Parshurami| आशुतोष के प्राण पिआरे, जब टूटा धनुष और धनुष से लिपट रोए परशुराम सर्वेश जी द्विवेदी।

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  • เผยแพร่เมื่อ 3 พ.ย. 2024

ความคิดเห็น • 7

  • @bipinchandra3145
    @bipinchandra3145 หลายเดือนก่อน +3

    कार्य उपाधि अयम जीव: कारण उपाधि ईश्वर: कार्य कारण ताम हत्वा पूर्ण बोधा वशिष्यते
    परशुराम जैसे ज्ञानी को जो नाश्वर वस्तु है उस पर रोना शुभा नही देता, रोता तो संसारी अज्ञानी है क्यो कि धारा का प्रमाण यही तुलासी जो फरा सो झरा जो बरा सो बु ताना, जिसको आना पड़ा उसे जाना पड़ा
    जो जन्में सो निश्चय नसै जो नसै सो पुन: प्रकासै

  • @rashmimishra4736
    @rashmimishra4736 2 หลายเดือนก่อน +2

    Jay shree ram❤❤❤❤

  • @हिन्दूएकतानिर्माणसंघफतेहपुरआशी

    Jai ho ❤❤❤❤

  • @manishd6670
    @manishd6670 2 หลายเดือนก่อน +2

    ❤❤❤❤❤❤

  • @dharmendradwivedi641
    @dharmendradwivedi641 หลายเดือนก่อน +2

    बहुत सुन्दर प्रसंग। ।

  • @drkaptansinghkaptansingh2264
    @drkaptansinghkaptansingh2264 หลายเดือนก่อน +1

    आदरणीय परशुराम जी का अजगव के प्रति लगाव एवं विलाप बहुत ही जिवंत, मार्मिक l आदरणीय को बहुत धन्यवाद

  • @Shailendrashukla312
    @Shailendrashukla312 3 หลายเดือนก่อน +1

    Sundar...