तंत्र-सूत्र-विधि-14 (ओशो) -

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  • เผยแพร่เมื่อ 25 ส.ค. 2024
  • अपने पूरे अवधान को अपने मेरुदंड के मध्‍य में कमल-तंतु सी कोमल स्‍नायु में स्‍थित करो। और इसमे रूपांतरित हो जाओ।
    इस सूत्र के लिए, ध्‍यान की इस विधि के लिए तुम्‍हें अपनी आंखे बंद कर लेनी चाहिए। और अपने मेरुदंड को, अपनी रीढ़ की हड्डी को देखना चाहिए, देखने का भाव करना चाहिए। अच्‍छा हो कि किसी शरीर शास्‍त्र की पुस्‍तक में या किसी चिकित्‍सालय या मेडिकल कालेज में जाकर शरीर की संरचना को देखो-समझ लो, तब आंखे बंद करो और मेरुदंड पर अवधान लगाओ। उसे भीतर की आँखो से देखो और ठीक उसके मध्‍य से जाते हुए कमल तंतु जैसे कोमल स्‍नायु का भाव करो।
    ‘’और इसमे रूपांतरित हो जाओ।‘’
    अगर संभव हो तो इस मेरुदंड पर अवधान को एकाग्र करो और तब भीतर से, मध्‍य से जाते हुए कमल तंतु जैसे स्‍नायु पर एकाग्र होओ। और यही एकाग्रता तुम्‍हें तुम्‍हारे केंद्र पर आरूढ़ कर देगी। क्‍यों?
    मेरुदंड तुम्‍हारी समूची शरीर-संरचना का आधार है। सब कुछ उससे संयुक्‍त है, जुड़ा हुआ है। सच तो यह है कि तुम्‍हारा मस्‍तिष्‍क इसी मेरुदंड का एक छोर है। शरीर शास्‍त्री कहते है कि मस्‍तिष्‍क मेरुदंड का ही विस्‍तार है। तुम्‍हारा मस्‍तिष्‍क मेरुदंड को विकास है। और तुम्‍हारी रीढ़ तुम्‍हारे सारे शरीर से संबंधित है, सब कुछ उससे संबंधित है। यही कारण है कि उसे रीढ़ कहते है। आधार कहते है।
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    मैं एक साधक को इस विधि का प्रयोग करवा रहा था। मैंने उसे शरीर-संस्‍थान का एक चित्र देखने को दिया। ताकि वह उसके जरिए अपने भीतर के मेरुदंड को मन की आंखों से देखने में समर्थ हो सके। उसने प्रयोग शुरू किया और सप्‍ताह भर के अंदर आकर उसने मुझसे कहा, आश्‍चर्य की बात है कि मैने आपके दिए चित्र को देखने की कोशिश की, लेकिन अनेक बार वह चित्र मेरी आंखों के सामने से गायब हो गया और एक दूसरा मेरुदंड मुझे दिखाई दिया। यह मेरुदंड चित्र वाले मेरुदंड जैसा नहीं था। मैंने उस साधक को कहां की अब तुम सही रास्‍ते पर हो। अब चित्र को बिलकुल भूल जाओ। और उस मेरुदंड को देखा करो जो तुम्‍हारे लिए दृश्‍य हुआ है।
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    यह विधि उन लोगो के लिए उपयोगी है जो शरीर से जुडे है। अगर तुम भौतिकवादी हो, अगर तुम सोचते हो कि तुम शरीर के अतिरिक्‍त और कुछ नहीं हो, तो यह विधि तुम्‍हारे बहुत काम की होगी। अगर तुम चार्वाक या मार्क्‍स के मानने वाले हो, अगर तुम मानते हो कि मनुष्‍य शरीर के अलावा कुछ नहीं है, तो तुम्‍हें यह विधि बहुत सहयोगी होगी। तो तुम जाओ और मनुष्‍य के अस्‍थि संस्‍थान को देखो।
    अगर तुम शरीर वादी हो तो यह तुम्‍हारे काम आयेगी। अगर नहीं तो यह कठिन है। तब भीतर से शरीर को देखना कठिन होगा। यह विधि पुरूषों की बजाएं स्‍त्रियों के लिए ज्‍यादा कारगर होगी। स्‍त्रियां ज्‍यादा शरीवादी होती है। वे शरीर में अधिक रहती है। और कल्‍पनाशील भी होती है। शरीर का मनोदर्शन उनके लिए आसान है। स्‍त्रियां पुरूषों से ज्‍यादा शरीर केंद्रित होती है। लेकिन जो कोई भी शरीर को महसूस कर सकता है। जो कोई भी आँख बंद कर अंदर शरीर को देख सकता है। उसके लिए यह विधि बहुत सहयोगी है।
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    इसलिए मेरा सुझाव है कि जब तुम गहरे काम कृत्‍य में होओ तो इस विधि को प्रयोग में लाओ। यह आसान हो जायेगी। यौन को भूल जाओ। जब गहरे आलिंगन में उतरो बस भीतर रहो। और दूसरे व्‍यक्‍ति को भूल जाओ। भीतर जाओ और अपने मेरुदंड को देखो। उस समय मेरू दंड के पास अधिक उर्जा प्रवाहित होती है। क्‍योंकि तुम शांत होते हो और तुम्‍हारा शरीर विश्राम में होता है। प्रेम गहरे से गहरा विश्राम है, लेकिन हमने उसे भी तनाव बना लिया है। हमने उसे एक चिंता एक बोझ में बदल लिया है।
    प्रेम की ऊष्‍मा में, जब तुम भरे-भरे और शिथिल हो, आंखें बंद कर लो। सामान्‍यत: पुरूष आंखें बंद नहीं करते। स्‍त्रियां करती है। इसलिए मैंने कहा कि पुरूषों की बजाएं स्‍त्रियां अधिक शरीर वादी है। काम-कृत्‍य के गहरे आलिंगन में उतरने पर स्‍त्रियां आंखें बंद कर लेती है। दरअसल वे खुली आंखों से प्रेम नहीं कर सकती। आंखों के बंद रहने पर वे भीतर से शरीर को अधिक महसूस कर पाती है।
    तो आंखें बंद कर लो और शरीर को महसूस करो। विश्राम में उतर जाओ और मेरूदंड पर चित एकाग्र करो। और यह सूत्र बहुत सरल ढंग से कहता है: ‘’इसमें रूपांतरित हो जाओ।‘’ तुम इसके द्वारा रूपांतरित हो जाओगे।
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ความคิดเห็น • 4

  • @rajeshsoni3165
    @rajeshsoni3165 6 หลายเดือนก่อน +1

    AdiYogi,MahaYogi,ParamGuru Bhagwan Shiv Ke Shree Charno mein Pranaam❤🙏🏻❤❤

  • @bachchilal3015
    @bachchilal3015 11 หลายเดือนก่อน +2

    Sir mujhe oshoji ki hindi me dyan ki vididyan kitab chahiye ye kha aur kaise mil sakta hai please mujhe bataye

    • @indianprideYA
      @indianprideYA  9 หลายเดือนก่อน

      Online pdf bhi mil jayegi ya Amazon se bhi kharid skte hai