सर जी हमारी तरफ राजस्थान बारा जिले में सोयाबीन की खेती में दो बार खरपतवार की दवा की जाती है अगर दवा ना करे तो 4 फीट की लंबाई वाला गांस वो जाता है जिसमें सोयाबीन का पेड़ देखना तो मुश्किल लेकिन उसको काटना मुश्किल हो जाता है
सरजी ज्यादा एडवांस जा रहें हैं मैं तो कहता हूं जीवांश बढ़ाने के चक्कर में भी घाटा होगा खरपतवार को फसल बोने से के 25 -30 दिन बाद जमीन के ऊपर से काटकर इकट्ठा कर लिजिए ताकि चारा बन जाए खरपतवार खड़ा रहेगा तो निश्चित तौर पर खेत की मिट्टी से खाद पानी फसलों के लिए कम पड़ेगा और साथ ही इन खरपतवारो के कारण अंधेरे और नमी के कारण जीव भी ज्यादा पैदा होंगे खरपतवार को ऊपर से काट देंगे तो यह फिर फूटने लग जाएंगे लेकिन मामूली बढ़त होगी तब तक फसल 45-50 दिन की हो जाएगी और फ़सल इन खरपतवारो को अधिक बढ़ने नहीं देगी और फ़सल के नीचे दबकर कमजोर कर देंगी फसल काटने के बाद यह छोटी कमजोर खरपतवार पुनः बड़ी हो जाएगी और इसको 10 दिन तक बड़ी होने दीजिए फिर पशुओं को इसमें खुला चरने दें ताकि पशुओं का मल मूत्र खेत में मिल जाए सप्ताह भर बाद में घर पर खेत में जहां पर भी बचा बचाया या जानवरों का ख़राब किया गया चारा भूसा जो भी सूखा कचरा हो खेत में डालकर प्लाऊ आदि से मिट्टी में दबा दीजिए ध्यान रहे गोबर या गिली खाद कचरा अभी नहीं डालना गोबर खाद और गीली कचरा खाद बुआई से सप्ताह 10दिन पहले डालनी है पेड़ ऐसे लगाने चाहिए ताकि किधर से भी जुताई आसान हो पेड़ की छाया में पक्षियों की खाद होगी और साथ ही पक्षी फ़सल के लिए हानिप्रद कीड़े इल्ली आदि को खा जाएंगे और खेत में नमी लंबे समय तक रहेगी और तापमान भी सामान्य रहेगा ताकि तापमान की कमी या अति से पनपने वाले जीव भी पैदा नहीं होंगे गोबर खाद और खरपतवार दबाना भी फ़सल के लिए प्रयाप्त नहीं होगा क्योंकि हर किसान के पास ना तो इतनी गोबर खाद है और ना ही चारा बेचे बिना इतनी आमदनी अतः इस कुछ मात्रा में रासायनिक खाद और दवाओं को प्रयोग करना चाहिए लेकिन खरपतवार नाशक दवा कभी भी इस्तेमाल नहीं करें जीव नज़र आते ही तुरंत कीटनाशक छिड़कें सस्ती और तुरंत जीव को मारने वाली 10-15 दिन तक असर करने वाली दवा के झांसे में ना आएं दूसरे दिन तक जीव ना मरे ऐसी दवा बिल्कुल भी नहीं डालें एक बार फल पकने के बाद या फल पकते समय कोई भी दवा ना डालें नीम या नीम जैसे कड़वे किसी भी पौधे फल पति जो भी हो उसका रस घर पर बना कर ही डालें या फिर किसी सरकारी कंपनी का ही डालें दो बार कीटनाशक अपवाद स्वरूप ही करें वर्ना एक बार ही काफी है जब फ़सल 30-40 की हो गई हो,जीव नज़र आ रहे हो जैसे हरा मच्छर , सफ़ेद मक्खी या छोटी काली सफेद भूरी तितली या मटमैले कोंकरोज तथा मौसम बादलनुमा या बारिश वाला हो रंग बिरंगी तितलियां,काले कीड़े,काले या लाल काले धब्बे वाले कोंकरोज किसान मित्र है इनको ना मारें संभव हो तो मिट्टी की भी जांच लैब से करवाएं वरना पीएच मान पता करने के लिए 300-400 में मीटर बाजार से खरीद कर समय समय पर हर दो हेक्टेयर में एक जगह से जांचते रहे और आवश्यकतानुसार चूने गुड़ जिप्सम राख को मिट्टी में डालें रासायनिक खाद फ़सल 15-20 दिन की होने के बाद तब डालें जब फ़सल में किसी मुख्य तत्व जैसे नाइट्रोजन फास्फोरस पौटेशियम सल्फर डाई की कमी नजर आए मुख पृष्ठ तत्व की कमी पता करने के लिए फ़सल के पत्ते अच्छी तरह से जांचने चाहिए पुराने यानी शुरुआत में जो आए और नए जो 3-4 दिन पहले आए हैं रासायनिक खाद की मात्रा कम ही रखें 1 हेक्टेयर में 20-25 किलो या फिर दुकानदार जो बताएं उससे आधी लेकिन ध्यान रहे कीटनाशक उतना ही छिड़कें जितना दुकानदार कहें ताकि रिजल्ट के लिए दुकानदार जिम्मेदार रहे रासायनिक खाद की कम या आधी मात्रा भी असरकारक होगी यह मेरा अनुभव है और इसकी मात्रा साल दर साल कम करनी चाहिए जैविक अपशिष्ट यानी कचरे को हमेशा संजोकर रखें फ़ालतू मत बहाइए या फेंकिए प्लास्टिक रबर को भी संजोकर रखिए और कबाड़ में दे दीजिए खुला मत फेंकिए यह एक तरह का पाप है खुले में प्लास्टिक रबर पशु पक्षियों और मिट्टी पानी सब के लिए घातक ही नहीं दर्दनाक मौत के लिए उत्तरदाई है शर्म आने की बात है कि सफाई के लिए देश के प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट तक को हमें समझाना ही नहीं हमारा ही पैसा हमारे ही कचरे प्रबंधन के लिए सरकार को खर्च करने पड़ते हैं
Sar ji Jis Jameen Mein Pani Bhara Rahega use Jameen Mein fasal Nahin Hoti aur Rahi baat pashuon ki to Jo Kisan pashupalan ka use kheti Nahin Sambhav hai
भारत के किसानो को मूर्ख बनाने के लिए तरह तरह के ज्ञान दिया जाता है नेता और सरकारी नौकर अपना वेतन मनमाना ले रहे हैं गरीबी के नाम पर योज ना बनाकर देश लूट रहे हैं
सर इस बार बारिश के मौसम में मैंने आप की आज्ञाया के अनुसार 50 पौधे लगाए थे खेत में लेकिन 40 पौधे अभी तक सही सलामत खड़े हैं
बहुत सुंदर
मुझे ये जानकारी बहुत ही अच्छी लगी है
Sahi marg dikhane ke liye aapka thanks
सर इसी तरह ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच अपना ज्ञान बांटे रहे बढ़ते रहें बताते रहे
सर जी हमारी तरफ राजस्थान बारा जिले में सोयाबीन की खेती में दो बार खरपतवार की दवा की जाती है अगर दवा ना करे तो 4 फीट की लंबाई वाला गांस वो जाता है जिसमें सोयाबीन का पेड़ देखना तो मुश्किल लेकिन उसको काटना मुश्किल हो जाता है
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सरजी ज्यादा एडवांस जा रहें हैं
मैं तो कहता हूं जीवांश बढ़ाने के चक्कर में भी घाटा होगा
खरपतवार को फसल बोने से के 25 -30 दिन बाद जमीन के ऊपर से काटकर इकट्ठा कर लिजिए ताकि चारा बन जाए
खरपतवार खड़ा रहेगा तो निश्चित तौर पर खेत की मिट्टी से खाद पानी फसलों के लिए कम पड़ेगा और साथ ही इन खरपतवारो के कारण अंधेरे और नमी के कारण जीव भी ज्यादा पैदा होंगे
खरपतवार को ऊपर से काट देंगे तो यह फिर फूटने लग जाएंगे लेकिन मामूली बढ़त होगी तब तक फसल 45-50 दिन की हो जाएगी और फ़सल इन खरपतवारो को अधिक बढ़ने नहीं देगी और फ़सल के नीचे दबकर कमजोर कर देंगी
फसल काटने के बाद यह छोटी कमजोर खरपतवार पुनः बड़ी हो जाएगी और इसको 10 दिन तक बड़ी होने दीजिए
फिर पशुओं को इसमें खुला चरने दें ताकि पशुओं का मल मूत्र खेत में मिल जाए
सप्ताह भर बाद में घर पर खेत में जहां पर भी बचा बचाया या जानवरों का ख़राब किया गया चारा भूसा जो भी सूखा कचरा हो खेत में डालकर प्लाऊ आदि से मिट्टी में दबा दीजिए
ध्यान रहे गोबर या गिली खाद कचरा अभी नहीं डालना
गोबर खाद और गीली कचरा खाद बुआई से सप्ताह 10दिन पहले डालनी है
पेड़ ऐसे लगाने चाहिए ताकि किधर से भी जुताई आसान हो
पेड़ की छाया में पक्षियों की खाद होगी और साथ ही पक्षी फ़सल के लिए हानिप्रद कीड़े इल्ली आदि को खा जाएंगे और खेत में नमी लंबे समय तक रहेगी और तापमान भी सामान्य रहेगा ताकि तापमान की कमी या अति से पनपने वाले जीव भी पैदा नहीं होंगे
गोबर खाद और खरपतवार दबाना भी फ़सल के लिए प्रयाप्त नहीं होगा क्योंकि हर किसान के पास ना तो इतनी गोबर खाद है और ना ही चारा बेचे बिना इतनी आमदनी
अतः इस कुछ मात्रा में रासायनिक खाद और दवाओं को प्रयोग करना चाहिए लेकिन खरपतवार नाशक दवा कभी भी इस्तेमाल नहीं करें
जीव नज़र आते ही तुरंत कीटनाशक छिड़कें सस्ती और तुरंत जीव को मारने वाली 10-15 दिन तक असर करने वाली दवा के झांसे में ना आएं
दूसरे दिन तक जीव ना मरे ऐसी दवा बिल्कुल भी नहीं डालें
एक बार फल पकने के बाद या फल पकते समय कोई भी दवा ना डालें
नीम या नीम जैसे कड़वे किसी भी पौधे फल पति जो भी हो उसका रस घर पर बना कर ही डालें या फिर किसी सरकारी कंपनी का ही डालें
दो बार कीटनाशक अपवाद स्वरूप ही करें वर्ना एक बार ही काफी है जब फ़सल 30-40 की हो गई हो,जीव नज़र आ रहे हो जैसे हरा मच्छर , सफ़ेद मक्खी या छोटी काली सफेद भूरी तितली या मटमैले कोंकरोज तथा मौसम बादलनुमा या बारिश वाला हो
रंग बिरंगी तितलियां,काले कीड़े,काले या लाल काले धब्बे वाले कोंकरोज किसान मित्र है इनको ना मारें
संभव हो तो मिट्टी की भी जांच लैब से करवाएं वरना पीएच मान पता करने के लिए 300-400 में मीटर बाजार से खरीद कर समय समय पर हर दो हेक्टेयर में एक जगह से जांचते रहे और आवश्यकतानुसार चूने गुड़ जिप्सम राख को मिट्टी में डालें
रासायनिक खाद फ़सल 15-20 दिन की होने के बाद तब डालें जब फ़सल में किसी मुख्य तत्व जैसे नाइट्रोजन फास्फोरस पौटेशियम सल्फर डाई की कमी नजर आए
मुख पृष्ठ तत्व की कमी पता करने के लिए फ़सल के पत्ते अच्छी तरह से जांचने चाहिए पुराने यानी शुरुआत में जो आए और नए जो 3-4 दिन पहले आए हैं
रासायनिक खाद की मात्रा कम ही रखें
1 हेक्टेयर में 20-25 किलो या फिर दुकानदार जो बताएं उससे आधी लेकिन ध्यान रहे कीटनाशक उतना ही छिड़कें जितना दुकानदार कहें ताकि रिजल्ट के लिए दुकानदार जिम्मेदार रहे
रासायनिक खाद की कम या आधी मात्रा भी असरकारक होगी यह मेरा अनुभव है और इसकी मात्रा साल दर साल कम करनी चाहिए
जैविक अपशिष्ट यानी कचरे को हमेशा संजोकर रखें फ़ालतू मत बहाइए या फेंकिए
प्लास्टिक रबर को भी संजोकर रखिए और कबाड़ में दे दीजिए खुला मत फेंकिए यह एक तरह का पाप है
खुले में प्लास्टिक रबर पशु पक्षियों और मिट्टी पानी सब के लिए घातक ही नहीं दर्दनाक मौत के लिए उत्तरदाई है
शर्म आने की बात है कि सफाई के लिए देश के प्रधानमंत्री सुप्रीम कोर्ट तक को हमें समझाना ही नहीं हमारा ही पैसा हमारे ही कचरे प्रबंधन के लिए सरकार को खर्च करने पड़ते हैं
Aap bahut achhi baat samjha rahe hai sir ab kisano ko prakratik roop se hi kheti karni hogi tabhi kisano ko kheti laabh degi
नए युग के कृषि दूत
आपको सत सत नमन 🙏
बहुत-बहुत धन्यवाद आपका ❤❤ ज्ञान वर्धक जानकारी दी 🎉🎉❤
Good 👍 job Sir ji जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम 🙏
गुरु जी को सत सत नमन प्रणाम
Sir ji namaste aapne bahut achchhi jankari di iske liye aap ji ka bahut bahut dhanyabad.satsaheb ji
बहुत बड़िया जानकारी दी है श्री मान जी
माँ तो माँ है..हम भी अपना सही कर्तव्य निभाये..
Wow beautiful knowledge ❤❤❤❤❤
Thanks guru dev 👏👏❤️🥰
आचार्य जी अति सुन्दर ❤❤❤🎉🎉🎉
सही कहा आपने किसी सबसे दुखी है लेकिन आप क्या कर सकते हैं किसानों के लिए आप भी किसानों कोउठा देंगे
Bilkul sahi bat sir dhanyavad
Very essentially speech, follow this strictly
सर जी soil consevation per koi book bttaye
Super suggest thanks sir ji
बहुत अच्छे सचान जी
Me ne bhi es sal na koi n.pk. na khoi khad . Dalahi to bhi aachi fasal he
साधु वाद🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Hme bhi traning leni h sir plz help kijiye bahut loss m h
Super presentation
Very good sir ji ❤❤❤❤
Super 👍🏻
namaste Guruji
बात सही h पर खरपतवार से फसल नहीं होती।
Compitition nahi hoga kya weed se
Kisano ke pass aaj bhi jaagrukta ki kami h
Good ❤
डॉ साहेब स नमस्कार
❤❤❤❤❤.. Good
Sir mai mahastrase hu aap Kisan ke aap jo kar aap jase ki jarurat aap dirgo aayusjya labho
Sar ji Jis Jameen Mein Pani Bhara Rahega use Jameen Mein fasal Nahin Hoti aur Rahi baat pashuon ki to Jo Kisan pashupalan ka use kheti Nahin Sambhav hai
Right bilkul sahi baat kisano ne sab kuch khud hi khrab kar diya apna b or desh ka b
Sir kha pr hai aapka farm .mujhe training me participate krna hai.i m interested
चांगले कपडे घालून प्रशिक्षण देणे बंद करण्यात आले पाहिजे. एसी. मध्ये बसुन कागदावर प्रशिक्षण देणे बंद करणे बंद करण्यात आले पाहिजे.
❤❤❤
❤
अन्नदाता के पास जमीन की कमी है तो क्या करें।
नियोजन करे
Sarna ki taraf aao
Very nice 👌
Namashkar sir kripya apna no dijie
भारत के किसानो को मूर्ख बनाने के लिए तरह तरह के ज्ञान दिया जाता है नेता और सरकारी नौकर अपना वेतन मनमाना ले रहे हैं गरीबी के नाम पर योज ना बनाकर देश लूट रहे हैं
तो भाई नेताओं वाली डिबेट में जा कर बोलो ये महोदय सही बता रहे हैं
Sir mul tin baat bataye nahi 😅
❤