sharir me vivek ki mahima - parvachan by swami shri ramsukhdas ji maharaj

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  • เผยแพร่เมื่อ 18 ก.ย. 2024
  • जितने महात्मा हुए उन्होंने हजारों लाखो का कल्याण किया पर उनसे भी बढ़कर मनुष्य हो सकता है। जबतक हमनें यावन्मात्र जीवों का कल्याण नहीं किया, तबतक क्या किया? यह अपना उद्देश्य बनाना चाहिये। [पैड ७७ पृष्ठ २४]

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