@@biswashimendu तब शायद आपको जानकारी नहीं है, मैने एक इंटरव्यू में एक वृद्ध व्यक्ति को रेडियो पे सुना था, की ऐसा हो सकता है और उसने ऐसा किया भी था। वो कार्यक्रम भी उसी पे बेस्ड था। मुझे टेक्निकल नॉलेज उतनी नहीं है तो मुझे उनकी बात ज्यादा समझ में नहीं आई की उन्होंने किस तरह से इसे किया था। पर कुछ तो बता रहे थे के की ऑसिलेटर को और गैंग को और ट्रांजिस्टर को एक ज्यादा पावर का लगा देने से उन्होंने ने ऐसा किया था। मैं वो प्रोग्राम पूरा नही सुन पाया क्युकी सिग्नल बहुत कमजोर था और मेरे पास ज्यादा समय भी नही था, उस प्रोग्राम को पूरा सुनने के लिए। उनके अनुसार उन्होंने ने ऐसा करके सामान्य रेडियो बैंड्स के अलावा भी हैम रेडियो, पुलिस के वायरलेस पे हुई हर बात चीत को, ट्रैफिक के सारी बात आदि को भी सुना करते थे। उन्होंने इसी विधि का उपयोग करके एक बार घायल आर्मी ऑफिसर की जान भी बचाई थी। मैं तब से लगभग हर जगह पे सबसे यही पूछता हु लेकिन कोई इस बारे में खास जानकारी रखता ही नहीं है। सबका यही कहना है की ऐसा करना नामुमकिन है। पता नही क्यों?
You have done it very patiently and the instruction you are giving to viewers is very valuable. Thank you sir.
@@sanjeeviponturu8465 thanks ..
@@sanjeeviponturu8465 thanks
Where are you from. I am from Kolkata. I want to repair my old Philips Bahadur radio. Model DL 167. Please reply. Thank you.
Sir, radio me kya badlaw kare taki hum usme fm mw sw ke alava bhi aur naya band prapt kar sake? Reply jarur kare.
@@SandeepKumar-mq5qr ...aisa kuch nahi hai ...jaisa circuit design hai ohi bajaga..
Where is your shop? Please inform your contact number. I am from Kolkata. I want to repair my radio.
@@biswashimendu तब शायद आपको जानकारी नहीं है, मैने एक इंटरव्यू में एक वृद्ध व्यक्ति को रेडियो पे सुना था, की ऐसा हो सकता है और उसने ऐसा किया भी था। वो कार्यक्रम भी उसी पे बेस्ड था। मुझे टेक्निकल नॉलेज उतनी नहीं है तो मुझे उनकी बात ज्यादा समझ में नहीं आई की उन्होंने किस तरह से इसे किया था। पर कुछ तो बता रहे थे के की ऑसिलेटर को और गैंग को और ट्रांजिस्टर को एक ज्यादा पावर का लगा देने से उन्होंने ने ऐसा किया था। मैं वो प्रोग्राम पूरा नही सुन पाया क्युकी सिग्नल बहुत कमजोर था और मेरे पास ज्यादा समय भी नही था, उस प्रोग्राम को पूरा सुनने के लिए। उनके अनुसार उन्होंने ने ऐसा करके सामान्य रेडियो बैंड्स के अलावा भी हैम रेडियो, पुलिस के वायरलेस पे हुई हर बात चीत को, ट्रैफिक के सारी बात आदि को भी सुना करते थे। उन्होंने इसी विधि का उपयोग करके एक बार घायल आर्मी ऑफिसर की जान भी बचाई थी। मैं तब से लगभग हर जगह पे सबसे यही पूछता हु लेकिन कोई इस बारे में खास जानकारी रखता ही नहीं है। सबका यही कहना है की ऐसा करना नामुमकिन है। पता नही क्यों?