धर्मेंद्र क्वारी जी आपने डाॅ सन्तराम देशवाल जी के साथ साक्षात्कार करके लोक साहित्य पर विस्तृत चर्चा करके बहुत सराहनीय कार्य किया है क्योंकि हमारी युवा पीढ़ी एवं लोक साहित्य के शोधार्थियों के लिए यह साक्षात्कार बहुत ज्ञानवर्धक सिद्ध होगा।आप दोनों को हार्दिक बधाई एवं अनन्त शुभकामनाएं। धर्मेंद्र जी इस प्रकार के साक्षात्कारों के माध्यम सेआप हरियाणवी संस्कृति एवं साहित्य पर अति उत्तम कार्य कर रहें हैं, बहुत बहुत साधुवाद।
राम राम धर्मेंद्र भाई साहब डॉक्टर संतराम जी और सभी दोस्तों को मेरी तरफ से राम राम 🙏🙏🙏🙏🙏🙏 शानदार वीडियो है जी 💞🤗🥇👌✌️❣️ हरियाणा लोक साहित्य को देखने से शिक्षा जरूर मिलेगी 💯,,,,
AS a young haryanvi i feel doctor santram has provided a treasure of books for us and i want him to please document the left behind vidha of haryanvi literature
धर्मेन्द्र जी सन्त राम जी बिल्कुल ठीक बोल रहे हैं कि 30 पुस्तकें लिखने के बाद भी एक बूंद के समान हैं। भृतृहरि जी ने भी कहा था, यदा किंचिद्जोऽहम् ,भवद्वलिप्तं मम नमः, तदा सर्वज्ञोस्मित्य द्विप इव मदान्धःसम्भवम्। यदा किंचिद् -किंचिद् बुद्धजन सकासादावगतम्, तदा मूर्खोस्मिति ज्वर इव मदो मे व्यपगतः।।
धर्मेन्द्र जी सन्त राम जी ने जहां उजले और मैले की व्याख्या की है वहां उजले का मतलब साफ -सुथरे कपड़ों की बजाय उस व्यक्ति के साफ-सुथरे व्यक्तित्व, चरित्र से लेते तो अच्छा है, मैले का मतलब भी धरती माता उर्वरक पदार्थो से भरी रहे, उन्हें निकाल कर साफ-सुथरा करने की जरूरत नहीं। बाकी उनका स्वाध्याय है।
धर्मेन्द्र जी, सन्त राम जी ने कड़वे -मीठे की कथोक्ति सुनाई, लेकिन इसी कड़वी कथोक्ति का मीठा पक्ष ये है। काणे को काणा कहै, काणा जा गा रूठ, होले होले बूझ ले भाई क्योंकर गई तेरी फूट।
धर्मेंद्र क्वारी जी आपने डाॅ सन्तराम देशवाल जी के साथ साक्षात्कार करके लोक साहित्य पर विस्तृत चर्चा करके बहुत सराहनीय कार्य किया है क्योंकि हमारी युवा पीढ़ी एवं लोक साहित्य के शोधार्थियों के लिए यह साक्षात्कार बहुत ज्ञानवर्धक सिद्ध होगा।आप दोनों को हार्दिक बधाई एवं अनन्त शुभकामनाएं। धर्मेंद्र जी इस प्रकार के साक्षात्कारों के माध्यम सेआप हरियाणवी संस्कृति एवं साहित्य पर अति
उत्तम कार्य कर रहें हैं, बहुत बहुत साधुवाद।
बहुत बहुत धन्यवाद, इसी तरह लोक संस्कृति को आगे बढ़ाने का सुंदर प्रयास।
राम राम धर्मेंद्र भाई साहब डॉक्टर संतराम जी और सभी दोस्तों को मेरी तरफ से राम राम 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
शानदार वीडियो है जी 💞🤗🥇👌✌️❣️
हरियाणा लोक साहित्य को देखने से शिक्षा जरूर मिलेगी 💯,,,,
AS a young haryanvi i feel doctor santram has provided a treasure of books for us and i want him to please document the left behind vidha of haryanvi literature
धर्मेंद्र जी और डॉक्टर साहब ये बात बताने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद जी
धर्मेन्द्र जी सन्त राम जी बिल्कुल ठीक बोल रहे हैं कि 30 पुस्तकें लिखने के बाद भी एक बूंद के समान हैं।
भृतृहरि जी ने भी कहा था,
यदा किंचिद्जोऽहम् ,भवद्वलिप्तं मम नमः,
तदा सर्वज्ञोस्मित्य द्विप इव मदान्धःसम्भवम्।
यदा किंचिद् -किंचिद् बुद्धजन सकासादावगतम्,
तदा मूर्खोस्मिति ज्वर इव मदो मे व्यपगतः।।
Gajab kr diya dharmendar Bhai
Bhut jrurt hai iss pavan dhraa(haryana) ko apke kaam ki 🙏🙌🤘❤️
Dharmendra bhai aur doctor sahab aapko hamari taraf se Ram Ram ji ❤
हरियाणवी साहित्य पर बोहोत बढ़िया प्रोग्राम
Vv nice
Ram ram je
बहुत ही अच्छी चर्चा की है
Anmol hai Apka program
❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉
Ram Ram ji
--🙏🙏--
Ram Ram Ji
Yes
Namaste ji
❤9❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
Bahut achha sanvad
Advocate pardeep dala Charkhi Dadri
धर्मेन्द्र जी सन्त राम जी ने जहां उजले और मैले की व्याख्या की है वहां उजले का मतलब साफ -सुथरे कपड़ों की बजाय उस व्यक्ति के साफ-सुथरे व्यक्तित्व, चरित्र से लेते तो अच्छा है, मैले का मतलब भी धरती माता उर्वरक पदार्थो से भरी रहे, उन्हें निकाल कर साफ-सुथरा करने की जरूरत नहीं। बाकी उनका स्वाध्याय है।
Ram ram dharmendar Bhai 🙏
Iss book ka link bhejo pllzz ❤
Sir. Plz ek or interview virender singh bhalot ji ka
Malik snp❤❤❤
धर्मेन्द्र जी, सन्त राम जी ने कड़वे -मीठे की कथोक्ति सुनाई, लेकिन इसी कड़वी कथोक्ति का मीठा पक्ष ये है।
काणे को काणा कहै, काणा जा गा रूठ, होले होले बूझ ले भाई क्योंकर गई तेरी फूट।
बीर ने खोए हांसी
Kuchkahawat bilkul localise hoti hain jaise mungan alla jhota. Yeh bahut kam logon ko pata hoga out ofrohtak
Sir ye kh rhe h bair n khov hansi it should be bir (lady) n khov hansi. Eska matlab h ladies ka hr kisi ki baat pr hansna shi nhi h
Bilkul beer yani aurat
Hooda Bapu Betta ne Congreshiyon ki ...
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बीर नै खोवे हांसी अर्थात महिला/बिरबानी को ज्यादा हंसना ले बैठता है
Curta purana
Pent modern
नई पीढ़ी को भी पता चलेगा
Ye khud deak kar pad reha h kay jana ga yha ki bat
Bir n khov hansi
Ab yeh baat modi ji ke upar lagu hogi ye alkash ab Modiji ko le bhaithega kisanon par alkash taranmp ji ki andekhi
Plz read the krishi kanoon , then comment. Modi tried to help farmers.
साहब जी आप गलत बोल रहे हो ये ऐसे है
नींद आल्क्स जमींदार ने चोर ने खोए खांसी
ज्यादा ब्याज मूल ने खोए बीर
Wah ji 😅😅😅