हमारी पुस्तकों द्वारा पढ़ाए जाने वाला इतिहास तो दिल्ली के इर्द गिर्द ही सीमित रह गया है......हमारे आंचलिक इतिहास के एक आवश्यक पहलू से हमें अवगत कराने के लिए आपका धन्यवाद।
जय मल्लिकार्जुन महादेव ... 🚩🕉️..... जय लटबाब🕉️..... जय माता जियारानी 🕉️... जय कत्युरी राजवंश 🚩⚔️... जय असकोट🚩... जय राजपुताना ⚔️.. जय राजा भानूराज पाल⚔️🙏... जय भारत माता🇮🇳... जय उत्तराखंड 🇮🇳
पूज्यनीय राजाजी को प्रणाम l Sir your knowledge, experience and vison all are cleare and simple in the favor of Uttrakhand. With respect I request you Sir please take an initiative in the UK politics.
तुम लोग कत्युरी नहि हो। कत्युरी को मार्ने वाले तुम लोग हो। कत्युरी तो खस लोग है जिसको छेत्री कहाँ जाता है नेपाल मे। राजा और रज्वार मे फर्क है। राजा मल्ल, शाही जैसे लोग है जिसका ईतिहास है । रजवार राजा के काम्दार है वह जिस कास्ट के भि हो सकते है। जैसे खस , ठकुरी , बाहुन, लिम्बू, मुसलमान
@@jimmmtttt5138 chup Kar be , gujjaro ki Tarah ithihas churane lg gye, rajwar , manral , bamm, Mal , Kaintyura , hi katyuri h .. khas janjati h , ye na to koi royal family se h na hi rajput.. khas SC ST ..
@@jimmmtttt5138 khas SC ST h jo sochna h Soch le langur, or ham gaon ke padan h , Veda ke hisab se achoot to khna glt h , par am boli basha me achut h khas .. churalo ithihas , khas ko kon janta h .
@@jimmmtttt5138 or langur ithihas Ka pta h ya ni , bisht rawat negi bhandari gusain ye SB surnames nhi hote ye padwi hoti h jinme alg alg wansh ate h.. kmse km ithihas hota to ye glti nii krta
@@jimmmtttt5138 are gadhe Mene padhan kha, Pradhan nhi, or me garhwal se Hu, dosra tujhe agar ithihas ki I BHI pta hota to ye Galti nhi krta , Aryan and Dravidian theory is completely myth , created by Britishers to divide us.. rakhigarhi ki theory pad lena, Arya ko race nhi ye Nobel person ko kha gya h kmse km ved hi Jan leta .. or jo Tu rawat keh rha h wo van rawat h , na ki padwi (title) wale.. jese Raj guj side rathod nai likhte h par wo rajput nhi.. title or surname me farq Karna sekh.. khas to hote hi SC ST .. hn koi dikat nhi unse wo BHI insan h .. or hm insano ki ijjat krte h..
राजा साब, वैसे ताे अस्काेट अाैर पश्चिम नेपाल के डाेटी राज्य बीच बहूत पुराना रिस्ता है। यह रिस्ता कायम रहे। लेकिन सन् १८१६ के सुगाैली सन्धि के मुताविक नेपाल कि पश्चिमी सीमा काली नदी हैं। कुटीयाङ्दी ही काली नदी है जिसकी उद्गम लिम्पियाधुरा अासपास के अादि कैलास हिम पर्वत श्रृंखला से हाेती हैं। कुटियाङदी ही काली नदी कि मेन स्ट्रीम हैं। नदी कि मेन स्ट्रीम काे ही मूख्य नदी माना जाता है। लिपुलेक से निकलने वाला गाड अाैर कालापानी से वहती नाले काे काली नदी नही माना जा सकता। इण्डिया मानता है ताे माने, पर नेपाल नही मानता। नेपाल वही मानता है जाे नदी कि अन्तराष्ट्रिय परिभाषा मानता हाे। कुटीयाङदी ही काली नदी हैं। ब्यास दर्रे कि साैका भाषा मे कुटी का मतलव काला वा काली अाैर याङदी का मतलव नदी वा जलधारा हैं। अाप काे मालुम हाेगा कि अाज भी गुँजी-कुटी से पश्चिम ब्यास दर्रे मे नेपालचु, नेपाल गांव अाैर नेपाल मंदिर पूर्ववत् है। वैसे अाप ने स्वीकार किया कि सन् १२७९ से पहले अापके पुर्वज अभयदेव पाल के कब्जे से पहले अस्काेट राज्य नेपाल का ही था। धन्यवाद।
सूर्यवंशियों राजपूतों का गांव बन गया है। जैसे सरनत राजपूतों के उद्गम की जानकारी नहीं है उसी प्रकार इस वंश की भी सटीक जानकारी नहीं है। अनुश्रूतियों के अनुसार कत्यूर साम्राज्य आधुनिक उत्तराखण्ड के कुमायूं मण्डल के राजा ब्रह्मदेव थे। ब्रह्मदेव के पौत्र अभयपाल देव ने पिथैरागढ़ के असकोट में अपनी राजधानी बनायी थी। उनके शासन के बाद उनके पुत्र अभयपाल के समय यह साम्राज्य विघटित हो गया। अभयपाल देव के दो छोटे पुत्र अलखदेव और तिलकदेव थे। महाराजा अलख देव और तिलकदेव असकोट को छोड़कर एक बड़ी सेना लेकर 1305 में उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में गोरखपुर व गोण्डा में आ गये। यह क्षेत्र भयंकर दलदल तथा बनों से आच्छादित था। यहां पर राजभर आदिवासियों का आधिपत्य था। इस क्षेत्र के दक्षिण में घाघरा तथा पूर्व में राप्ती बहती है जिनसे क्षेत्र की रक्षा होता थी। इन दो राजाओं ने महुली को अपनी राजधानी बना कर पाल वंश का नया प्रशासन प्रारम्भ किया। इसी प्रकार ये फैजाबाद जिले के पूरा बाजार में भी बस गये थे। कहा यह भी जाता है कि ये बाराबंकी के राजा हर्ष से जुड़े थे। पूरा बाजार के परिवार में आदिपुरुष लालजी शाह थे। जबकि बस्ती के महुली के आदि पुरुष अलख देव और तिलकदेव दो भाइयों के वंशज हैं। संभव है ये दोनो एक दूसरे से जुड़े रहे हों। अनुश्रूतियों के अनुसार दोनों भाइयों ने राजभरों के मुखिया कौलविल से महुली की सम्पत्ति अधिग्रहीत की थी। समय बीतते बीतते उन्होंने अपने राज्य का विस्तार किया था। ये अनेक परिवारों में विभक्त हो गये थे। इन घरों के प्रमुखो ने पाल उपनाम धारण किया था । इस विभेदीकरण की पुष्टि दिल्ली के सम्राट ने भी की थी। यद्यपि इससे सम्बंधित कोई ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं मिलता है। महाराजा अलख देव (1305-1342 ) :-- राजा अलखदेव 1281 में जन्मे, महसों के प्रथम राजा थे। सम्राट ब्रह्म देव के परपोते, उन्होंने उत्तर-पूर्वी यूपी के मैदानों में एक सेना का नेतृत्व किया और स्थानीय आदिवासी राजभर राजा को एक क्रूर युद्ध में शामिल किया, जिसमें अलख देव, उनके भाई तिलक देव और उनकी सूर्यवंशी राजपूत सेना विजयी हुई। अलख देव ने 1305 में महुली गाँव में बस्ती (गोरखपुर से 100 किमी) से 32 किलोमीटर की दूरी पर अपनी राजधानी स्थापित की। महसों-महुली के सामंती राज्य ने 14 कोस (47 किलोमीटर) लंबा और कई सौ गांवों को घेर कर बनाया गया है। उनकी मृत्यु 1342 में हुई थी। राजा तपतेजपाल ( 1342-1359 ) :- महसों के द्वितीय राजा राजा तपतेजपाल का जन्म 1308 में हुआ था। उनके शासनकाल के दौरान, 1353 में, भारत के सम्राट, सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने दिल्ली से मार्च किया, जिसने बंगाल के नवाब को दंडित करने के लिए एक विशाल सेना का नेतृत्व किया, उसने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की थी। उसी वर्ष नवंबर में, सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने उत्तर-पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिविर और पिच शिविर को रोकने का फैसला किया। यहाँ वह सामंती प्रभुओं से श्रद्धांजलि अर्पित करता है और दिल्ली सल्तनत की गद्दी के लिए अपनी निष्ठा सुनिश्चित करता है। सुल्तान के बंगाल अभियान के लिए तपतेज देव पुरुषों, हथियारों और मातृत्व प्रदान करता है। बदले में, सम्राट सुल्तान ने तपतेज देव को राजा का दर्जा दिया और इसके साथ आने वाले विशेषाधिकारों को भी दिया। वे पाल को अपने नाम के आगे शीर्षक के रूप में उपयोग करने का अधिकार पा गये। एह उप नाम वरिष्ठ असकोटे परिवार से उनकी मृत्यु 1359 में हुई थी। राजा खान पाल उर्फ ज्ञान पाल (1359-1372 ) :-महसों के तीसरे राजा राजा खान पाल उर्फ ज्ञान पाल का जन्म 1329 में तथा निधन 1372 में हुआ था। राजा परशुराम पाल (1480-1535) :- महसों के आठवें राजा परशुराम पाल का जन्म 1470 में तथा 1535 में मृत्यु हो गई थी। राजा दीपपाल (1535-1585) :- महसों के नौवें राजा दीपपाल का जन्म 1515 में तथा 1585 में मृत्यु हो गई थी। उनके द्वितीय पुत्र करणपाल हरिहरपुर में मूल रुप से रहते हुए 40 गाँव प्राप्त किये थे। राजा मर्दन पाल (1585 -1620 ) :- महसों के दसवें राजा मर्दन पाल का जन्म 1545 में हुआ था। दिल्ली के सिंहासन पर सम्राट अकबर के साथ मुगलों ने या तो गठबंधन में प्रवेश किया या विद्रोहियों को कुचल दिया। यह सुनिश्चित करते हुए कि राजपूत सामंती प्रभुओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और दिल्ली की ओर से करों का संग्रह किया। राजा मर्दन पाल ने दिल्ली के खजाने को 6,18,256 तांबे के बांध (15,456 चांदी के रुपए) के वार्षिक करों का भुगतान किया था। इसके अलावा, उन्होंने मुगल साम्राज्य को 2,000 पैदल सेना के साथ-साथ कई सौ घुड़सवारों, ऊँटों और हाथियों की एक खड़ी सेना प्रदान की थी। उनका निधन 1620 हुआ था। राजा मर्दनपाल का छोटा भाई करनपाल ने हरिहरपुर में
Pal k 4 bhai the askot me or ek askot me baitha or 3 kali nadi k par chale gaye or uhnone bahut bada rajua hasil kiya or fir jab india nepal aalag huwa tab pal do desh me bat gaye the riyal me askot riyasat ka asli taja nepal ka pal tha
9.22 pr ye bol rahe hein 1817 mein sugauli treaty sign hui thi.. In shimla.. Bhaang khai hai kya?? Treaty sugauli mein hui thi Tbhi usse treaty of sugauli /sagauli bolte hein. Info theek nahi hai inki... Many other facts also wrong. Inse zyada itihas to class 8 mein pdhne wala bachcha janta hai..
Basti me mahuli rajya ki sthapana alak pal dev ji ne kiya fir 2 bhaiyo me bat kar mahaso aur hariharpur riyasat bani jo aaj bhi hai tatha sayad asi kote ke naam par rajo ke vasaj ke gharo ko kote bolate hai akhilesh Bahadur pal suryavance
भेड़ बकरी चराने वाले मल्हार राव होलकर, अहिल्या बाई होलकर, यशवंत राव होलकर , संगम राजवंश के हरिहर बुक्का, कारिया बघेल, पल्लव संगम ये भी चरवाहे भेड़ बकरी वाले थे इतिहास को पढ़ अनपढ़ की तरह बात मत कर
@@ravi_bhardwaj Bro Pal was a special title given to Kshtriya Rajput Dynasty which means keeper / Rakshak/ Gaurdian, we have nothing to do with obc gadariya pals 😂
Arey maharaj ji apne bade bhai garhwal ke raja ke bare mai bhi bata dete.. Sunlo bhaiya ke uttrakhad bana ke humko chuteya banaya gaya hai, dehradun rajdhani bana de sab up, bihari, haryanvi, nepaleyo ko fayda huwa.. Hum jo pahadi h unko kuch nahi mila... Aur aaj pure India ke kone kone se log yaha ake hamare jameen kodeyo ke bhav khareed lete hai aur apna business suru kar dete hai... Aur hamare pahadi bhai log unke naukar ban ke unke leye kaam karte.. Hum sabhi ko ek hona hoga yaha bhi wahi bill lana hoga jo himachal mai hai.. Taki koe bahar ka yaha jameen na khareed paye.. Aur humko bhi ek hokar kisi Bahari ko apne yaha basne na de..
इतिहास को संरक्षित करने का बेहतरीन प्रयास चुफाल जी👌👌👍👍
हमारी पुस्तकों द्वारा पढ़ाए जाने वाला इतिहास तो दिल्ली के इर्द गिर्द ही सीमित रह गया है......हमारे आंचलिक इतिहास के एक आवश्यक पहलू से हमें अवगत कराने के लिए आपका धन्यवाद।
गडरियासमाज की जय❤❤
जय मल्लिकार्जुन महादेव ... 🚩🕉️..... जय लटबाब🕉️..... जय माता जियारानी 🕉️... जय कत्युरी राजवंश 🚩⚔️... जय असकोट🚩... जय राजपुताना ⚔️.. जय राजा भानूराज पाल⚔️🙏... जय भारत माता🇮🇳... जय उत्तराखंड 🇮🇳
Bro I am also Katyuri descendant ( Raghuvanshi rajput ) from Awadh 🙏🚩⚔️
Thank you very nice
😊👍
Bhanuraj Singh Pal a very good friend of mine....greetings fr the Philippines. I wish to visit the beautiful Askote someday.
Jai Hind Vande Mataram
Great creativity
👍
पूज्यनीय राजाजी को प्रणाम l
Sir your knowledge, experience and vison all are cleare and simple in the favor of Uttrakhand. With respect I request you Sir please take an initiative in the UK politics.
good post
Absolutely right 👌👌
Very informative session with Raja of Askote but camera work and sound quality is bad. This needs improvement.
jai rajputana jai bhawani
Khas katyuri rajvansh⚔️
आप उत्तराखंड की शान हैं
Ye riyasat kha hai kis rajy me hai Askot,
Uttrakhand
very nice jibbu...
Thnx bhai
Good job sir
Thnx
Askot riyasat ki jai ho
Nice bahut Badiya 👌
Can you please share ki aap kaise mile inse any contact waigera hai to please share krne ka kasht kre 🙏🙏🙏🙏
Hum log direct unke Residence pe gaye the milne
@@GhumakkadG1 good 👍🏻 contact number nhi liya ?
saan ho aap askot ki
Nice information...
Nice my grandmother was the princess 👸of askot
Mahuli aur mahaso aur hariharpur me alkhpaldev pahale raja huye abhay pal ke chote putra the basti janpad
bahut badia
Thnx sir
Nice
Thnx
Ap puri duniya ke raja bno apko wa apke purwju ko sb jante hai ajkl jnta pri likhi or jagrup hai
Great information
Jai Rajwar rajbhar samaj
Nice knowledge, thanks for this 🙏🙇
Thnx
थोडा सा कुछ फोटो पुराने चिह्नों को भी प्रस्तुत किया जाता तो ज्यादा रोचक होता .......... लेकिन अच्छा लगा .............
धन्यवाद🙏
Keep doing
Ek Katyuri dynasty me Guru Sajaypal bhi the Jo Guru maane jaate the Katyuro ke, kya wh bhi isi pal dynasty k part the?
Pround to being one of them.... 😎
Rajwar...✌
तुम लोग कत्युरी नहि हो। कत्युरी को मार्ने वाले तुम लोग हो। कत्युरी तो खस लोग है जिसको छेत्री कहाँ जाता है नेपाल मे। राजा और रज्वार मे फर्क है। राजा मल्ल, शाही जैसे लोग है जिसका ईतिहास है । रजवार राजा के काम्दार है वह जिस कास्ट के भि हो सकते है। जैसे खस , ठकुरी , बाहुन, लिम्बू, मुसलमान
@@jimmmtttt5138 chup Kar be , gujjaro ki Tarah ithihas churane lg gye, rajwar , manral , bamm, Mal , Kaintyura , hi katyuri h .. khas janjati h , ye na to koi royal family se h na hi rajput.. khas SC ST ..
@@jimmmtttt5138 khas SC ST h jo sochna h Soch le langur, or ham gaon ke padan h , Veda ke hisab se achoot to khna glt h , par am boli basha me achut h khas .. churalo ithihas , khas ko kon janta h .
@@jimmmtttt5138 or langur ithihas Ka pta h ya ni , bisht rawat negi bhandari gusain ye SB surnames nhi hote ye padwi hoti h jinme alg alg wansh ate h.. kmse km ithihas hota to ye glti nii krta
@@jimmmtttt5138 are gadhe Mene padhan kha, Pradhan nhi, or me garhwal se Hu, dosra tujhe agar ithihas ki I BHI pta hota to ye Galti nhi krta , Aryan and Dravidian theory is completely myth , created by Britishers to divide us.. rakhigarhi ki theory pad lena, Arya ko race nhi ye Nobel person ko kha gya h kmse km ved hi Jan leta .. or jo Tu rawat keh rha h wo van rawat h , na ki padwi (title) wale.. jese Raj guj side rathod nai likhte h par wo rajput nhi.. title or surname me farq Karna sekh.. khas to hote hi SC ST .. hn koi dikat nhi unse wo BHI insan h .. or hm insano ki ijjat krte h..
Nice bahut Nice
Keep going....great work...all the best👍
Thank you
My village 😏😏😍
Nice G1 bhai...
Thnx bro
Really awesome...Aise hi gyanbardhak videos banate rho...
भाई सुन्दरी नाग घ्नेली नाग काली नाग का भी इतिहास या सारे देवताओं का इतिहास संजो पाने का भी प्रयास कीजिये
Jarur Dda puri kosis rhegi ... धन्यवाद 🙏
Good
Very nice
Mera qustion sidha bhanu raj pal se hai wo nepali raja kon tha
राजा साब, वैसे ताे अस्काेट अाैर पश्चिम नेपाल के डाेटी राज्य बीच बहूत पुराना रिस्ता है। यह रिस्ता कायम रहे।
लेकिन सन् १८१६ के सुगाैली सन्धि के मुताविक नेपाल कि पश्चिमी सीमा काली नदी हैं। कुटीयाङ्दी ही काली नदी है जिसकी उद्गम लिम्पियाधुरा अासपास के अादि कैलास हिम पर्वत श्रृंखला से हाेती हैं। कुटियाङदी ही काली नदी कि मेन स्ट्रीम हैं। नदी कि मेन स्ट्रीम काे ही मूख्य नदी माना जाता है। लिपुलेक से निकलने वाला गाड अाैर कालापानी से वहती नाले काे काली नदी नही माना जा सकता। इण्डिया मानता है ताे माने, पर नेपाल नही मानता। नेपाल वही मानता है जाे नदी कि अन्तराष्ट्रिय परिभाषा मानता हाे। कुटीयाङदी ही काली नदी हैं। ब्यास दर्रे कि साैका भाषा मे कुटी का मतलव काला वा काली अाैर याङदी का मतलव नदी वा जलधारा हैं। अाप काे मालुम हाेगा कि अाज भी गुँजी-कुटी से पश्चिम ब्यास दर्रे मे नेपालचु, नेपाल गांव अाैर नेपाल मंदिर पूर्ववत् है।
वैसे अाप ने स्वीकार किया कि सन् १२७९ से पहले अापके पुर्वज अभयदेव पाल के कब्जे से पहले अस्काेट राज्य नेपाल का ही था। धन्यवाद।
Great
Bht bdya kaam Kia bhai
Thnx bhai
सूर्यवंशियों राजपूतों का गांव बन गया है। जैसे सरनत राजपूतों के उद्गम की जानकारी नहीं है उसी प्रकार इस वंश की भी सटीक जानकारी नहीं है। अनुश्रूतियों के अनुसार कत्यूर साम्राज्य आधुनिक उत्तराखण्ड के कुमायूं मण्डल के राजा ब्रह्मदेव थे। ब्रह्मदेव के पौत्र अभयपाल देव ने पिथैरागढ़ के असकोट में अपनी राजधानी बनायी थी। उनके शासन के बाद उनके पुत्र अभयपाल के समय यह साम्राज्य विघटित हो गया। अभयपाल देव के दो छोटे पुत्र अलखदेव और तिलकदेव थे। महाराजा अलख देव और तिलकदेव असकोट को छोड़कर एक बड़ी सेना लेकर 1305 में उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में गोरखपुर व गोण्डा में आ गये। यह क्षेत्र भयंकर दलदल तथा बनों से आच्छादित था। यहां पर राजभर आदिवासियों का आधिपत्य था। इस क्षेत्र के दक्षिण में घाघरा तथा पूर्व में राप्ती बहती है जिनसे क्षेत्र की रक्षा होता थी। इन दो राजाओं ने महुली को अपनी राजधानी बना कर पाल वंश का नया प्रशासन प्रारम्भ किया। इसी प्रकार ये फैजाबाद जिले के पूरा बाजार में भी बस गये थे। कहा यह भी जाता है कि ये बाराबंकी के राजा हर्ष से जुड़े थे। पूरा बाजार के परिवार में आदिपुरुष लालजी शाह थे। जबकि बस्ती के महुली के आदि पुरुष अलख देव और तिलकदेव दो भाइयों के वंशज हैं। संभव है ये दोनो एक दूसरे से जुड़े रहे हों। अनुश्रूतियों के अनुसार दोनों भाइयों ने राजभरों के मुखिया कौलविल से महुली की सम्पत्ति अधिग्रहीत की थी। समय बीतते बीतते उन्होंने अपने राज्य का विस्तार किया था। ये अनेक परिवारों में विभक्त हो गये थे। इन घरों के प्रमुखो ने पाल उपनाम धारण किया था । इस विभेदीकरण की पुष्टि दिल्ली के सम्राट ने भी की थी। यद्यपि इससे सम्बंधित कोई ऐतिहासिक साक्ष्य नहीं मिलता है।
महाराजा अलख देव (1305-1342 ) :-- राजा अलखदेव 1281 में जन्मे, महसों के प्रथम राजा थे। सम्राट ब्रह्म देव के परपोते, उन्होंने उत्तर-पूर्वी यूपी के मैदानों में एक सेना का नेतृत्व किया और स्थानीय आदिवासी राजभर राजा को एक क्रूर युद्ध में शामिल किया, जिसमें अलख देव, उनके भाई तिलक देव और उनकी सूर्यवंशी राजपूत सेना विजयी हुई। अलख देव ने 1305 में महुली गाँव में बस्ती (गोरखपुर से 100 किमी) से 32 किलोमीटर की दूरी पर अपनी राजधानी स्थापित की। महसों-महुली के सामंती राज्य ने 14 कोस (47 किलोमीटर) लंबा और कई सौ गांवों को घेर कर बनाया गया है। उनकी मृत्यु 1342 में हुई थी।
राजा तपतेजपाल ( 1342-1359 ) :- महसों के द्वितीय राजा राजा तपतेजपाल का जन्म 1308 में हुआ था। उनके शासनकाल के दौरान, 1353 में, भारत के सम्राट, सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने दिल्ली से मार्च किया, जिसने बंगाल के नवाब को दंडित करने के लिए एक विशाल सेना का नेतृत्व किया, उसने अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की थी। उसी वर्ष नवंबर में, सुल्तान फिरोज शाह तुगलक ने उत्तर-पूर्वी उत्तर प्रदेश में शिविर और पिच शिविर को रोकने का फैसला किया। यहाँ वह सामंती प्रभुओं से श्रद्धांजलि अर्पित करता है और दिल्ली सल्तनत की गद्दी के लिए अपनी निष्ठा सुनिश्चित करता है। सुल्तान के बंगाल अभियान के लिए तपतेज देव पुरुषों, हथियारों और मातृत्व प्रदान करता है। बदले में, सम्राट सुल्तान ने तपतेज देव को राजा का दर्जा दिया और इसके साथ आने वाले विशेषाधिकारों को भी दिया। वे पाल को अपने नाम के आगे शीर्षक के रूप में उपयोग करने का अधिकार पा गये। एह उप नाम वरिष्ठ असकोटे परिवार से उनकी मृत्यु 1359 में हुई थी।
राजा खान पाल उर्फ ज्ञान पाल (1359-1372 ) :-महसों के तीसरे राजा राजा खान पाल उर्फ ज्ञान पाल का जन्म 1329 में तथा निधन 1372 में हुआ था।
राजा परशुराम पाल (1480-1535) :- महसों के आठवें राजा परशुराम पाल का जन्म 1470 में तथा 1535 में मृत्यु हो गई थी।
राजा दीपपाल (1535-1585) :- महसों के नौवें राजा दीपपाल का जन्म 1515 में तथा 1585 में मृत्यु हो गई थी। उनके द्वितीय पुत्र करणपाल हरिहरपुर में मूल रुप से रहते हुए 40 गाँव प्राप्त किये थे।
राजा मर्दन पाल (1585 -1620 ) :- महसों के दसवें राजा मर्दन पाल का जन्म 1545 में हुआ था। दिल्ली के सिंहासन पर सम्राट अकबर के साथ मुगलों ने या तो गठबंधन में प्रवेश किया या विद्रोहियों को कुचल दिया। यह सुनिश्चित करते हुए कि राजपूत सामंती प्रभुओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी और दिल्ली की ओर से करों का संग्रह किया। राजा मर्दन पाल ने दिल्ली के खजाने को 6,18,256 तांबे के बांध (15,456 चांदी के रुपए) के वार्षिक करों का भुगतान किया था। इसके अलावा, उन्होंने मुगल साम्राज्य को 2,000 पैदल सेना के साथ-साथ कई सौ घुड़सवारों, ऊँटों और हाथियों की एक खड़ी सेना प्रदान की थी। उनका निधन 1620 हुआ था। राजा मर्दनपाल का छोटा भाई करनपाल ने हरिहरपुर में
Ye kis jati ke hai
Rajabar ji, prayass jari rakhen.......thora hamare ilake k liye... Ho sakata aapaka marg darshan kaam aayen.....
Wow
✌
बहुत बढ़िया 🙏🙏🙏🙏
VERY INFORMATIVE....
Nice to know about Ascoot
सुन्दर
Thnx
Pal k 4 bhai the askot me or ek askot me baitha or 3 kali nadi k par chale gaye or uhnone bahut bada rajua hasil kiya or fir jab india nepal aalag huwa tab pal do desh me bat gaye the riyal me askot riyasat ka asli taja nepal ka pal tha
हा अस्काेट का खास राजा नेपाली था।
Jaidev...
Bhai nic yr
Thnx 😀
Badiya bhai
जय जय हो
Niccc
Thnx
9.22 pr ye bol rahe hein 1817 mein sugauli treaty sign hui thi.. In shimla.. Bhaang khai hai kya?? Treaty sugauli mein hui thi Tbhi usse treaty of sugauli /sagauli bolte hein. Info theek nahi hai inki... Many other facts also wrong. Inse zyada itihas to class 8 mein pdhne wala bachcha janta hai..
Basti me mahuli rajya ki sthapana alak pal dev ji ne kiya fir 2 bhaiyo me bat kar mahaso aur hariharpur riyasat bani jo aaj bhi hai tatha sayad asi kote ke naam par rajo ke vasaj ke gharo ko kote bolate hai akhilesh Bahadur pal suryavance
Pal ya baghel Raj bnso ko chupaya gya hai bhut send Raj BNS pal ya bagel hai
Pal rajvansh ki jai ho
Rajput h wo
@@GauravSingh-is3nw aur aap kaun ho bhai sahab
Is rajvansh ka gadariyo se sambandh nahi h
Super
Badiyaaa broo
Thank you Bhai ji
Yeh Sahi bol rahe hai pura sudar pachim Nepal , Kumao ka part tha , isliye koi v riti riwaj , cast aur saskriti sab ek hi hai
👍
🌸🌸🌸🌸
Yr chand raja pr bhi bana do
Nahi
Ye anker 9:16 par ye awaaj kya de raha hai😂
Raja abhay pal ke chote bete the Alakh pal dev jinake ham vasaj hai
Proud fill Sir
Bahu hi acha dikha rhe ho
Paschhimi riyasat ki hissa nepal ka tha
Pal Kshatriya
pal nahi bhài rajwar kshratriya
भेड़ बकरी चराने वाले क्षत्रिय 😂🤌
भेड़ बकरी चराने वाले मल्हार राव होलकर, अहिल्या बाई होलकर, यशवंत राव होलकर , संगम राजवंश के हरिहर बुक्का, कारिया बघेल, पल्लव संगम ये भी चरवाहे भेड़ बकरी वाले थे इतिहास को पढ़ अनपढ़ की तरह बात मत कर
@@ravi_bhardwaj Bro Pal was a special title given to Kshtriya Rajput Dynasty which means keeper / Rakshak/ Gaurdian, we have nothing to do with obc gadariya pals 😂
I am also Katyuri descendant ( Raghuvanshi Rajput ) from purvanchal ⚔️⚔️
Riyal me pal kaha se aaya isko pata hi nahi hai
Wo Pal alag h
Gd bhai gd job
Thnx
Rajwar jati se hu samaj ko aachhe banoa
Arey maharaj ji apne bade bhai garhwal ke raja ke bare mai bhi bata dete.. Sunlo bhaiya ke uttrakhad bana ke humko chuteya banaya gaya hai, dehradun rajdhani bana de sab up, bihari, haryanvi, nepaleyo ko fayda huwa..
Hum jo pahadi h unko kuch nahi mila... Aur aaj pure India ke kone kone se log yaha ake hamare jameen kodeyo ke bhav khareed lete hai aur apna business suru kar dete hai... Aur hamare pahadi bhai log unke naukar ban ke unke leye kaam karte.. Hum sabhi ko ek hona hoga yaha bhi wahi bill lana hoga jo himachal mai hai.. Taki koe bahar ka yaha jameen na khareed paye.. Aur humko bhi ek hokar kisi Bahari ko apne yaha basne na de..
जय पाल समाज 🚩
yeah pal woh walle pal nhi hum rajputo mai bus upadhi bhai
@@buranshherbal5757 राजपूतो मे कोई पाल नहीं होते हैं और यह गड़रिया है
@@sanjeevbaghel2267 mere bhai pal jati nhi pad hai yeah humare rajja hai yeah parihar hai mool roop se tum kabh askote
@@sanjeevbaghel2267 bhai inke parivaar ke ek beti abhi jodhpur ke rajgharne k bahu hai
@@sanjeevbaghel2267 bhai history padho tum gujro jaisa karne lagh jayoge tum mai un mai kya fark hoga
Askot ka raja to pal tha or pal pura uk ka raja tha
Bhai history clear Karo ye mulvansh se alg hoge inhonhe pal Juda .. ye rajwar h or katyuri wansh se h.. mehal me jao or Sare documents Dekh ke al
@Rangila Rasul currently jo present royal family h wo askot me h or 1 up me h..
Pancheshwar dam aane se ..150 se jyada gaon ..kasbe k log beghar ho jayenge...iska anuman ni h..bus apko apni kamai ki padi h..
😳
जय पाल बघेल समाज 🚩
Pal survanci pal rajvance
Askote Uttrakhnd ka ek pyara sa vedio👉 th-cam.com/video/9TTyeWfx5f0/w-d-xo.html
13:56 pr bnde ne coin vapas nhi Kiya😂😂
1 लाख सैनिक ये बात सही नही है।
Bada garib raja hai 😂😂😂
Tum nahi ho raja ho
Ye aadmi jhut bol raha hai
ये क्या चुतियापा है यार??
क्या झूट बोल रहे हैं वो तो स्पष्ट कर।
Bhai tum har jagah hag rahe ho ,puri baat to batao
Nice