आमचे बाबासाहेब ! त्यांचे खास निकटवर्ती सर्वात प्रथम TV9 वर उलगडतायत आंबेडकरांच्या अज्ञात गोष्टी
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- เผยแพร่เมื่อ 5 ก.พ. 2025
- #TV9MarathiLIVE #MarathiNews
बाबासाहेबांचे खास निकटवर्ती जेष्ठ बौद्धाचार्य श्रावण गणपत गंगावणे , नरेंद्र मारोतराव कांबळे , अर्जुन शंकर कसबे सर्वात प्रथम TV9 वर उलगडतायत आंबेडकरांच्या अज्ञात गोष्टी
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महामानव डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या पावन स्मृतीस विनम्र अभिवादन
ज्या वेळेस त्या आजोबांना गहिवरून आलं त्या वेळेस डोळे भरून आले डोळ्यातून पाणी आलं😢😢😢.
हे महामानवा तुला कोटी कोटी प्रणाम..
जगातला कोहीनूर हिरा म्हनजे बाबासाहेब
Jay bhim Jay savidhan.
@@rameshjadhav9073
..
जय भीम
टिव्ही 9 खुपच चांगले कार्य केले आहे. डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांच्या सोबत व सहवासात असलेले. हे महान महाशय आंबेडकरी जनते समोर आणले आहेत. त्यांच्या तोंडून डाॅ बाबासाहेब आंबेडकर हे किती महान होते. हे ऐकावयास मिळाले.
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
TV9चे खुप खुप आभार, बाबासाहेब आंबेडकर यांचा सहवास लाभलेल्या तिघांचेही मनोगत सादर केल्याबद्दल.धन्यवाद
साहेबराव गुजर पुसद
डोळ्यामधून कोसळणार्या आसवांना आज मुभा आहे. कारण तुमच्यामुळेच बाबा मी स्वाभिमानाने उभा आहे 😢👏🏻👏🏻 विनम्र अभिवादन💐💐💐💐
Jay Bhim
Jay bhim
Jay bhim💙🙏
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साहेब तुम्ही होतात म्हणून आज आम्ही आहोत............. ज्ञानाच्या अथांग महासागरा स विनम्र अभिवादन
आज पण गरज आहे बाबा तुमची तुम्ही पुन्हा जन्माला या🙏😭
ज्ञानाच्या अथांग महासागरास (महामानवास) विनम्र अभिवादन💐💐😭😭🙏🏻🙏🏻
TV9 channel Ambedkar
बाबा साहेबा सारख बूध्दिने तेजोमय हिरा आता ह्या धरतिवर सापडणे अति कठिनच
असे आमचे बाबा साहेब बहुगुणी
शतशः प्रणाम बाबा
आमचे दुर्भाग्य आहे आम्ही बाबासाहेबाना पाहु शकलो नाही आमच्या भाग्य विधाताला त्यांच्या आठवीं आयकुन मन शांत होते जय भीम
त्या महामाणवास विनम्र अभिवादन
बांबाच्या आठवणीने रडु आले धन्य आहात आपन लोक
युगपुरुषांचा सहवास लाभला
जयभिम जयभारत नमोबुधाय सबका मंगल हो
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
TV9 चे खूप खूप आभार 🙏🙏
आदरनिय गंगावणे साहेब, कांबळे साहेब, डोळस साहेब यांनी बाबासाहेबांच्या आठवणी सांगुन प्रत्यक्ष बाबासाहेब आमच्यासमोर, आमच्या दृष्टीसमोर उभे केले त्यांना त्रिवार नमन. धन्य ते ज्यांनी बाबासाहेब बघीतले.जय भिम! जय संविधान!!
ही मंडळी खूप नशीबवान होते म्हणून बाबासाहेबांचा सहवास यांना लाभला हत्ती का नाही मानाचा जय भीम
खातो जो घास, घेतो जो श्वास तो फक्त बाबा तुमच्यामुळे .
त्यांनी जवळून पाहिले ते भाग्य शालि आहे त.. त्यांनी सांगितलेल्या आठवणी... भावुक होत होत्या... जयभिम...
आम्हाला पण रडू कोसळत साहेब तुमच्या बरोबर. बाबा साहेबाच्या आठवनी सांगतांना
यांच नशिब खूप मोठं आहे त्यांना बाबासाहेबांचा सहवास लाभला.... धन्यवाद टीव्ही9, या आजोबांच्या पाठीवर थाप मारली हा क्षण जेंव्हा ते सांगतात तेव्हा माझ्याही डोळ्यातून आपोआप पाणी येऊ लागले....जय भिम,जय संविधान, आणि या महान कार्यकर्त्यांना मानाचा मानाचा कडक जय भिम.
बाबासाहेबांना आम्ही पाहू शकलो नाही तुम्ही पाहीले,अनुभवले. तुम्ही धन्य अहात. अशाच बाबसाहेबांच्या आठवणी शेअर करीत रहावे. पुढील पिढीसाठी त्या प्रेरणादायक आहेत.
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
Dr.बाबासाहेब आंबेडकर साहेब यांना कोटी कोटी नमन 🙏जय भीम 🙏
🙏 ह्या तिन्ही विभुतींचे दर्शन झाले. त्यांना मी त्रिवार वंदन करतो. 🙏🙏🙏.
ज्यांना बाबा साहेब मनापासून आठवले,
मन,विचार,र्ह्दय्,नयन ,आश्रुनि नट विले.
अस्या थोर विचारवं ताच मनापासून आभार,
TV ९ चे पण तितकेच आभार.
ज्याच्या डोळ्यातून पाणी आले त्या सर्व भिम सैनिकांना सप्रेम जय भीम
🙏🙏🙏🙏🙏
महामानव ,युगप्रवर्तक, युगपुरुष, क्रांतिसूर्य,
डॉ बाबासाहेब आंबेडकर यांना कोटी कोटी प्रणाम
🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺🇪🇺
भारतीय राज्य घटनेचे शिल्पकार,
महामानव, विश्वरत्न, भारतरत्न,
युगप्रवर्तक, प्रज्ञावंत, प्रज्ञासुर्य,
राष्ट्रपिता, बोधिसत्व,
परमपूज्य डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर
यांच्या 62 व्या
महापरिनिर्वाण दिनानिमित्त
🙏🙏🙏विनम्र अभिवादन🙏🙏🙏
खरचं हे व्यक्ती भाग्यवान आहेत हयांच्यामुळे बाबासाहेब आंबेडकरचे विचार ऐकायला मिळाले तेव्हा tv9चे खूप धन्यवाद
बाबासाहेब आंबेडकर स्वाभिमानी समाजातील सर्व लोकाची आनं बान अन् शान आहे आणि गद्दारा साठी दुकान जयभीम जय महाराष्ट्र जय भारत
एकच साहेब.....बाबासाहेब...
राजकारणात बाबासाहेब चालतात....पण..
त्यांची विचारसरणी पायदळी तुडवील्या जाते...
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
Dr B R Ambedkar great always
हे महामानावा तुझं कोटी कोटी प्रणाम 🙏.....
आदरणीय नरेंद्र काबळी पंतवने कसबे याना माझा आणि माझ्या परिवाराच मनाचं वन्दन
Thanks TV9 !!!! love u TV9💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
Babasahebanchya sahavasatil tighanahi krantikari jaibhim. Tumi Babasahebanchya anmol atavani sangitalya tumi thor ahat khup aayuse tumala labho ani asaych Babasahebachya atavani sangat raha
Tv9 chanel che khup khup abhar mi Dr. Sonkamble R.G ani maza parivar manato. Dhanyavad jaibhim
🙏
तुमचं खूप खूप धन्यवाद TV9 🙏😢🥺🥺
धन्य धन्य बाबासाहेब.
कर्मवीर या भूमीचा सुगंध निसर्गाचा अविष्कार भगवान बुद्धाचा आशिर्वाद भारतभूमीचा.🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏👍🌝🌞🌏😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭😭🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌱🌳
कोटी कोटी अभिवादन!💐💐
विश्वरत्न महामानव बोधिसत्व परमपूज्य डॉ.बाबासाहेब आंबेडकर यांना त्रिवार अभिवादन💙💙💙💙💙🙏🙏🙏🙏🙏💐💐💐💐💐
thnk u...tv9
TV9 koti koti dhanyvad TV9 Babasaheb interview
Thanks tv9 jay bhim vinamra abhidhan
thanku tv9 babasahebanchya atvani sagitlya baddal
Outstanding sir
टीवी 9 चा मी मनापासून वृणी आहे 🙏🌹
tnx tv9 🙏🙏🙏 jay bhim
आपल्या भारत देशा पूर्ती नाही तर बाहेर क्या देशात पण कार्य आहेत जय भीम
Thank you TV9 Marathi Tinku Babasaheb
Thanks tv9
TV 9 चे आभार. जय भीम🌼
आज जे पण आहे ते पण बाबा साहेब यांच्या मुळेच 🙏
टिव्ही 9 ,आणी,3,बाबानां,विन्रंब,आभिवाधन,जयभिम,
त्रिवार अभिवादन 🙏🙏🙏💐💐
Nice work tv9
Kharch tumhi sagle khup lucky AAHAT Tumhi mahamanvala bagitale
विनम्र अभिवादन
अत्यंत भावनिक
Thanks🙏🙏🙏 jai bhim
किती नशीबवान आहात तुम्ही. 🥺🥺🥺
tv 9 che khup khup abhar
आजोबा रडू नका आम्हाला पण रडू येतंय
Bilkul Saheb dore bharun aale.
हा ना यार
Kharach khup bhavuk झाले
Great man of world Dr. B. R. Ambedkar
Are mstach
love you babasaheb
टीव्ही 9 ला धन्यवाद
धन्यवाद म्याडम
Khup changl vat tay Jay bhim
Thankyou TV9
Khoob changle khoob changle khoob changle Baba Saheb
Ajoba khup nashibvan aahat tumhi .baba sahebana baghitale .Jay bhim .
Good speech
Jay Bhim
Great
Jai bhim aple vichar ani babasaheb tumhi amchya rudhyat shevat paryant rahtil..
Greatest interview and anchoring this is historical and I am witness as a viewer .....Thanks lot tv9. ....
Jay bhim namo bhudhay...the symbols of knowledge...koti koti Pranam..
Very nice
Arjun kasbe majhe pappa ahet ek no pappa
Jai bhim
Jay bhim mitra💙🙏
Jay bhim namo buddhay bhai
भाऊ आपण खूप नशीबवान आहात
जय भिम💐💐💐💐💐💙💙💙💙💙🙏🙏🙏🙏🙏
Jay🙏bhim
TV 9 चे आभारी आहोत
Khupach chan
। ौAkshay Akshay पूर्ण पू
Jay Bheem
Very nice interview
Jai bhim jai vba
baki lokanna te fakt manav disat asatil pan aamhi tyanna dev manal Namo Buddha Jai Bhim
Very nice 👌👌 speech
जय भिम
Nashibvan aahat apan babasahebanche darshn zale aplyala🙏🙏
Jai Bhim
Jai bhim.. We miss u baba
Babasaheb he saravnche ahet
AAPLE BABASAHEB asa lihava
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
Mahamanvas vinarm abhivadhan 🙏🏻 thxx TV9marathi close of babashesh memries
काय नशीबवान आहेत🌝🌝🌝 आहेत ही लोक
Tumhi khup lucky ahet ajoba kharach amhala tumcha abhimaan ahe jaybhim
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
Nice tv9
खरच डोळ्याला पाणी आलं
JAY BHIM 🔥
Jaybheem 🙏🙏🙏😭😭😭
Khup Chan ..thanks TV 9
यहा हमे " तथागत बुद्ध " का तत्वज्ञान _PHILOSOPHY को समझना बहुत ही जरुरी है , " बुद्ध " ना ही महात्मा है , ना ही भगवान ! " बुद्ध " का मतलबबुद्धी -ज्ञान -विज्ञान है , वोह कोई शरीर नहीहै , मनुष्य नही है , ना ही कोई आत्मा-परमात्मा , वोह एक ज्ञान -विज्ञानयुक्त " व्हायब्रेशन्स " या फिर" स्पंदन " के रूप में ENGLISH -FIGURE 8 के आकार -SHAPE में कभी भी खत्म ना
होनेवली वैश्विक शक्ती के रूप में एक ' परम -तत्व ' है , जिस तत्व के तहतइस ब्रम्हांड में ८४ जीव -सृष्टीयो कानिर्माण हुआ , उस में से आज सिर्फ ४५जीव -सृष्टीया ही बची है , उस में से एकहमारी इस धरती पर कि जीव -सृष्टी है , और वह भी अब खत्महोने के कगार पर है ! समस्त मानव जाती के९० % मनुष्य इंसानियात को भुला कर हैवान बन चुके है , जिस से इस सृष्टी का संतुलन बिगड चुका है! इस हालात में इस धरती पर का मनुष्य अपनीआनेवाली पिढी में बिना दिमाग कि ही पैदाहोगी , क्यो कि मनुष्य अपने दिमाग या फिर अक्ल कासिर्फ ५ % ही इस्तेमाल करता है , जब कि पशु -पक्षी -जानवर अपने दिमाग का ८० -८५ %इस्तेमाल कर के इस धरती पर जीता है , इन्सान कितनाबेवकूफ है , कुदरत ने उसे अक्लदी , लेकीन उस काइस्तेमाल नही करना जानता , वह जिंदगी में २४ घंटे अपने किसी ना किसी तरहके नशे में डूबा रहता है , जो पशु -पक्षी-जानवर अपने जीवन में कभी भी नही करते पाये जाते है ! उस के बाद ऐसे इन्सान इस धरती पर बाकी पशु-पक्षी -जानवरो कि तऱह पहाडो -जन्गलो मेंछुपते -छुपाता घुमता हुआ नजर आयेगा और इस धरती पर दुसरा कोई और प्राणी अपने दिमाग-अक्ल के साथ जन्म ले कर इस सृष्टी को सम्हालेगा I अगर वह प्राणी भी इस सृष्टी को नही सम्हाल पायातो इस सृष्टी का नाश हो जायेगा उस के बाद ४५ जीव -सृष्टीयो में से एक कम हो कर ४४
सृष्टीया ही बचेंगी ! वैसे इस पृथ्वी ग्रह पर ही तीन जीव --सृष्टीयो का अस्त्तीत्वहै , उस में से एक है समुंदर के तल पर और दुसरी हैपृथ्वी के गर्भ में और तिसरी हमारी सृष्टीहै धरती के सतह -SURFACE पर i. e. जैसे मंगल ग्रह के सतह पर कि जीव -सृष्टी खत्महो चुकी है और किसी दुसरे ग्रहो पर नयी जीव -सृष्टी का निर्माण करने में " तथागत बुद्ध" कार्यरत है , उन का यह काम निरंतर चलता रहता है ! जानो -सोचो -समझो ! मनुष्य पैदायीशी ही समझदारहै ! जो विश्वभूषण -भारतरत्न डॉ. बी. आर. आंबेडकर जी ने हमे समझाने कि पुरी -पुरी कोशिश कि है , लेकीन हम उसे समझ नही पाये , उन्हो ने अपने जीवन का कार्यकाल सिर्फ और सिर्फबुद्धिझम को ही इस देश में वापस लाने में खर्च किया है , ना कि किसी गरीब-मजबूर -दलित कहे जानेवाले इंसानो के लिये , यह हमारा भ्रम है, उन कि पॉलीसी के तहत इन लोगो का भला जरूर हुआ है , और होना भीचाहिये , क्यो कि सभी इंसानो का लेव्हल एक ही है , छोटा -बडा या फिर राजा -भिकारी ऐसा इस सृष्टीमें कुछ नही होता है ! सभी एक दुसरे केपूरक है -बराबर है ! लेकीन इस का श्रेयसिर्फ " बुद्धिझम " को ही जाता है ! वैसे इन लोगो के लिये कोई भी इन्सान कुछ भी नही कर सकता I वह जानते थे की इस धरती पर का अत्याचार -हिंसाचार -बलात्कार-भ्रष्टाचार -आतंकवाद -नक्षलवाद -अनाचांर-HUMANTRAFFIKING -MONEY POWER -POLITICAL POWER को खत्म करने के लिये सिर्फ " बुद्धिझम " ही काफीहै ! यह बात हमारे बहुजन नेतागन -वक्तागन जैसे लोगो के समझ में आ जाना चाहिये !
--- तथागत बुद्ध !!
Dhnanachya athang mahasagras koti koti pranam......
jjjay Bhim 🙏
🙏 Jay 🥀 bhim 🙏🥀🙏🌹🙏🥀🙏🌹🥀🌺🌹