सत्य सनातन वैदिक धर्म एक है मन घडंत मत महजब समप्रदाय आदि अनेक है जो पक्षपात से भरे पड़े हैं। पक्षपात में ईश्वर नहीं है जैसे पंच पक्षपात करते हैं तो न्याय नहीं अन्याय होता है वैसे ही ये संप्रदाय बनै है इनमें एकता का प्रयास नहीं है। सत्य एक है जो पक्षपात रहित है। जय सत्य सनातन वैदिक धर्म।।
कृपया आचार्य जी आप से अनुरोध है कि सत्यनारायण कथा जरूर सुनाई लेकिन उसके आगे वैदिक शब्द मत जोड़िए क्योंकि वैदिक काल में कोई ऐसी सत्यनारायण की कथा नहीं होती थी।
नमस्ते जी आपकी बात सही है पर आपने अभिप्राय नहीं समझा पौराणिक सत्यनारायण अर्थात् भगवान की मान्यता के विरुद्ध वास्तविक वैदिक वेदोक्त ईश्वर के स्वरूप का प्रतिपादन किया गया है
भाई मेरे यह कथा का पहला प्रसंग है आगे के प्रसंगों में स्वामी जी का नाम लिया है। और थोड़ा टांग खींचने पर ध्यान कम दीजिए। यहां बातें स्वामी दयानंद की ही हो रही हैं पुराण व्यास कृत नहीं यह तो स्वामी जी ने ही कहा था न खैर छोड़िए
Om aapki samjhane ka dhang bahut achcha hai
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।❤
बहुत सुंदर संदेश
जय आर्यवीर! बहुत उत्तम और महत्वपूर्ण विषय और विचार।
वैदिक सत्यनारायण कथा भूमिका प्रसंग के अंतर्गत पहले दिन का व्याख्यान भाग है (२)
Namaste 🙏
🙏🏻🚩
Namaste achriy ji 🎉🎉
सादर नमस्ते आचार्यजी
ओम् नमस्ते आचार्य जीं जय आर्याव्र्य
Ishwar hamari buddhi ko Satya sunane mein hi lagaye
नमस्ते आचार्य जी ।
सत्य सनातन वैदिक धर्म एक है मन घडंत मत महजब समप्रदाय आदि अनेक है जो पक्षपात से भरे पड़े हैं। पक्षपात में ईश्वर नहीं है जैसे पंच पक्षपात करते हैं तो न्याय नहीं अन्याय होता है वैसे ही ये संप्रदाय बनै है इनमें एकता का प्रयास नहीं है। सत्य एक है जो पक्षपात रहित है। जय सत्य सनातन वैदिक धर्म।।
Vedo me varnit sakam puja aur agnihotra yagy bhi vyarth hai.
कृपया आचार्य जी आप से अनुरोध है कि सत्यनारायण कथा जरूर सुनाई लेकिन उसके आगे वैदिक शब्द मत जोड़िए क्योंकि वैदिक काल में कोई ऐसी सत्यनारायण की कथा नहीं होती थी।
नमस्ते जी
आपकी बात सही है
पर आपने अभिप्राय नहीं समझा
पौराणिक सत्यनारायण अर्थात् भगवान की मान्यता के विरुद्ध
वास्तविक वैदिक वेदोक्त ईश्वर के स्वरूप का प्रतिपादन किया गया है
वेदोक्त वर्ण व्यवस्था की चर्चा है
वेदोक्त पूजा पद्धति की चर्चा है
नवीन पुराण का खण्डन है
इसलिए वैदिक सत्यनारायण कथा है
स्कण्द पुराण रेवा खण्ड में सत्य नारायण कथा वर्णित है किसी वेद में सत्य नारायण कथा नहीं है.
भाई पुराण और वेद ना करो पूरी कथा सुनिए समझिये फिर कमेंट करें।
कैसा कथा वाचक हैंस्वामी दयानंद का नाम तक नही लिया
भाई मेरे यह कथा का पहला प्रसंग है
आगे के प्रसंगों में स्वामी जी का नाम लिया है।
और थोड़ा टांग खींचने पर ध्यान कम दीजिए।
यहां बातें स्वामी दयानंद की ही हो रही हैं
पुराण व्यास कृत नहीं यह तो स्वामी जी ने ही कहा था न
खैर छोड़िए
Aap ki niji jiban me v pratit hona he sanatan ko ninda karna sab se pakhndi aap he
मैं सनातन का समर्थक हूं
पाखंडी वह है जो वेद विरुद्ध विचार वाला है