 547 BY ADV ANJALI MENON RESPONDENTS: 1 KOTAK MAHINDRA GENERAL INSURANCE COMPANY LIMITED REPRESENTED BY ITS CEO AND MD, 8TH FLOOR, ZONE -IV, KOTAK INFINITI BUILDING NO. 21, INFINITY PARK, GEN. A.K. VAIDYA MARG, DINDOSHI, MALAD EAST, MUMBAI-400 097 2 INSURANCE OMBUDSMAN, OFFICE OF THE INSURANCE OMBUDSMAN, 2ND FLOOR, PULINAT BUILDING, OPP. COCHIN SHIPYARD, M.G. ROAD, ERNAKULAM, KOCHI-682 015 BY ADVS. SRI.GEORGE CHERIAN (SR.) SMT.K.S.SANTHI SRI.ALEXY AUGUSTINE SMT.LATHA SUSAN CHERIAN SRI.GEORGE A.CHERIAN THIS WRIT PETITION (CIVIL) HAVING COME UP FOR ADMISSION ON 26.08.2021, THE COURT ON 03.09.2021 DELIVERED THE FOLLOWING: 11. I shall now consider the contentions raised by the petitioner. """"The contention that the valuation of the Salvage is not proper is based on a wrong premise that the surveyor has given two different values for the same loss sustained"""". The agreement between the parties provides that in case of the repair cost exceeding 75% of the IDV, it is to be treated as a constructive total loss. """"A constructive total loss, going by the principles stated above, requires abandonment of the subject insured. Abandonment of the subject insured necessarily calls for cancellation of the RC"""". So, the evaluation shown as without RC, is in respect of a constructive total loss. At the same time, when the RC is retained, the option is left to the insured to use the vehicle after repair. Therefore, there is no total loss involved. The option to retain the RC is nothing but an option against abandonment which is a requisite for treating the loss as a constructive total loss, going by the fundamental principles of insurance as laid down in Hajee Habeeb(supra) with which I am in complete agreement, and, as contained in Sections 60 to 62 of the Marine Insurance Act. Therefore, the moment the petitioner chooses to retain the RC and the Salvage, he cannot lay a claim for compensation under constructive total loss. """" The only option available will be a claim under partial loss. The value of Salvage shown by the surveyor as with RC is the valuation done for the purpose of partial loss"""". """"It can thus be seen that the two values given are not for the same loss, but for a constructive total loss and a partial loss""". The contention that there can be no differential valuation is hence without any substance. The contention that the RC does not in any way affect the value of the motor vehicle cannot be accepted, having regard to the statutory requirement that a motor vehicle cannot be put to use without an RC and an insurance cover. """ The condition No.3 in Ext.P3 which provides an option for the insured to choose whether he wants to abandon the Salvage has not been violated in any manner. The option is still available with the petitioner to either choose to abandon or to retain the Salvage"""". """"""" The only difference is that if he chooses to retain the Salvage, he can claim only for a partial loss and not for a complete loss""""". The next contention of the petitioner that she has a right to be indemnified for the loss, also has to be appreciated with reference to the two kinds of losses that are possible, i.e., total loss and partial loss. It is for the petitioner to choose between the two. Having agreed to accept an insurance cover which says that where the cost of repair exceeds 75% of the IDV, it is to be treated as a constructive total loss, the petitioner can no longer contend that there can only be an actual total loss and no constructive total loss. Even when the fiction of the constructive total loss is put in place, the petitioner gets the option to choose between the constructive total loss or partial loss and this right is still not taken away. It cannot hence be said that there is a compulsion that the petitioner has to claim under constructive total loss alone, since she can choose not to abandon the insured subject. Having regard to the above findings, it cannot also be contended that there is a denial of the right to use property. So also, the petitioner is not entitled to contend that the IDV should have been taken as written down value, particularly since she had taken the insurance by showing the IDV as Rs.8,19,000/ and paid the premium on that. The only other contention is the one based on the judgment in Vania Silk(supra). The Hon'ble Supreme Court, in the above case was considering whether capital gains tax is invited on the amount received by the insured as compensation for the loss. The contention was that the amount received from the insurance company was against the Salvage and that it is in effect the amount received on sale of Salvage. """" The Hon'ble Supreme Court held that the Salvage in a total loss means that the property itself is not available and hence there is nothing available to be transferred""""". On the above reasoning, it was found that it is not a sale that is involved and only the payment consequent to an indemnity agreement. The above judgment will not help the petitioner's case in any manner. At the same time, the judgment reinforces the fact that in the case of a total loss, nothing remains as a title to the subject insured. """ A constructive total loss where the insured abandons the subject insured, thereby converting it into a total loss, is also on the same footing"""". As far as the report of the surveyor is concerned, the challenge is only on the aspect of the differential valuation, which cannot be sustained for the reasons already stated above. In the light of the decisions in Roshan Lal (supra) and Sikka Papers(supra), the report of the surveyor has to be given due weight and no grounds are made out to interfere with the same.
@Motor insurance claims, practices and facts. Thanku sir. Mujhe ek chiz aur confirm karni thi jaise k meri car 2015 model h aur uska zero dep insurance nhi h. Ab surveyor bol rhe h k aapka zero dep insurance nhi tha to iss vajah se aapko full IDV value nhi milegi in case of constructive total loss, IDV pr kuch depreciation lgega aur mujhe IDV ka 40-50% hi milega. So I want to confirm that in case of constructive total loss does we get full IDV value of vehicle irrespective of which type of insurance is done wheather it is zero dep or non zero dep? Thanks & Regards
I'm sharing Some part of """General Regulations 08"" of Indian Motor Tariff / Motor OD insurance policy contract:- A vehicle will be considered to be a CTL, where the aggregate cost of retrieval and / or repair of the vehicle subject to terms and conditions of the policy exceeds 75% of the IDV. For the purpose of TL/CTL claim settlement, this IDV will not change during the currency of the policy period in question. It is clearly understood that the liability of the insurer shall in no case exceed the IDV as specified in the policy schedule less the value of the wreck, in „as is where is‟ condition.
STANDARD FORM FOR PRIVATE CAR PACKAGE POLICY :- Policy condition 03- 3. The Company may at its own option repair reinstate or replace the vehicle or part thereof and/or its accessories or may pay in cash the amount of the loss or damage and the liability of the Company shall not exceed: (a) for total loss / constructive total loss of the vehicle - the Insured's Declared Value (IDV) of the vehicle (including accessories thereon) as specified in the Schedule less the value of the wreck. (b) for partial losses, i.e. losses other than Total Loss/Constructive Total Loss of the vehicle - actual and reasonable costs of repair and/or replacement of parts lost/damaged subject to depreciation as per limits specified.
Hello sir, meri car 2015 model ki h and uski IDV 290000 k around h. Recently my car got an accident & workshop has estimated repair cost around 465000. Abhi tk surveyor ki report ni aayi h. As my car is damaged badly, mai chahta hu k car constructive total loss me nikl jaaye Agr meri car constructive total loss me jaati h to kya mujhe full IDV milegi car ki ya fir IDV ka 50%? Because workshop employees bol re h k IDV pr bhi depreciation lgta h aur aapko pura IDV ni milega. Kindly suggest what to do.
आप एप्रूवड सर्वेयर व बीमा कंपनी दोनो से इस क्लेम केस के लिए से सर्वे रिपोर्ट कापी की माँग किजिये, यह सर्वे रिपोर्ट कापी आपको देना दोनों की जिम्मेदारी है। व बीमा कंपनी से लिखित मे क्लेम सैटलमैट आफर की माँग किजिये। बीमा कंपनी की किसी भी क्लेम को सैटलमैट करने के लिए नियमानुसार पहले claim settlement offer letter देना होता है। अधिकांश बीमा कंपनी यह offer letter नहीं देना चाहती है बल्कि उल्टा बीमा धारक ग्राहक की तरफ से ही किसी भी मनपसंद तरीके के अनुसार क्लेम सैटलमैट के लिए लिखवाकर ले लेती है। बीमा कंपनी से लिखित मे क्लेम सैटलमैट आफर लैटर मिलने के बाद आप इस क्लेम सैटलमैट विषय पर सहमति असहमति अपनी पसंद के अनुसार बीमा नियमों को ध्यान मे रखकर दीजिये। बीमा कंपनी या अन्य कोई भी आपके साथ जुबानी में तो गलत बयानी कर सकता है लेकिन लिखित मे जल्दी से गलत नहीं देगा।
Protection of policy holders interest gazette notification 2017,- 15. CLAIM PROCEDURE IN RESPECT OF A GENERAL INSURANCE POLICY 1. An insured or the claimant shall give notice to the insurer of any loss arising under contract of insurance at the earliest or within such extended time as may be allowed by the insurer. On receipt of such a communication, a general insurer shall respond immediately and give clear information to the insured on the procedures that he should follow. In cases where a surveyor has to be appointed for assessing a loss/claim, it shall do so immediately, in any case within 72 hours of the receipt of intimation from the insured. Insurer shall communicate the details of the appointment of surveyor, """"including the role, duties and responsibilities of the surveyor to the insured by letter, email or any other electronic form immediately after the appointment of the surveyor"""". 2. The insurer / surveyor shall within """"7 days of the claim intimation, inform the insured / claimant of the essential documents and other requirements that the claimant should submit in support of the claim""""". Where documents are available in public domain or with a public authority, the surveyor/insurer shall obtain them. 3. The surveyor shall start the survey immediately unless there is a contingency that delays immediate survey, in any case within 48 hours of his appointment. Interim report of the physical details of the loss shall be recorded and uploaded/forwarded to the insurer within the shortest time but not later than 15 days from the date of first visit of the surveyor. """"A copy of the interim report shall be furnished by the insurer to the insured/claimant, if he so desires"""". 4. Where the insured is unable to furnish all the particulars required by the surveyor or where the surveyor does not receive the full cooperation of the insured, """" the insurer or the surveyor, as the case may be, shall inform in writing to the insured under information to the insurer about the consequent delay that may result in the assessment of the claim""" . """" It shall be the duty equally of the insurer and the surveyor to follow up with the insured for pending information/documents guiding the insured with regard to submissions to be made"""". """" The insurer and/or surveyor shall not call for any information/document that is not relevant for the claim""""". 5. (i) The surveyor shall, subject to sub-regulation 4 above, submit his final report to the insurer within 30 days of his appointment. """"A copy of the surveyor’s report shall be furnished by the insurer "to the insured/claimant", if he so desires"""". Notwithstanding anything mentioned herein, in case of claims made in respect of commercial and large risks the surveyor shall submit the final report to the insurer within 90 days of his appointment. However, such claims shall be settled by the insurer within 30 days of receipt of final survey report and/or the last relevant and necessary document as the case may be. (ii) Where special circumstances exist in respect of a claim either due to its special / complicated nature, or due to difficulties associated with replacement/reinstatement, the surveyor shall, seek an extension from insurer for submission of his report. """"In such an event, the insurer shall give the status to the insured/claimant fortnightly wherever warranted""". The insurer may make provisional/ on account payment based on the admitted claim liability. 6. If an insurer, on the receipt of a survey report, finds that it is incomplete in any respect, he shall require the surveyor, under intimation to the insured/claimant; to furnish an additional report on certain specific issues as may be required by the insurer. Such a request may be made by the insurer within 15 days of the receipt of the final survey report. Provided that the facility of calling for an additional report by the insurer shall not be resorted to more than once in the case of a claim. 7. The surveyor, on receipt of this communication, shall furnish an additional report within three weeks from the date of receipt of communication from the insurer. 8. On receipt of the final survey report or the additional survey report, as the case may be, and on receipt of all required information/documents that are relevant and necessary for the claim, an insurer shall, with in a period of 30 days offer a settlement of the claim to the insured/claimant. If the insurer, for any reasons to be recorded in writing and communicated to the insured/claimant, decides to reject a claim under the policy, it shall do so within a period of 30 days from the receipt of the final survey report and/or additional information/documents or the additional survey report, as the case may be. 9. """" In case, the amount admitted is less than the amount claimed, then the insurer shall inform the insured/claimant in writing about the basis of settlement in particular, where the claim is rejected, the insurer shall give the reasons for the same in writing drawing reference to the specific terms and conditions of the policy document""". 10. """In the event the claim is not settled within 30 days as stipulated above, the insurer shall be liable to pay interest at a rate, which is 2% above the bank rate from the date of receipt of last relevant and necessary document from the insured/claimant by insurer till the date of actual payment""". 19. GENERAL PRINCIPLES: 6. Any breach of the obligations cast on an insurer or distribution channels or surveyors in terms of these regulations may enable the Authority to initiate action against each or all of them, jointly or severally, under the Act and/or the Insurance Regulatory and Development Authority Act, 1999.
@@motorinsuranceclaimspracti4142 Thanku sir. Mujhe ek chiz aur confirm karni thi jaise k meri car 2015 model h aur uska zero dep insurance nhi h. Ab surveyor bol rhe h k aapka zero dep insurance nhi tha to iss vajah se aapko full IDV value nhi milegi in case of constructive total loss, IDV pr kuch depreciation lgega aur mujhe IDV ka 40-50% hi milega. So I want to confirm that in case of constructive total loss does we get full IDV value of vehicle irrespective of which type of insurance is done wheather it is zero dep or non zero dep? Thanks & Regards
@Motor insurance claims, practices and facts. Thanku sir. Mujhe ek chiz aur confirm karni thi jaise k meri car 2015 model h aur uska zero dep insurance nhi h. Ab surveyor bol rhe h k aapka zero dep insurance nhi tha to iss vajah se aapko full IDV value nhi milegi in case of constructive total loss, IDV pr kuch depreciation lgega aur mujhe IDV ka 40-50% hi milega. So I want to confirm that in case of constructive total loss does we get full IDV value of vehicle irrespective of which type of insurance is done wheather it is zero dep or non zero dep? Thanks & Regards
RC कैंसिल होकर क्लेम सैटलमैट होना चाहिए। लेकिन हमारे देश मे बहुत सी निजी क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनी ctl loss मे, अपने फायदे के लिए, illegal तरीके से से, कबाड़ गाड़ी को एक गाड़ी के रूप मे बेचकर, क्लेम सैटलमैट करती है। जो कि एक गलत तरीका है।
As per IRDAI Circular- Circular Ref. No:IRDAI/NL/CIR/MOTOD/118/07/2019 Date:26-07-2019 Misuse of Total Loss Accident Vehicle Documents over Stolen Vehicles To, ALL GENERAL INSURERS (OTHER THAN STAND-ALONE HEALTH INSURERS AND SPECIALISED INSURERS) Re: - Misuse of Total Loss Accident Vehicle Documents over Stolen Vehicles It has come to the notice of Authority that in case of Total Loss (TL) of the vehicle, salvage of the vehicle is being sold to scrap dealers without cancelling Certificate of Registration (RC) of the vehicle. 2. It has been informed by the Law Enforcement Authorities that documents pertaining to such vehicles are being misused like giving new identity to the stolen vehicles by forging engine number and chassis number of destroyed vehicles under TL claims. 3. As per Section 55 of Motor Vehicle Act 1988, (1) If a motor vehicle has been destroyed or has been rendered permanently incapable of use, the owner shall, within fourteen days or as soon as may be, report the fact to the registering authority within whose jurisdiction he has the residence or place of business where the vehicle is normally kept, as the case may be, and shall forward to the authority the certificate of registration of the vehicle. (2) The registering authority shall, if it is the original registering authority, cancel the registration and the certificate of registration, or, if it is not, shall forward the report and the certificate of registration to the original registering authority and that authority shall cancel the registration. 4. """"" In view of the above, all insurers are advised to ensure cancellation of Certificate of Registration (RC) of the vehicle in case of total loss claim settlement""". Yours faithfully,
(Yegnapriya Bharath) Chief General Manager (NL) Insurance Regulatory and Development Authority of India. All Right Reserved.
@@motorinsuranceclaimspracti4142 Sir jo hamara insurance h vo sbi general se h unko v mai yhi bola ki sir rc cancel hota h to vo bole ki total loss me rc cancel hota or cunstructive total Loss me transfer yesa bola unhone
@@NikhilGupta-ov8cc इसका मतलब है कि या तो इन अधिकारी को बीमा पालिसी अनुबंध का सही से ज्ञान नहीं है या फिर धूर्तता की वजह से ऐसा कह रहे है। मोटर बीमा पालिसी अनुबंध की शर्त 03 के अनुसार 02 प्रकार के loss होते है। 1, CTL/TL , loss. 2, Partial loss. Total loss मतलब जो गाड़ी पुरी नष्ट हो गयी, जिसमे कुछ रिपेयर करने के लिए बचा ही नहीं हो। Constructive loss- जो गाड़ी रिपेयर तो हो सकती है लेकिन वाहन का Aggregate repair cost, गाड़ी की IDV के 75% से अधिक है तो constructive total loss होता है। बीमा पालिसी अनुबंध में, Constructive total loss व total loss दोनो को settle करने का एक ही तरीका दिया हुआ है। IDV- wreck value. Wreck value का मतलब कबाड़ गाड़ी को एक कबाड़ के रूप मे बेंचने से प्राप्त वेल्यू से है। यदि हम इस कबाड़ गाड़ी को एक गाड़ी के रूप मे बेचते है, with Registration Certificate तो इसे बेचने से प्राप्त value को wreck value नहीं कहते है। 1, CTL/TL loss. - repair cost > 75% of IDV. Idv value. 2. Partial loss.- repair cost < 75% of IDV. Actual and reasonable costs of repair.
@@NikhilGupta-ov8cc In CTL/TL claim case settlement, it is the responsibility of the insurance company to pay the IDV value to the insured customer. The insurance company may also use the wreck value obtained by selling the vehicle salvage (with cancellation of Registration Certificate) to indemnify the insured customer. But it is the responsibility of the insurance company to arrange this wreck value.
@@motorinsuranceclaimspracti4142sir meri gadi zoom car pvt ltd ne total loss me show kiya h bol rhe h ki apki gadi ki repairing cost idv se jyada h ,wo gadi transfer karne ke liye noc dene ko bol rhe h ,jabki m bol rha hu ki apne total loss kiya h to rc cancel hogi ,lekin wo bol rhe h ki 682000 me se 512000 company degi aur 170000 buyer dega jo scrap lega pls help me on this issue
Sir Aap bahut Accha kaam kar rahe Hain, Bhagwan apni kripa Aap par sadaev banaaye rakhew
Very good information sharing by Ashok Sir 👍👍👍
Great initiative for people who can avoid such problems/hurdles. Litterely I am also part of the fortunate list.
Sir ap ke video se bohot kuch janeko milte he👍
Sir I am a general insurance agent(new india assurance co.ltd) sir u are great 👍
U r great sir,
Good job sir
You are absolutely right
Bhai mne 2022 m claim lia tha hdfc ergo se
Ncb zero nahi kia continue rkha
2023 m national insurance ka lia
2024 me icici lombard ka
Ab car accident hogyii total loss h claim me kya issue aayega sir ??
Thank you sir very good information sir
Sir Very very important question
Please Reply
Sir, Agr vehicle Commercial ho aur usme IMT23 ad-on bhi ho
Aur Accident me Kewal IMT23 parts hi damage ho to claim milega ya nhi ??
Claim genuine ho
Gadi repair ka paisa beema company se mil sakta hai kya
@@aapkaamit5491
मै आपका सवाल सही से समझ नही पाया हूॅ।
वैसे बीमा कंपनी बीमा क्लेम मे नुकसान की क्षतिपूर्ति policy terms and conditions के तहत बीमाधारक ग्राहक को करती है।
Sir kya salvej bikne ke bad hi ensorence compeny paisa degi
बीमा कंपनी की जिम्मेदारी बीमा पालिसी अनुबंध के अनुसार दुर्घटना नुकसान के लिए बीमाधारक ग्राहक को उसके बीमा क्लेम के भुगतान की होती है।
बीमा कंपनी यह क्लेम भुगतान करने मे salvage बिक्री करके, उस value को क्लेम भुगतान में adjust कर सकती है। लेकिन यदि बीमा कंपनी ऐसा करना चाहती है तो कर सकती है लेकिन इसकी वजह से बीमाधारक ग्राहक के क्लेम को late नहीं कर सकती है।
Sir,I am Dr.Uday Kumar Basak from West Bengal.Please reply.
In constructive total loss can the insured demand the IDV and hand over the damaged car to the insurer defying any other solution?
With rc cancellation.
In motor insurance claim settlement, the insured customer can take decisions as per his choice within the scope of the insurance policy contract.
Sir is there any procedure to calculate salvage value of a vehicle. Which declare CTL
यदि दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी को with Registration certificat के साथ बेचा जाता है तो उसे गाड़ी बेचना कहते है।
यदि गाड़ी के Registration certificat को cancel करके बेचा जाता है तो उसे salvage या wreckage बेचना कहते है।
Salvage value/ wreckage value जानने के लिए कोई fix पैमाना नही होता है, इसके लिए खुले मार्केट से quotation लेकर, प्राप्त rate के आधार पर जाना जा सकता है।
Sir ap kitne time me case solve krdete
मै मोटर OD claim विषय पर , बीमा नियमों के अनुसार सही गलत के अंतर को बताने में सहायता कर सकता हूँ। सही वाजिब मोटर OD claim विषय हक लेने मे सहायता कर सकता हूँ।
लेकिन मुझे निर्णय लेने का अधिकार नहीं होता है, इसलिए किसी मोटर बीमा क्लेम विवाद विषय में मै यह नहीं कह सकता हूँ कि यह कितने समय मे solve होगा।
Sir i am having 10 year old cb shine recently i had a accident the estimated is about 8500 (70%) and idv value is 12000 they are considering as a constructive total loss what should i do now?
यदि रिपेयर खर्च 70% of IDV है तो यह क्लेम किसी भी नजरिए से constructive total loss/ total loss नहीं है।
वैसे आमतौर पर सभी बीमा कंपनी बजाय रिपेयर खर्च के, partial loss basis मानकर गणना करने मे यदि बीमा कंपनी की net liability 75% of idv से अधिक आती है, तब constructive total loss / total loss claim मानते है। हालंकि मै रिपेयर खर्च के आधार पर मानता हूँ, लेकिन मेरा जैसा मानने वाले 01% भी नहीं है।
आप बीमा कंपनी को ईमेल पर जानकारी देकर बता सकते है कि आपके अनुसार रह एक partial loss claim है। इसलिए आप एक partial loss basis claim settlement चाहते है।
यदि बीमा कंपनी आपसे सहमत होती है तो सही है अन्यथा आप स्वयं अपनी जिम्मेदारी पर अपनी motorcycle को रिपेयर कराने का निर्णय ले सकते है। बस रिपेयर शुरू कराने से पहले बीमा कंपनी को ईमेल पर इसकी जानकारी दे देना।
जब मोटरसाइकिल रिपेयर हो जायेगी तो वास्तविक रिपेयर खर्च की जानकारी हो जायेगी, जो 75% of idv से कम होगा, आप बीमा कंपनी को यह बिल भेजकर partial loss basis पर claim settlement की मांग कर सकते है।
इस पर भी बीमा कंपनी न माने तो आप बीमा लोकपाल आफिस की website पर जाकर online तरीके से शिकायत कर सकते है।
इस क्लेम केस मे आपको irdai, department of financial services, higher authorities को शिकायत करनी चाहिए।
Meri bike ke dono rim bend ho gaye hai....claim.approved hai and rim replace ho rahee hai ...question yeh hai kee salvage kitna percent lagta hai ...aur agar mai salvage deta hun ...kya Rim mujhe jis condition me abhee hai usse condition me milegee ya completely damage karke milaygee ?
मोटर own damage बीमा पॉलिसी एक indemnity ( क्षतिपूर्ति) का contract होती है। बीमा क्लेम indemnification की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होती है।
बीमा कंपनी क्लेम मे उपलब्ध scrap salvage को बेचकर क्लेम indemnification मे इस्तेमाल कर सकती है। यदि बीमाधारक उस उपलब्ध salvage को लेना चाहता है तो बीमा कंपनी उस salvage को अनुमानित वास्तविक लगभग कीमत पर बीमाधारक को दे सकती है, क्लेम अमाउंट मे से काटकर दे सकती है।
Sir ye Constructive total loss to pta hai. Lekin ( NET OF SALVAGE - WITH RC) kya hota hai ?
निजी कार मोटर OD बीमा पालिसी के अंतर्गत में condition 03 में बीमा क्लेम सैटलमैट करने के लिए 02 विकल्प दिये होते है।
1, partial loss basis claim,
2, ctl/tl basis claim.
लेकिन बीमा पालिसी में Net of salvage with RC नामक कोई विकल्प नहीं लिखा होता है।
साल्वेज बेचने व गाड़ी के रूप में बेचने मे फर्क होता है।
STANDARD FORM FOR PRIVATE CAR PACKAGE POLICY :-
Policy condition 03-
3. The Company may at its own option repair reinstate or replace the vehicle or part thereof and/or its accessories or may pay in cash the amount of the loss or damage and the liability of the company shall not exceed:
(a) for total loss / constructive total loss of the vehicle -
the Insured's Declared Value (IDV)of the vehicle (including accessories thereon) as specified in the Schedule less the value of the wreck.
(b) for partial losses, i.e. losses other than Total Loss/Constructive Total Loss of the vehicle -
actual and reasonable costs of repair and/or replacement of parts lost/damaged subject to depreciation as per limits specified.
As per IRDAI Circular-
Circular
Ref. No:
IRDAI/NL/CIR/MOTOD/118/07/2019
Date:26-07-2019
Misuse of Total Loss Accident Vehicle Documents over Stolen Vehicles
To,
ALL GENERAL INSURERS (OTHER THAN STAND-ALONE HEALTH INSURERS AND SPECIALISED INSURERS)
Re: - Misuse of Total Loss Accident Vehicle Documents over Stolen Vehicles
It has come to the notice of Authority that in case of Total Loss (TL) of the vehicle, salvage of the vehicle is being sold to scrap dealers without cancelling Certificate of Registration (RC) of the vehicle.
2. It has been informed by the Law Enforcement Authorities that documents pertaining to such vehicles are being misused like giving new identity to the stolen vehicles by forging engine number and chassis number of destroyed vehicles under TL claims.
3. As per Section 55 of Motor Vehicle Act 1988,
(1) If a motor vehicle has been destroyed or has been rendered permanently incapable of use, the owner shall, within fourteen days or as soon as may be, report the fact to the registering authority within whose jurisdiction he has the residence or place of business where the vehicle is normally kept, as the case may be, and shall forward to the authority the certificate of registration of the vehicle.
(2) The registering authority shall, if it is the original registering authority, cancel the registration and the certificate of registration, or, if it is not, shall forward the report and the certificate of registration to the original registering authority and that authority shall cancel the registration.
4. In view of the above, all insurers are advised to ensure cancellation of Certificate of Registration (RC) of the vehicle in case of total loss claim settlement.
Yours faithfully,
(Yegnapriya Bharath)
Chief General Manager (NL)
Insurance Regulatory and Development Authority of India. All Right Reserved.
सर्वे रिपोर्ट लेने के लिए क्या करना होगा
@@omgupta1014
जो सर्वेयर साहब है व बीमा कंपनी है दोनो को सर्वे रिपोर्ट देने के लिए ईमेल करनी चाहिए। हो सकता है शुरूआत मे दोनो ही आपको सर्वे रिपोर्ट न दे, कोई जबाब न दे या इसके लिए कोई ऊलजलूल वजह बताये, ऐसा हो तो आप बार बार ईमेल करें, साथ मे irdai officials व संबंधित वरिष्ठ अधिकारीगण को शिकायत करे।
बीमा कंपनी व एप्रूवड सर्वेयर दोनो की जिम्मेदारी होती है कि वो बीमाधारक ग्राहक को सर्वे रिपोर्ट कापी दे।
कभी कभी ऐसा भी होता है कि आप बीमा कंपनी से सर्वे रिपोर्ट कापी की मांग करेंगे और ये लोग आपको सिर्फ assessment sheet या preliminary survey report, preliminary assessment sheet आदि भेजे, जबकि आप final survey report copy की मांग कर रहे होंगे।
क्लेम सैटलमैट का निर्णय, final survey report के आधार पर, ध्यान मे रखकर बीमा कंपनी को लेना होता है। सर्व रिपोर्ट मे क्लेम के विषय मे बहुत सी जानकारी, असेसमेंट की जानकारी, admissibility पर recommendation आदि होती है। इसलिए final सर्वे रिपोर्ट न मिलने तक, इसकी मांग लगातार करते रहना चाहिए।
sir mere gadi ki idv value 4.5 lakh jabki surveyor or workshop ne 3.6 lakh ka repair cost dikhake total loss m de diya h jabki dusra workshop usko 2 lakh m hi repair kr rha h insurance company ka manager dusre workshop se repaire ki mana kar rha h to ab kya kare
गाड़ी के मालिक आप है। गाड़ी कहाँ पर रिपेयर करानी है यह निर्णय आपको लेना है। यदि आप पहले यह गाड़ी को रिपेयर कराने के लिए ले गयें है और किसी वजह से रिपेयर खर्च, workshop के standard, way of working आदि आदि से, तो आप किसी दुसरी वर्कशाप पर अपनी मर्जी पसंद से गाड़ी को रिपेयर करने के लिए ले जा सकते है। इसके लिए आपको किसी से इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। बस आपको इसकी जानकारी बीमा कंपनी या संबधित लोगो को ईमेल / पत्रि के द्वारा दे देनी है।
यदि गाड़ी का रिपेयर खर्च 75% of IDV से कम होगा तो यह एक constructive total loss claim होगा।
Claim lene me liye valid PUC certificate jaruri h kya yadi nhi h kya company claim rejected kr deti h kya car total loss m h meri
मोटर बीमा पॉलिसी खरिदने के लिए, valid PUC की आवश्यकता रखी हुई है, लेकिन क्लेम के लिए PUC की कोई आवश्यकता नहीं होती है।
@@motorinsuranceclaimspracti4142 thanks for reply 🙏🙏🙏
Sir mere pass swift vid hai awor ushki idv 307716 awoe awor bima complny bol rahi hai ki 75 demej hai awor sir muje car thik karvani hai to kyaa kare sir plzzz batavo kya kare
आप अपने गाड़ी के नुकसान को सही से जाना लो। गाड़ी का रिपेयर खर्च अलग अलग स्तर की वर्कशाप पर अलग अलग होता है। अधिकांश मामलों मे वाहन निर्माता कंपनी डीलर वर्कशाप पर खर्च ज्यादा आता है, इसके बाद इनसे कम multibrand workshop पर आता है, व सबसे कम छोटी वर्कशाप दुकान टाइप की जो वर्कशाप होती है उन पर सबसे कम आता है। आप गाड़ी रिपेयर खर्च को IInd hand पार्टस से रिपेयर कराकर भी कम कर सकते है।
बीमा क्लेम मे यह आपकी मर्जी है कि आप किसी भी वर्कशाप पर अपनी मर्जी से गाड़ी को रिपेयर करा सकते है। बीमा पालिसी अनुबंध या देश के कानून मे वाहन निर्माता कंपनी के यहाँ पर ही गाड़ी को रिपेयर कराने की बाध्यता नहीं है। यदि आपने बीमा क्लेम के लिए किसी बड़ी वर्कशाप पर गाड़ी को रिपेयर कराने के लिए ले गये है, लेकिन अब आप उसके रिपेयर खर्च या व्यवहार, या कार्य प्रणाली से सहमत व संतुष्ट नहीं है तब भी आप अपनी मर्जी से गाड़ी को दुसरी वर्कशाप पर रिपेयर कराने के लिए स्थानांतरित कर सकते है। यह आपकी मर्जी पसंद पर निर्भर करता है।
गाड़ी को रिपेयर कराने मे आप नये, IInd hand parts का इस्तेमाल कर सकते है, यह भी आपकी मर्जी पसंद पर निर्भर करता है। बीमा पालिसी अनुबंध या देश के कानून मे इसके लिए भी कोई मनाही नहीं है।
बस आपको अपनी गाड़ी के रिपेयर खर्च को manage करना है। आपको बीमा कंपनी व एप्रूवड सर्वेयर को लिखित में जानकारी देकर कि यह गाड़ी 75% of IDV से कम खर्च में रिपेयर हो जायेग, अपनी गाड़ी को अपनी मर्जी से अपनी जिम्मेदारी पर रिपेयर करा देनी है। जब गाड़ी रिपेयर हो जाय तो बीमा कंपनी को रिपेयर बिल 75% of IDV से कम उपलब्ध करा देना है, व लिखित मे Re inspection survey करने के लिए निवेदन करना है, व बताना है कि यह गाड़ी कुल 75% of IDV से कम खर्च में रिपेयर हो गयी है। अतः यह एक partial loss claim है और आप बीमा कंपनी से partial loss basis claim settlement चाहते है। हो सकता है बीमा कंपनी आपसे एकदम से सहमत न हो कुछ दिन लगातार बीमा कंपनी से इस विषय मे email communication करना, बीमा कंपनी मान जायेगी। क्योंकि बीमा कंपनी के पास आपके क्लेम को partial loss claim न कहने के लिए कोई भी उपयुक्त जबाब नहीं होगा।
यदि 1% बीमा कंपनी तब भी आपको partial loss basis पर क्लेम नहीं देती तब आप बीमा लोकपाल आफिस में शिकायत कर सकते है। यहां पर आपको न्याय मिल ही जायेगा। यदि 01 % आपको यहाँ से भी न्याय नहीं मिलता तो आप consumer court जा सकते है, यहाँ से आपको न्याय जरूर मिल जायेगा।
wish i had met you before a month.
Don't worry, be careful in future.
सर मेरी गाड़ी में CTL में SATTLE हो रही। लेकिन INSURANCE कंपनी बिना SATTLEMENT OFFER और SATTLEMENT AMOUNT बताए गाड़ी को SALVAGE BUYER को HAND OVER करने कह रही। क्या करूँ ?
आप बीमा कंपनी से लिखित मे यह सब मांगिये। आप बीमा कंपनी से पूछियेगा कि बीमा कंपनी घोषित साल्वेज गाड़ी को एक साल्वेज के तौर पर, मोटर व्हीकल एक्ट के section 55 के अनुसार Registration certificate को cancel करके किसी अज्ञात कबाड़ी को बेचने के लिए कह रही है या
घोषित साल्वेज को एक गाड़ी के रूप में with Registration certificate, blank RTO form 29-30 पर बीमाधारक ग्राहक के हस्ताक्षर के साथ, एक अज्ञात कबाड़ी को बेचने के लिए कह रही है।
बीमा क्लेम indemnification की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की होती है। यदि बीमा कंपनी यह क्लेम indemnification में साल्वेज वेल्यू को adjust करना चाहती है तो करे, लेकिन बीमा कंपनी को यह साल्वेज निपटान को स्वयं अपनी जिम्मेदारी पर करना होगा।
यदि बीमा कंपनी साल्वेज के नाम पर दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी को with Registration certificate बेच कर क्लेम सैटलमैट करना चाह रही होगी, तब भी वह अपनी स्वयं की जिम्मेदारी पर यह process को लिखकर नहीं देगी, क्योंकि यह एक illegal process होता है।
ऐसे मामले मे बीमा कंपनी बहुत धूर्तता से काम करती है, यह सब बीमाधारक ग्राहक से एक affidavit के रूप मे consent लिखवाकर लेती है। यह affidavit consent की भाषा, अपनी पसंद के अनुसार एक तैय format के अनुसार बीमा कंपनी, बीमाधारक ग्राहक को देती है। जिसमे लिखा होता है कि बीमाधारक ग्राहक स्वयं ऐसा चाहता है।
मतलब बीमा कंपनी इस गलत कार्य की जिम्मेदारी बड़ी चालाकी से बीमाधारक ग्राहक पर डाल देती है।
Protection of policy holders interest gazette notification 2017 मे General insurance claim के लिए तैय guidelines के अनुसार बीमा कंपनी को बीमाधारक ग्राहक को क्लेम सैटलमैट के लिए लिखित में offer देना होता है।
आप बीमा कंपनी से ईमेल करके proper स्पष्ट भाषा मे यह क्लेम settlement के लिए offer की लिखित मे देने के लिए मांग करो।
आप बीमा कंपनी से कहो कि बीमा कंपनी जैसें भी यह क्लेम को settle करना चाहती है, जिसे जैसे salvage को जिस प्रकार बेचना चाहती है, यह सब पहले आपको लिखित मे दे।
Sir आज से 30 साल पहले मेरे पिता जी की कार दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी कार total loss थी । 30 साल पहले उस कार की value 3 लाख रु थी । मेरे परिवार को डेथ क्लेम तो मिल गया था लेकिन कार का क्लेम नही मिला था तो हमने कार के क्लेम के लिए court में मुकद्दमा कर दिया और अभी अभी कार के loss के क्लेम का मुकद्दमा जीता है । आप कृपया ये बताएं कि 30 साल पहले 3 लाख total loss हुई कार का आज की डेट में कितना क्लेम मिलेगा
@@chaitanyajangra2096
अगर आपको यह क्लेम कोर्ट के माध्यम से केस लड़कर, कोर्ट के आदेश से मिल रहा है, तो कोर्ट ही ने क्लेम अमाउंट भी तैय किया होगा। आपको कोर्ट के आदेशानुसार क्लेम अमाउंट मिलना चाहिए।
Sar mera ninja 650 hain usme saed painsl dono trf ka change huaa udke mera 7% salvage kata ja rha kya Fiver me bhi salvage kata tha h kyu mera 80000 bil hain mera fiver ka 5000 mil jayegaa
मोटर बीमा पालिसी एक indemnity ( क्षतिपूर्ति) का contract होता है, यह क्षतिपूर्ति बीमा पालिसी अनुबंध के अनुसार होती है।
बीमा पालिसी अनुबंध मे salvage के नाम deduction को कहीं भी नहीं लिखा होता है। हालांकि बीमा कंपनी गाड़ी क्लेम मे जनित salvage को बेचकर, उसे बीमा धारक के क्लेम क्षतिपूर्ति में इस्तेमाल कर सकती है।
लेकिन क्लेम क्षतिपूर्ति की जिम्मेदारी बीमा कंपनी की है।
और यदि बीमा धारक इस साल्वेज के निपटान के लिए स्वयं तैयार है, तब एप्रूवड सर्वेयर या बीमा कंपनी को यह साल्वेज की वेल्यू- वास्तविक वेल्यू के अनुसार देनी चाहिए।
5%,,7% आदि का कोई नियम नहीं होता है।
आप वजन के हिसाब से, लोकल एरिया मे कबाड़ी के द्वारा लगभग तैय रेट के अनुसार, प्लास्टिक, लोहे, aluminium आदि साल्वेज की पृकृति के अनुसार, लगभग रेट तैय कर सकते है।
@@motorinsuranceclaimspracti4142 surveyor mujhe bola ki 7% lgegaa jo is fiver ka kimat 500 bhi nhin milegaa 5600 mere se us Fiver le rhe hain or mujhe policy Lete Waqt ye nhin bola gya tha or sabse bari baat hain ki we mujhe GST kat kr payment krne ko bol rhe hain jisme mera 80000 ka bill me mujhe only 62000 rupya dene ko bol rhe hain GST kyu kat rhe hain mere jab ki we bole Zerro depression me jitna ka bill aayega usme only clame charge ktegaa or gst or salvage kata ja rha hain tab ye GST policy Lete Waqt mai diya or we mujhe clame dete wakt kyu kat rhe gst mere se jo Mera fainal billl Kawasaki ka mai 80000 pade kiya we bill ka copy Sarver Ko bhi Mila usko gst katne hal nhin full payment n kregaa sar plzzz help me 🙏 kya kri IRDA complain Kara Kyaa ya consumer case plaze help me 🙏🙏
@@Nk_patel_94
सबसे पहले बीमा कंपनी के chief Grievance officer को लिखित मे सभी शिकायत को भेजिये। हो सके तो इन्हें 01,02,03 नंबर मे किजिये। इसके बाद बीमा कंपनी आपको जबाब देगी। यदि आप की शिकायत को बीमा कंपनी हल कर देती है और आप उससे संतुष्ट होते है तो ठीक है, वर्ना फिर आप अपने क्षेत्र के लिए तैय बीमा लोकपाल आफिस मे अपनी बीमा क्लेम सैटलमैट के विषय मे गलत तरीके से सैटलमैट करने के लिए शिकायत को दर्ज कराइये।
आपकी बीमा पालिसी पर आपके क्षेत्र के बीमा लोकपाल आफिस का पता फोन नंबर लिखा होगा।
आप बीमा कंपनी से भी further शिकायत करने के लिए बीमा लोकपाल आफिस का पता व contact details की जानकारी को माँग सकते है।
आप Google पर बीमा लोकपाल आफिस के विषय मे जानकारी को व शिकायत के तरीके को , bima lokpal की website पर जाकर चैक कर सकते है।
लेकिन सबसे पहले आप बीमा कंपनी को लिखित में शिकायत भेजिये।
Sir mera total loss claim का decesion consumer court के through 4 साल मे clear hua h ab mujhe insurance company ko salvage देने के लिए order hua है or payment लेनी है लेकिन जिस workshop me मैंने damaged car रखी थी उसका manager clear नही बता रहा की car कहाँ है मुझे लगता है workshop द्वारा car को scrap कर दिया है अब मै claim कैसे प्राप्त करू और workshop के खिलाफ क्या कार्यवाही करू
यदि आप साल्वेज जमा नहीं कर पा रहे है तो बीमा कंपनी salvage scrap valve काटकर भुगतान कर सकती है।
लेकिन आपको गाड़ी के Registration को cancel करने के लिए गाड़ी का चैसिस नंबर तो चाहिए होगा।
आपकी गाड़ी पिछ्ले 04 वर्ष से खड़ी हुई है आपको समय समय पर गाड़ी की खबर लेनी चाहिए थी।
अब आप को इस salvage scrap गाड़ी की चोरी के बारे में पुलिस FIR दर्ज करवानी चाहिए। यह गाड़ी का misuse भी हो सकता है। इसलिए FIR तो जरूरी है।
यदि हो सके तो यह निर्णय की कापी को मुझे शेयर करना , मै निर्णय को पढ़ना चाहूँगा।
ashok.1224@rediffmail.com
Total loss/ constructive total loss Insured vehicle has a loan outstanding, can it be considered wreck value with rc in survey report or it is considered without rc
Wreck value का मतलब कबाड़ वेल्यू से होता है। वाहन को RC के साथ बेचने को गाड़ी बेचना कहते है न कि कबाड़ बेचना।
जो गाड़ी constructive total loss / total loss basis पर सैटल हो रही है, उस गाड़ी की RC cancellation की जानी चाहिए।
Report of the Working Group on Revisiting the product structure of Motor Own Damage 20th March, 2019, IRDAI.
3. Total Loss / Constructive Total Loss Claims:
A vehicle will be considered to be a CTL, where the aggregate assessed cost of retrieval and / or repair of the vehicle before application of depreciation, salvage and deductibles exceeds 75% of the Sum Insured.
""" In all cases of Total Loss / CTL, the Registration Certificate of the vehicle shall be cancelled and claim shall be settled only after the Insured surrenders such cancelled RC"".
The policy shall be cancelled without return of premium.In Theft of entire vehicle, Total Loss and Constructive Total Loss claims the Sum Insured shall be payable.
As per IRDAI Circular-
Circular
Ref. No:IRDAI/NL/CIR/MOTOD/118/07/2019
Date:26-07-2019
Misuse of Total Loss Accident Vehicle Documents over Stolen Vehicles
To,
ALL GENERAL INSURERS (OTHER THAN STAND-ALONE HEALTH INSURERS AND SPECIALISED INSURERS)
Re: - Misuse of Total Loss Accident Vehicle Documents over Stolen Vehicles
It has come to the notice of Authority that in case of Total Loss (TL) of the vehicle, salvage of the vehicle is being sold to scrap dealers without cancelling Certificate of Registration (RC) of the vehicle.
2. It has been informed by the Law Enforcement Authorities that documents pertaining to such vehicles are being misused like giving new identity to the stolen vehicles by forging engine number and chassis number of destroyed vehicles under TL claims.
3. As per Section 55 of Motor Vehicle Act 1988,
(1) If a motor vehicle has been destroyed or has been rendered permanently incapable of use, the owner shall, within fourteen days or as soon as may be, report the fact to the registering authority within whose jurisdiction he has the residence or place of business where the vehicle is normally kept, as the case may be, and shall forward to the authority the certificate of registration of the vehicle.
(2) The registering authority shall, if it is the original registering authority, cancel the registration and the certificate of registration, or, if it is not, shall forward the report and the certificate of registration to the original registering authority and that authority shall cancel the registration.
4. """""" In view of the above, all insurers are advised to ensure cancellation of Certificate of Registration (RC) of the vehicle in case of total loss claim settlement"""" .
Yours faithfully,
(Yegnapriya Bharath)
Chief General Manager (NL) Insurance Regulatory and Development Authority of India.
All Right Reserved.
One High Court Judgment:-
IN THE HIGH COURT OF KERALA AT ERNAKULAM PRESENT THE HONOURABLE MR. JUSTICE T.R.RAVI FRIDAY, THE 3RD DAY OF SEPTEMBER 2021 / 12TH BHADRA, 1943 WP(C) NO. 27258 OF 2020.
PETITIONER: SANDHYA LAL W/O. AJITH, 10/655(9/242) DOOSAMPARAMP, CHANDIROOR, AROOR, CHERTHALA, ALAPPUZHA-688 547 BY ADV ANJALI MENON
RESPONDENTS:
1 KOTAK MAHINDRA GENERAL INSURANCE COMPANY LIMITED REPRESENTED BY ITS CEO AND MD, 8TH FLOOR, ZONE -IV, KOTAK INFINITI BUILDING NO. 21, INFINITY PARK, GEN. A.K. VAIDYA MARG, DINDOSHI, MALAD EAST, MUMBAI-400 097
2 INSURANCE OMBUDSMAN, OFFICE OF THE INSURANCE OMBUDSMAN, 2ND FLOOR, PULINAT BUILDING, OPP. COCHIN SHIPYARD, M.G. ROAD, ERNAKULAM, KOCHI-682 015 BY ADVS. SRI.GEORGE CHERIAN (SR.) SMT.K.S.SANTHI SRI.ALEXY AUGUSTINE SMT.LATHA SUSAN CHERIAN SRI.GEORGE A.CHERIAN
THIS WRIT PETITION (CIVIL) HAVING COME UP FOR ADMISSION ON 26.08.2021, THE COURT ON 03.09.2021 DELIVERED THE FOLLOWING:
11. I shall now consider the contentions raised by the petitioner.
""""The contention that the valuation of the Salvage is not proper is based on a wrong premise that the surveyor has given two different values for the same loss sustained"""".
The agreement between the parties provides that in case of the repair cost exceeding 75% of the IDV, it is to be treated as a constructive total loss.
""""A constructive total loss, going by the principles stated above, requires abandonment of the subject insured. Abandonment of the subject insured necessarily calls for cancellation of the RC"""".
So, the evaluation shown as without RC, is in respect of a constructive total loss.
At the same time, when the RC is retained, the option is left to the insured to use the vehicle after repair. Therefore, there is no total loss involved. The option to retain the RC is nothing but an option against abandonment which is a requisite for treating the loss as a constructive total loss, going by the fundamental principles of insurance as laid down in Hajee Habeeb(supra) with which I am in complete agreement, and, as contained in Sections 60 to 62 of the Marine Insurance Act.
Therefore, the moment the petitioner chooses to retain the RC and the Salvage, he cannot lay a claim for compensation under constructive total loss.
"""" The only option available will be a claim under partial loss. The value of Salvage shown by the surveyor as with RC is the valuation done for the purpose of partial loss"""".
""""It can thus be seen that the two values given are not for the same loss, but for a constructive total loss and a partial loss""".
The contention that there can be no differential valuation is hence without any substance. The contention that the RC does not in any way affect the value of the motor vehicle cannot be accepted,
having regard to the statutory requirement that a motor vehicle cannot be put to use without an RC and an insurance cover.
""" The condition No.3 in Ext.P3 which provides an option for the insured to choose whether he wants to abandon the Salvage has not been violated in any manner. The option is still available with the petitioner to either choose to abandon or to retain the Salvage"""".
""""""" The only difference is that if he chooses to retain the Salvage, he can claim only for a partial
loss and not for a complete loss""""".
The next contention of the petitioner that she has a right to be indemnified for the loss, also has to be appreciated with reference to the two kinds of losses that are possible, i.e., total loss and partial loss.
It is for the petitioner to choose between the two. Having agreed to accept an insurance cover which says that where the cost of repair exceeds 75% of the IDV, it is to be treated as a constructive total loss, the petitioner can no longer contend that there can only be an actual total loss and no constructive total loss.
Even when the fiction of the constructive total loss is put in place, the petitioner gets the option to choose between the constructive total loss or partial loss and this right is still not taken away.
It cannot hence be said that there is a compulsion that the petitioner has to claim under constructive total loss alone, since she can choose not to abandon the insured subject. Having regard to the above findings, it cannot also be contended that there is a denial of the right to use property.
So also, the petitioner is not entitled to contend that the IDV should have been taken as written down value, particularly since she had taken the insurance by showing the IDV as Rs.8,19,000/ and paid the premium on that. The only other contention is the one based on the judgment in Vania Silk(supra). The Hon'ble Supreme Court, in the above case was considering whether capital gains tax is invited on the amount received by the insured as compensation for the loss. The contention was that the amount received from the insurance company was against the Salvage and that it is in effect the amount
received on sale of Salvage.
"""" The Hon'ble Supreme Court held that the Salvage in a total loss means that the property itself is not available and hence there is nothing available to be transferred""""".
On the above reasoning, it was found that it is not a sale that is involved and only the payment consequent to an indemnity agreement. The above judgment will not help the petitioner's case in any manner.
At the same time, the judgment reinforces the fact that in the case of a total loss, nothing remains as a title to the subject insured.
""" A constructive total loss where the insured abandons the subject insured, thereby converting it into a total loss, is also
on the same footing"""".
As far as the report of the surveyor is concerned, the challenge is only on the aspect of the differential valuation, which cannot be sustained for the reasons already stated above. In the light of the decisions in Roshan Lal (supra) and Sikka Papers(supra), the report of the surveyor has to be given due weight and no grounds are made out to interfere with the same.
Sir aap.se help chaiye pls @@motorinsuranceclaimspracti4142
@Motor insurance claims, practices and facts. Thanku sir. Mujhe ek chiz aur confirm karni thi jaise k meri car 2015 model h aur uska zero dep insurance nhi h. Ab surveyor bol rhe h k aapka zero dep insurance nhi tha to iss vajah se aapko full IDV value nhi milegi in case of constructive total loss, IDV pr kuch depreciation lgega aur mujhe IDV ka 40-50% hi milega.
So I want to confirm that in case of constructive total loss does we get full IDV value of vehicle irrespective of which type of insurance is done wheather it is zero dep or non zero dep?
Thanks & Regards
I'm sharing Some part of """General Regulations 08"" of Indian Motor Tariff / Motor OD insurance policy contract:-
A vehicle will be considered to be a CTL, where the aggregate cost of retrieval and / or repair of the vehicle subject to terms and conditions of the policy exceeds 75% of the IDV.
For the purpose of TL/CTL claim settlement, this IDV will not change during the currency of the policy period in question. It is clearly understood that the liability of the insurer shall in no case exceed the IDV as specified in the policy schedule less the value of the wreck, in „as is where is‟ condition.
STANDARD FORM FOR PRIVATE CAR PACKAGE POLICY :-
Policy condition 03-
3. The Company may at its own option repair reinstate or replace the vehicle or part thereof and/or its accessories or may pay in cash the amount of the loss or damage and the liability of the Company shall not exceed:
(a) for total loss / constructive total loss of the vehicle - the Insured's Declared Value (IDV) of the vehicle (including accessories thereon) as specified in the Schedule less the value of the wreck.
(b) for partial losses, i.e. losses other than Total Loss/Constructive Total Loss of the vehicle - actual and reasonable costs of repair and/or replacement of parts lost/damaged subject to depreciation as per limits specified.
Hello sir, meri car 2015 model ki h and uski IDV 290000 k around h. Recently my car got an accident & workshop has estimated repair cost around 465000. Abhi tk surveyor ki report ni aayi h. As my car is damaged badly, mai chahta hu k car constructive total loss me nikl jaaye
Agr meri car constructive total loss me jaati h to kya mujhe full IDV milegi car ki ya fir IDV ka 50%? Because workshop employees bol re h k IDV pr bhi depreciation lgta h aur aapko pura IDV ni milega. Kindly suggest what to do.
IDV के अनुसार क्लेम सैटलमेंट होता है, नियमानुसार IDV पर कोई भी negotiation नहीं होता है।
आप एप्रूवड सर्वेयर व बीमा कंपनी दोनो से इस क्लेम केस के लिए से सर्वे रिपोर्ट कापी की माँग किजिये, यह सर्वे रिपोर्ट कापी आपको देना दोनों की जिम्मेदारी है।
व बीमा कंपनी से लिखित मे क्लेम सैटलमैट आफर की माँग किजिये। बीमा कंपनी की किसी भी क्लेम को सैटलमैट करने के लिए नियमानुसार पहले claim settlement offer letter देना होता है।
अधिकांश बीमा कंपनी यह offer letter नहीं देना चाहती है बल्कि उल्टा बीमा धारक ग्राहक की तरफ से ही किसी भी मनपसंद तरीके के अनुसार क्लेम सैटलमैट के लिए लिखवाकर ले लेती है।
बीमा कंपनी से लिखित मे क्लेम सैटलमैट आफर लैटर मिलने के बाद आप इस क्लेम सैटलमैट विषय पर सहमति असहमति अपनी पसंद के अनुसार बीमा नियमों को ध्यान मे रखकर दीजिये।
बीमा कंपनी या अन्य कोई भी आपके साथ जुबानी में तो गलत बयानी कर सकता है लेकिन लिखित मे जल्दी से गलत नहीं देगा।
Protection of policy holders interest gazette notification 2017,-
15. CLAIM PROCEDURE IN RESPECT OF A GENERAL INSURANCE POLICY
1. An insured or the claimant shall give notice to the insurer of any loss arising under contract of
insurance at the earliest or within such extended time as may be allowed by the insurer. On receipt of
such a communication, a general insurer shall respond immediately and give clear information to the
insured on the procedures that he should follow. In cases where a surveyor has to be appointed for
assessing a loss/claim, it shall do so immediately, in any case within 72 hours of the receipt of
intimation from the insured. Insurer shall communicate the details of the appointment of surveyor,
""""including the role, duties and responsibilities of the surveyor to the insured by letter, email or any
other electronic form immediately after the appointment of the surveyor"""".
2. The insurer / surveyor shall within """"7 days of the claim intimation, inform the insured / claimant of the
essential documents and other requirements that the claimant should submit in support of the claim""""".
Where documents are available in public domain or with a public authority, the surveyor/insurer shall
obtain them.
3. The surveyor shall start the survey immediately unless there is a contingency that delays immediate
survey, in any case within 48 hours of his appointment. Interim report of the physical details of the
loss shall be recorded and uploaded/forwarded to the insurer within the shortest time but not later than
15 days from the date of first visit of the surveyor. """"A copy of the interim report shall be furnished by
the insurer to the insured/claimant, if he so desires"""".
4. Where the insured is unable to furnish all the particulars required by the surveyor or where the
surveyor does not receive the full cooperation of the insured,
"""" the insurer or the surveyor, as the case
may be, shall inform in writing to the insured under information to the insurer about the consequent
delay that may result in the assessment of the claim""" .
"""" It shall be the duty equally of the insurer and the
surveyor to follow up with the insured for pending information/documents guiding the insured with
regard to submissions to be made"""".
"""" The insurer and/or surveyor shall not call for any
information/document that is not relevant for the claim""""".
5.
(i) The surveyor shall, subject to sub-regulation 4 above, submit his final report to the insurer within 30 days of his appointment.
""""A copy of the surveyor’s report shall be furnished by the
insurer "to the insured/claimant", if he so desires"""".
Notwithstanding anything mentioned herein, in
case of claims made in respect of commercial and large risks the surveyor shall submit the final
report to the insurer within 90 days of his appointment. However, such claims shall be settled by the
insurer within 30 days of receipt of final survey report and/or the last relevant and necessary
document as the case may be.
(ii) Where special circumstances exist in respect of a claim either due to its special /
complicated nature, or due to difficulties associated with replacement/reinstatement, the surveyor
shall, seek an extension from insurer for submission of his report. """"In such an event, the insurer
shall give the status to the insured/claimant fortnightly wherever warranted""". The insurer may
make provisional/ on account payment based on the admitted claim liability.
6. If an insurer, on the receipt of a survey report, finds that it is incomplete in any respect, he shall
require the surveyor, under intimation to the insured/claimant; to furnish an additional report on
certain specific issues as may be required by the insurer. Such a request may be made by the insurer
within 15 days of the receipt of the final survey report.
Provided that the facility of calling for an additional report by the insurer shall not be resorted to more than
once in the case of a claim.
7. The surveyor, on receipt of this communication, shall furnish an additional report within three weeks
from the date of receipt of communication from the insurer.
8. On receipt of the final survey report or the additional survey report, as the case may be, and on receipt
of all required information/documents that are relevant and necessary for the claim, an insurer shall,
with in a period of 30 days offer a settlement of the claim to the insured/claimant. If the insurer, for
any reasons to be recorded in writing and communicated to the insured/claimant, decides to reject a
claim under the policy, it shall do so within a period of 30 days from the receipt of the final survey
report and/or additional information/documents or the additional survey report, as the case may be.
9. """" In case, the amount admitted is less than the amount claimed, then the insurer shall inform the
insured/claimant in writing about the basis of settlement in particular, where the claim is rejected, the
insurer shall give the reasons for the same in writing drawing reference to the specific terms and
conditions of the policy document""".
10. """In the event the claim is not settled within 30 days as stipulated above, the insurer shall be liable to
pay interest at a rate, which is 2% above the bank rate from the date of receipt of last relevant and
necessary document from the insured/claimant by insurer till the date of actual payment""".
19. GENERAL PRINCIPLES:
6. Any breach of the obligations cast on an insurer or distribution channels or surveyors in terms of these
regulations may enable the Authority to initiate action against each or all of them, jointly or severally, under
the Act and/or the Insurance Regulatory and Development Authority Act, 1999.
@@motorinsuranceclaimspracti4142 Thanku sir. Mujhe ek chiz aur confirm karni thi jaise k meri car 2015 model h aur uska zero dep insurance nhi h. Ab surveyor bol rhe h k aapka zero dep insurance nhi tha to iss vajah se aapko full IDV value nhi milegi in case of constructive total loss, IDV pr kuch depreciation lgega aur mujhe IDV ka 40-50% hi milega.
So I want to confirm that in case of constructive total loss does we get full IDV value of vehicle irrespective of which type of insurance is done wheather it is zero dep or non zero dep?
Thanks & Regards
@Motor insurance claims, practices and facts. Thanku sir. Mujhe ek chiz aur confirm karni thi jaise k meri car 2015 model h aur uska zero dep insurance nhi h. Ab surveyor bol rhe h k aapka zero dep insurance nhi tha to iss vajah se aapko full IDV value nhi milegi in case of constructive total loss, IDV pr kuch depreciation lgega aur mujhe IDV ka 40-50% hi milega.
So I want to confirm that in case of constructive total loss does we get full IDV value of vehicle irrespective of which type of insurance is done wheather it is zero dep or non zero dep?
Thanks & Regards
Sir cunstructive total Loss me rc transfer hoti h ya cancel please reply sir
RC कैंसिल होकर क्लेम सैटलमैट होना चाहिए। लेकिन हमारे देश मे बहुत सी निजी क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनी ctl loss मे, अपने फायदे के लिए, illegal तरीके से से, कबाड़ गाड़ी को एक गाड़ी के रूप मे बेचकर, क्लेम सैटलमैट करती है।
जो कि एक गलत तरीका है।
As per IRDAI Circular-
Circular
Ref. No:IRDAI/NL/CIR/MOTOD/118/07/2019
Date:26-07-2019
Misuse of Total Loss Accident Vehicle Documents over Stolen Vehicles
To,
ALL GENERAL INSURERS (OTHER THAN STAND-ALONE HEALTH INSURERS AND SPECIALISED INSURERS)
Re: - Misuse of Total Loss Accident Vehicle Documents over Stolen Vehicles
It has come to the notice of Authority that in case of Total Loss (TL) of the vehicle, salvage of the vehicle is being sold to scrap dealers without cancelling Certificate of Registration (RC) of the vehicle.
2. It has been informed by the Law Enforcement Authorities that documents pertaining to such vehicles are being misused like giving new identity to the stolen vehicles by forging engine number and chassis number of destroyed vehicles under TL claims.
3. As per Section 55 of Motor Vehicle Act 1988,
(1) If a motor vehicle has been destroyed or has been rendered permanently incapable of use, the owner shall, within fourteen days or as soon as may be, report the fact to the registering authority within whose jurisdiction he has the residence or place of business where the vehicle is normally kept, as the case may be, and shall forward to the authority the certificate of registration of the vehicle.
(2) The registering authority shall, if it is the original registering authority, cancel the registration and the certificate of registration, or, if it is not, shall forward the report and the certificate of registration to the original registering authority and that authority shall cancel the registration.
4. """"" In view of the above, all insurers are advised to ensure cancellation of Certificate of Registration (RC) of the vehicle in case of total loss claim settlement""".
Yours faithfully,
(Yegnapriya Bharath)
Chief General Manager (NL) Insurance Regulatory and Development Authority of India. All Right Reserved.
@@motorinsuranceclaimspracti4142 Sir jo hamara insurance h vo sbi general se h unko v mai yhi bola ki sir rc cancel hota h to vo bole ki total loss me rc cancel hota or cunstructive total Loss me transfer yesa bola unhone
@@NikhilGupta-ov8cc
इसका मतलब है कि या तो इन अधिकारी को बीमा पालिसी अनुबंध का सही से ज्ञान नहीं है या फिर धूर्तता की वजह से ऐसा कह रहे है।
मोटर बीमा पालिसी अनुबंध की शर्त 03 के अनुसार 02 प्रकार के loss होते है।
1, CTL/TL , loss.
2, Partial loss.
Total loss मतलब जो गाड़ी पुरी नष्ट हो गयी, जिसमे कुछ रिपेयर करने के लिए बचा ही नहीं हो।
Constructive loss- जो गाड़ी रिपेयर तो हो सकती है लेकिन वाहन का Aggregate repair cost, गाड़ी की IDV के 75% से अधिक है तो constructive total loss होता है।
बीमा पालिसी अनुबंध में,
Constructive total loss व total loss दोनो को settle करने का एक ही तरीका दिया हुआ है।
IDV- wreck value.
Wreck value का मतलब कबाड़ गाड़ी को एक कबाड़ के रूप मे बेंचने से प्राप्त वेल्यू से है। यदि हम इस कबाड़ गाड़ी को एक गाड़ी के रूप मे बेचते है, with Registration Certificate तो इसे बेचने से प्राप्त value को wreck value नहीं कहते है।
1, CTL/TL loss. -
repair cost > 75% of IDV.
Idv value.
2. Partial loss.-
repair cost < 75% of IDV.
Actual and reasonable costs of repair.
@@NikhilGupta-ov8cc
In CTL/TL claim case settlement, it is the responsibility of the insurance company to pay the IDV value to the insured customer.
The insurance company may also use the wreck value obtained by selling the vehicle salvage (with cancellation of Registration Certificate) to indemnify the insured customer.
But it is the responsibility of the insurance company to arrange this wreck value.
Private companya to 50% par total loss kar dete hai.
Claim Rejected batara ha he,please Help me ,
यदि आप पुरी बात बतायेंगे तब ही मै आपको कुछ सलाह दे पाऊँगा।
आप मेरी email I'd - ashok.1224@rediffmail.com पर लिखकर मुझे बता सकते है।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Sir aapki contact deatals dijiye pls
Ek claim case aapse discuss karna hai
Ashok.1224@rediffmail.com
Sir aap ka phone no mila ga
1st like
Pls share contact no sir
आप मुझे ईमेल ashok.1224@rediffmail.com पर मुझे ईमेल करके मेरी contact details ले सकते हो।
Sir m aap se baat krna chahta hu.ple apna contact no shayer kre
आप मुझे ईमेल ashok.1224@rediffmail.com पर अपनी contact details भेज सकते है, फिर मै आपकी contact details पर आपसे संपर्क कर लूँगा।
@@motorinsuranceclaimspracti4142sir meri gadi zoom car pvt ltd ne total loss me show kiya h bol rhe h ki apki gadi ki repairing cost idv se jyada h ,wo gadi transfer karne ke liye noc dene ko bol rhe h ,jabki m bol rha hu ki apne total loss kiya h to rc cancel hogi ,lekin wo bol rhe h ki 682000 me se 512000 company degi aur 170000 buyer dega jo scrap lega
pls help me on this issue