बहन जी आपको सादर नमस्ते । आज के आधुनिक युग मे जहाँ लड़किया मॉडलिंग की दुनिया मे जा रही है उसी आधुनिक युग मे आप ने जो वैदिक संस्कृति को आगे बढ़ाने का जो बीड़ा उठाया है इस के लिए जो भी शब्द कहूँ बहुत कम हैं, मै आशा करता हूँ कि आप की विचारधारा आज की युवा पीढ़ी में अवश्य एक नई सोच को जन्म देगी। आप को ऋषि का कोटि कोटि प्रणाम। वैदिक धर्म की जय हो।
वंदे मातरम् जय हिंद जय भारत जय सत्य सनातनी संस्कृति जय माँ भारती जय जय श्री राम व्यास पीठ सें मेरी प्रार्थना है कि ईश्वर के साथ साथ राष्ट भक्ति भी प्रवचन देना चाहिए
कोई भी अपना परिचय खुद अच्छे तरह से दे सकता है या कोई और उस के बारे में सत्य कैसे बता सकता है उसी प्रकार जो परमात्मा है वह अपना परिचय खुद देगे या कोई इस दुनियाँ के लोग कैसे दे सकते हैं उनका परिचय।
*मुनिवरों! राष्ट्र उस काल में पवित्र बनेगा जब यहाँ प्रत्येक मानव अपने कर्तव्य का पालन करेगा क्योंकि कर्तव्यवाद ही तो हमारे यहाँ धर्म माना गया है धर्म केवल उसको नहीं कहा जाता है कि आज हम शिवालय में चले जाए इससे कदापि भी राष्ट्र ,समाज धर्म कभी ऊँचा नहीँ बनता। धर्म और मानवता उस काल में ऊँची बनती है जब मानव मानव के विषय में विचारना आरम्भ कर देता है। जहाँ कर्तव्यवाद नहीँ रहता केवल स्वार्थवाद आ जाता है उस काल में धर्म और राष्ट्र दोनों ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। आज का जो समाज जो मुझे दृष्टिपात आ रहा है आज तो प्रत्येक मानव के हृदय में स्वार्थ भरे वाक्यों से प्रश्न किया जाता है तो वहाँ केवल एक अग्नि ऐसी प्रदीप्त होती है कि उनका हृदय यही कह रहा है कि यह आर्यव्रत राष्ट्र कदापि भी ऊँचा नहीँ बनेगा। राष्ट्र में जो मृत्यु आ गयी है इसका मूल कारण संसार में कर्तव्यवाद का न होना है और स्वार्थवाद का आ जाना है। धन को अधिक प्रधानता दे देना और हृदय में कुछ है और बाहय जगत उनका कुछ और है। मनोवैज्ञानिक ऋषि कहते है की राजा के राष्ट्र में कर्णधारों के मष्तिष्क में ऐसी विचारधारा है तो उस समय प्रजा और राष्ट्र अग्नि के मुखारविंद पर विराजमान हो जाता है। यह संसार आज अग्नि के उस मुखारविंद पर विराजमान हो गया है, आज वह व्यक्ति और राष्ट्र नेता ऊँचा माना जाता है जो सबसे ज्यादा मिथ्या उच्चारण करे। उन व्यक्तियों को लोग कहते है कि यह कितना बुद्धिमान है। यह इसीलिये आज का समाज अधोगति को जा रहा है। इस जगत का आज एक ही उपाय है की शिक्षालयों में ब्रह्मचारी और छात्र पवित्र बनें।*
Bahut vadya bhajan sunkar Aanad Aagaya
जबर्दस्त। बहुत बढ़िया भजन बहन जी
जो वस्तू जेसी हो वेसी मानना जानना सत्य है ईस पर प्रकाश डाला बहुत सुन्दर जानकारी दी
गजब
गुड़िया बहुत सुन्दर।।
यशस्विनी भवः
अति सुन्दर प्रवचन पुत्री
ॐ
Bhut hi achhi parstuti thi bhut achha lga sunkar bole so abhay om nam ki jai
वैदिक धर्म की जय हो बहुत बढ़िया बेटी निकिता
Sunder Bajan Om Shnti
वैदिक धर्म की जय हो महर्षि दयानंद की जय हो
प्रणाम बहन को🙏🙏
Satya sanatan vaidik dharm ki jay ho 🙏 🙏 🚩 🚩
Har Har Mahadev Har 🙏 🙏 🚩 🚩
Jay Hindu Rashtra 🚩 🚩 🚩 🚩 🚩
🙏🏻अति प्रिय है भजन
जय आर्य जय आर्यावर्त 🙏🙏🙏🙏🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳👏👏👏👏♥️♥️♥️♥️♥️ कृण्वंतो विश्वमार्यम्
Om very nice
अती ऊतम मनमोहक ईश्वर स्तुति नमस्ते आर्य बहन निकिता जी को सादर प्रणाम आर्य समाज मंदिर फेफाना हनुमानगढ़ राजस्थान
Om vadic Dharm ki Jai Ho
Jai shri ram ji🙏
Vedik dhrm ki jay ho 🙏
पंडित महेंद्र पाल आर्य 🙏
Arya Samaj good
Vaidik Dharm ki sada hi Jai 🕉️🙏
वैदिक धर्म की जय।
बहुत-बहुत आभार
वैदिक धर्म की जय।
हर हर महादेव
Omheeomha
बहन जी आपकी वाणी में बहुत मधुरता है।
ATI Sundar bhakti geet dhanyvad aapko Naman Bandan Ankita ji Om Om Jay aryavart Jay Arya samaj
बहुत सुंदर
अद्भुत 🙏🙏🙏🙏
वीर बजरंगबली की जय
हर हर महादेव 🚩🚩🚩
बहन जी आपको सादर नमस्ते ।
आज के आधुनिक युग मे जहाँ लड़किया मॉडलिंग की दुनिया मे जा रही है उसी आधुनिक युग मे आप ने जो वैदिक संस्कृति को आगे बढ़ाने का जो बीड़ा उठाया है इस के लिए जो भी शब्द कहूँ बहुत कम हैं, मै आशा करता हूँ कि आप की विचारधारा आज की युवा पीढ़ी में अवश्य एक नई सोच को जन्म देगी। आप को ऋषि का कोटि कोटि प्रणाम।
वैदिक धर्म की जय हो।
Adhura Gyan hai didi
जय श्रीराम
Sabka Malik Ek Hai parampita Parmeshwar
ओ३म
अति सुन्दर भजन बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं ईश्वर कृपा बरसती रहे 🔥 ओ३म् 🔥
वंदे मातरम् जय हिंद जय भारत जय सत्य सनातनी संस्कृति जय माँ भारती जय जय श्री राम व्यास पीठ सें मेरी प्रार्थना है कि ईश्वर के साथ साथ राष्ट भक्ति भी प्रवचन देना चाहिए
अति सुन्दर रचना है
Jai ho, aum namaste
Om bhainji atee sundar prastuti bhaut bhaut swagat aur sadhubaad
बहुत ही सुंदर, उतम बहन निकिता आर्या जी
में दानवीर आर्य, मध्यप्रदेश से 🙏🙏🙏
🙏
Her her mahadew
❤️❤️
बहुत बहुत आभार धन्यवाद जी
बहुत ही सुन्दर शब्दों को पिरोयाहै।मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ तुम्हें सदा स्वस्थ रखे।
🙏🙏🙏🙏👌
बहिन जी इस सुन्दर गीत केलिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद
Om
अति सुंदर
बहन जी आपका भजन बहुत ही मर्मस्पर्शी है आपको शत् शत् नमन्
ओ३म् नमस्ते जी
बहुत सुन्दर
Jai shree krishna 🙏
ओ३म् नमस्ते जी!! उत्तम भजन!! सुन्दर प्रस्तुति!!
बहन जी नमस्ते जी। आपका भजन मन छू गया।
Jai ho
विश्व स्य कर्ता स विश्व कर्मा अर्थात जो विश्व की रचना करता है वह विश्व कर्मा है ओम् शान्ति शान्ति शान्ति।
Om nmh siway
Hum bhi janom se pahele nirakar e thhe.
आप को कितनी भी बार सुनूं कम लगे
एक क्रांति हो आप
Excellent 👌👍👍
Good
ओ३म नमस्ते जी
Namaste sister
कोई भी अपना परिचय खुद अच्छे तरह से दे सकता है या कोई और उस के बारे में सत्य कैसे बता सकता है उसी प्रकार जो परमात्मा है वह अपना परिचय खुद देगे या कोई इस दुनियाँ के लोग कैसे दे सकते हैं उनका परिचय।
Yhu hmm
आपकी आवाज अति मधुर है एवं भजन लिखने वाला कोई बहुत योग्य व्यक्ति होगा जिसने पूरी बात भी कह दी और छंद भी बिगड़ने नही दिया।
Ishwar ko Sahi tarike se Janna Hai To Praja Pita Brahma Kumari ishwariy Vishwavidyalay mein janiye
Kuch nhi h waha,
🕉🕉🚩🛕🔔🔱🔱🌹 parnam ji 🕉🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🔱🔱🔱🔱🚩🚩🚩🚩
सुन्दर।
ओम् नमस्ते बहन
आर्य जी मुझे अपने घर भजन का कार्यक्रम करवाना है क्या करना होगा 🙏
बहुत सुन्दर रचना एवं प्रस्तुती । बेटी ने अपना जीवन तो धन्य किया ही हे इस बेटी के माता पिता को नमन
Apna email ya mobile no. Bhejo
मुझे भी बताना जी
कार्यक्रम के लिए
V V good
Sister bajan dvara bda updes diya
Hum moorkh hain?
Om sarsti ke rchiyta he parntu om he kon btaiye me anil Das rurkee
😊
*मुनिवरों! राष्ट्र उस काल में पवित्र बनेगा जब यहाँ प्रत्येक मानव अपने कर्तव्य का पालन करेगा क्योंकि कर्तव्यवाद ही तो हमारे यहाँ धर्म माना गया है धर्म केवल उसको नहीं कहा जाता है कि आज हम शिवालय में चले जाए इससे कदापि भी राष्ट्र ,समाज धर्म कभी ऊँचा नहीँ बनता। धर्म और मानवता उस काल में ऊँची बनती है जब मानव मानव के विषय में विचारना आरम्भ कर देता है। जहाँ कर्तव्यवाद नहीँ रहता केवल स्वार्थवाद आ जाता है उस काल में धर्म और राष्ट्र दोनों ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हैं। आज का जो समाज जो मुझे दृष्टिपात आ रहा है आज तो प्रत्येक मानव के हृदय में स्वार्थ भरे वाक्यों से प्रश्न किया जाता है तो वहाँ केवल एक अग्नि ऐसी प्रदीप्त होती है कि उनका हृदय यही कह रहा है कि यह आर्यव्रत राष्ट्र कदापि भी ऊँचा नहीँ बनेगा। राष्ट्र में जो मृत्यु आ गयी है इसका मूल कारण संसार में कर्तव्यवाद का न होना है और स्वार्थवाद का आ जाना है। धन को अधिक प्रधानता दे देना और हृदय में कुछ है और बाहय जगत उनका कुछ और है। मनोवैज्ञानिक ऋषि कहते है की राजा के राष्ट्र में कर्णधारों के मष्तिष्क में ऐसी विचारधारा है तो उस समय प्रजा और राष्ट्र अग्नि के मुखारविंद पर विराजमान हो जाता है। यह संसार आज अग्नि के उस मुखारविंद पर विराजमान हो गया है, आज वह व्यक्ति और राष्ट्र नेता ऊँचा माना जाता है जो सबसे ज्यादा मिथ्या उच्चारण करे। उन व्यक्तियों को लोग कहते है कि यह कितना बुद्धिमान है। यह इसीलिये आज का समाज अधोगति को जा रहा है। इस जगत का आज एक ही उपाय है की शिक्षालयों में ब्रह्मचारी और छात्र पवित्र बनें।*
Om sarsti rchyta he parntu om he kon btaiye me anildas rurkee haridhuwar
Aryan barmandhandhera
अमर ग्रंथ सत्यार्थ प्रकाश पढ़ो जी, सभी पता चल जायेगा।
gana sikh le phle
तेरे से तो अच्छा ही गाती है, नालायक
निकिता जी आपकी आवाज बहुत अच्छी है
Om