Akele Hain Chale Aao | अकेले हैं चले आओ जहां हो | Raaz 1967

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  • เผยแพร่เมื่อ 25 พ.ย. 2024
  • Akele Hain Chale Aao | अकेले हैं चले आओ जहां हो | Raaz 1967 #Mohd. Rafi Song cover by Bhanu Saxena
    अकेले हैं चले आओ जहां हो
    कहां आवाज दे तुमको कहां हो
    अकेले हैं चले आओ जहां हो
    तुम्हें हम ढूंढते हैं हमें दिल ढूंढता है
    तुम्हें हम ढूंढते हैं हमें दिल ढूंढता है थे
    ना अब मंजिल है कोई ना कोई रास्ता है
    अकेले हैं चले आओ जहां हो...
    यह तन्हाई का आलम और उसे पर आपका गम
    यह तन्हाई का आलम और उसे पर आपका गम
    ना जीते हैं ना मरते बताओ क्या करें हम
    अकेले हैं चले आओ जहां हो कहां आवाज दे तुमको कहां हो अकेले हैं चले आओ जहां हो...
    Song : Akele Hain Chale Aao Jahan Ho
    Film : Raaz 1967
    Lyrics : Shamim Jaipuri
    Music : Kalyan Ji Anand Ji
    Playback Singer : Mohammed Rafi Sahab Ji
    Artist : Rajesh Khanna and Babita Kapoor
    गीत : अकेले हैं चले आओ जहां हो
    चित्रपट : राज 1967
    गीतकार : शमीम जयपुरी
    संगीतकार : कल्याण जी आनंद जी
    पार्श्व गायक : मोहम्मद रफी साहब जी
    कलाकार : राजेश खन्ना और बबीता कपूर
    दोस्तों यह गीत फिल्म राज 1967 का है इस गाने को शमीम जयपुरी जी ने लिखा था और इस गीत का संगीत कल्याण जी आनंद जी ने दिया था इस गीत को अपनी मधुर सुरीली और दर्द भरी आवाज में महान पार्श्व गायक मोहम्मद रफी साहब ने गया था इस गाने को मशहूर अभिनेता राजेश खन्ना जी पर फ़िल्माया गया था ये गीत जितना लोकप्रिय उसे समय था उतना ही लोकप्रिय आज भी है और हमेशा लोकप्रिय रहेगा
    दोस्तों मोहम्मद रफी साहब एक ऐसे महान पार्श्व गायक थे जिन्हें स्वर सम्राट शहंशाह तरन्नुम सुरों के बेताज बादशाह कहा जाता है उनकी आवाज तो खुदा की आवाज जैसी थी वो जिस भी कलाकार के लिए गीत गाते थे तो ऐसा लगता था मानव यह गीत वह कलाकार स्वयं गा रहा हो रफी साहब गाना गाने से पहले यह पहले ही पूछ लिया करते थे यह गीत में किस अभिनेता के लिए गा रहा हूं उसके बाद फिर गीत गाते थे उन्होंने किसी भी कलाकार या अभिनेता को कभी भी ये महसूस ही नहीं होने दिया कि गीत कोई और गा रहा हूँ रफी साहब आवाज द्वारा एक्टिंग करने की कला में माहिर थे शास्त्रीय संगीत में तो उन्हें महारत हासिल थी रफी साहब मुश्किल से मुश्किल गीत को भी बड़ी ही आसानी से गा दिया करते थे जबकि दूसरे पार्श्व गायको बहुत अधिक रियाज करना पड़ता था रफी साहब ने उसे जमाने के सभी संगीतकारों के साथ काम किया और यही कारण था कि सभी संगीतकारों के पसंद रफी साहब ही हुआ करती थी
    रफी साहब एक महान कलाकार और पार्श्व गायक होने के साथ साथ एक अच्छे और महान इंसान भी थे वह बहुत ही मेक दरिया दिल और फरिश्ता नुमा इंसान थे गरीबों के मसीहा कहे जाने वाले रफी साहब गरीबों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहते थे जब किसी को गुप्त दान करते थे तो इस बात की खबर उनके अलावा किसी और को नहीं होती थी मैं बहुत ही शर्मीले और हंसमुख स्वभाव के व्यक्ति थे
    ऐसे महान इंसान को मेरा सत सत नमन....
    दोस्तों मोहम्मद रफी साहब द्वारा गाए गए इस दुर्लभ की को मैंने अपनी आवाज में गाने की एक नाकाम की कोशिश जरूर की है उम्मीद करता हूं आपको मेरी आवाज जरूर पसंद आएगी यदि आप मेरी आवाज पसंद करते हैं तो कृपया वीडियो को लाइक करें अपने विचार और सुझाव मुझे कमेंट बॉक्स में जरूर लिखिए वीडियो को अपने अच्छे दोस्तों में जरूर शेयर करें और यदि आप मेरा जन्म पहली बार देख रहे हैं तो कृपया चैनल को सब्सक्राइब करना बिल्कुल भी ना भूले मेरे आने वाली वीडियो की नोटिफिकेशन सबसे पहले अब तक पहुंचे और आप मेरी वीडियो को सबसे पहले देख पाए
    आपका बहुत बहुत धन्यवाद

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