एक एक शाखा खोला सब मंडल तक विस्तार कंरा।। संघ गीत ।। संघ गीतमाला।। संघमित्र - RSS
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- เผยแพร่เมื่อ 22 ส.ค. 2022
- एक एक शाखा खोला सब मंडल तक विस्तार कंरा।। संघ गीत ।। संघ गीतमाला।। माधव शाखा
Lyrics👇👇
संगठना री जन्म शती रो पुख्ता आज विचार करां।
एक-एक शाखा खोलां सब मण्डल तक विस्तार करां।।
बस्ती तक विस्तार करां।।
जी शाखा पर आपां जावां, बी मैं मजबूती आवै।
भाँत-भाँत रा कार्यक्रमां सूं, संस्कार सारा पावै।
बैठक और नैपुण्य वर्ग सूं, सक्रीय टोळी त्यार करां।।1।।
बरसां सूं शाखा चालै है, आयोड़ा री लम्बी डार।
नियमित शाखा ल्यावां बानै, जो बैठ्या हैं हिम्मत हार।
लांघै बजरंग बली समन्दर, जामवन्त ज्यूं त्यार करां।।2।।
जितरो गुड़ घालालां प्यारा, उतणो मीठो होसी माल।
कै ई करां समर्पित जीवन, सारा देवां दो-दो साल।
समय समर्पण मांग दे ा री, पूरी कर स्वीकार करां।।3।।
जो संस्कार मिल्या शाखा मैं, दीखै नित व्यवहार मैं।
बात रा सांचा हाथ रा साँचा रहवां कारोबार मैं।
कथनी करनी एक सरीसी, जीवन मैं स्वीकार करां।।4।।
बूँद-बूँद सूं घड़ो भरीजे, ओ दुनिया रो है धारो।
छोटा-छोटा प्रकल्प लेवां तो समाज सुधरै सारो।
अपनी बस्ती सुरग बनाणी, ओ सपनो साकार करां।।5।।
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Music Label: #RSS
Album: संघ के गीत
Singer: स्वयंसेवक
Artist: स्वयंसेवक
Composer: स्वयंसेवक
Author: स्वयंसेवक - เพลง
भाई साहब गीत बहुत अच्छा है । कृपया ये कौनसी भाषा का है बताए । और कुछ शब्द का अर्थ समझ नहीं आ रहा है तो हिंदी में अर्थ दे सकते हैं क्या?
यह गीत राजस्थानी भाषा में है