BMC का क्विक एक्शन काबिले तारीफ है

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  • เผยแพร่เมื่อ 20 ส.ค. 2021
  • आज सुबह की बात है... रोज़ की तरफ वर्कआउट करके जिम से घर आया। दरवाजे के बाहर एक गाय बैठी थी, जो अक्सर वहां बैठी रहती थी। लेकिन आज जैसे ही मेरा ध्यान उसके सींग पर गया तो देखकर मन द्रवित हो उठा।
    असल में एक दिन पहले सुबह मेरी बाइक पर खून के छींटें पड़े थे तो समझ नहीं आया कि कहां से आया होगा। लेकिन गाय को देखने के बाद अचानक सब साफ हो गया। किसी गाड़ी ने गाय को टक्कर मारी थी और उसका सींग टूट गया था। वो कल से इस दर्द में थी।
    खैर, मैंने बिना पल गंवाए 9.42 बजे पीपुल्स समाचार के जर्नलिस्ट और अपने अज़ीज़ दोस्त साकिब खान को कॉल किया और किसी रेस्क्यू संस्था का नंबर मांगा। साकिब ने 9.44 बजे प्रमांशु शुक्ला का नंबर दिया। उन्हें कॉल करने पर उन्होंने नगर निगम कॉल सेंटर में कॉल करने कहा, साथ ही ये भी कहा- अगर 20 मिनट में समस्या का समाधान न हो तो मुझे बताइएगा।
    9.49 बजे मैंने नगर निगम के कॉल सेंटर के 1800 233 0014 नंबर पर शिकायत दर्ज कराई।
    9.55 बजे एक शख्स का कॉल आया, उस वक्त वो जेल पहाड़ी के पास थे। उन्हें रामेश्वरम सी सेक्टर का एड्रेस समझाया। 10.20 बजे भोपाल नगर निगम की गाड़ी में 6 कर्मचारी आए, और गाय को गाड़ी में बैठाकर इलाज के लिए जहांगीराबाद के पशु चिकित्सालय ले गए। अब वहां उस गाय का इलाज हो रहा है।
    कुछ मामलों में भले ही नगर निगम के कर्मचारी एक्टिव न रहते हों। लेकिन एक बेजुबान जानवर के मामले में जो संवेदनशीलता दिखाई वो वाकई काबिले तारीफ है।
    धन्यवाद, भोपाल नगर निगम
    और हां, इस पूरे मामले में मैंने ये नहीं बताया कि मैं दैनिक भास्कर में जर्नलिस्ट हूं। ये तो बस एक आम आदमी वाला व्यक्तिगत अनुभव था।

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