NASHE MEIN TERE (BHATIVERSE687)

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  • เผยแพร่เมื่อ 5 ก.พ. 2025
  • CREATED WITH THE HELP OF SUNO AI
    LYRICS :- WRITTEN BY BHATIVERSE687
    नशे में तेरे
    तेरा नशा मुझपर ऐसा चढ़ा,
    तेरे ख्यालों में खोता चला,
    गुमशुदा सा मैं होता चला,
    ज़िंदगी का वो पल था सबसे नया।
    तेरे मेरे बीच जो ये दूरियाँ,
    तेरे सिवा मेरा कौन है बता,
    रातों को रोऊं मैं देख के आसमान,
    काटूँ ये पल कैसे तेरे बिना।
    भीगी सी सड़कों पे जमी आसमां,
    क्यों मेरे ही घर में अंधेरा रहा,
    क्यूँ छोड़ चली होके मुझसे खफा,
    बिन पानी की मछली कैसे जीती, बता।
    तेरा नशा मुझपर ऐसा चढ़ा,
    तेरे ख्यालों में खोता चला,
    गुमशुदा सा मैं होता चला,
    ज़िंदगी का वो पल था सबसे नया।
    हर दर्द में तुम हो मरहम की तरह,
    हर एहसास में तुम हो सांसों की तरह।
    रात की चाँदनी में लिखूं तुझ पर नज़्में,
    ग़ज़लें लिखूं तुझ पर, अब थोड़ा तो समझ ले।
    करूँ मैं एतबार कि प्यार है तुझी से,
    करूँ मैं इंतजार, ना इनकार कर खुद से।
    चिड़ियों की चहचहाट, रंगीन आसमां,
    ढूंढे तुझे ना जाने तुम हो कहाँ।
    तेरा नशा मुझपर ऐसा चढ़ा,
    तेरे ख्यालों में खोता चला,
    गुमशुदा सा मैं होता चला,
    ज़िंदगी का वो पल था सबसे नया।
    क्यों तुम ना देख पा रहे हो,
    खफा होकर हमसे दूर जा रहे हो,
    किस खता पर तुम हमें सता रहे हो?
    हाँ, तेरी आशिकी में डूबे हुए हम,
    आज भी हैं, क्यों हुए जुदा हमसे,
    ये राज़ ही छिपा है।
    कागज़ी कश्ती में तैरते हैं हम आज भी,
    तुझसे जुदा, रह ना पा रहे हैं।
    फासले ये अब सह ना पा रहे हैं,
    नशे में तेरे हम बहते जा रहे हैं,
    जैसे बारिशों के रूठ में चले बहारे।
    तेरा नशा मुझपर ऐसा चढ़ा,
    तेरे ख्यालों में खोता चला,
    गुमशुदा सा मैं होता चला,
    ज़िंदगी का वो पल था सबसे नया।
    ये लफ़्ज़ तुम्हें मेरी भावना बताते हैं,
    मेरी यादों में तुम हो नाज़मी।
    आज भी हर दर्द की दवा, तुम ही हो,
    वादियों की मिठास, तुम ही हो,
    जीवन का एहसास, तुम ही हो,
    मेरे ख्वाबों की प्यास, तुम ही हो।
    मदहोशियत में डूबे, हम लिखते जा रहे हैं,
    तेरे ख्यालों में अपनी ज़िंदगी बिता रहे हैं,
    तू ना जाने के हम कितना तुझको चाह रहे हैं,
    तेरी चाहत में हम मरते जा रहे हैं।
    रात भर मैं सोया नहीं,
    प्यार खोकर भी रोया नहीं।
    तेरा नशा मुझपर ऐसा चढ़ा,
    तेरे ख्यालों में खोता चला,
    गुमशुदा सा मैं होता चला,
    ज़िंदगी का वो पल था सबसे नया।

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