Pandavaas Live Concert on 25th September 2022 in New Delhi. Event : Anubhuti 2022 Ticket booking and more Details on : in.bookmyshow.com/events/anubhuti-uttarakhand/ET00336546
चमोला जी कमाल की कविता लिखते और उतने ही रोचक तरीके से प्रस्तुत भी करते हैं Pandavaas Creations की टीम एवं कवियों का आभार जो आपने इतने सुंदर तरीके से यह कवि समेलन किया। sound quality बहुत ही बढ़िया थी
भाई जगदम्बा चमोला जी आपकी जु या रचना छ बहुत हे दिल सन छुअन वाली छ साथ मा ह्रदय विदारक समस्या ज्व की गढ़वाल की छ पलायन की। शायद कै सन एयं सुनी की अपनी गांव गुठियारा की याद दिलालु कभी त क़ुई बोडीक घर त जालु और अगर जालु न त सोचना कें त मज़बूर होलु बहुत बहुत धन्यबाद चमोला जी रचना का खातिर
आदरणीय चमोला साहिब आपका अंतः करण का भव्य भवन भाव भंगिमा से भरपूर है, ओतप्रोत है। मां सरस्वती सदा आप पर ऐसी कृपा बनाए रखे ऐसी मेरी बंदना है। मेरी पूर्वजों की कृपा से मुझे आपके काव्य पाठ से शर्मिंदा नहीं होना पड़ रहा, ऐसी कृपा प्रभु सदा बनाए रखें। अचेत को सचेत करने के लिए शब्दबाण की मारक क्षमता अति तीक्ष्ण है, अश्रुपूरित करती है। आपका अत्यंत हार्दिक आभार।
पलायन की या मार्मिक कविता समस्या की प्रस्तुति का साथ साथ समाधान भी दिखौणी च. कविता का माधयम से पलायन की समस्या और समाधान तैं इतना अच्छा ढंग से प्रस्तुत करण तैं आपकु कोटि कोटि धन्यवाद. य कविता सुणण वाला का अंतर्मन तैं झकझोर देंदी और शायद येही कविता की सार्थकता छः
धन्यवाद चमोला जी ऐसी सुंदर कविता की रचना के लिये। पलायन का पूरा सार दे दिया और उसका निर्वाण भी । फिर से धन्यवाद आपका। 🙏🙏🙏💐💐 साथ ही धन्यवाद पण्डो का जो सच मे गढ़वाली संस्कृति को बचाने और उसके प्रसार में लगे हुए हैं। उत्तम क्वालिटी का प्रोडक्शन है आपका। लगे रहिये सुभकामनाएँ 👌👌👏👏🙌🙌💐💐💐
Very Nostalgic!! Heart-shaking for me. The main reason for migration from Uttarakhand is the unaccomplished task of consolidation of land. Neighbouring state Himachal Pradesh can be compared, where consolidation was carried out three times in past after independence. It is very difficult to perform any agricultural activity in the scattered farmland. Civilized humans usually migrate for work due to Market and economic reasons. Most of the uncivilized and other living beings migrate due to climatic factors. All migrate to feed themselves. Due to circumstances and other conditions they sometimes settle in one place. But nothing is permanent. Going back and converting to agrarian or trader societies in self-sustainable economic conditions may reduce the misery of migrant workers little bit. But life is getting difficult everywhere with either Poverty or by Time-poverty. Hierarchy, divisions in society and market economy (even without currency) shall transform the hurdles again in any region. Humans are social beings. They adapt and make new relation where they go. Relations are the axis of human species. Our behavior/conduct toward each other and environment has been one of the important factors in getting what we are now and what we will be. Sharing with compassion seems to be the solution to many human issues. The whole earth is our home and ancestors of 7billions are my ancestors.
चमोला जी को एवं उनकी लेखनी को मेरा प्रणाम । कविता की अच्छाई के लिए मेरे पास शब्द नहीं है । जितनी अच्छी कविता उतना ही अच्छा प्रस्तुतीकरण । धन्य हैं आप ! जुग जुग जीयें आप इन्हीं शब्दों के साथ अपनी संस्कृति का संरक्षण हम सब की भी जिम्मेदारियां बनती है ।
Aik kaduwi sachhai ko bakhan bada sundar dhang sai prastut Kari aik Jagriti bharun aahwan lokhu yaa logon sea bhi Kari yaaan kaa vaasta shri canola ji saadhuwaad joun tain mairi baat pasandaie ho ta samarthan karik saathdeala dhanyawad
आप सभी लोगो तै बहुत बहुत धन्यवाद जु आप बुद्धिजीवी कवि लोग अपना उत्तराखंड की दुःख तकलीफ, अपना पितरों की सजाई धरोहर तै चंद सिक्को का खातिर छोड़ी चली गयै, आप लोगो तै बहुत बहुत धन्यवाद की आप लोग पुरी दुनिया में प्रवास करण वाला उत्तराखंडी तै अपनी कविता का माध्यम से जागरूक करना छः , आप सबु तै कोटी कोटी नमन, प्रणाम करदू, उत्तराखंड का चारो धाम, भगवान बद्रीनाथ केदारनाथ व गंगोत्री मां यमनोत्री जी की कृपा आप सब पर बनी रहै , जय उत्तराखंड।
गढ़वाली कविता के लेखक भी स्वयं गांव छोडकर शहर में स्थापित हो चुके हैँ स्थिति य़ह है कि गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी भी देहरादून वाला हूँ , रचना गा गा कर स्वयं देहरादून में स्थापित हो चुके हैं I उन्नति,नौकरी और भविष्य के लिये शहरों में जाना गलत नहीं, लेकिन अपने पैतृक घरों के प्रति निकटता बनी रहनी चाहिए I
आपका कहना सही है कि अपने पैतृक घरों से निकटता बनी रहनी चाहिए परन्तु ऐसा कहाँ होता है,, मनुष्य जहाँ रहता है वहाँ की जीविका जुटाने में ही उसका समय और शक्ति लग जाती है, और कवियों पर आपका आक्षेप आंशिक रूप से गलत है,, कवि अपनी हर कविता का अनुसरण करे ये आवश्यक नहीं है परन्तु हो सकता है उसकी कविता किसी के अंतः करण को बदल दे,, यही कविता का उद्देश्य है,, नेगी जी के कितने ही ऐसे गीत हैं जिन्हें सुनकर मुझे उत्तराखंड से असीम प्यार है,, अपने पुराने पत्थरों के घर को मैं किसी महल से अधिक अच्छा मानती हूँ
Pyare chamola ji saprem namaskar. Aapki kavita juchhaa Ekh sab und Jayan chhan. Aisee kavita aap jaisa kavi hee rach sskta hai.aankhoon main aansu aa gae Bhagwan aapki lekhani ko sadaiv saakar kare.
Sir ji aap hamaare rudarpryaag ki saan he dahanya he aap logo ke leye aap ki kavitaa ese he lgtaa he kai log jo aap ki kavita sun rahe hoge jarur aapne gadwal ko yaad karege सिक्छा प्रद कविता बहुत बढ़िया अगर कोई इस कविता को सुनेगा तो जो लोग बरसो से बहार हे वो जरूर एक बार जो घर छोड़ हे उनको देखने जरूर आएगा
Apni sanskrti ko bachane k liye aise platform and aise channnels ki Bhut bare zaroorat h.mujhe dada ki poem sunkar bhut khushi Hue. Mujhe v apne gaun se bhut pyaar h Hame aone gaun m vapas jaroor jaana h.sach m ho shudh hava jo apnapana hmre mitti m h vo kahi aur nhi h Hame sheshro ki jaroorat h magar hame apni sanskriti ko v kabhi ni bhulna chahiye kyunki पेड़ ko zinda rakhne k liye uski जड़ो ko v zinda rakhna hota h
Kavita toh bahut he sunder hai par aapni app pi saram bhe bahut aate hai yi kavita suan ki Ak ak Sabad moji sarminda bhe kar rahi the aur ak dam soch baat bhe hai
Itna time kyu lagaya latest song nikalne me.. Kahi gaon khali hone ka intzaar kar rahe the... Magar parnaam hai apko jo app log itna dimag lagate ho uttarakhand ke liye
Pandavaas Live Concert on 25th September 2022 in New Delhi. Event : Anubhuti 2022
Ticket booking and more Details on : in.bookmyshow.com/events/anubhuti-uttarakhand/ET00336546
आपको बस सुनता रहना चाह रहा था कविता के दौरान। आपने मेरे इरादों को और भी ज्यादा पक्का किया है सर जी धन्यवाद
Kabhi nahi socha tha ki ye Rap ban jayega. I am addicted to this poem !!! #Yakulaans
चमोला जी कमाल की कविता लिखते और उतने ही रोचक तरीके से प्रस्तुत भी करते हैं
Pandavaas Creations की टीम एवं कवियों का आभार जो आपने इतने सुंदर तरीके से यह कवि समेलन किया। sound quality बहुत ही बढ़िया थी
Pradeep and Lekhwar
Bilkul sateek
कवि महोदय भी बल शमशेरगढ़ (देहरादून) मा अब मकान बरोना छिन ।
भाई जगदम्बा चमोला जी आपकी जु या रचना छ बहुत हे दिल सन छुअन वाली छ साथ मा ह्रदय विदारक समस्या ज्व की गढ़वाल की छ पलायन की। शायद कै सन एयं सुनी की अपनी गांव गुठियारा की याद दिलालु कभी त क़ुई बोडीक घर त जालु और अगर जालु न त सोचना कें त मज़बूर होलु बहुत बहुत धन्यबाद चमोला जी रचना का खातिर
आदरणीय चमोला साहिब आपका अंतः करण का भव्य भवन भाव भंगिमा से भरपूर है, ओतप्रोत है। मां सरस्वती सदा आप पर ऐसी कृपा बनाए रखे ऐसी मेरी बंदना है। मेरी पूर्वजों की कृपा से मुझे आपके काव्य पाठ से शर्मिंदा नहीं होना पड़ रहा, ऐसी कृपा प्रभु सदा बनाए रखें। अचेत को सचेत करने के लिए शब्दबाण की मारक क्षमता अति तीक्ष्ण है, अश्रुपूरित करती है। आपका अत्यंत हार्दिक आभार।
Jagdamba chamola ji ko dil se dhanyawad 🙏🏻 itna pyara likhne ke liye..
Aapki is rachna ne yakulaans me jaan daali hai❤❤
चमोला जी नमस्कार आप की कविताओं से समाज को एक नयी दिशा मिलेगी,💐💐💐
santosh paithwal nice comment
पलायन की या मार्मिक कविता समस्या की प्रस्तुति का साथ साथ समाधान भी दिखौणी च. कविता का माधयम से
पलायन की समस्या और समाधान तैं इतना अच्छा ढंग से प्रस्तुत करण तैं आपकु कोटि कोटि धन्यवाद. य कविता
सुणण वाला का अंतर्मन तैं झकझोर देंदी और शायद येही कविता की सार्थकता छः
Bulkull
no word for this beautiful poem.. I heard it 1000s times but still I like to listen it. one of my favourite favourite poem.. thanks chamola ji
जब जब दारू पीता हूं तुम्हारी ये कविता और आंखों में अपना गांव याद आता है इसलिए महीने में 4 बार में ये कविता सुनता हूं 😢😢
Yeah adbudh kavita hai or me dil se abhaar wyakt karta hu bhai chamola ji ka pranaam or dhyanwaad Pandavas team ku
Kya bat h.rongte khade kr diye is kavita ne.dhanya ho aapko chamola ji.🙏🙏
बहुत सुन्दर.... चमोला जी की कविताओं और उनके काव्यपाठ का तो मैं फैन बन गया हूँ...
धन्यवाद चमोला जी ऐसी सुंदर कविता की रचना के लिये। पलायन का पूरा सार दे दिया और उसका निर्वाण भी । फिर से धन्यवाद आपका। 🙏🙏🙏💐💐
साथ ही धन्यवाद पण्डो का जो सच मे गढ़वाली संस्कृति को बचाने और उसके प्रसार में लगे हुए हैं। उत्तम क्वालिटी का प्रोडक्शन है आपका। लगे रहिये सुभकामनाएँ 👌👌👏👏🙌🙌💐💐💐
बहुत बड़िया चमोला जी❤❤
bahut sundar likha h bol kafi acche h yakulaansh k bad aapko sunne ka mnn hua to pta chala y to hamarebhi beech. tha kafi phle s
बहुत ही सुंदर रचना सत्य है जी वही लिखा 🙏🏼🙏🏼नमन है उस कलम को बंधन है
अद्भुत अद्भुत अद्भुत ❤️❤️❤️ 🙏🙏🙏क्या लिखा है कवि जी ने 🙏🙏🙏
पाण्डवाज की एक बहुत सराहनीय पहल।
धन्यवाद पाण्डवाज, बेहतरीन कवियों की बेहतरीन कविताएं प्रस्तुत करण का वास्ता।👏👏👏🙏🙂
❤❤ बहुत बढ़िया कविता छ। गढ़वाली साहित्य ऐसी उत्कृष्ट रचनाओं कू आभारी छ।
बोड़ी और बोड़ा कु किस्सा कमाल च ,,,very nice
Sir ji Aap ki Aawaj me jo dam h kisi ki Aawaj me nahi or aapne bhahut sundar Kavita gaya muje bhahut khushi hui
Pandavaas ka bahut bahut dhanyawad. Mene pta ni ye series kitni baar dekhli🙏🙏
Very Nostalgic!!
Heart-shaking for me.
The main reason for migration from Uttarakhand is the unaccomplished task of consolidation of land. Neighbouring state Himachal Pradesh can be compared, where consolidation was carried out three times in past after independence. It is very difficult to perform any agricultural activity in the scattered farmland.
Civilized humans usually migrate for work due to Market and economic reasons. Most of the uncivilized and other living beings migrate due to climatic factors. All migrate to feed themselves. Due to circumstances and other conditions they sometimes settle in one place. But nothing is permanent.
Going back and converting to agrarian or trader societies in self-sustainable economic conditions may reduce the misery of migrant workers little bit. But life is getting difficult everywhere with either Poverty or by Time-poverty. Hierarchy, divisions in society and market economy (even without currency) shall transform the hurdles again in any region.
Humans are social beings. They adapt and make new relation where they go. Relations are the axis of human species. Our behavior/conduct toward each other and environment has been one of the important factors in getting what we are now and what we will be. Sharing with compassion seems to be the solution to many human issues.
The whole earth is our home and ancestors of 7billions are my ancestors.
True ❤️
बहुत ही सुन्दर भाई जी Very good nice thinking bro supar amazing
aapki lok bhasha ka andolan mere hridya tak pahunch gaya.
बहुत खुब बहुत सुन्दर
पलायन रुकना हीं चाहिए उत्तराखंड की रौनक लौट कर आनी चाहिये
bahut bahut dhnyabad chamola ji ab qwee nayi kavita yani banawa jai se gadhwal dubaru pailee ki trna jagdu hwe jo
Bahut sunder ❤️💐💐 Jai uttarakhand
चमोला जी को एवं उनकी लेखनी को मेरा प्रणाम । कविता की अच्छाई के लिए मेरे पास शब्द नहीं है । जितनी अच्छी कविता उतना ही अच्छा प्रस्तुतीकरण । धन्य हैं आप ! जुग जुग जीयें आप इन्हीं शब्दों के साथ अपनी संस्कृति का संरक्षण हम सब की भी जिम्मेदारियां बनती है ।
Aik kaduwi sachhai ko bakhan bada sundar dhang sai prastut Kari aik
Jagriti bharun aahwan lokhu yaa logon sea bhi Kari yaaan kaa vaasta shri canola ji saadhuwaad joun tain mairi baat pasandaie ho ta samarthan karik saathdeala dhanyawad
Bahut sunder...... Pahada ka sbse bda dukh apne kavita ke madhyam se bataya.
अच्छा तो यहां से नया गाना बनाया गया
बहुत बढ़िया पांडवास और जगदंबा चमोला जी 💐
आप सभी लोगो तै बहुत बहुत धन्यवाद जु आप बुद्धिजीवी कवि लोग अपना उत्तराखंड की दुःख तकलीफ, अपना पितरों की सजाई धरोहर तै चंद सिक्को का खातिर छोड़ी चली गयै, आप लोगो तै बहुत बहुत धन्यवाद की आप लोग पुरी दुनिया में प्रवास करण वाला उत्तराखंडी तै अपनी कविता का माध्यम से जागरूक करना छः , आप सबु तै कोटी कोटी नमन, प्रणाम करदू, उत्तराखंड का चारो धाम, भगवान बद्रीनाथ केदारनाथ व गंगोत्री मां यमनोत्री जी की कृपा आप सब पर बनी रहै , जय उत्तराखंड।
चमोला जी आजकल की नवयुवकों को जगाने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत ही सहि और सटीक जवाब उत्तराखण्डीयो के लिये
Bahut sundr.. Aankh tk bhari aigin 🙏
गढ़वाली कविता के लेखक भी स्वयं गांव छोडकर शहर में स्थापित हो चुके हैँ स्थिति य़ह है कि गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी जी भी देहरादून वाला हूँ , रचना गा गा कर स्वयं देहरादून में स्थापित हो चुके हैं I उन्नति,नौकरी और भविष्य के लिये शहरों में जाना गलत नहीं, लेकिन अपने पैतृक घरों के प्रति निकटता बनी रहनी चाहिए I
आपका कहना सही है कि अपने पैतृक घरों से निकटता बनी रहनी चाहिए परन्तु ऐसा कहाँ होता है,, मनुष्य जहाँ रहता है वहाँ की जीविका जुटाने में ही उसका समय और शक्ति लग जाती है, और कवियों पर आपका आक्षेप आंशिक रूप से गलत है,, कवि अपनी हर कविता का अनुसरण करे ये आवश्यक नहीं है परन्तु हो सकता है उसकी कविता किसी के अंतः करण को बदल दे,, यही कविता का उद्देश्य है,, नेगी जी के कितने ही ऐसे गीत हैं जिन्हें सुनकर मुझे उत्तराखंड से असीम प्यार है,, अपने पुराने पत्थरों के घर को मैं किसी महल से अधिक अच्छा मानती हूँ
Mene isliye phone khrida tha ki is kavita ko sun saku aaj me dhanya ho gya
Bhut badiya ji super salam h aapko
Awesome season with marvelous ending.
Great work Pandavaas.
Raman Shaily
बहुत सुंदर पहल❤❤❤❤🙏🙏🙏🙏🙏जय जन्मभूमि उत्तराखंड
बहुत सुंदर कविता चमोला जी मन छूगी ...
Pyare chamola ji saprem namaskar. Aapki kavita juchhaa
Ekh sab und Jayan chhan. Aisee kavita aap jaisa kavi hee rach sskta hai.aankhoon main aansu aa gae
Bhagwan aapki lekhani ko sadaiv saakar kare.
बहुत सुन्दर चमोला जी सच्चाई से अवगत कराया
Sir ji aap hamaare rudarpryaag ki saan he dahanya he aap logo ke leye aap ki kavitaa ese he lgtaa he kai log jo aap ki kavita sun rahe hoge jarur aapne gadwal ko yaad karege सिक्छा प्रद कविता बहुत बढ़िया अगर कोई इस कविता को सुनेगा तो जो लोग बरसो से बहार हे वो जरूर एक बार जो घर छोड़ हे उनको देखने जरूर आएगा
बहुत सुंदर कविता
Apni sanskrti ko bachane k liye aise platform and aise channnels ki Bhut bare zaroorat h.mujhe dada ki poem sunkar bhut khushi Hue.
Mujhe v apne gaun se bhut pyaar h
Hame aone gaun m vapas jaroor jaana h.sach m ho shudh hava jo apnapana hmre mitti m h vo kahi aur nhi h
Hame sheshro ki jaroorat h magar hame apni sanskriti ko v kabhi ni bhulna chahiye kyunki पेड़ ko zinda rakhne k liye uski जड़ो ko v zinda rakhna hota h
हम सबको इस कविता से बहुत सीखना चाहिए जगदम्बा प्रसाद जी को कोटी कोटी प्रणाम ❤❤😂😅
🙏🙏🌹🌹👌👌आपक य् कविता मिथे भौत प्रिय छन
Kavita toh bahut he sunder hai par aapni app pi saram bhe bahut aate hai yi kavita suan ki Ak ak Sabad moji sarminda bhe kar rahi the aur ak dam soch baat bhe hai
यह एक सच्चाई है ।चमोला जी को बहुत बहुत धन्यवाद
bahut sandar bahut marmik kavita pranam aap sabhi kavi likhu ka wasta ...jai garhwal jai bharat
dil se nikli hui rachna..sundar
Jai ho chamola g..nice poem and the way of speaking..
Well deserved to be included in yakulaansh..
so many many thanks mr.chamola ji
Itna time kyu lagaya latest song nikalne me.. Kahi gaon khali hone ka intzaar kar rahe the... Magar parnaam hai apko jo app log itna dimag lagate ho uttarakhand ke liye
चमोला जी, बहुत सुन्दर। ऊषामठ से।
नमस्कार मै को दिल से प्रणाम करता हु बहुत दिल खुश हो गया
गजब वाकई पलायन पर जबरदस्त तमाचा
❤❤ ye asliyat hai jo badal nahi paa rahi hai jo 10 saal pahle bhi aise hi thi aaj 2023 mein bhi
अंतर मन को झगजोर देनी वाली रचना। ना चाहते हुए भी हमे अपनी जन्मभूमि छोड़ कर जाना पड़ रहा है। 😔
BAHUT ACHAA GURU JI YE KAVITAA MENE SUN 2006 ME SUNITHI. JAB ME AAP KA STUDENT THA G IC MAIKOTI ME GAJAB GURU DEV
सब वास्तविकता आपेन बताई। बहुत सुन्दर 🙏
Jukadi chu gye ya kavita.....
बहुत सुन्दर गढ़कवि तैं नमन
बहुत सुन्दर जो आज उत्तराखंड के हाल हैं उसको बहुत अच्छे से परस्तुत किय़ा आपने
मैं भले ही गढ़वाल से बाहर पैदा हुआ हूं पर मेरी इच्छा है कि मैं अपने गढ़वाल में ही अपना जीवन बिताऊं।😊😊
looking forward for next season.
thanks to all poet and pandvaas team.
जो लोग निन्दा कना वो अपड़ी बात भी धरा भाई
चमोला जी आपन मेरा मुख की बात बोली छ
धन्यवाद। मानसिंह सजवाण
Dhaniyawad chamola ji apka ye kavita ku madhiya se apne. Achha sandesh bhi diya aur. Jagrit kiya ham uttrakhand jarur jagrop hona chaiye
बहुत सुन्दर गुरूजी ।
बिल्कुल सही बात बोली आपन... 🙏
Supperrrrr very intresting and attractive
This master piece deserve million views ❤️❤️
papa loved this wali Kavita the most gud job sir!!!!
गढवाली कविता के लेखक ही अपने गांव छोड़कर शहर मे रहते है
Kyo tu kaha rhta hai bhai .....Jyada gyan mat de phle pta kar thik se.. kuch bhi bakwas karne se phle.....😠😠
But reality to bata rahy h
हमको कविता अछि लगी और हमको कुछ नही देखना
Shi baat bhai right ye lakhak or se jal reh h
Tm gaon Mai reh kon sa kuch kr rhe ho
बहुत सुंदर प्रस्तुति भाई जी बिल्कुल हकीकत है।।
बहुत सुंदर कविता सुनकर मन में कई तरह के सवाल उठे और ऐसा लगा कि यह कविता नहीं है यह एक हकीकत है
भाई यह एक हकीकत ही है
It's true v.v ture
बहुत ही मार्मिक और हृदयस्पर्शी कविता
बहुत हृदय विदारक कोटि-कोटि नमन कविवर
बहुत बढीया कवीता छ भैजी धन्यवाद
most inspirable poem. every uttarakhndi should think over it . Really it is wonderful loaded with deep thoughts.
Mr. Sudama singh bhandari
Waa waa bahut khub 👌👏
great, thanmks chamolaji for such wonderful and courege.
akas
वाह 👌 👌 👌 शानदार maja agi chamola जी 🙏 🙏
bhut badiya hamare garwali kavita naice aapke hamare tahu ji
bahut hi sundar ji
सुंदर चमोला जी ।।आपसे एक बार बात करी छई ।।रमेश उनियाल सस्थापक इंद्रमणी बडोनी स्मृति मंच ।।
Bhaut Sunder Bhai ji
अपणी पीडा़ कब समझला..सुन्दर
kya bat ch bhai g bhaut hard tach
chamola ji bhotae bhal , yu hamr yakhak sachaai ch , ar hm logu thai yu samjan ki jrurat ch ki ham log kya chhod bai aagyi itu door 😩😞
Listening after watching Yankulaans❤️❤️
उस.मां के चरणो मे मेरा दण्डवत जिसने आप जैसे बेटे जन्म दिया
नमन तुमारि कलम तैं चमोला जी....🙏🙏🙏
Bahut sunder kabita sir
dil jeet liya bhai ne
लाजवाब कविता!❤
Bahut sundar bol ❣❣❣❤️
Bahut Sundar sir mujeh Garv hai ki aapne humeh pdaya hai kya Kavita hai