जय भीम टिव्ही 9 खुपच चांगले कार्य केले आहे. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या सोबत व सहवासात असलेले. हे महान महाशय आंबेडकरी जनते समोर आणले आहेत. त्यांच्या तोंडून डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर हे किती महान होते. हे ऐकावयास मिळाले.
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
आदरनिय गंगावणे साहेब, कांबळे साहेब, डोळस साहेब यांनी बाबासाहेबांच्या आठवणी सांगुन प्रत्यक्ष बाबासाहेब आमच्यासमोर, आमच्या दृष्टीसमोर उभे केले त्यांना त्रिवार नमन. धन्य ते ज्यांनी बाबासाहेब बघीतले.जय भिम! जय संविधान!!
बाबासाहेबांना आम्ही पाहू शकलो नाही तुम्ही पाहीले,अनुभवले. तुम्ही धन्य अहात. अशाच बाबसाहेबांच्या आठवणी शेअर करीत रहावे. पुढील पिढीसाठी त्या प्रेरणादायक आहेत.
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
ज्याच्या डोळ्यातून पाणी आले त्या सर्व भिम सैनिकांना सप्रेम जय भीम 🙏🙏🙏🙏🙏 महामानव ,युगप्रवर्तक, युगपुरुष, क्रांतिसूर्य, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांना कोटी कोटी प्रणाम 🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺
भारतीय राज्य घटनेचे शिल्पकार, महामानव, विश्वरत्न, भारतरत्न, युगप्रवर्तक, प्रज्ञावंत, प्रज्ञासुर्य, राष्ट्रपिता, बोधिसत्व, परमपूज्य डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या 62 व्या महापरिनिर्वाण दिनानिमित्त 🙏🙏🙏विनम्र अभिवादन🙏🙏🙏
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
Babasahebanchya sahavasatil tighanahi krantikari jaibhim. Tumi Babasahebanchya anmol atavani sangitalya tumi thor ahat khup aayuse tumala labho ani asaych Babasahebachya atavani sangat raha Tv9 chanel che khup khup abhar mi Dr. Sonkamble R.G ani maza parivar manato. Dhanyavad jaibhim 🙏
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४ सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये ! --- तथागत बुद्ध !!
ज्या वेळेस त्या आजोबांना गहिवरून आलं त्या वेळेस डोळे भरून आले डोळ्यातून पाणी आलं😢😢😢.
हे महामानवा तुला कोटी कोटी प्रणाम..
जय भीम
टिव्ही 9 खुपच चांगले कार्य केले आहे. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या सोबत व सहवासात असलेले. हे महान महाशय आंबेडकरी जनते समोर आणले आहेत. त्यांच्या तोंडून डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर हे किती महान होते. हे ऐकावयास मिळाले.
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
TV9चे खुप खुप आभार, बाबासाहेब आंबेडकर यांचा सहवास लाभलेल्या तिघांचेही मनोगत सादर केल्याबद्दल.धन्यवाद
साहेबराव गुजर पुसद
महामानव डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या पावन स्मृतीस विनम्र अभिवादन
बाबा साहेबा सारख बूध्दिने तेजोमय हिरा आता ह्या धरतिवर सापडणे अति कठिनच
असे आमचे बाबा साहेब बहुगुणी
शतशः प्रणाम बाबा
ज्ञानाच्या अथांग महासागरास (महामानवास) विनम्र अभिवादन💐💐😭😭🙏🏻🙏🏻
TV9 channel Ambedkar
साहेब तुम्ही होतात म्हणून आज आम्ही आहोत............. ज्ञानाच्या अथांग महासागरा स विनम्र अभिवादन
डोळ्यामधून कोसळणार्या आसवांना आज मुभा आहे. कारण तुमच्यामुळेच बाबा मी स्वाभिमानाने उभा आहे 😢👏🏻👏🏻 विनम्र अभिवादन💐💐💐💐
Jay Bhim
Jay bhim
Jay bhim💙🙏
G55555555gfffffffffffff&&&&&&&&&&&&&&ff5&
जगातला कोहीनूर हिरा म्हनजे बाबासाहेब
Jay bhim Jay savidhan.
@@rameshjadhav9073
..
आज पण गरज आहे बाबा तुमची तुम्ही पुन्हा जन्माला या🙏😭
ही मंडळी खूप नशीबवान होते म्हणून बाबासाहेबांचा सहवास यांना लाभला हत्ती का नाही मानाचा जय भीम
त्या महामाणवास विनम्र अभिवादन
आदरनिय गंगावणे साहेब, कांबळे साहेब, डोळस साहेब यांनी बाबासाहेबांच्या आठवणी सांगुन प्रत्यक्ष बाबासाहेब आमच्यासमोर, आमच्या दृष्टीसमोर उभे केले त्यांना त्रिवार नमन. धन्य ते ज्यांनी बाबासाहेब बघीतले.जय भिम! जय संविधान!!
आमचे दुर्भाग्य आहे आम्ही बाबासाहेबाना पाहु शकलो नाही आमच्या भाग्य विधाताला त्यांच्या आठवीं आयकुन मन शांत होते जय भीम
TV9 चे खूप खूप आभार 🙏🙏
आम्हाला पण रडू कोसळत साहेब तुमच्या बरोबर. बाबा साहेबाच्या आठवनी सांगतांना
त्यांनी जवळून पाहिले ते भाग्य शालि आहे त.. त्यांनी सांगितलेल्या आठवणी... भावुक होत होत्या... जयभिम...
बाबासाहेबांना आम्ही पाहू शकलो नाही तुम्ही पाहीले,अनुभवले. तुम्ही धन्य अहात. अशाच बाबसाहेबांच्या आठवणी शेअर करीत रहावे. पुढील पिढीसाठी त्या प्रेरणादायक आहेत.
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
खरचं हे व्यक्ती भाग्यवान आहेत हयांच्यामुळे बाबासाहेब आंबेडकरचे विचार ऐकायला मिळाले तेव्हा tv9चे खूप धन्यवाद
बांबाच्या आठवणीने रडु आले धन्य आहात आपन लोक
युगपुरुषांचा सहवास लाभला
जयभिम जयभारत नमोबुधाय सबका मंगल हो
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
🙏 ह्या तिन्ही विभुतींचे दर्शन झाले. त्यांना मी त्रिवार वंदन करतो. 🙏🙏🙏.
ज्याच्या डोळ्यातून पाणी आले त्या सर्व भिम सैनिकांना सप्रेम जय भीम
🙏🙏🙏🙏🙏
महामानव ,युगप्रवर्तक, युगपुरुष, क्रांतिसूर्य,
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांना कोटी कोटी प्रणाम
🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺
कोटी कोटी अभिवादन!💐💐
भारतीय राज्य घटनेचे शिल्पकार,
महामानव, विश्वरत्न, भारतरत्न,
युगप्रवर्तक, प्रज्ञावंत, प्रज्ञासुर्य,
राष्ट्रपिता, बोधिसत्व,
परमपूज्य डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर
यांच्या 62 व्या
महापरिनिर्वाण दिनानिमित्त
🙏🙏🙏विनम्र अभिवादन🙏🙏🙏
खातो जो घास, घेतो जो श्वास तो फक्त बाबा तुमच्यामुळे .
Dr.बाबासाहेब आंबेडकर साहेब यांना कोटी कोटी नमन 🙏जय भीम 🙏
आजोबा रडू नका आम्हाला पण रडू येतंय
Bilkul Saheb dore bharun aale.
हा ना यार
Kharach khup bhavuk झाले
एकच साहेब.....बाबासाहेब...
राजकारणात बाबासाहेब चालतात....पण..
त्यांची विचारसरणी पायदळी तुडवील्या जाते...
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
Thanks tv9 jay bhim vinamra abhidhan
बाबासाहेब आंबेडकर स्वाभिमानी समाजातील सर्व लोकाची आनं बान अन् शान आहे आणि गद्दारा साठी दुकान जयभीम जय महाराष्ट्र जय भारत
विश्वरत्न महामानव बोधिसत्व परमपूज्य डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर यांना त्रिवार अभिवादन💙💙💙💙💙🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐
tnx tv9 🙏🙏🙏 jay bhim
Thanks TV9 !!!! love u TV9💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
ज्यांना बाबा साहेब मनापासून आठवले,
मन,विचार,र्ह्दय्,नयन ,आश्रुनि नट विले.
अस्या थोर विचारवं ताच मनापासून आभार,
TV ९ चे पण तितकेच आभार.
विनम्र अभिवादन
Outstanding sir
धन्य धन्य बाबासाहेब.
कर्मवीर या भूमीचा सुगंध निसर्गाचा अविष्कार भगवान बुद्धाचा आशिर्वाद भारतभूमीचा.🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👍🌝🌞🌏😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌱🌳
हे महामानावा तुझं कोटी कोटी प्रणाम 🙏.....
तुमचं खूप खूप धन्यवाद TV9 🙏😢🥺🥺
thnk u...tv9
Arjun kasbe majhe pappa ahet ek no pappa
Jai bhim
Jay bhim mitra💙🙏
Jay bhim namo buddhay bhai
भाऊ आपण खूप नशीबवान आहात
जय भिम💐💐💐💐💐💙💙💙💙💙🙏🙏🙏🙏🙏
TV9 koti koti dhanyvad TV9 Babasaheb interview
Dr B R Ambedkar great always
आदरणीय नरेंद्र काबळी पंतवने कसबे याना माझा आणि माझ्या परिवाराच मनाचं वन्दन
Babasahebanchya sahavasatil tighanahi krantikari jaibhim. Tumi Babasahebanchya anmol atavani sangitalya tumi thor ahat khup aayuse tumala labho ani asaych Babasahebachya atavani sangat raha
Tv9 chanel che khup khup abhar mi Dr. Sonkamble R.G ani maza parivar manato. Dhanyavad jaibhim
🙏
TV 9 चे आभार. जय भीम🌼
Thanks tv9
Thank you TV9 Marathi Tinku Babasaheb
Nice work tv9
Thanks🙏🙏🙏 jai bhim
thanku tv9 babasahebanchya atvani sagitlya baddal
त्रिवार अभिवादन 🙏🙏🙏💐💐
टीवी 9 चा मी मनापासून वृणी आहे 🙏🌹
tv 9 che khup khup abhar
रडु येऊ राहील खरच!!!!😢 जय भीम
आपल्या भारत देशा पूर्ती नाही तर बाहेर क्या देशात पण कार्य आहेत जय भीम
Kharch tumhi sagle khup lucky AAHAT Tumhi mahamanvala bagitale
अत्यंत भावनिक
Jay Bhim
love you babasaheb
Are mstach
धन्यवाद म्याडम
टिव्ही 9 ,आणी,3,बाबानां,विन्रंब,आभिवाधन,जयभिम,
आज जे पण आहे ते पण बाबा साहेब यांच्या मुळेच 🙏
Great man of world Dr. B. R. Ambedkar
Jai bhim jai vba
Jay Bheem
Good speech
Jay🙏bhim
Jay bhim namo bhudhay...the symbols of knowledge...koti koti Pranam..
टीव्ही 9 ला धन्यवाद
Khoob changle khoob changle khoob changle Baba Saheb
Great Babasaheb...
Jai bhim.. We miss u baba
Greatest interview and anchoring this is historical and I am witness as a viewer .....Thanks lot tv9. ....
Thankyou TV9
Great
Khup changl vat tay Jay bhim
Jai Bhim
Very nice
किती नशीबवान आहात तुम्ही. 🥺🥺🥺
JAY BHIM 🔥
Khupach chan
। ौAkshay Akshay पूर्ण पू
Very nice interview
❤
jjjay Bhim 🙏
जय भिम
जय भीम
jay bhim
Jay bhim🙏🙏🙏🙏
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
TV 9 चे आभारी आहोत
नमो बुद्धाय! जय भीम!! जय भारत!!!
baki lokanna te fakt manav disat asatil pan aamhi tyanna dev manal Namo Buddha Jai Bhim
Very nice 👌👌 speech
Ajoba khup nashibvan aahat tumhi .baba sahebana baghitale .Jay bhim .
Nice tv9
Jaybheem 🙏🙏🙏😭😭😭
Babasaheb he saravnche ahet
AAPLE BABASAHEB asa lihava
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
जय OBC जय संविधान जय भीम...
Jay bhim
Thanks TV9.
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!