हमारा देश और हमारे 3 कानून | Implementation of 3 New criminal Law | New Criminal Law 2023 | New laws

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  • เผยแพร่เมื่อ 30 มิ.ย. 2024
  • हमारा देश और हमारे 3 कानून
    Implementation of 3 New criminal Law
    New Criminal Law 2023
    Law
    New criminal laws explained
    New Criminal Law
    Indian Justice Code 2023
    नए कानून में ये बातें हैं आम आदमी के लिए बेहद खास
    नए आपराधिक कानूनों में क्या है खास?
    भारत में ब्रिटिश काल के कानूनों की जगह अब 3 नए अपराध कानून (Three New Criminal Laws) सोमवार से लागू हो गए.
    ये कानून हैं- भारतीय न्याय संहिता (BNS), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (BSA).
    तीनों कानून दिसंबर 2023 में संसद से पास हुए थे. ये इंडियन पीनल कोड (IPC) 1860, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) 1973 और इंडियन एविडेंस एक्ट 1872 की जगह लेंगे.
    इसके अलावा दंड प्रक्रिया संहिता की जगह भी भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता लागू होगी. जबकि पुराने भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह नया भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू होगा.
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    हमारा भारत और हमारे कानून, देश ने ब्रिटिश कानून को अलविदा कह दिया है। देशभर में 1 जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता यानी बीएनएस, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता यानी बीएनएसएस और भारतीय साक्ष्य अधिनियम यानी बीएसए 2023 लागू हो गये हैं। इन कानूनों के लागू होने से कई चीजों में बदलाव हो गया है। नए कानून में पुराने कानून के जो आवश्यक प्रावधान थे, उसे रखा गया है और जो गैर जरूरी थे, उसे हटा दिया गया है।
    नए कानून में अब हत्या के लिए धारा 302 की जगह 103 (1), जानलेवा हमला के लिए 307 की जगह धारा 109, दुष्कर्म के लिए धारा 376 की जगह धारा 64, चोरी के लिए 379 की जगह 303 (2) और ठगी की धारा बदल कर 316 कर दी गई है।
    आईपीसी में महिला के साथ छेड़छाड़ की धारा 354 क जगह अब 74, किसी महिला को उसकी मर्जी के खिलाफ अश्लील साहित्य, वीडिया या फिल्म दिखाने की धारा 354 ए की जगह अब 75, किसी महिला को अपमानित करने के इरादे पर धारा 509 की जगह 79 हो जाएगा।
    किसी अवयस्क का अपहरण करने या गैरकानूनी रूप से किसी आवश्यक को अपने पास रखने पर लगने वाली धारा 363 की जगह 137 बी, किसी व्यक्ति की हत्या करने के उद्देश्य से अपहरण की धारा 364 की जगह 140 (1), किसी व्यक्ति के अपरण के बाद उसके साथ मारपीट करने, हत्या की धमकी देने की धारा 364 एक की जगह 140 (2), 10 वर्ष से कम के बालक का उसकी संपत्ति हड़पने की नीयत से अपहरण की धारा 365 की जगह 140 (3) लागू किया जाएगा।
    भारतीय दंड संहिता में सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने पर अब धारा 353 की जगह 132 के तहत केस होगा। सरकारी कर्मचारियों या पुलिसकर्मियों के साथ मारपट में धारा 322 की जगह अब 121 (1) के तहत केस होगा।

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