Millets As Change Agenta - मिलेट्स - श्री अन्न (Hindi)

แชร์
ฝัง
  • เผยแพร่เมื่อ 23 ส.ค. 2024
  • मिलेट्स यानि श्री अन्न दुनिया भर में हजारों सालों से महत्वपूर्ण मुख्य भोजन रहा है, और आज भी इनका व्यापक रूप से सेवन किया जाता है। कम बारिश वाले क्षेत्रों, उच्च तापमान और बिना गुणवत्ता वाली मिट्टी सहित भिन्न जलवायु वाली परिस्थितियों में भी इनकी खेती की जाती है।
    भारत में मिलेट्स की खेती करने और उसका उपभोग का एक लंबा इतिहास रहा है। ये सदियों से भारतीय आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रहे हैं, और आमतौर पर इनका दलिया, ब्रेड और डोसा जैसे पकवानों में सेवन किया जाता है। रागी , बाजरा खिचड़ी, और ज्वार रोटी जैसे पारंपरिक व्यंजनों में एक प्रमुख घटक के रूप में भी मिलेट्स का उपयोग किया जाता है।
    लेकिन इतना पोष्टिक होने के बावजूद, हाल के वर्षों में भारत में मिलेट्स की खपत में कमी आई है, इसकी वजह है चावल और गेहूं की बढ़ती लोकप्रियता और इनका अधिक सुविधाजनक और आसानी से उपलब्ध होना। हालांकि, मिलेट्स के सेहतमंद होने और भारत में जलवायु परिवर्तन तथा खाद्य सुरक्षा की समस्या से निपटने में इनकी क्षमता के कारण, हाल ही में लोगों की मिलेट्स में फिर से रूची जागी है। इसलिए भारत में अपनी पोषण क्षमता और स्थायी कृषि में अपनी भूमिका दोनों दोनों की वजह से मिलेट्स एक महत्वपूर्ण फसल बन गई है।
    भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया और उसने 2018 को 'राष्ट्रीय बाजरा वर्ष' घोषित किया। यह देश में मिलेट्स को बढ़ावा देने और लोकप्रिय बनाने का एक ऐतिहासिक कदम था। इसके परिणामस्वरूप मिलेट्स क्षेत्र में अनुसंधान और विकास में वृद्धि हुई, साथ ही साथ देश में मिलेट्स आधारित खाद्य उत्पादों को बढ़ावा देने के प्रयास भी हुए।
    राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न प्रकार के मिलेट्स की खेती, खपत और प्रचार न केवल बढ़ती वैश्विक आबादी के लिए खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि दुनिया के कुछ सबसे कठिन भौगोलिक क्षेत्रों में छोटे किसानों के लिए एक बदलाव लाने वाले कारक के रूप में भी सामने आएगा।

ความคิดเห็น •