वेदों में मूर्ति पूजा का विधान है कि नहीं एवं मूर्तियों के प्रकार jagadguru sri rambhadracharya ji
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- เผยแพร่เมื่อ 13 ก.ค. 2023
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वेदों में मूर्ति पूजा का विधान है कि नहीं एवं मूर्तियों के प्रकार jagadguru sri rambhadracharya ji
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जिसने सारे संसार को बनाया हमे और तुम्हे सब को बनाया है जो सबकै अंदर और बाहर सब जगह व्यापक है उसे किसने देखा कैसा है उसकी मूर्ति कैसे बना सकते हैं। परमात्मा एक है सत्य एक है वही सबका पिता माता आचार्य गुरु हैं जगत् गुरु का अर्थ है जिसे संसार माने। जगत् गुरु केवल एक परमात्मा है जो सबका गुरु हैं।
इतनी अच्छी ज्ञान भरी जानकारी देने के लिए जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी के श्री चरणो में कोटि कोटि
नमोराघवाय गुरुजी
नमो राघवाय 🙏 जयश्री सीता राम
Guruji ko Koti Koti Pranaam 🙏🙏
Jai Shree Ram
🙏🙏 gurudev namo raghavay Jai shree sitaram
Namo Raghavay Guru Ji
Jay Ram.
prabhu sakskat bhagwaan aap sb badaliye apar khushi hai aap ke charno me koti koti baar charan sparsh aap phnava khan paan sab badaliye prbhu ki jai sitaram jai sitaram
धन्यवाद आपका गुरुदेव
Jai jai jai shiya ram jai jai shree raghav ji dham jai jai gurudev bhagwan 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👏👏👏👏👏👏👏👏👏🌺🌹🌺🌺🌺🌺🎋🎋🌺
Hey Guruvar aapko shat shat pranam.
सदगुरु भगवान जी की जय
श्रीमान रामभद्राचार्य जी सादर अभिवादन नमस्ते जी। आप समाधिमान मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम।जी कथा ठीक ठाक कर लेते है इसके लिए साधुवाद।परंतु जगदीश्वर जगत के ईश ओउम् को जानने समझने बोलने के लिए आपको गुरु वशिष्ठ के vedo vale गुरुकुल में प्रवेश लेना होगा।निर्गुण ,sagun shabdo ko janana chahiy jab आपके प्राण निकल जाए तो अपने किसी शिष्य को आदेश कर जाना की वह आपके jad pade preten pran pratishtha kar aapako पूना jibit कर ले। ओउम् आर्यावर्त के सूर्य युग प्रवर्तक महर्षि दयानंद सरस्वती जी महाराज को श्रद्धा सुमन अर्पित करते है।
Namo Raghway
🙏🙏🌹👍🌺
Jay sri ram
Music at the background is very high. Can't get clarity of Guruji voice.
Daru bramha murti Jay jagannath
prabhu ko namaste nhi charan sparsh ugpurush ki jai
Jay shree ram guruji guruji hamare yahan murti visarjan jo galat tareeka h us par bhi prakash dalne ki kirpa karen peepal ke neeche daal dete hn
कौन से वेद में किस मंत्र में मूर्ति पूजा है .
अथर्वेद में है
गुरूजी का अवाज से हारमोनियम का अवाज ज्यादा होरहा हैं! थोडा कम करना चाहिये.
महाराज जी आप कथा वाचक है अच्छी कथा करते हैं इसमें कोई दोराय नहीं लेकिन मूर्ति पूजा के लिए वेद का प्रमाण दे रहे हैं लगता है वेद आपने कभी छुआ ही नहीं है जितने ऊर्जा कथा करने में आप लग रहे हैं इतनी ऊर्जा यदि सत्य ज्ञान और वेद ज्ञान के प्रचारित करने में लगाते तो आज हमारे राष्ट्र का और धर्म का कभी का उत्थान हो गया होता आदि शंकराचार्य ने मूर्ति पूजा का हमेशा विरोध कियाखंडन किया लेकिन फिर भी मूर्ति पूजा की जिद पर अड़े हुए हैं ईश्वर की संध्या उपासना क्यों नहीं करते क्यों नहीं सिखाते
जितने भी कथावाचक है अपनी कथाओं के माध्यम से समाज में अंधविश्वास ही परोस रहे हैं
असली पोंगा पण्डित
आदि शंकराचार्य ने मूर्तिपूजा को अधम पूजा कहा है !
यह बाबाजी प्रज्ञा चक्षु होते हुए असत्य बोल पाखंड फैला रहे हैं!
Gyani purush Shankara chatrya ji ki Murti hai ki nahi toh unko nahi pujate kiya, ved bhi sagun roop me h unka bhi aakar h , pranav om uska bhi aakar h , guru Jin se deesha milti h unka bhi aakar h, jis mala se bhajte ho woh bhi aakar h bhai jab jo tum ko Mila aur dikha sab sakar h aur jab bhagwan Kan kan me h toh us Murti ke kan me nahi h kiya
Dhongi babao ka kam hi yahi he
@@exm-ii4wxvedo me murtipooja ka ullekh hi nahi he or jo ved ke virudh he vo sab nastik he murtipooja karne wale bhi sb nastik hi he.
बाबाजी,असत्य बता रहे हैं!!
वह कोई वेद के मंत्र का विपरित अर्थ बता रहे हैं!
वह मूर्ति ओ में मूर्खता से प्राण प्रतिष्ठा करने का कोई उत्तर नही दे रहे हैं!
वेद की बात करते हुए भगवत का प्रमाण देने लगते है!
Pagal bnate he sabhi ko ye baba log
namaste mt bolo jo bhi khe bekar hai
वेदों में ईश्वर को सर्वव्यापक और निराकार बताया है तो फिर वेद के किस मंत्र में मूर्तिपूजा का विधान है? इसी प्रश्न पर काशी में स्वामी दयानंद ने मूर्तिपूजा के समर्थक सनातनी पंडितों को मौन किया था। इसलिए शब्दों की जादूगरी करके लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश मत करो।