आपका प्रयास सराहनीय रहता है आप दूरदराज़ दूर्गम क्षेत्रों में जाकर हर प्रस्थित से अवगत कराते है जबाब इस समाज की सुध हर एक को लेनी चाहिए नहीं तो वाकई में ये समाज बिलुप्ट हो सकता है
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र का एक प्रचलित लोकनृत्य है छलिया नृत्य। यह विशेष रूप से कुमाऊँ मण्डल के बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत और अल्मोड़ा जिलों में लोकप्रिय है। यह एक तलवार नृत्य है, जो प्रमुखतः शादी-बारातों या अन्य शुभ अवसरों पर किया जाता है। विभिन्न अवसरों पर लोकगीतों और बाजों के सांथ छोलिया नृत्य अब मुख्य नृत्य बन गया है। पारंपरिक लोकनृत्यों में छोलिया ऐसा नृत्य है, जिसकी शुरुआत सैकड़ों वर्ष पूर्व की मानी जाती है। छोलिया नृत्य की विशेषता यह है कि इसमें एक साथ श्रृंगार और वीर रस, दोनों के दर्शन हो जाते हैं। छोलिया नृत्य में ढोल-दमाऊ की अहम भूमिका होती है। इस नृत्य में नर्तक युद्ध जैसे संगीत की धुन पर क्रमबद्ध तरीके से तलवार व ढाल चलाते हैं, जो कि अपने साथी नर्तकियों के साथ नकली लड़ाई जैसा प्रतीत होता है। नृत्य के समय नर्तकों के मुख पर प्रमुखतः उग्र भाव रहते हैं, जो युद्ध में जा रहे सैनिकों जैसे लगते हैं। छोलिया नृत्य को आत्मसम्मान, आत्मविश्वास और चपलता का प्रतीक माना जाता है।
बहुत अच्छा प्रयास यह कलाकार हमारी संस्कृति के लिए धरोहर है इनकी वास्तविक जिंदगी को देखकर मुझे भी दो आंसू आए इनको बचाने की हमारी मुहिम होनी चाहिए ताकि हमारे पहाड़ की संस्कृति भी बची रहे इस कार्यक्रम को इतना प्रचार-प्रसार दो कि हर पहाड़ी आदमी तक पहुंच जाए तक पहुंच जाए ताकि इन लोगों का जीवन भी सरलता से जीवन यापन हो सके और इनका पलायन रुक सके
आपका यह ब्लाग प्रेरणादायक है।एक कलाकार भाई ने कहा था लोग ब्याह शादी मे नशाकरके जातिसूचक शब्दो का प्रयोग करते है उन्हे भी सुनना पडता है आप ने कहा खाना खाते समय उन्हे किनारा कर देते है। शिल्पकार समाज अपने विधाओ मे बडा कुशल था जातिवादी मानसिकता वालो ने नीच कर्मकह कह करके ऊचस्तर की कलाकारी को ही समाप्तकर दिया। आज इन कलाओं को सगरसण के लिये आप जैसे अच्छी सोच के लोगों को कार्य करना पड रहा है। बहुतबहुतसाधुवाद ।
आपका यह कार्य वास्तव में सराहनीय है। कुमाऊँनी संस्कृति के प्रचार प्रसार के साथ ही आप प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से कलाकारों को प्रोत्साहित करने का काम कर रहे हैं। स्वयं प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द लेते हुए आप अपने दर्शकों को भी प्रकृति के समीप रहने व अपनी संस्कृति से जुड़े रहने की प्रेरणा देते हैं। शुभ कामनाओं के साथ धन्यवाद।
आप बहुत सराहनीय कार्य कर रहे हैं हकीकत में ये कलाकार हमारे पहाड़ बागेश्वर से आगे दशोली गांव पड़ता है भगत छोलिया इनकी टीम नंदा राजजात यात्रा मैं नैनीताल में आती है।इनके पास कोई और रोजगार उपलब्ध नहीं है प्रशासन इनके लिए आगे आना चाहिए
इस विडी़यो कि जितनी तारिफ करें वो कम है ... इस विडी़यो में गरीबी का प्रदर्शन दिखाया गया है ....जैसा दिखाया है ऐसा ही है पुरा गांव ....🙏🙏🙏देखो और ज्यादा से ज्यादा शेयर करो ...धन्यवाद🙏🙏🙏🙏
Gopal Da ki puri teem ko mera namskar bahut hi achche chaliye kalakar he ye log kyu ki ye log meri sadi me bhi aaye the 2007 Aaj puri Gopal da ki teem dekhakar achcha laga par bura esliye laga kyu ki baki samay ye log berojgar he ❤
वास्तव में हमारे क्षेत्र में भी पूर्व में छोलिया नृत्य के दल होते थे,जबसे ये ब्रास बैंड का जमाना आया,और पंजाबी भांगड़ा का दौर साथ ही लुकिट से सूरा से रम से व्हिस्की से छोटा पैक बियर आयी ,हम अपनी संस्कृति को हम खोते चले गये।
My suggestion is this chhaliya music should be added in government job and booking should be through Govt.portal and recruitment may be made as per 2 yrs experience in chhaliya dance age limit from 18 to 45 yrs
आप गरीब नहीं है आप उत्तराखंड की संस्कृति के सिपाही हैं लोगों की खुशियों को अपने कार्य से आनंद मय का माहोल बनाने के लिए समर्पित है , , आप महान हैं जन मोर्चा
आपका प्रयास सराहनीय है ये कलाकार जरूर है पर समाज में वो समयमान नहीं मिलता है जो इन्हें मिलना चाहिए इनका जीवन संयंत्र इनकी वास्तविकता बयां कर रही है सरकार को इनका जीवन स्तर में सुधार लाना चाहिए ताकि ये कलाकार भी अपना एवं अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित कर सकै🙏🙏
आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर, इतनी मेहनत करके आपने हमारे सामने इन कलाकारों का दर्द रखा, जो बाग की समस्या है वो बहुत बडी समस्या है , कभी भी हमला कर सकता है , ज्यादा दूर भी नही है घर के पीछे ही है , वन विभाग को जरूर जाना चाहिए , बाकी उम्मीद करते है ये छलिया दल, कभी विलुफ्ट ना हो इन कलाकारों को दिल से धनयबाद, जो छुआ छूत का सवाल आपने किया जनता को इस बारे ज़रुर सोचना चाहिए बाकी गांव के हाल बहुत खराब है , गरीबी के कराड,फिर से एक बार इन सभी कलाकारों को 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
समाज की संस्कृति को बचाने वाले लोग एवं मनोरंजन से खुश करने वाले लोग स्वयं इतनी तकलीफ का जीवन यापन करते हैं। इस लेख को दिखाने के लिए आपके कोटि कोटि साधुवाद हैं।
देव भूमि उत्तराखंड की जय कुमाऊं गढ़वाल की सान छलिया नृत्य को प्राथमिकता सरकार को चाहिए कलाकारों का मान सम्मान बढ़ाने के लिए इन्हें प्रति माह कम से कम₹2000 रुपया पेंशन योजना लागू की जाए जय श्री राम इंस्पेक्टर रिटायर्ड कुंवर सिंह रावत उत्तराखंड
Sir apke video bhut ache hote hai 🙏apne Jo enlogo ke liye bat kahi bhut sahi kahi apne bhut acha bola apki bat bhut achi lagi mai bhi apki esbat Ko sport karti hu🙏sab ko smaan darja milna chahiye
बहुत अच्छा लगा भाई बस यों ही कंपनी संस्कृति सभ्यता परम्परा साहित्य संस्कार खान पान देव प्रथा लोक प्रथा रिति रिवाज तमाम हमारी धरोहर रूपी विरासतों को अपने युवाओं तक पहुंचाने में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दो ❤❤❤❤❤❤❤जय देवभूमि उत्तराखंड
पाण्डेय जी की इस प्रस्तुति से स्पष्ट हो जाता है कि पहाड़ी क्षेत्रों की वास्तविकता का आकलन किया जा सकता है पानी की व्यवस्था जस की तस थोड़ी सी गर्मी बढ़ने पर पीने का पानी भी नहीं रहता सिंचाई की बात तो छोड़ दो।ऐसे में सरकार के रिवर्स पलायन या पलायन रोकने के वादों का सहज ही अन्दाजा लगाया जा सकता है सरकार किसी भी दल की हो उत्तराखंड में ये आयोग जो बनते हैं वे सिर्फ अपना एक नेता लालबत्ती से नवाजा जाना मात्र ही मकसद है ये 20 साल के युवा उत्तराखंड की तस्वीर है।
छलिया कलाकारों की संस्कृति और दर्द दिखाने के लिए आपका आभार लेकिन नेता जी को नेशनल पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार में अंतर लग रहा है, कह रहे हैं कि नही नही नेशनल पुरस्कार नहीं राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है ।
इन लोगों के लिए Reservation है लेकिन इनके बच्चे गांव में पढ़े हैं जो बच्चे शहरों में रहते वह Reservation का फायदा उठाते हैं इसलिए जरूरी है कि इसी जाति के जो लोग एक बार Reservation फायदा ले चुके हैं उन्हें Reservation नहीं मिलना चाहिए जिसको Reservation नहीं मिला है उसको मिलना चाहिए
नमन ऐसे कलाकारौ को.जो अभावो मै जीवन यापन करने बावजद समाज का मनोरंजन कर रहे है।
काम तो काम होता है कलाकार के गुण सब नहीं होते इनकी कलाकारी को शत शत नमन खाने में भेद भाव नहीं होना चाहिए
आपका प्रयास सराहनीय रहता है आप दूरदराज़ दूर्गम क्षेत्रों में जाकर हर प्रस्थित से अवगत कराते है जबाब इस समाज की सुध हर एक को लेनी चाहिए नहीं तो वाकई में ये समाज बिलुप्ट हो सकता है
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र का एक प्रचलित लोकनृत्य है छलिया नृत्य। यह विशेष रूप से कुमाऊँ मण्डल के बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत और अल्मोड़ा जिलों में लोकप्रिय है। यह एक तलवार नृत्य है, जो प्रमुखतः शादी-बारातों या अन्य शुभ अवसरों पर किया जाता है। विभिन्न अवसरों पर लोकगीतों और बाजों के सांथ छोलिया नृत्य अब मुख्य नृत्य बन गया है। पारंपरिक लोकनृत्यों में छोलिया ऐसा नृत्य है, जिसकी शुरुआत सैकड़ों वर्ष पूर्व की मानी जाती है। छोलिया नृत्य की विशेषता यह है कि इसमें एक साथ श्रृंगार और वीर रस, दोनों के दर्शन हो जाते हैं। छोलिया नृत्य में ढोल-दमाऊ की अहम भूमिका होती है। इस नृत्य में नर्तक युद्ध जैसे संगीत की धुन पर क्रमबद्ध तरीके से तलवार व ढाल चलाते हैं, जो कि अपने साथी नर्तकियों के साथ नकली लड़ाई जैसा प्रतीत होता है। नृत्य के समय नर्तकों के मुख पर प्रमुखतः उग्र भाव रहते हैं, जो युद्ध में जा रहे सैनिकों जैसे लगते हैं। छोलिया नृत्य को आत्मसम्मान, आत्मविश्वास और चपलता का प्रतीक माना जाता है।
साहब हम पहाड़ियों को सुनने वाला कोई नहीं है। पहाड़ में रहने के लिए जिगर भी पहाड़ से भी मजबूत करना पड़ता है।
बहुत अच्छा प्रयास यह कलाकार हमारी संस्कृति के लिए धरोहर है इनकी वास्तविक जिंदगी को देखकर मुझे भी दो आंसू आए इनको बचाने की हमारी मुहिम होनी चाहिए ताकि हमारे पहाड़ की संस्कृति भी बची रहे इस कार्यक्रम को इतना प्रचार-प्रसार दो कि हर पहाड़ी आदमी तक पहुंच जाए तक पहुंच जाए ताकि इन लोगों का जीवन भी सरलता से जीवन यापन हो सके और इनका पलायन रुक सके
आपका यह ब्लाग प्रेरणादायक है।एक कलाकार भाई ने कहा था लोग ब्याह शादी मे नशाकरके जातिसूचक शब्दो का प्रयोग करते है उन्हे भी सुनना पडता है आप ने कहा खाना खाते समय उन्हे किनारा कर देते है। शिल्पकार समाज अपने विधाओ मे बडा कुशल था जातिवादी मानसिकता वालो ने नीच कर्मकह कह करके ऊचस्तर की कलाकारी को ही समाप्तकर दिया। आज
इन कलाओं को सगरसण के लिये आप जैसे अच्छी सोच के लोगों को कार्य करना पड रहा है। बहुतबहुतसाधुवाद ।
आपका यह कार्य वास्तव में सराहनीय है। कुमाऊँनी संस्कृति के प्रचार प्रसार के साथ ही आप प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से कलाकारों को प्रोत्साहित करने का काम कर रहे हैं। स्वयं प्राकृतिक सौन्दर्य का आनन्द लेते हुए आप अपने दर्शकों को भी प्रकृति के समीप रहने व अपनी संस्कृति से जुड़े रहने की प्रेरणा देते हैं। शुभ कामनाओं के साथ धन्यवाद।
बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी हमारे संस्कृति के बारे मैं। धन्यवाद ।😊
हमारी संस्कृति सदैव जीवित रहे 🙏
बहुत सुन्दर blog ❤❤
Nice work 👍👍👍👏👏👏
आप बहुत सराहनीय कार्य कर रहे हैं हकीकत में ये कलाकार हमारे पहाड़ बागेश्वर से आगे दशोली गांव पड़ता है भगत छोलिया इनकी टीम नंदा राजजात यात्रा मैं नैनीताल में आती है।इनके पास कोई और रोजगार उपलब्ध नहीं है प्रशासन इनके लिए आगे आना चाहिए
भाई जी आपका प्रयास सराहनीय है ,आप दबे, कुचले,उपेक्षित क्षेत्र की मूल भुत समस्याओ को उठा रहे है।
आपको बहुत साधुवाद
Bahut Sunder. This tradition must be preserved
बहुत सुंदर
बहुत सुन्दर बढ़िया विडियो है
छलिया लोक कलाकारों के बारे में बताकर आपने बहुत अच्छा कार्य किया है इसके लिए आप बधाई के पात्र हैं
वाह बहुत सुन्दर प्रस्तुति पाण्डेय जी
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
छा गए गुरु
अपना गृह क्षेत्र देख कर बहुत हौस लगरही है।
👌👌👌👌Chholiya dance & beautiful pali gaon
धन्यवाद जी💐💐
बहुत सुंदर वीडियो भाई
वाह बधाई के पात्र हो आप पांडे जी।। इन्ही कलाकारों ने हमारी संस्कृति को जीवित रखा है। सभी को नमन ❤❤❤❤👏👏👏👏👏👏
Shandar video
बहुत सुन्दर👌👌👌 वाह
बहुत सुन्दर वीडियो
इस बेहतरीन सांस्कृतिक वीडियो को सपोर्ट और प्यार देने के लिये आप सभी का धन्यवाद❤
आप इसे और आगे शेयर करके ज्यादा से ज्यादा
लोगों तक पहुँचाएं
Pali gaun k dholi,chhaliya bhut hi prasiddh hai.
गोपाल राम जी की छोलिया टीम पूरे पिथौरागढ़,बागेश्वर,अल्मोड़ा मैं बहुत प्रसिद्ध है
इस विडी़यो कि जितनी तारिफ करें वो कम है ... इस विडी़यो में गरीबी का प्रदर्शन दिखाया गया है ....जैसा दिखाया है ऐसा ही है पुरा गांव ....🙏🙏🙏देखो और ज्यादा से ज्यादा शेयर करो ...धन्यवाद🙏🙏🙏🙏
Bahut sundar
मोदी जी कम से कम मन की बात में इनको इन पारंमपरिक धरोहर को सजाने और आगे बढाने के लिए जिक्र करे और वित्तीय सहायता देकर इनके मनोबल को बढाये।।जय उत्तराखंड
आप भी आगे शेयर करें इस वीडियो को
आप ने सराहनीय काम किया है। सरकार ने इस ़और ध्यान देना चाहिए।
Gopal Da ki puri teem ko mera namskar bahut hi achche chaliye kalakar he ye log kyu ki ye log meri sadi me bhi aaye the 2007
Aaj puri Gopal da ki teem dekhakar achcha laga par bura esliye laga kyu ki baki samay ye log berojgar he ❤
Salute to everyone of Hill person
Aapka questions bahut achha hai
Nice Video ji
वास्तव में हमारे क्षेत्र में भी पूर्व में छोलिया नृत्य के दल होते थे,जबसे ये ब्रास बैंड का जमाना आया,और पंजाबी भांगड़ा का दौर साथ ही लुकिट से सूरा से रम से व्हिस्की से छोटा पैक बियर आयी ,हम अपनी संस्कृति को हम खोते चले गये।
बहुत अच्छा लगा आपका वीडियो देखी पंडित जी हमारी संस्कृति को आप ने दिखाया छलिया दल उत्तराखंड के सभी मेंबरों से रूबरू कराया आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
आपका प्रयास स्तुत्य है
बहुत सुन्दर video banai hai. 🌹
My suggestion is this chhaliya music should be added in government job and booking should be through Govt.portal and recruitment may be made as per 2 yrs experience in chhaliya dance age limit from 18 to 45 yrs
Aap ki ek ek baat bilkul sahih sir ji
आप गरीब नहीं है आप उत्तराखंड की संस्कृति के सिपाही हैं लोगों की खुशियों को अपने कार्य से आनंद मय का माहोल बनाने के लिए समर्पित है , , आप महान हैं जन मोर्चा
कटहल वृक्षक वाला पुराना मकान कीर्ती भवन मेरे नाना जी का बनाया हुआ है अब मेरे मामा जी रहते हैं माकोट ननिहाल है मेरा ❤❤❤❤
आपका प्रयास सराहनीय है ये कलाकार जरूर है पर समाज में वो समयमान नहीं मिलता है जो इन्हें मिलना चाहिए इनका जीवन संयंत्र इनकी वास्तविकता बयां कर रही है सरकार को इनका जीवन स्तर में सुधार लाना चाहिए ताकि ये कलाकार भी अपना एवं अपने परिवार का भविष्य सुरक्षित कर सकै🙏🙏
बहुत सुंदर प्रस्तुति बहुत अच्छा प्रयास
Bahut sunder jankari.Dhanyavad.
आपका बहुत बहुत धन्यवाद सर, इतनी मेहनत करके आपने हमारे सामने इन कलाकारों का दर्द रखा, जो बाग की समस्या है वो बहुत बडी समस्या है , कभी भी हमला कर सकता है , ज्यादा दूर भी नही है घर के पीछे ही है , वन विभाग को जरूर जाना चाहिए , बाकी उम्मीद करते है ये छलिया दल, कभी विलुफ्ट ना हो इन कलाकारों को दिल से धनयबाद, जो छुआ छूत का सवाल आपने किया जनता को इस बारे ज़रुर सोचना चाहिए बाकी गांव के हाल बहुत खराब है , गरीबी के कराड,फिर से एक बार इन सभी कलाकारों को 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
बहुत सुन्दर विडियो
Ati, sunder jankari
🙏🙏नमन ऐसे कलाकारौ को.जो अभावो मै जीवन यापन करने बावजद समाज का मनोरंजन कर रहे है।🙏🙏
Wah sir ji ✨✨✨✨✨❤️❤️❤️❤️✨✨❤️❤️
समाज की संस्कृति को बचाने वाले लोग एवं मनोरंजन से खुश करने वाले लोग स्वयं इतनी तकलीफ का जीवन यापन करते हैं। इस लेख को दिखाने के लिए आपके कोटि कोटि साधुवाद हैं।
बहुत खूब ❤
देव भूमि उत्तराखंड की जय कुमाऊं गढ़वाल की सान छलिया नृत्य को प्राथमिकता सरकार को चाहिए कलाकारों का मान सम्मान बढ़ाने के लिए इन्हें प्रति माह कम से कम₹2000 रुपया पेंशन योजना लागू की जाए जय श्री राम इंस्पेक्टर रिटायर्ड कुंवर सिंह रावत उत्तराखंड
sir is video ko adhik se adhik share kijiye
Waa Ji good very good
Bahut hi sarahaneey prayas.
सुन्दर प्रयास 👍
सराहनीय कार्य
पाली की टीम के नायक मदन राम जी हुआ करते थे सुन 1982-83 में जो कि रामगंगा पार तक आते थे उनको नहीं देख पाया आपके वीडियो में
Sir apke video bhut ache hote hai 🙏apne Jo enlogo ke liye bat kahi bhut sahi kahi apne bhut acha bola apki bat bhut achi lagi mai bhi apki esbat Ko sport karti hu🙏sab ko smaan darja milna chahiye
I love My pahadi Uttarakhandi sanshkriti ♥️🕉️🙏🕉️🌹
बहुत अच्छा लगा भाई बस यों ही कंपनी संस्कृति सभ्यता परम्परा साहित्य संस्कार खान पान देव प्रथा लोक प्रथा रिति रिवाज तमाम हमारी धरोहर रूपी विरासतों को अपने युवाओं तक पहुंचाने में अपना पूरा जीवन समर्पित कर दो ❤❤❤❤❤❤❤जय देवभूमि उत्तराखंड
Aap ka bahut he badiya prayas rhta h har insan ka kaam bahut mahnat ka hota h
बहुत सुंदर❤❤❤❤
पाण्डेय जी की इस प्रस्तुति से स्पष्ट हो जाता है कि पहाड़ी क्षेत्रों की वास्तविकता का आकलन किया जा सकता है पानी की व्यवस्था जस की तस थोड़ी सी गर्मी बढ़ने पर पीने का पानी भी नहीं रहता सिंचाई की बात तो छोड़ दो।ऐसे में सरकार के रिवर्स पलायन या पलायन रोकने के वादों का सहज ही अन्दाजा लगाया जा सकता है सरकार किसी भी दल की हो उत्तराखंड में ये आयोग जो बनते हैं वे सिर्फ अपना एक नेता लालबत्ती से नवाजा जाना मात्र ही मकसद है ये 20 साल के युवा उत्तराखंड की तस्वीर है।
👍👍👍
बहुत ही बेहतरीन विडियो 👍👌🙏
kya khaas hai aisa
क्या गजब की वीडियो बना डाली
Good job pandey जी🎉
❤❤❤❤
बढ़िया जय हो
Gud 👍👍❤👌👌
❤
Bahut badiya
Jai Ho Devbhoomi uttrakhand ki
Bhuth khubsurat
Bhai aap bahut badiya Kam kar rahe ho in logon ki dukhdarsa samjhane ke liye in logon par bhed bhaw nhi karna chahiye
Bahut achha hai dhanya hai ye log
Logo k dukh bahri jewan ko v show Kiya gya
Salute
Very nice 😍
Bhut sunder jankari save ukd calture sanskirti save ukd land from destroyed any outer people who not a ukd
Nice blogging bhai
बहुत महान 🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Koti koti naman hai esy mhan kalakaro ko
छलिया कलाकारों की संस्कृति और दर्द दिखाने के लिए आपका आभार
लेकिन नेता जी को नेशनल पुरस्कार और राष्ट्रीय पुरस्कार में अंतर लग रहा है, कह रहे हैं कि नही नही नेशनल पुरस्कार नहीं राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है ।
हाँजी
तभी तो इन्हें भाजपाई कहा जाता है
Bahut badiya sir
PLEASE MAXIMUM SHARE KIJIYE
जय देवभूमि
आप निरंतर उन्नति करते रहे
❤ very good sar
Yhi sanskriti hai ye log pride pr jiye hai e nko apnaeye or pride se proud mhsus kre yhi uttarakhand ki snskirti hai
इन लोगों के लिए Reservation है लेकिन इनके बच्चे गांव में पढ़े हैं जो बच्चे शहरों में रहते वह Reservation का फायदा उठाते हैं इसलिए जरूरी है कि इसी जाति के जो लोग एक बार Reservation फायदा ले चुके हैं उन्हें Reservation नहीं मिलना चाहिए जिसको Reservation नहीं मिला है उसको मिलना चाहिए
nice one
बढ़िया
Verynice
पहाड़ मैं जिस गांव मैं जाओगे बहुत कुछ जानकारी मिलेगी पुराने लोगों से🙏🙏
National और राष्ट्रीय पुरस्कार क्या ये दोनों अलग हैं
Bahot badi bhula 👏😌🙂
👍🌹♥️⚘️👍
sir please share it
Nice
Very nice.We should help them
please share the video and give your contact number