Class 8.28 । कर्म बन्ध विज्ञान - अकाल मरण और आयु कर्म आदि के सिद्धांत को समझें सूत्र 10,11

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  • เผยแพร่เมื่อ 2 มิ.ย. 2024
  • Class 8.28 summary
    हमने जाना कि आयु कर्म के कारण
    जीव किसी न किसी भव को धारण कर
    आयु पर्यंत काल तक जीवित रहकर
    उसका फल भोगता है
    यह जीव को शरीर में बांधकर रखता है
    इसकी प्राप्ति होने पर ही गति, शरीर आदि का निर्धारण होता है
    इसके कारण जीव परतंत्र हो जाता है
    क्योंकि इसके सद्भाव में जीव उस शरीर को नहीं छोड़ सकता
    और जन्मजात शरीरगत रोगों के कष्टों को भी आयु पर्यंत सहन करता है
    जैसे heart में छेद होना आदि
    सूत्र दस - नारक तैर्यग्योन मानुष दैवानि में हमने जाना कि
    गतियों और भावों की तरह
    आयु भी चार ही होती हैं
    पहली नारक आयु के कारण जीव नरक गति को प्राप्तकर
    नरक सम्बन्धित दुःखों को भोगता है
    इसमें कभी अकाल मरण नहीं होता
    जितनी आयु बांध कर जीव उत्पन्न होता है
    उतने समय तक वह दुःख भोगता है
    इसलिए इसे अत्यन्त अशुभ आयु कहते हैं
    दूसरी तिर्यंच आयु के कारण जीव तिर्यंच गति में अनेक दुःखों का भाजन करता है
    यह भी दुःख देने वाली आयु है
    जहाँ नरक गति में अत्यन्त तीव्र शारीरिक दुःख और अत्यधिक प्रचुर मानसिक क्लेश होते हैं
    वहीं तिर्यंचों में वध, बन्धन, छेदन-भेदन, सर्दी-गर्मी आदि के अत्यधिक शारीरिक दुःख भोगने पड़ते हैं
    इसमें कुछ समय सुखपूर्वक गुजारने वाली पर्यायें,
    बहुत थोड़ी सी होती हैं
    दुःख रुप एकेन्द्रिय और विकलेन्द्रिय पर्यायों में तो जन्म-मरण का ही पता नहीं होता
    तीसरी मनुष्य आयु के कारण जीव मनुष्य गति में,
    मनुष्य का शरीर धारणकर
    मनुष्यगत भावों के साथ रहता है
    इसमें सुख भी हैं
    और अनेक तरह के शारीरिक, मानसिक और आकस्मिक दुःख भी हैं
    तिर्यंचों और मनुष्यों में अकाल मरण भी होता है
    इसमें जीव की आयु, उसी समय पर, पूर्ण घात को प्राप्त हो जाती है
    और वह नयी आयु बांधकर अगला जन्म प्राप्त करता है
    यह पर के माध्यम से और स्व के माध्यम से भी होता है
    जैसे किसी और ने बंध, बंधन में डाल कर वध कर दिया
    या जीव ने स्व का ही घात कर लिया
    मरण आदि को निश्चित मानकर
    अकाल मरण पर प्रश्नचिंह लगाने वाले लोगों को
    मुनि श्री ने समझाया कि
    इसमें आयु अधिक होते हुए भी जीव उसका घातकर
    उसे समय से पहले पूर्ण खिरा देता है
    इसके accident, दुर्घटना आदि बाहरी कारण तो हमें समझ में आते हैं
    लेकिन आज मानसिक परेशानियाँ, क्लेश, तनाव आदि आयु क्षय का मुख्य कारण हैं
    इनसे भी आयु कर्म की उदीरणा होती है
    लोग मन की होने से, दूसरों से जुड़कर दुखी होते हैं
    depression में चले जाते हैं
    और उनका शरीर मिटने सा लगता है
    चौथी देव आयु के कारण सुख देने रूप देव गति प्राप्त होती है
    यहाँ शारीरिक सुख और काफी कुछ मानसिक सुख होते हैं
    दुःख तो वहाँ
    दूसरों को, उनकी ऋद्धियों आदि को देखकर
    किसी का वियोग होने से आदि
    खुद से प्राप्त करने पड़ते हैं
    हमने जाना कि अनादि काल से लेकर जब तक जीव संसार में रहता है तब तक
    आत्मा में आयु कर्म का अभाव समय मात्र के लिए भी नहीं होता
    नियम से इसका उदय पूर्ण होने से
    पहले ही आगामी आयु का बन्ध हो जाता है
    अन्यथा वह जीव मुक्त हो जाएगा
    यदि आयु का बंध पहले नहीं भी हुआ हो
    तो भी accident आदि में भी
    आयु का पूर्ण घात होने से पहले
    आगामी आयु का बंध हो जाता है
    हमने जाना कि नामकर्म के कारण जीव को अनेक तरह की गति, शरीर आदि मिलते हैं
    सूत्र ग्यारह
    गति-जाति-शरीराङ्गोपाङ्ग-निर्माण-बंधन-संघात-संस्थान-संहनन-स्पर्श-रस-गन्ध-वर्णानुपूर्व्यगुरु- लघूपघात-परघाता-तपो-द्योतोच्छ्-वास-विहायोग-तयः प्रत्येक-शरीर-त्रस-सुभग-सुस्वर-शुभ- सूक्ष्मपर्याप्ति-स्थिरादेय-यशःकीर्ति-सेतराणि तीर्थकरत्वं च
    में हमने इसके बयालीस भेद प्रकृतियों
    और एक सौ अडतालीस उत्तर भेद प्रकृतियों के बारे में जाना
    Tattwarthsutra Website: ttv.arham.yoga/

ความคิดเห็น • 26

  • @prabhajain6878
    @prabhajain6878 หลายเดือนก่อน +3

    अर्हं योग प्रणेता पूज्य गुरुदेव श्री प्रणम्यसागर महाराज जी की जय जय जय 🙏💖🙏💖🙏💖

  • @vinayjain4748
    @vinayjain4748 หลายเดือนก่อน

    Namostu maharaj shree bhagwan 🙏

  • @nalinimishrikotkar3011
    @nalinimishrikotkar3011 หลายเดือนก่อน

    Namostu Guruvar🙏🙏🙏

  • @snehajain5069
    @snehajain5069 27 วันที่ผ่านมา

    Namostu guruvar🙏🙏🙏

  • @rajada033
    @rajada033 หลายเดือนก่อน +1

    Jai GURU...

  • @TanusTips
    @TanusTips หลายเดือนก่อน

    नमोस्तु गुरूदेव आचार्य श्री जी की जय हो 🙏🙏🙏🙏🙏

  • @sandhyakhadke3218
    @sandhyakhadke3218 หลายเดือนก่อน

    Namostu Gurudev Namostu Gurudev Namostu Gurudev 🙏 🙏🙏

  • @narendrapidiyar7326
    @narendrapidiyar7326 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏🙏 pranamya Sagar Muni Maharaj ki Jay

  • @ManjuJain-n8n
    @ManjuJain-n8n 15 วันที่ผ่านมา

    Namostu gurudev

  • @anjujain3552
    @anjujain3552 หลายเดือนก่อน

    Namostu gurudev 🙏🙏🙏

  • @veenajain7481
    @veenajain7481 หลายเดือนก่อน

    ❤Gruvar pranamy Muni marajji ko barambar namostu

  • @user-on8pr8dg6e
    @user-on8pr8dg6e หลายเดือนก่อน

    Barambaar namostu namostu namostu munishri ko

  • @veerendrakumarjain5041
    @veerendrakumarjain5041 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏🙏 namostu namostu namostu gurudev

  • @pragatichankeshwar3674
    @pragatichankeshwar3674 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏🙏

  • @sulbhadhanushkar2860
    @sulbhadhanushkar2860 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏🙏🙏🙏

  • @seemamadankumar1521
    @seemamadankumar1521 หลายเดือนก่อน

    🙏🏻🙏🏻🙏🏻🌹🌹🌹ಮಹಾರಾಜೀ

  • @neetashah4100
    @neetashah4100 หลายเดือนก่อน

    नमोस्तु गुरुवर नमोस्तु गुरुवर नमोस्तु गुरुवर 🙏🙏🙏

  • @sanikashah5755
    @sanikashah5755 หลายเดือนก่อน

    Namostu gurudev! 🙏

  • @shashijain1809
    @shashijain1809 หลายเดือนก่อน

    Nmostu gurudev 🙏🙏🙏

  • @ruchijain5462
    @ruchijain5462 หลายเดือนก่อน

    Namostu gurudev 😊

  • @vinayjain4748
    @vinayjain4748 หลายเดือนก่อน

    Answer 2. Narak aayu

  • @manjushashah5597
    @manjushashah5597 หลายเดือนก่อน

    Namostu gurudev

  • @shivendrajain5458
    @shivendrajain5458 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏🙏🙏🙏

  • @nehajain7265
    @nehajain7265 หลายเดือนก่อน

    🙏🙏🙏

  • @abhinavjain6659
    @abhinavjain6659 หลายเดือนก่อน

    Namostu gurudev

  • @SuvratJainDL
    @SuvratJainDL หลายเดือนก่อน

    Namostu gurudev