MP में झोलाछाप Doctor भी खोल सकेंगे Clinic; Congress बोली- दिया जा रहा मारने का लाइसेंस
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- เผยแพร่เมื่อ 5 ก.ย. 2024
- #MadhyaPradesh #Bhopal #MPDoctors
जिन नीम हकीमों को जान के लिए खतरा बताया जाता है और जिन झोलाछाप Doctors से इलाज कराने से लोग कतराते है. अब Bhopal की Atal Bihari Vajpayee हिंदी यूनिवर्सिटी इन झोलाछाप डॉक्टरों और नीम हकीमों के लिए एक डिप्लोमा कोर्स शुरू करने जा रही है
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एमबीबीएस डॉक्टरों से भी अच्छी भूमिका निभा रहे गांव के झोलाछाप डॉक्टर और गांव के मरीजों को पूरा सहयोग मिल रहा है झोलाछाप डॉक्टरों से तथा उपचार से ठीक भी हो रहे हैं इस संकट की घड़ी में झोलाछाप डॉक्टरों का योगदान महत्वपूर्ण है एवं झोलाछाप डॉक्टरों का कार्य ग्रामीण मरीजों के प्रति सराहनीय हैं
इसका काल में झोलाछाप डॉक्टर नहीं होते गांव में तो डेड बॉडी रखने की शमशान में भी जgah नहीं होता हॉस्पिटल की बात छोड़ो
एमबीबीएस जितने भी डॉक्टर है ना उन लोग बोलते हैं कि कल आ जाना आज हमारे पास टाइम नहीं है मैं कहीं दूसरी जगह जा रहा हूं
एम बी एस डॉक्टर से भी मरीज मर जाते हैं कई बड़े हॉस्पिटल में ऑपरेशन करते समय डॉक्टर कॉटन बैंडेज भी मरीज के पेट से निकलना भूल जाते हैं कई बार न्यूज पेपर के माध्यम से जानकारी होती है की अमुक हैस्पिटल में कही तौलिया कही कैची कही बैंडेज और कॉटन मरीज के पेट में छूट जाते है उनका दूसरे हॉस्पिटल में पुनः उपचार किया जाता है क्या यह एम बी बी एस डॉक्टर का मरीज के साथ खिवाड़ नही हैजब की जिन्हे झोला छाप डॉक्टर कहते है वे हमेशा सोच समझ कर इलाज करते है जब कोई बात समझ में नहीं आती है तो अपने सीनियर डॉक्टर से परामर्श भी लेते हैं यदि झोला छाप डॉक्टर अपनी प्रेक्टिश बंद कर दें तो एम बी एस डॉक्टर इतनी बड़ी आबादी के मरीजों को बचाना मुश्किल हो जायेगा।इस लिए 10/20/30 वषों से कर रहे अन रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिश को समाज की सेवा के लिए जारी रहने दिया जाय अथवा कोई चिकित्सा व्यवसाय से जुड़े किसी भी संस्था से पंजीकृत है और 10/20 ! 30 वर्षों से प्रेक्टिश कर रहे है तो उन्हें प्रेक्टिश करने दिया जाय
में छोलाछाप डाक्टर का सपोर्ट करता हूँ बो बहुत अच्छा इलाज करते हैं
Me bhi
🙏🙏
Ham bhi
Mai bhi
सही कहा वो लूटते भी नहीं हैं और जल्दी से आप्रेशन भी नहीं करते
बडे डाक्टरो के यहा लोग मर जाता है तो इसका जिम्मेदार कौन है पत्रकार जी बताओ
Haaa ,,RMP doctor se jayda mbbs doctors ke paas log mar jaate hai
Right
MBBS doctor se bhi jo moutey hoti h uska jimmedar koun hota h
Mbbs wale apne aage bams,bhms, ko bhi jholachap ki shreni me mantey h
Sarkar ka sirf ye hi prayas h ki un practioner ko trend kiya jaye jo chikitsha k chetra se jurdh h 8 to 10 years se practice kr rhe h
Sarkar ka prayas h unko vaidth trike se prachit kr k diploma diya jaye taki ssmaj me wo apni chiktsha sewaye de sake
Agar ye Aaron lgatey h ki jholachap jaan se khilwar krtey h to aaj k baad agar kise mbbs doctor se mout hue to us doctor ko kya khege
Jamin aur aasman ka antar h baato me gwan me mbbs doctor jatey nhi 500rs se 1000rs fess bechare garib unko de patey nhi
Sarkar kuch aham muddo ka hal nikalna cahti h to vipaksh k logo me khalbali mach rhi h
ये क्या बताएंगे
इसका जिम्मेदारी ब**** पत्रकार है
प्राथमिक चिकित्सा उपचार डिप्लोमा कोर्स विद्यार्थी 👍💉🧑⚕️🥰मेरा सपना पूरा हुवा धन्यवाद अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय 🧑⚕️🙏
मैं मध्य प्रदेश सरकार के इस निर्णय से पूरी तरह सहमत हूं देश की नब्बे प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाएं इन्ही के भरोसे है इनको कोटि कोटि प्रणाम इनको बदनाम न करें 🙏
Ye bahut srahaniye karya hai
@@SurendraKumar-fk2su New 🆕🆕🆕🆕🆕🆕 in the evening 🌆🌆🌆 in one 🕐 in a day is the evening
इस विश्व विद्यालय के विज्ञापन में प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति की बात कही गई है लेकिन ये साले सब ऐलोपैथी से इलाज करना शुरू कर देते हैं इनको ऐलोपैथी का A भी नहीं आता ऐसे ही BHMS,BEMS कोर्स करने वाले भी ऐलोपैथी से ही ईलाज करने लग जाते हैं इनको ऐलोपैथी का कुछ भी पता नहीं होता है बस कुछ दवाई और इंजेक्शन की जानकारी ले लेते हैं और ईलाज शुरू कर देते हैं Pharmaceuticals formulation ka A , pharmacology medicinal chemistry even ki human Anotomy ki bhi knowledge nhi hoti hai....ek aise he BHMS BEMS Dr. we poochha ki human body ka sterility test kaise hota hai... there was no Ans, मैने एक सिंपल सा प्रश्न किया कि What is drug.... भगवान कसम वो डॉक्टर ने तो मेरे दिमाग के पुरजे हिला दिया ड्रग क्या होता है मालूम नहीं उसे उसका जवाब सुनकर हैरान हूँ मैं वह कहता है कि उन्हें ड्रग के बारे में नही जानकारी बस दवाइयों के बारे में जानते हैं मैने कहा कि अच्छा Drug and Medicine में क्या differences है अब सुनते हैं जवाब महापुरुष कहते है ड्रग नसा के लिए होता है और दवाई बीमारी के ईलाज के लिए मैंने अपना सिर पकड़ लिया और उसे शासवत प्रणाम किया कि भाई किसी को जान से मत मार देना।।। अब बताईये ग्रामीण क्षेत्रों में कैसे लोग लोगों की जिंदगी केसाथ खेल खेल रहे हैं ।।।
U r right
Mbbs doctor ke इलाज से मरीज मर रहे हैं उसका जिम्मेवार कौन है
आज देश में इस महामारी के दौरान गांव में झोला छाप डाक्टर ही सेवा दे रहे हैं साहब
Kuchh seva nhi de rhe h copy krne ko seva nhi khte hgram positive Or gram negative ki jaankari nhi hoti
Jhola chhap doctor to covid me healp karte Mbbs to Ghar par lockdown ke maje let h
Jai sri ram
पहले ये आंकड़ा निकालना होगा कि झोला छाप डाक्टर से कितने लोग मरे हैं और MBBS डाक्टर और अस्पताल में कितने लोग मरे हैं
Shi h
आपको झोलाछाप डॉक्टरों को डिग्री देनी चाहिए लाइसेंस लेना चाहिए क्योंकि उनके पास पढ़ने के लिए पैसे नहीं होते
Right sir
Corona me Sab MBBS Dr bhag Gaya aadmi ke mar ke paisa leta hai Sab q ki BADA BADA masin rakhata hai log
हाँ भाई सही कह रहे हो आप 😢😢😢😢😢😢😢
आपसे एक बात बोल दु की गांव में डॉक्टर ना रहे तो कितना रोगी गांव से बड़े हॉस्पिटल जाते जाते मर जायेगा सबसे बड़ी बात तो यह है कि गरीब परिवार आपके बड़े हॉस्पिटल में जाता है तो वहाँ पे जितना डॉक्टर फी होता है उतना में लोग उसका इलाज हो जाता है आपलोगों से एक बिनती है कि इस कोर्स को लाया जय
प्राथमिक उपचार से ग्रामीण क्षेत्र के विकास में सहायक है
सही निर्णय ह सरकार का
डिग्री धारी डॉक्टर रात्रि फोन भी नही उठाते है,क्योंकि उनको पता है कि सैलरी नही कटेगी ।। तभी यही झोलासप dr काम आते है
❤
इस कोर्स की समय सीमा अधिक होनी चाहिये जिससे कम पैसे में भी उच्च शिक्षा छात्र पढ़ सकें
बिलकुल सही कोरोना काल में यही झोला छाप डॉक्टर ही लोगो की जान बचा रही हैं डिग्री धारी तो घर में है।
Dfr
DR Madesh Kumar Yadav Nios phcKurta Arwal Bihar
Agar jholachap na hota to , Corona se desh mein lashon ki samandar beheti.
बिलकुल सही
Right🔥🔥🔥
झाेलाछाप मत बोले गरीबो के भगवान है ये ।
डिग्री वाले गांव में इलाज करने को तैयार नहीं और गांव के प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर इलाज करे तो क्या ग़लत है। जितना डिग्री वाले फीस लेते हैं उससे कम में वो सारा इलाज कर देते है
भाई झोलाछाप कहकर डॉक्टरों को अपमानित ना करें ना जाने कोरोना काल में अपनी जान की बाजी लगाकर कितने लोगों की जान बचाई है
एक बात याद रखना झोलाछाप डॉक्टर नहीं रहेंगे तो गांव के गरीब लोग बिक जायेंगे।
Nice
Haa bhai sahi baat
Nice bro
सही बात है।
nice
झोलाछाप डॉक्टर एमबीबीएस से भी बहुत बढ़िया डॉक्टर है
💓💓🙏🙏
Bhai app jholachhap se hi elaj karana
MD MBBS ke pas mat jana
@@kingmastergameing7648 maine jholashap se he treatment leta hu. Bohut accha treatment karta he . Aap v leke deko. Village me night ko jholashap doctor he milta he. mbbs nahi milta he. Jholashap doctor ko phone kar do o doctor gharpe aa jata he.
Ye to bhai aap neet exam nikaal nahi paa rahe honge tabhi to cholachaap ko sapoort kar rahe ho
झोलाछाप डॉक्टर ना रहे तो ग्रामीण में कितने आदमी की मौत हो जाएगी
मध्यप्रदेश सरकार को धन्यवाद करता हूँ ये रोजगार देने के लिए! और पत्रकार महोदय से सवाल है की कियां बड़े हॉस्पिटल में मरीजों की मौतें होती है उसके लिए किया पत्रकार महोदय जिम्मेदार है
कांग्रेस का इस नेता को छह महीना गांव में रहने कहो। भगवान का दर्जा देंगे झोलाछाप डॉक्टर को
ग्रामीण डाक्टरों को, झोलाछाप डॉक्टर कहकर उन्हें अपमानित न करे, अगर ये डॉक्टर नहीं होते तो आज कितने लोग मर गये होते,
Shi bat hai bhai aapki
बिलकुल सही बात
Ha mera acident hua to yahi doctor kam paisa me ilaj kar dia mai bach gya
Right sir jii
बिलकुल सही
झोलाछाप डॉक्टर चिकित्सा जगत का रीड है अगर वो नहीं रहे तो गांव में कितने जानें जाएगी समझ से बाहर।
अच्छे हॉस्पिटल जाते जाते मौत हो जाएगी।
यही झोला छाप है तो गांव में जीवन है।
🙏🙏😭😭
जो भी गाव मे डॉक्टर है ।।उनको हल्के मे ना ले ।। एमबीबीएस को भी पीछे छोड देते हैं ।। वो ही है ।। जो गरीबो का इलाज करते है ।।। क्रपया उनको झोलाछाप ना कहे ।।।
Lut rahe hai
@@vksvinaykumarsen781 abhi goverment me jaao malum pd jayegi
.. kya hota he
Unco sabhi degrees degrees do,very good,MR CP,,FRCS ek saal mein de do ab Vishwa guru hone se koi rok nanhi sakta!
Uncomfortable suitcase chchap bolo.
@@vksvinaykumarsen781 jo jhola chhap nahi hai wahi to garibo ko lakho rupye lutata hai
बड़े, बड़े हॉस्पिटल में तो गरीब लोगो का किडनी, लीवर,heart सभी निकाल लेते हैं। वेंटीलेटर पर मृत लोगों को oxygen लगा कर 5से 16 लाख बिल थमा दिया जाता है। उनपर भी डिबेट कीजिए।
Yahi sach hai bhai
अगर गाव में यह डॉक्टर नहीं हो तो
गरीबों को इलाज तक नहीं
मिल सकती हैं
नेचुरोपैथी डिग्री और डिप्लोमा कोर्स Terening दे सरकार जिससे मेडिकल इंडस्ट्री की लूट बंद हो और मानव सेवा कर सके
बड़ी बड़ी डिग्री लेकर ये डाक्टर के इलाज मे क्या गारन्टी देते है कि मरीज नही मरेगा ।अगर मर जाता है तो क्या इनके खिलाफ कोई कार्यवाही की जाती है
Inko bhi jel me daldena chahiye ,
12 mahune k liye ,
Right bro..
सही कहा 👍
पहले कौनसी ड्रिग्री होती थी गुरु शिष्य परम्परा से वैद्य बनते थे सब खाने कमाने का अंग्रेजी खेल है
Yh sarkarka srahniy kary hai.
क्या एम बी बी एस डा, के द्वारा दिए गए इलाज से मरीज़ नहीं मरेगा इसकी क्या गारंटी है?
Cmdigvijyshengajitheuatimpjsrkotrnigdeeuakobeekyhogabatyof
🙏
Right
Village ke Dr. Logo ko bachate hai
Koi MBBS village me Nahi milte hai kyo? Training lekar treatment karenge to bilkul sahi hai.
Right
पूरे भारत में लागू होना चाहिए ताकि ग्रामीणों को इलाज कराने में सुविधा
डिग्री माईने नहीं रहता है बस जानकारी जरूरी है
👍🏽👍🏽👍🏽👍🏽👍🏽👍🏽 अगर जानकार हैं तो क्यों नहीं इलाज करवाए गा
सरकारी अस्पताल में मौत होती है इसका जिम्मेदार कौन होता है
Yes
Iska zimmedar isko banao Jo video m sabal kar Raha h
Good job bjp.
Good seva
Sare log parektes karna band kar do 1 munth me sarkar mbbs avr ditrk Hospetal walo ko pata chal jayega jab sahar me pair rakhne ke jagh nh megega
ये सरकार बहुत अच्छा काम कर रहे है
Ji
Good seva
Haa
12वीं पास बच्चों के लिए जो ट्रेनिंग का फैसला लिया गया है एक साल का बहुत ही अच्छा लिया गया और जिन लोगों ने क्लिनिक अपनी खोली है उनको भी एक सर्टिफिकेट दिया जाए
Very good ,thanks .
Reality hai bhai
आज किसी भी पार्टी में अंडर कक्षा 8 ,व 10 के लोगों को विधायक सांसद यहाँतक कि मंत्री , प्रधान मंत्री का चुनाव आप जैसे लोग कर देते हैं । जहां ग्रामीण लेवल पर प्रशिक्षित कर डिप्लोमा देकर प्राथमिक इलाज़ की बात हो रही है जिसके अन्दर गरीब अमीर सभी का सस्ते से सस्ते में बिना फीस का भी समय रहते ईलाज हो जाता है । जान बच जाती है अच्छी पहल है ।
सरकारी सुविधाओं का बहुत बड़ा अभाव है
इस स्थिति में क्या होगा जनता के साथ
ओर बडे डाक्टरों को तो मारने का लाईसेंस मिला हुआ है
Sahi aa
Sahi kaha sir
100/sahi baat he .
👍🏻
ऐसे तजुर्बे कार झोलाछाप पड़े हैं कि एमबीबीएस को पीछे छोड़ देते हैं
बिल्कुल 👌
अब तक कितने झोलाछाप डॉक्टरों को रोक पाई है सरकार , इससे अच्छा है उनको प्रशिक्षण देकर मान्यता दी जाए
Exactly
पत्रकार साहब प्रत्येक गांव में एमबीबीएस सरकार से सरकारी डॉक्टर के रूप में बहाल करा दो झोलाछाप डॉक्टर की जरूरत नहीं पड़ेगी लगता है आप ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा नहीं किया है सरकार की औकात नहीं है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छे डॉक्टरों की बहाली करें जैसे ग्रामीण जनता को सही इलाज मिल सके
अगर गांवों में ऐसे चिकित्सक नहीं होते तो कोरोना में बहुत नुक्सान होता । विरोध के लिए विरोध उचित नहीं है।
यह समस्त भारत में लागू होने चाहिए।
Right sir ji
MBBS MD की फीस को तो देखो साले पुरा लूट लेते हैं,,,, जय जवान-- जय किसान,,, जय हो झोला छाप डाँ़
Right sir ji
राज्य मध्य -प्रदेश शासन से मेरा निवेदन है कि मध्यप्रदेश के जन स्वास्थ्य रक्षक भाइयों को और प्रशिक्षण देकर बहाली कराने की महान् कृपा करें।
मै सरकार के निर्णय से सहमत हैं क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टर नहीं होंगे तो आधा मरीज गांव में ही मर जायेंगे
झोलाछाप डाक्टर बनेंगे तो जनता के लिए बहुत फायदा होगा कयोंकि डाक्टरों की लूट से फायदा होगा गरीब जनता भी इलाज करवा सकेगी
मजदूर वर्ग निहाल हो जायेगा
बुजुर्गो को पैसे के अभाव में ससता व फरी भी ईलाज होगा ओर बङे डाक्टरों का हंकार शिर चढा हुआ भी ठीक होगा
हमारे गांव में कोरोना से केवल एक व्यक्ति मारा है बड़ी अस्पताल में इलाज कराना चला गया था बाकी सब झोलाछाप डॉक्टर से इलाज करा कर ठीक हो गए
Hummare bhi jo bade hospitald mein vo marr kr hi aye Jo Gao me ilaj krate rhe vo Bach Gaye
Right
वैसे बड़े बड़े हॉस्पिटल में भी लोग मर रहे है साहब जो लिखा है वो तो होके रहेगा ओर जितनी मालिक ने अपनी जिंदगी लिखी है उतना ही इस दुनिया रहना है। साहब मौत ओर जिंदगी का मालिक ईश्वर अल्लाह है साहब
Sahi niranya h sarkar ka yo hona chahiya all india level p modi ji u are great jab tak aap han aap hi pm rahen
रात को ग्रामीण क्षेत्र में झोलाछाप ही डॉक्टर काम देते
True
Right bro
Sahi baat hai bro
Ryt
Government doing good job, slap mbbs doctors who loves money n go to cities or foreign countries, they dont want to live or stay or work in villages, shame on them, if 12 th pass can become diploma doctor's then definately it benefits local villagers n local peoples, these doctors will be trained for one year after 12th, n they know their limits, as seniors will teach them what to do or not to do, n remember 12 th pass student is not illiterate at all, as we see local doctors without degree will not pass even 10th class, so how these stupid people on news channels talking rubbish, n also I want to say that they are saying who will take responsibility of these doctors, so as everyone knows that every year government catches these doctors n filed case on them, bcoz these doctors dont know even names of medicines, they are not educated at all, while here government says that we give diploma to 12 th pass students who pass 12th in science stream, n then we trained them for one year, so how can you compare these doctors to ghholachap doctors, their is no comparison between them, n also remember that even hospitals n specialists n mbbs doctors doing wrong every day, we hear news about them that they are doing wrong n doing frauds, so many peoples die bcoz of their carelessness n wrong treatments, so who will responsible for that, so these type of things can be happen anywhere, that does not mean that only these 12 th pass student doctors will do wrong, n all other mbbs n specialist doctors are very good n innocent n not doing any frauds, I think those peoples who are creating problems if government doing something good for the society, then please slap all those peoples who are creating problems on something important issues, as previous government had not done this, bcoz they are not interested in this, as everyone knows medical colleges crores scamps on money to benefit rich people's, n all the medical colleges are of politicians n especially congress leaders, so if this will happen for diploma after 12th, these congress leaders will be on backfootn n dont get that crores of rupees as they usually deal with
बड़े बड़े नगर कोठियां में रहने वाले धनाढ्य क्या जाने गरीब की परेशानी।
जामा खान sir very good Absolutely right speech sir
बिल्कुल सही बात है करोना काल में कोई भी बड़ा डॉक्टर देखने से डरते हैं गांव के ही झोलाछाप डॉक्टर कितने मरीजों को बचाएं हैं नहीं तो गरीब लोग मर गए होते और कितने गरीब लोग बड़े डॉक्टरों के सामने बिक गए होते ।
करोना काल में झोलाछाप डॉक्टर ही भगवान के रूप में वरदान साबित हुये है ।
👌👌👌👌
झोला छाप डॉक्टर गरीबो का डॉक्टर होते है
हमारे गांवो में झोला छाप डॉक्टर ही इलाज करता है और उसके सामने डिग्रीधारी डॉक्टर भी फेल हो जाते है।
🙏
Sehi bath hai
🙏🙏💓💓
झोला छाप नहीं होता तो कितनी की जान भी चले जाते Corona kal me
छोटे doctaro को झोला छाप बोल कर इन्हे अपमानित ना करे आज आज छोटे डाक्टर की वजह से करीब लोगो को बहुत मदत मिलती है इलाज कराने मे
आधी रात के समय मरीज बीमार हो जाए तो यह झोला छाप डॉक्टर उसके घर इलाज करने जाते हैं mbbs डॉक्टर मरीज के घर नहीं जाते हैं कितने भाई यह बहनों बच्चों और जानवरों की जान चली जाती प्राथमिक उपचार तो झोलाछाप ही करते हैं
भाई जी डिग्री कोई जरूरी नहीं क्योंकि नॉलेज होना जरूरी है में एक झोलाछाप हू पर पेशेंट देखता हूं हाई ब्लड शुगर हाई ब्लड प्रेशर टीबरक्लोसिस कार्डिएक अस्थमा लंग्स अस्थमा फिवर कोल्ड कफ वर्टिगो पर्किसंच हर्पीज चिकेन पॉक्स सब पेशेंट देखता हूं में क्योंकि मैने एमडी फिजिशियन कार्डियोलॉजिस्ट के पास काम किया है दस साल तक आज मुझे खासा नॉलेज है
MBBS या अध्यापक क्या फीस या वेतन नहीं लेते फिर इसे सेवा कैसे कह सकते हैं ।
इनसे दिक्कत मोटी रकम वाले डॉक्टरों को आ रही है जिनकी फीस हजार रुपए है उन डॉक्टरों को क्योंकि उनका बिजनेस फीका पड़ जाएगा मैं तो कहता हूं सरकार जो भी कदम उठा रही है बहुत सराहनीय कदम है
बड़ी-बड़ी डिग्री लेकर जो डांक्टर बनें है।
उनकी क्या गारंटी है कि मरीज नहीं मरेंगे।
Jholachap doctor is best practice is best and theory is best
बेशर्मी की भी हद होती है ।जिस डाक्टर के सहारे 70% लोग जिते है उनकी इतनी बदनामी ।क्या MBBS से मरीज का मौत नही होते है ।
12वीं पास करने के बाद गरीब लड़कों पर पढ़ने के लिए भी पैसे नहीं होते तो वह झोलाछाप डॉक्टर ही बन जाते हैं
एमबीबीएस डॉक्टर गरीब आदमियों को बहुत लूटते हैं
कितने गरीब डिग्री होल्डर डाक्टर से प्राथमिकता इलाज कराने के लिए सहमत हैं! इस कोविड-19 महामारी में काफी अहम भूमिका निभाई थी! MBBS बातें करने से इनकार थे....
मेरी 1 बात समझ।में नही आरही प्राथमिक चिकित्सा उपचार करना वो भी इमर्जेंसी में ऐसे में इन कांग्रेस के लोगो को क्या दिक्कत है भाई ।रात को 2 बजे 3 बजे एमबीबीएस डॉक्टर की व्यवस्था कर सकते क्या ये लोग
हमारे लिए तो गांव के डॉक्टर ही एमबीबीएस है
Kya
Mbbs doctors k hath mot nhi hoti kya?
ভারতের ভুখন্ডে সাধারন চিকিৎসাদেওয়ার ক্ষেএে বিরুদ্ধাচরণ করা,ওরাজনৈতী রংগ লাগানো কি ঠিক? ভারতের নিকট বতী' উপমহাদেশে ঐ রুপ চিকিৎসার প্রচলন বহু পুবে' থেকে চলছে
Hoti he .
जिस कोरोना मरीज को यह डिग्री धारक डॉक्टर देखने से भी मना कर रहे थे वहां झोलाछाप डॉक्टरों ने उनके पास में जाकर उनका अच्छे से इलाज किया है और एक बात मैं भी बताऊं डिग्री मायने नहीं रखती है ज्ञान कितना है यह मायने रखता है
सरकार का अच्छी पहल है
ग्रामीण क्षेत्रों के लिए झोलाछाप डॉक्टर ही सेवा देते है
एमबीबीएस कम से कम 500 रुपए फीस लेते हैं। जो लोग भर पेट खाना नहीं खा सकते ऐसे लोग जुकाम खांसी के लिए भी फीस कहा से लाये। दूसरा ये कि किसी भी हस्पताल में येही लोग काम करते हैं।
क्या आप ये नहीं जानते कि बहुत से लोग हस्पताल के सामने दम तोड़ जाते हैं क्योंकि उनका नम्बर ही नहीं आया उनकी मौत का जिम्मेदार कौन है?
एम बी बी एस डाॅक्टर के प्राइवेट क्लिनिक में कितने कम्पाउंडर डिग्रीधारी होते हैं?
जो भी झोला छाप डाक्टर गाँव घर में सेवा दे रहे हैं
वे भी तो किसी एम बी बी एस डाक्टर से कइ सालों का एक्सपेरिएन्स लिए हुए हैंं!
11:30
विवेक शुक्ला जी सबसे पहले आपको ये पता होना चाहिए कि गांव/शहर के लोग इतना भी ना समझ नहीं है जितना आप सोच रहे हैं। सरकारSarkari Hospital मे MBBS,BAMS etc Dr.के बहली तो कर दे रही है पर वहां लोग जाते कहां हैं।होस्पीटल के एक कर्मचारी के घर भी किसी का तबियत बिगड़ जाये तो वो भी प्राईवेट होस्पीटल ही जाता है और शहर के प्रा.होस्पीटल में 30-35%डां.के डिग्री फर्जी ही है पर उसके पास टाईलेंट और नालेज है दिल से मेहनत करते हैं डां.के साथ ही वहां का स्टाप भी वैसा ही मेंहनत करता हैं और वहीं स्टाप आगे चलकर पैसा हो तो डिग्री ले लेते हैं नहीं तो झोलाछाप कहलाता हैं ऐसा ही एक साल के कागज के डिग्री से कोई झोलाछाप डॉक्टर नहीं बनता है और ना ही इलाज करता है।उसे अच्छाई और बुराई का डर होता है और यह सोच गांव के हर प्रेक्टीसनर में होता हैं। सरकारी अस्पताल में डिलेवरी के पेसेंट के अलावा 5-7%लोग ही जाते हैं और ठीक 1-2%ही होते हैं क्यों?.....
अगर सरकार नवजात शिशु और उसके मां के नाम कुछ पैसा 1000-15000 जो देती हैं वो बंद कर दे तो छोटे शहरों के सरकारी होस्पीटल मे डां.आ के हाजरी बनायेंगे और चले जायेंगे। मैंने अपने शहर के Hospita में दो-तीन डांस.को देखे हैं
जो4-4.6साल MBBSका कोर्स कर इंटर्नशिप के लिए यहां आये थे जिन्हें अल्ला सटाने भी नहीं आता दवा लिखते वक्त हाथ कांपने लगते थे और इंजेक्शन लगाने तो आता नहीं था वो भी तो अपना एक्सपेरिमेंट मरीज पर ही करते थे होस्पीटल के साथ दीवार पर थोडे करते थे।
मैं सरकार की फैसले से सहमत हूँ
तत्कालीन समय मे झोरे छाप डॉक्टर ही जान बचाते है मैं सहमत हूँ 1st डॉक्टर से
बहुत ही सुन्दर है।जो ग्रामीण हैं वहां mbbs नही है वहां झोला छाप ने कितनो की जान बचाई है और प्राइमरी ट्रीटमेंट दे
कर hospital पहुंचाया
इस पत्रकार को तो बिना सैलरी के काम करना चाहिए क्योंकि सच्चाई को दिखाना यह लोगों को जागरूक करना इनका कर्तव्य बनता है पत्रकारों को तो सैलरी नहीं देनी चाहिए
झोला छाप डॉक्टर पढ़े लिखे डॉक्टर से भी अच्छे अच्छे बैठे है भाई गांव में ओके सरकारी लोग बस पैसे के लिए मरीज को सही से नही देखते तो वो फिर झोला छाप के पास ही जाकर सही होता है
पत्रकार साहब..!! जरा हमें ये बताओ की मरीज केवल झोला छाप के ही पास मरते हैं? क्या डिग्री धारक सरकारी डॉक्टर के पास नहीं मरते? यदि ईमानदारी से आंकलन करोगे तो मरीजों के मरने की सबसे अधिक संख्या डिग्री धारकों के पास ही पाओगे..। यदि पूरे भारत में मरीजों के मरने की संख्या का आकलन किया जाय तो सबसे अधिक डिग्री धारकों के पास ही मिलेगा..!! और दूसरी बात.. कोरोना काल में डिग्री धारक डॉक्टर्स मरीज को नहीं देखते थे और यदि कोई देखता भी था तो 4 मीटर के दूर से ही, उसको टच नहीं करते थे..(अर्थात इलाज ढंग से नहीं हो पाता था) वो इसलिए कि उन्हें अपनी जान से काफी मोहब्बत थी। और तीसरी बात...--
यदि ग्रमीण डॉक्टर ना हों तो एक गरीब इलाज बिना मर जाएगा.. लोगों के आर्थिक स्थीती पर काफी प्रभाव पड़ जाएगा..!! क्योंकि ग्रमीण डॉक्टर्स मरीज को 10 रु में भी इलाज कर देते हैं..!! यदि वो भी ना हो तो उधार भी कर देते हैं..!! लेकिन इलाज करते हैं..!!
पर एक डिग्री धारक डॉक्टर के पास कम से कम 1500₹ का बजट हो तभी इलाज संभव है अन्यथा असंभव..! यदि सरकारी हॉस्पिटल की बात करें तो वहाँ भी कम से कम 1000/₹ का बजट हो तभी इलाज संभव है.. क्योंकि वहां के डॉक्टर्स आजकल 98 % दवाइयां बाहरी लिखते हैं.. जिसे मरीज को पैसा देकर स्वयं खरीदकर लाना पड़ता है..!!
चौथी बात...---
कोरोना काल में स्वयं को खतरे में डालकर यही ग्रमीण डॉक्टर जिसे आप झोलाछाप कहकर अपमानित करते हैं, ग्रमीण लोगों का इलाज ढंग से करते थे..अर्थात( जरूरत पड़ने पर इंजेक्शन भी लगाते थे..) जिससे मरीज का इलाज ढंग से हो पाता था..!! और आपके डिग्री धारक डॉक्टर्स तो 4 मीटर दूर से ही बात करते थे कि कहीं उनको कोरोना ना हो जाए..!! क्योंकि उनके कर्तव्य से ज्यादा उनकी जान महत्वपूर्ण थी क्योंकि वो डिग्री धारक डॉक्टर हैं..!!
पांचवी बात...---
ग्रामीण डॉक्टर्स का इलाज आपके डिग्री धारकों से कम नहीं होता है..! ग्रमीण डॉक्टर्स भी काफी अच्छा इलाज करते हैं..! विश्वास ना हो तो एकबार इलाज करवाकर देख लें जनाब..!!
छठीं बात...---
ग्रमीण मरीज अपना प्राथमिक उपचार सर्व प्रथम ग्रमीण डॉक्टर्स के पास ही करवाते हैं.. जिसमें से लगभग 85% यहीं पर ठीक हो जाते हैं...बाकी के बचे 15% ही आपके डिग्री धारकों के पास जाते हैं..!!
पत्रकार साहब अब आप ये बताइए.. कि क्या ग्रमीण डॉक्टरों को झोलाछाप कहकर अपमानित करना उचित है..??
गांव के गरीबों का इलाज पत्रकार महोदय करवा देंगे बड़े डॉक्टरों से फ्री में
Bahut acchhi pahal cg me bhi hona chahiye .
अगर एम डी डा को गलत इलाज करते दिखा दे तो एम डी कोर्स की मान्यता खतम कर दोगे क्या
डिग्री धारक डाक्टरों से जब मरीजों की जान जाती है तो उसका जिम्मेदार कौन होता है।
अब झोलाछाप डॉक्टर जिंदाबाद रहेंगे
जय भीम जय संविधान
Cms/ed ko prathmikta dena chahiya
Wo mere pass hai sir
@@alpeshthakor6444 aapne kaha se kiya cms ed ka course please tell me
Cms ed mene kiya hai je kon sa cource keh rahe he
Cmsed valid he kya sir
@@roshanpatidar9177 nhi
जमा खान साहब जी सही कह रहे कोरोना कॉल में अच्छे अच्छे डॉ छुट्टी का बहाना बना कर कोरोना ड्यूटी से भागते रहे लेकिन आप भी एक बाद मत भूलिए जब डॉ की कमी थी तब आयुष चिकित्सको ने प्रदेश सरकार का साथ दिया है ध्यान दे इस बात पर जब कोई आंगे आना नही चाहता था तब आयुष चिकित्सक ही आंगे आये है और वह भी कम सेलरी में बिना अवकाश के 10 -11 माह स्वास्थ्य सेवा दी, सरकार होश में आये आयुष चिकित्सको को पूर्ण सम्मान का हक है इन्हें स्थाई संविदा संविलियन करे
Very good
Kisne Kitna Sath Diya yah to Janata Janti Hai
Sarkar Jab Bhi acche Kaam ke liye pahal karti hai tab tab Congress Party rokane ki koshish karti hai
कांग्रेस को हमेशा से अच्छे कामों में दिक्कत आती है
मध्य प्रदेश सरकार ने बहुत सही कदम उठाया है जिससे क्या स्थानीय लोगों को चोट चपेट सर्दी बुखार की दवा तत्काल मिल सकेगी
Ese पत्रकारों पर कानूनी सजा होनी चाहिए ।इनको ये दिखाई नही देता की करोड़ों लोगो की जान झोला छाप डॉक्टर ने ही बचाया है ।
आयुष डॉक्टर्स को प्राथमिक चिकित्सा का अधिकार देना चाहिए मध्य प्रदेश सरकार को इस पर विचार करना चाहिए जैसा कि अन्य राज्य में आयुष चिकित्सक को प्राथमिक चिकित्सा का अधिकार है इससे चिकित्सा का स्तर भी सुधरेगा और आयुष चिकित्सक नए सिलेबस में मॉडर्न चिकित्सा का भी ज्ञान अर्जित करते हैं उस बेस पर उन्हें मॉडर्न चिकित्सा का भी नॉलेज होता है उस को आधार बनाकर सरकार को विचार करना चाहिए एवं प्राथमिक चिकित्सा का अधिकार देना चाहिए
Isme bsc nursing Or bhms bhi add krne chahiye
Very good neuw srkar ki thank you
बहोत से गाव मे नर्सिंग किये ।। हुए ।। भी इलाज कर रहे ।। उनका भी हक है ।। की वो भी कर सके ।।।
भूपेंद्र सर का हार्दिक आभार आपने सही कहा ...👏👏👏
No: you are Rong also bhupendra Gupta actually inko to irshya ho raha hai
Mbbs के दवाखाना में मरीज की मौत होती है तो कोंन जिम्मेदार है महोदय जी
क्या बड़े बड़े मेडिकल डिग्री वाले डॉक्टर के क्लिनिक मे पेसेंट की मौत नहीं होती हैं
प्राथमिक उपचार मे दोनों पहलू सिखाया जाता है जनाब,1-क्या करना है ,और
2-क्या नहीं करना है।
बिना प्रशिक्षण भी तो इलाज कर ही रहा है,
आपको क्या लगता है प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद इलाज बेहतर होगा कि बदतर होगा?
जन स्वास्थ्य रक्षक भाई और जितने भी वर्तमान में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अस्थाई रूप से काम कर रहे हैं उन्हें स्थाई किया जाए न्यू नए एमबीबीएस डॉक्टर की जिन्होंने अभी-अभी पढ़ाई पूरी की है उन्हें प्राथमिकता से अच्छी सेवा के साथ लेना चाहिए साथ ही झोलाछाप आरएमपी है उन्हें भी लाइसेंस होल्डर करके मानिटरिंग के साथ उन्हें भी अधिकार देना चाहिए इससे प्राथमिक इलाज सस्ता हो जाएगा बड़े डॉक्टर भी अपनी फीस बढ़ाने में सोचेंगे हजार ओर 15 सो रुपए कर दिए हैं ग्रामीण लोगों का काम तो यह लोग ही संभाल ते हे
Good work mp
Sir M.B.B.S Doctors ki jitni fees hoti
Us sy hafe rate main Pacient Theek ho jata hai
बोहोत अच्छा सोच है।
प्राथमिक उपचार तो आज बी जोला चाप ही करते हे।
WHO has lunched a short term course (1 and 1/2 years) throughout world to treat the rural mass with primary treatment. In India it is known as CMS & ED. All ready Honourable Supreme Court has given direction to Union Govt. to make arrangement to maintain a register for those primary health worker. These so called doctors does not not go to rural area on other hand they also afraid to loss their demand. These are the doctors who protest the Govt, reforms of MNC bill. Govt. should take strong decision to implement it. So as people get at least the primary treatment in the remote area of the country.
Mere hisab se pharmacists ko deni chahiye ye authority
Right sir
Sahi baat
They are already authorised to practise medicine.This is a separate diploma.
MP govt is doing good for village people.
Bilkul sahi
झोलाछाप डॉक्टर अगर नहीं होते तो कोविंद 19 में क्या हालत होती लोगों की देहातों में गांव में ग्रामीणों में