सूर्यवंशी और चंद्र वंशी क्षत्रिय। किस वंश से थे भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण।

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  • เผยแพร่เมื่อ 21 ต.ค. 2024

ความคิดเห็น • 17

  • @apaholdebbarma3441
    @apaholdebbarma3441 2 หลายเดือนก่อน +1

    Love from Chandravanshi kshatriya from Tripura

    • @himalayilog
      @himalayilog  2 หลายเดือนก่อน

      @@apaholdebbarma3441
      Thnx
      Can u send me ur mb no।
      Email. drhclakhera@gmail.com

    • @apaholdebbarma3441
      @apaholdebbarma3441 2 หลายเดือนก่อน

      @@himalayilog ofcourse y not

  • @khushalsingh9937
    @khushalsingh9937 2 หลายเดือนก่อน +1

    Jai shri Ram Jai Shri Krishna.

  • @SanjaySingh-iu3fy
    @SanjaySingh-iu3fy 2 หลายเดือนก่อน +1

    प्रणाम सुप्रभात नमस्कार सर जी बहुत ही सुन्दर और अच्छी वीडियो लग जी

  • @ujwaladhikari1030
    @ujwaladhikari1030 2 หลายเดือนก่อน +2

    Uttarakhand aur Nepal mai Adhikari kaise aaye ispe ek video banaye sir. Love your videos sir.

  • @फौजीसंतोषनिषाद
    @फौजीसंतोषनिषाद 2 หลายเดือนก่อน +2

    संक्षिप्त इतिहास बुंदेलखंड का नाम की किताब पढ़ते है
    गोरे लाल तिवारी जी निषाद देश इसे लिखते है
    कोल किरात पुलिन्द और शम्भर रहते थे वे शान से
    निषाद वंश की गाथा गाऊँ सुनियो तुम धयान से
    जय हिन्द जय भारत वन्देमातरम

  • @Aajad497
    @Aajad497 2 หลายเดือนก่อน

    क्षेत्रीयों का परसू राम ने क्षत्रियों का समूल नाश कर दिया था कपोल कथाओं का समय-समय पर विभिन्न कथाओं को गढ़ा गया जी ।

    • @himalayilog
      @himalayilog  2 หลายเดือนก่อน +1

      आप जो लिख रहे हैं वह भी तो कपोल कथा है। क्या यह इस वीडियों का विषय है? कुछ लिखने से पहले पूरी जानकारी लेनी चाहिए। सिर्फ हैहेय वंश के साथ ही परषुराम का युद्ध हुआ था। बाकी के साथ नहीं। एक बात और इन कथाओं में इतिहास मत देखा करो। ये कथाएं कुछ संदेश देती हैं समाज को।

  • @फौजीसंतोषनिषाद
    @फौजीसंतोषनिषाद 2 หลายเดือนก่อน +1

    वैदिक ब्राह्मणी धर्म के लेखक श्रीकांत पाठक ( एम ए, पी एच डी ) लिखते है
    निग्रेटो के बाद यहाँ पर आद्य निषाद ही रहते है
    विश्व विद्द्यालय अयोध्या जी की पढ़ो किताब ये धयान से
    नाग, निषाद की गाथा गाऊँ सुनियो तुम ( आप ) धयान से
    जय हिन्द जय भारत वन्देमातरम

    • @himalayilog
      @himalayilog  2 หลายเดือนก่อน +1

      अवश्य पढ़ूंगा।
      कोई तो प्राचीन काल में प्रथम निवासी रहा हो होगा।

    • @फौजीसंतोषनिषाद
      @फौजीसंतोषनिषाद 2 หลายเดือนก่อน

      @@himalayilog अवश्य पढे आपका स्वागत है मैंने खुद पढ़ी है

  • @Chhetri-c1f
    @Chhetri-c1f 2 หลายเดือนก่อน +1

    India me chhetri nai he Nepal 🇳🇵 me he ani nepal ka flage surya & chandra ma he sar india me nai he 1500 yers gulam huwa he apa bagal he sar

  • @Mayaram-z9k
    @Mayaram-z9k 2 หลายเดือนก่อน

    लखेडा जी विडिओ लायक कर दिया । मै सूर्य वंश गंगा संस्कृति दिन के ( आर्य ) जनैऊ युक्त और चंद्र वंश जमुनी संस्कृति के काले रात के निशचर, ( अनार्य ) जनैऊ मुक्त जो शैव सम्प्रदाय, जिनको अपभ्रंश अधिक किया गया मानता था । क्या जमुनी संस्कृति के लोग भारत मूल निग्रो वंश में नही थे क्या ? ये धर्माचार्य लोग रक्त शंकरमण की बाते क्यूं करते हैं । क्या कृष्ण, शिव, और रावण जनैऊ युक्त थे क्या ? कृष्ण को कही भी इतनी मोटी गीता पर आर्य पुत्र नही कहा गया है । जनैऊ का अर्थ श्रोत जनो में ऊचा है । आजकल मै सुंदर कांड पढ रहा हूं , उसमें रावण के तलवार को चंद्र ग्राश कहा है । मै तो सूर्य और चंद्र वंश को नस्लीय भेद मानता था । स्पष्ट नही है । कहा कुछ जाता है समझाया कुछ जाता है । मै मैदान पर चव्वालीस साल से ही यहा नब्बे प्रतिशत जनैऊ मुक्त है । अनाड़ी पहाडी वामन मिल जाए तो उसकी आरती उतारते है । पहाड मूल का सौ प्रतिशत जनैऊ युक्त है । यहा मजाक मानते है । मै पहाड का विश्वकर्मा हूं । मैदान पर वे शर्मा लगाते है । आश्चर्य तो तब होता है मैदान का दलित और ओ, बी, सी, को पहाड वैदिक आर्य नही ले गए। मुठ्ठी भर आर्य ने कैसे इन्हे हराकर अनुयाई बनाया होगा । निश्चित वैदिक आर्य बहुत योग्य व बीर थे ।

    • @himalayilog
      @himalayilog  2 หลายเดือนก่อน

      आप नव बौद्धों से प्रभावित हो।

    • @Mayaram-z9k
      @Mayaram-z9k 2 หลายเดือนก่อน

      ऐसा बिल्कुल नही मै सपरिवार साहूकारा में समस्त अवगुण मुक्त कमल-पथ का हूं । नव बौद्ध के लोगों से कभी भी टच नही रहा है । आठ साल से रिटायर केवल मोबाइल से खेलता हूं । पहाडी होने के नाते आपको सुनता व जबाव देता हूं । पहाड त्याग के बाद परिवार सहित बेहद सात्विक हूं । परिवार दस साल से तो स्वाद मुक्त, सिर्फ सूक्ष्म भोजन लेता हूं ।लेकिन अन्य पहाडी जो भी मिलता है । छोटी व संकीर्ण बुध्दी का होता है । उसको मैदान के लोग गेट कीपर बनाने को सहमत रहते है । पहाड रूढिवादी , संकीर्णता में अधिक है । जबकि पहाड ने जनैऊ को मठ बनने के बाद अपनाया है । सौ प्रतिशत वैदिक आर्य नही है । आज भी वैदिक मठो का आचार्य योग्य पहाडी को नही बनाया जाता । क्या शिवराज वनारस के लिए पहाडी लडकी ही रह गई थी क्या ? शिव पुराण पढकर देखें । बच्चो को मत उल्झाना, पढने को अमेरिका भेजना ।

    • @himalayilog
      @himalayilog  2 หลายเดือนก่อน

      @@Mayaram-z9k
      मैं अधिकतर मामलों में सिर्फ इतिहास बताता हूं, जो था। बस वही।
      मेरी कई वीडियो देखिए।
      मैं हमेशा उस भाषा के साथ रहा हूं जो रोजगार देती है। बच्चो को अंग्रेजी पढ़ाओ।
      पर अपनी गढ़वाली, कुमाऊनी को भी मत भूलो।
      यह लाइन है मेरी।