सोरों शास्त्रार्थ के निर्णायक श्री उपाध्याय जी का वक्तव्य
ฝัง
- เผยแพร่เมื่อ 5 ก.พ. 2025
- सोरों शास्त्रार्थ पर पौराणिक पक्ष द्वारा जो भ्रम फैलाया गया है, इस विषय पर मेरी इस शास्त्रार्थ के निर्णायक मण्डल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री श्यामशङ्कर उपाध्याय जी से वार्ता हुई।
वार्ता के अहम बिन्दू
1. ज्ञानेन्द्र शर्मा जी ने 'वेदोऽखिलो धर्ममूलम्' इस विषय पर शास्त्रार्थ किया था। आर्यसमाज को हराने या उसकी परंपरा को गलत सिद्ध करने की कोई बात ही इस शास्त्रार्थ में नहीं हुई है। ऐसा दावां करना गलत है।
2. वेद और पुराण की उत्पत्तिकाल एक नहीं है। वेद अपौरुषेय है, पुराण पौरुषेय है।
3. वेद की रक्षा के लिए आर्यसमाज के योगदान का योगदान महत्वपूर्ण है।
4. हमारी प्राचीन पहचान आर्य है, हिन्दू शब्द विदेशी है।
5. महर्षि दयानन्द के वेदभाष्य प्रामाणिक है। महर्षि दयानन्द की विद्वता पर प्रश्न करना ही मूर्खता है।
करपात्री समाजीओ को झूठा प्रचार करके क्या मिला? शास्त्रार्थ जैसे गंभीर शास्त्रीय विषय को सडक की नौंकझोंक बना दिया। शिवांश तो अविद्वान है ही, लेकिन उसके साथ होकर ज्ञानेन्द्र जी ने अपना ही महत्व कम किया है। #aryasamaj #sanatandharma #dharmasamrat
ओम् स्वस्ति, श्रद्धेय उपाध्याय जी द्वारा जिस सरल धारावाहिक शैली में अपनी बात रखी, उस सामंजस्य पूर्ण शैली के लिए साधुवाद , लौटो वेदों की ओर, जय आर्यावर्त, जय भारत, जय महर्षि दयानंद। सादर नमस्ते जी🙏🙏 मुनि पुरूषोत्तम मुनिपुरूषोत्तमवानप्रस्थ,,,,
जस्टिस उपाध्याय जी को बहुत-बहुत धन्यवाद क्योंकि आपने शास्त्रार्थ की सही जानकारी दें नहीं तो पौराणिक मतवाले झूठा प्रचार कर रहे हैं कि हम विजय हुए
नमन पं उपाध्याय जी को जो सत्य के समर्थन में कितने स्पष्ट हैं l दूध का दूध, पानी का पानी कर दिया यदि कोई अब भी संतुष्ट न हो तो अपने को मूढमति ही माने l
आपका बहुत बहुत धन्यवाद है आपका प्रयास बहुत सारणी है जो आपने सत्य को कहीं तक सामने लाये, बहुत बहुत धन्यवाद
वेद किसी एक नहीं लिखा चार अलग ऋषियों के द्वारा हुआ है उन्हे समाधि की अवस्था में ज्ञान मिला । ऋग्वेद - अग्नि ऋषि -ज्ञान का वर्णन -10552, यजुर्वेद - वायु ऋषि - कर्म का वर्णन-1975, सामवेद - आदित्य ऋषि - उपासना का वर्णन-1875, अथर्ववेद - अंगिरा ऋषि - विज्ञान का वर्णन -5977 , मंत्रो में
सही बताया जी, वहुत सुन्दर 🙏
आर्य समाज शास्त्रार्थ में आज तक कभी पराजित नहीं हुआ है। जस्टिस उपाध्यक्ष जी की जय हो। सत्य की जय हो ।
वेद धारना से नहीं,सत्य रूप से करोड़ वर्ष पुराने हैं.
हम सभी आर्य है, आर्योन का समूह हीं आर्य समाज है, अतः पूरा हिन्दू समाज हीं आर्य समाज है.
हम राम कृष्ण कि संतान हैं, वें आर्य थे. अतः हम भी आर्य हुए,
❤
संकल्प पाठ में सदैव आर्यवृत शब्द आता है कहीं हिंदू शब्द नहीं आता है जो पुरोहित अपने संकल्प में हिन्दू नहीं बुलबाते हैं ।
9लाख वर्ष पहले राम, दो अरब वर्ष पहले वेद आया
अध्यक्ष जी ने सत्य बोलकर स्पष्ट कर दिया की सोरों में किसी की भी जय- पराजय नही हुई थी , इसलिए शिवांश नारायण द्विवेदी ( आह्वान) चेनल वाले को क्षमा याचना करनी चाहिए ।
अरे भाई शिवांश कब तक झूठ बोलते रहेंगे ??
सत्यमेव जयते ।
वेद ही ईश्वरीय वाणी है । ऋषि दयानन्द कृत वेदभाष्य प्राचीन ऋषियों के सिद्धांत अनुसार है ।
उपाध्याय जी को नमन।
12:36 परंपरा से आगे बड़ा है श्रुति वेद हैँ समृति पुराण हैँ, अब जब आर्य समाजी शास्त्रर्थ की बात करें और जीतने की बात करें तो ये वीडियो जरूर याद करना 😂😂😂 अब ये आर्य समाजी कह रहे है हमने शकराचार्य को शास्त्रर्थ मे हरा दिया उसका भी सबूत दिखाओ किसने शास्त्रर्थ आयोजित किया था कौन निर्णायक था आदि आदि.
@@TheSanatanShankar आप की समस्या है की आप आधा सुनते हो। उपाध्याय जी ने स्पष्ट तरीके से वेद और पुराण को समकालिन मानने का खंडन किया है। और स्मृति वेदनुकूल होने पर ही प्रमाण होती है - यह बात उपाध्याय जी ने स्पष्ट मानी है।
बाकी रही रुद्रपुर का बात - आप गुगल कर लिजिए सब मिल जायेगा।
@ मेने अगर आधा सुना तो फिर आपने अपने पिछले वीडियो मे claim किया की आर्य समाजी ने शकराचार्य जी को शास्त्रर्थ मे हरा दिया. तो आपने पूरा गलत सुना था क्या, ये शास्त्रर्थ की बात तो गलत साबित हो गयी ना, इसे मानो फिर आगे की बात करते है
@@TheSanatanShankar
मूर्खेषु विवादो न कर्तव्य:।
बाकी आप समझदार है ।
@@DharmaSamratOffcialपरंपरावाद को फिरभी मान लिया न और यदि परंपरावाद मान लिया तो परम्परा से आया हुआ ये ज्ञान की पुराण आदि वेदों के सम्मत अनंत है उसको वो न माने तो भी फरक नहीबपढ़ता
th-cam.com/users/shortsB4AZyJg-OA4?si=KJJQ1VwNnFvTvRPS
❤@@TheSanatanShankar
🌷
ओ३म्
Bohat badhiya
Bahut aaccha ❤❤🎉🎉
शत शत नमन व्याधीश साहब
Bahut saaf vichar hai ki ham arya the arya hain aur sabse purana evam pavitra gyan Ved hi hai jo manva matra ke upkar ke liye hai aum aum aum
बोहोत ही उत्तम भ्राता, खुद कार्यक्रम के निर्णायक ने ही झूठे मायावादियों के झूठ की पोल खोल दी। ॥ओ३म्॥
Justice sahib ki baato se pata chalta hai ki veh ek uttam manushya hai
हमें एक होने पर जिनकी वैदिक ज्ञान अच्छी हो उन्हें अपनी चाहिए
वेदों की अधिकाशं बातें पुराणों में हैं ही नहीं ! भविष्य पुराण में लिखा है कि भागवत पुराण शुक्राचार्य ने बनाया, हिमाद्रि ग्रन्थ में लिखा है कि भागवत पुराण बोपदेव ने बनाया! जब भागवत पुराण की अधिकांश बातें महर्षि वेदव्यास कृत महाभारत के विरुद्ध हैं तो भागवत का व्यासकृत न होना ही प्रमाणित होता है !
Amazingly ❤❤❤
कमाल की बात है कि आह्वान तो शास्त्रार्थ में थे भी नहीं 🤣
फिर भी दया समाज इस टिप्पणी कमरे में आह्वान का खौफ दिख रहा है , जहां तक बात है शास्त्रार्थ का तो हम क्या बोले शास्त्रार्थ हारु प्रक्षिप्त DNA समाज पर 💀
बहुत उत्तम वीडियो
इनको आप अपनी हार के काले धब्बे को धोने के लिए लेकर आए थे। पर इन्होंने तो घुमा घुमाकर धुलाई खुद ही कर दि आप लोगों की
इन्होंने माना की सनातन परम्परा में साकार और निराकार दोनों तरह की पूजा पद्धति रही है जोकि वेदों साथ साथ पुराण को भी स्वीकारने वाले आचार्यों का पक्ष है। जबकि आर्य समाज यानी आप लोगों की पूजा निराकार तक सीमित है
शास्त्रार्थ में हार जीत का दावा करने वाला व्यक्ति मूर्ख है😂
इस चैनल के कुछ रीसेंट वीडियोज सामान्य जनता को देखने चाहिए
ऋषि दयानन्द भी करपात्री जी की सायणजी की परम्परा मे आने वाले ऋषि हैं (और फिर उनका खंडन करने वाले गुरु विरोधी 😂 )
कृपा कर के यह विडियो सब को भेजिए और आपकी बात सिद्ध करीये। घन्यवाद
@@DharmaSamratOffcial मूर्खानंद तेरी इस विडियो में बीच बीच में भगवान गणेश का चित्र लगाया है पर तू मानता ही नहीं क्या पागल पन है तेरा 😂😂 अब तू इन महाशय को लाया इसलिए था कि चलो अब ये सनातनी परंपरा वैदिक भगवान की मूर्ति पूजा, अवतार आदि का विरोध करेंगे पर वो इन्होने किया नहीं इसीलिए तूने ज़्यादा देर की विडियो नहीं बनाई एक दो प्रश्न पूंछकर बन्द कर दी विडियो 😂😂😂😂
कृपया निवेदन 🙏 सोरों शास्त्रार्थ के अध्यक्ष का वक्तव्य। मैंने ऐसा कोई निर्णय नहीं दिया। की आर्य समाज हार गया। ऐसा जो कहते हैं उनका कहना निराधार है । इस प्रकार के जो वाक्य कह गए हैं उनको विचार करके आप उस तरह का टाइटल दीजिए
देखिए शास्त्रार्थ में हम एक ही प्रश्न पूछेंगे, उत्तर देने के लिए पूरे जीवन जब तुम्हें उत्तर स्वयं मिलेगा तब आप आयेंगे उत्तर देने। क्योंकि शास्त्रार्थ के समय तुम उत्तर देने में असमर्थ होंगे इसलिए समय दिया जाएगा।
Shastrath wale Acharya ji Ko bhi laye. 🙏
Dhayanwad aapko apne bahut mehnat ki hogi 🙏
बस एक कृपा करना भाई।इस वीडियो को अपने चैनल से हटाना मत😂😂😂😂😂
ये बाबा जी pauradik पंडित जी तो कह रहे है की बोली नहीं निकल रही थे आर्य समाज के विद्वान की
महोदय निग्रहाचार्य भागवतानंद से भी एक बार शास्त्रार्थ करो 🙏
भेज दिजिए
@@DharmaSamratOffcial भाई साहब उनसे मैने बात की थी पर वो आपको घंटा भाऊ देते है 🤡🤡
आपके लिए तो उनके पास घंटा समय नहीं है
जल रही हो तो बरनाल लगाओ ठीक है
शास्त्रार्थ हारु 🗿🤡🤡🔥
@@DharmaSamratOffcialआपके जस्टिस साहब ने तो वेदों को ब्रह्म देव से उत्पन्न बोला Cross Question करना चाहिए था आपको 🔥🙂💀 14:00
@@DharmaSamratOffcialBlock किए हमको तो वैसे भी तुम्हारी बेज़्ज़ती होगी क्योंकि तुम्पर हम Edit banadenge 🙂🔥
@ ब्रह्म=परमात्मा
अरे भाई मैं उस कार्यक्रम में था ।खुद निर्णायक मंडल पर विस्वास करना असंभव है।क्योंकि आर्यसमाज का जबाब ही पौराणिकों पर देते बने।और पक्षपात कर मीडिया पर गलत प्रचार कर रहे हो।
काशी शास्त्रार्थ पर भी ऐसे ही झूठ फैलाया है
ये comment क्यों डिलीट हो जाता है 😡
😂😂
Ahvan ki bato par vishvas hi galat hai .pauranik ka ye purana hathiyar hai .
सत्य। करपात्री समाजी जब बोलता है तब झूठ ही बोलता है।
पौराणिक चौथे स्थान पर रहा था।
Ahvaan ko lag rha hai unka math jeet gya 😂😂😂😂😂
1824 me janm hua our 1875 me arya samaj ki sthapna ki
Ahvan ponge ka plan to flop ho gaya 😂
@@Krishn4752 गुजराती से पंगा लेने पर तो यही होगा ना?
Shivansh bahut shekhi baghar raha tha.
सुप्रीमेसी
Ese khud hi puri jankari nahi hai
यदि तुम दम है तो निग्रहाचार्य स्वामी जी शास्त्रार्थ करो यदि एक बाप के होतो इतना ज्ञान है वो वीडियो मालूम हो गया,, आर्य वैदिक नाम है पर आर्य समाज अवैदिक है,, धर्म सम्राट करपात्री स्वामी महभाग खण्डन किया दया नन्द सरस्वती का,, उमा नाम की वैश्या को आगे अंग्रजों अपना एजेंडा चलाया गौरी चमड़ी चक्कर दया भूरा गये कामी थे चरित्र हीन इस्लाम और आर्या समाज स्त्रियों योवन टिका है दया अपनी कामना में इतना डूबा था की पूछों मत उमा वैश्या बिना नहीं रह सकता,, फिर अन्य स्त्रियों को उदारता नाम जोड़ा,, अंग्रेज़ों दया नन्द,, विवेकानंद दोनों आगे करके अपना एजेंडा चलाया,, लोग दोनों बहुत विद्वान मानते हैं उस अंग्रेज़ों उठायें थे मनगढ़ंत अर्थ लोग विद्वान मानते,,
सुनील शर्मा जी , नमस्ते !
आपके कमेन्ट से आर्य अनार्य , वैदिक अवैदिक , विद्वान अविद्वान , ऋषि दयानन्द आदि शंकराचार्य के सम्बन्ध मे कहे गये वाक्य अपूर्ण हैं।
आपकी भाषा से तो प्रतीत होता है कि आप कोई मलेच्छ हो l सनातनी नहीं l
विजेता कौन हुए?