सत्संग ५ : सीमित, वर्जित, ज्ञान का अंत, नकारात्मक अनुभव साक्षीभाव के प्रभाव, गणित, बुद्धि, अहम, जीवन

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ก.พ. 2025
  • सत्संग अवसर है सभी साधकों के लिए जहाँ हम आध्यात्मिक विचार व्यक्त कर सकते हैं और ज्ञानमार्ग से संबंधित प्रश्नों को पूछ सकते हैं। आज के सत्संग में निम्न प्रश्नों पर चर्चा की गयी है।
    -कौन है जिसको नियमित और सीमित अनुभव हो रहे हैं।
    -ज्ञानमार्ग शुरू करने के लिए क्या क्या वर्जित करना होगा।
    -मैं और क्या कर सकता हूँ ज्ञान पाने के लिए ?
    -नकारात्मक अनुभवों से कैसे बच सकते हैं।
    -साक्षीभाव में रहने के क्या प्रभाव हैं।
    -गणित द्वारा प्रमाणित सत्य को सत्य क्यों नहीं मानते ?
    -बुद्धि का अद्वैत में क्यों उपयोग नहीं है।
    -ज्ञानमार्ग शुरू करने के बाद मुझे संदेह नहीं की केवल मैं ही हूँ। क्या यह भी अहम है।
    -क्या ज्ञानी को केवल सरल जीवन ही जीना चाहिए?
    सत्संग में जुड़ने के लिए आप टेलीग्राम एप पर @bodhivarta समूह से जुड़ सकते हैं हर शनिवार रात ९-१० (भारतीय मानक समय)
    त्रिज्ञान के लिए आप यहाँ अपना नाम यहाँ पंजीकृत करवा सकते हैं gyanmarg.guru/3d/
    या मुझे सीधे सन्देश भेज सकते है टेलीग्राम पर @Turiyateet
    @bodhivarta
    @pure_exp
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