बहुत ही सार्थक और प्रेरणाप्रद साक्षात्कार है। कर्दम साहेब के द्वारा विचार से मैं सौ प्रतिशत सहमत हूं कि दलित साहित्य मानवीय गुणों की पाठशाला है। दलित साहित्य ने अनेक प्रचलित मिथ्यों को ध्वस्त कियाहै। बहुत-बहुत साधुवाद❤❤
बहुत बेहतरीन तरीके से आपने हर एक पहलू को गंभीरता से समझाया है सर,सुनकर बहुत कुछ सीखने को मिला। राज वाल्मीकि जी ने बहुत ही सधे हुए सवाल किए और जयप्रकाश कर्दम जी सर ने हर एक जवाब पूरे विश्लेषित ढंग से रखा है। बहुत बहुत आभार..... बेबाक 🙏🏻
प्रेरणादायक विचार जय भीम
जय भीम
बहुत ही सार्थक और प्रेरणाप्रद साक्षात्कार है। कर्दम साहेब के द्वारा विचार से मैं सौ प्रतिशत सहमत हूं कि दलित साहित्य मानवीय गुणों की पाठशाला है। दलित साहित्य ने अनेक प्रचलित मिथ्यों को ध्वस्त कियाहै।
बहुत-बहुत साधुवाद❤❤
Awesome thoughts
Thank you
बहुत बेहतरीन तरीके से आपने हर एक पहलू को गंभीरता से समझाया है सर,सुनकर बहुत कुछ सीखने को मिला।
राज वाल्मीकि जी ने बहुत ही सधे हुए सवाल किए और जयप्रकाश कर्दम जी सर ने हर एक जवाब पूरे विश्लेषित ढंग से रखा है।
बहुत बहुत आभार..... बेबाक 🙏🏻
एक बेहतरीन साक्षात्कार
Bahut sundar Sir
Aapko bahut bahut haardik badhai Sir 🙏🙏
नमस्कार सर। जय भीम।
जय भीम
Jai bheem sir ji
जय भीम
👍👍👍👍very nice
सारगर्भित
विचारधाराओं का टकराव। बहुत सही बात समझा रहे हैं।