भाग - 26 l स्वभाव के अनुकूल कर्तव्य की श्रेष्ठता l गीता (व्याख्यान माला) l आचार्य अग्निव्रत

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  • เผยแพร่เมื่อ 4 พ.ค. 2024
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ความคิดเห็น • 27

  • @nishchalyajnik2860
    @nishchalyajnik2860 25 วันที่ผ่านมา +3

    अत्यंत महत्त्वपूर्ण श्लोक। विशेषकर उन परिजनों के लिए जिनके बच्चे बड़े हो रहे हैं और विचार रहे कि भविष्य में क्या कार्य/व्यवसाय करें, बड़े होकर क्या बनें।
    भ्रांति निवारण करने के लिए धन्यवाद आचार्य जी। 🙏🏻
    धर्म जन्म से नहीं, अपितु गुण, कर्म, स्वभाव से होता है। जो आजकल के religion, मत, पंथ, संप्रदाय, कथित जाति, आदि हैं, वो धर्म नहीं।
    धर्म मानवता है, जाति मनुष्य है।
    धर्म की heirarchy/levels समझाने के लिए धन्यवाद 🙏🏻

  • @nilotpalsarmahsarma8344
    @nilotpalsarmahsarma8344 25 วันที่ผ่านมา +2

    जय श्री कृष्ण की

  • @sudeshsaini3291
    @sudeshsaini3291 25 วันที่ผ่านมา +2

    Koti koti pranam ji ❤❤

  • @SubodhSingh-ip3yy
    @SubodhSingh-ip3yy 26 วันที่ผ่านมา +3

    यही श्लोक के विषय में आज मैं चिंतन कर रहा था।

  • @sudeshsaini3291
    @sudeshsaini3291 25 วันที่ผ่านมา +1

    ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤

  • @akhleshkumar3995
    @akhleshkumar3995 25 วันที่ผ่านมา

    Om

  • @maheshbari8703
    @maheshbari8703 25 วันที่ผ่านมา +1

    ओउम् नमस्ते आचार्य ऋषीवर जी, महाराष्ट्र बोईसर नवापूर, बहुत बहुत सुंदर व्याख्यान,

  • @raniebiharie950
    @raniebiharie950 25 วันที่ผ่านมา

    ऋषि श्री अग्निव्रत नमस्ते,
    आपने ऋषियों की वाणी को ठीक प्रकार से समझकर हम सभी के समक्ष प्रकाशित कर समझाए व उपदेश किए की जिसका रूचि जिसमें हो उसको उसी क्षेत्र पर स्थित होकर कर्म करने और आगे विद्वान् आदि बनना चाहिए। यह ठीक है। जय श्री कृष्ण।
    भुरिशह धन्यवाद

  • @laxmiyadav5938
    @laxmiyadav5938 26 วันที่ผ่านมา +1

    आचार्य जी, प्रणाम

  • @laxmiyadav5938
    @laxmiyadav5938 26 วันที่ผ่านมา +1

    आचार्य जी , आपसे निवेदन है कि
    गीता माला को पुस्तक रूप में भी प्रकाशित अवश्य करना

  • @Himanjanprabalmisra
    @Himanjanprabalmisra 26 วันที่ผ่านมา

    जय मां वेद भारती।

  • @user-nv7ki1ir2f
    @user-nv7ki1ir2f 25 วันที่ผ่านมา

    ओउम्

  • @vijayary6808
    @vijayary6808 24 วันที่ผ่านมา

    आचार्य जी को शत-शत नमन

  • @jhamkrajthapaliya386
    @jhamkrajthapaliya386 25 วันที่ผ่านมา

    Namaste swami ji

  • @user-mb4jz6gp9z
    @user-mb4jz6gp9z 25 วันที่ผ่านมา

    🙏🙏🙏 pranam aachary ji

  • @jitendrakushwaha5020
    @jitendrakushwaha5020 24 วันที่ผ่านมา

    🕉️🕉️🕉️🕉️🕉️🙏

  • @siddharthkumar2168
    @siddharthkumar2168 26 วันที่ผ่านมา

    आचार्य जी को प्रणाम🙏

  • @__vijay05
    @__vijay05 26 วันที่ผ่านมา

    योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण जी।

  • @yuvrajturkar7040
    @yuvrajturkar7040 23 วันที่ผ่านมา

    प्रणाम गुरुजी

  • @Atgstory
    @Atgstory 26 วันที่ผ่านมา

    आचार्य जी प्रणाम 🙏🚩

  • @aman3402
    @aman3402 25 วันที่ผ่านมา

    Namaste acharya g

  • @abccba9173
    @abccba9173 26 วันที่ผ่านมา +1

    Guru ji Student ka swabhab kesa hona chahiye

  • @KRISHANKUMAR-mh2iv
    @KRISHANKUMAR-mh2iv 17 วันที่ผ่านมา

    द+य+रम =धर्म मतलब जो देने में रम जाए या जिसकी रूचि हमेशा देने में हो वो धर्म वाला कहलाता है

  • @deepakkumarpatel8933
    @deepakkumarpatel8933 26 วันที่ผ่านมา

    नमस्ते

  • @NAWEENKUMAR68
    @NAWEENKUMAR68 25 วันที่ผ่านมา

    श्री मान् जी, नम्र निवेदन है, ग्रंथों से
    समाज नहीं बनता , अपितु आचरण से। यहां स्वधर्म की व्याख्या कीजिए। ब्राह्मण आदि वर्ण विभाजन स्वाभाविक गुण और कर्म के आधार पर है

  • @achyuthcn2555
    @achyuthcn2555 23 วันที่ผ่านมา

    भगवान क्यूं एक गुन हीन जीव को ब्राह्मण शरीर देते हैँ?? एक धर्म पालन करने वाले शूद्र ब्रष्ट और गुनहीन ब्राह्मण से अधिक पूजाणीय है महाभारत के अनुसार किस मे जाती वाद बताया गया ||

  • @vibhukumar5874
    @vibhukumar5874 26 วันที่ผ่านมา

    Namaste acharya ji