ऐसे छठ महापर्व का निहितार्थ पहली बार सुना और मैं भावुक हो गया रोने लगा, चूंकि मैं बिहार से हूं तो मेरे घर में भी होता है पर आज तक छठ महापर्व का ऐसा अर्थ नहीं जाना सुना था। आचार्य आपका धन्यवाद और इस अर्थ के साथ पूरे देश क्या पूरे दुनिया को ये पर्व मनाना चाहिए।
मैं बिहार से हू और मैने आज तक इस दृष्टि से छठ महापर्व को नहीं देखा था,आचार्य जी ने एकदम अलग ही अर्थ बता दिया 🪔...पिछले साल भी मै video ढूंढ रही थी कि कोई एक video तो हो आचार्य जी की और इस साल मुझे surprise मिल गया❤THANK YOU ACHARYA JI I LOVE YOU❤
आचार्य जी ने बहुत ही सुंदर तरीके से छठ पूजा का अर्थ समझाया है। उन्होंने बताया कि यह त्योहार हमें प्रकृति से जुड़ाव की सीख देता है। उन्होंने समझाया कि अगर हम प्रकृति का सम्मान करेंगे और उसकी देखभाल करेंगे, तो हम भी स्वस्थ और संतुलित रहेंगे। छठ पूजा में सूर्य की आराधना और जल-स्रोतों का पूजन, हमें इस बात की याद दिलाता है कि हमारी खुशहाली और स्वास्थ्य का गहरा संबंध प्रकृति से है।🙏🙏
जब प्रकृति ही बीमार होगी तो हम भी बीमार होगें तो पर्व किस बात का प्रकृति को बचाकर ही पर्व मनाने का मजा निराला है वाह आचार्य प्रशांत जी आपको कोटि कोटि नमन। जय हिन्द जय भारत वंदे मातरम्
यह भारत के लिए सौभाग्य की बात अचार्य प्रशान्त जैसा बालक मिला दुःख की बात आज जब वो जिंदा है उनकी कोई सुध नहीं ले रहा और जब मर जायेंगे तब उनके सिद्धांतों और उन्हे उन्हें शहीद घोषित कर देंगे😢 आज जब उनकी जरूरत हैं तब उनको ध्यान नहीं दिया जा रहा मिडिया,सरकार,इत्यादि स्लूट आचार्य प्रशांत
कुछ बात आचार्य जी की इतनी करुणा से भरी होती है आंसू आजाते है। आप दुखी है तो मैं खुश नहीं हो सकता । सब ख़ुश रहेंगे तभी मेरी ख़ुशी संभव है , कितनी करुणा भरी बात है
निशब्द हूँ मैं आचार्य जी आपने कितने सरल और सुन्दर शब्दों में ये समझा दिया कि छठ पर्व वास्तव में प्रकर्ति को नमन करते हुए उसे बचाने का पर्व है। कितना अच्छा हो अगर पूरा विश्व इस पर्व को मनाए तो प्रकर्ति का शोषण काफ़ी हद तक रोका जा सकता है। बहुत बहुत शुक्रिया राणाजी आपका भी आचार्य प्रशान्त जी को इस मौक़े पर बुलाने के लिए और इतना अच्छे से हमें समझाने के लिए, आभारी हैं आपके।
बहुत ही सुंदर और मार्मिक अर्थ आचार्य जी ने आज बताया है। इस त्यौहार का प्राचीन काल से जो उद्गम हुआ है और प्रकृति से संबंध को जो प्राथमिकता दी गई है। यदि प्रकृति स्वस्थ है तो हम भी स्वस्थ रहेंगे या प्रकृति स्वस्थ नहीं है तो हम भी स्वस्थ नहीं रह पाएंगे। ऐसी कोई भी चीज नहीं है इस तोहार में जो बायोडिग्रेडेबल नहीं हो। बाकी अन्य पर्वों में तो कुछ ऐसी चीज जरूर मिल जाती है जो बायोडिग्रेडेबल नहींहोती। इस त्यौहार में उन्हीं चीजों को अर्पित किया जाता है जो रीजनल और सीजनल होती हैं। यदि आप घाट या नदी के तट पर जा रहे हैं सूर्य को अर्थ देने के लिए तो आप निश्चित रूप से वहां पर जो हालात है नदियों की, तालाबों की वह आप जरूर देखेंगे और उनकी हालत सही नहीं है तो आप उसे सुधारने का यथासंभव प्रयास करेंगे। इस त्यौहार के गहरे अर्थ को देखते हुए हमें यह कोशिश करनी चाहिए कि यह त्योहार पूरे देश भर में मनाया जाए देश भर में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर में मनाया जाए।
आचार्य जी ने छठ महापर्व पर हमलोगों को जो इस वीडियो के माध्यम से संदेश दिए हैं इस संदेश को जब तक अपने जीवन में सही तरीके से नहीं उतारेंगे तब तक जो भी पर्व मना लिजिए हमलोगों को उसकी महता नहीं समझ में आयेगी आचार्य जी को प्रणाम 🙏 और पत्रकार बंधु को प्रणाम 🙏
जिस तरह से आप आधुनिक विषयों को सांस्कृतिक संदर्भों के साथ जोड़ते हैं, वह न केवल गहराई प्रदान करता है बल्कि हर सवाल और जवाब को एक नया दृष्टिकोण भी देता है। आपने अपनी इस बातचीत में आधुनिकता और संस्कृति को इस प्रकार से जोड़ा है, जो आज की दुनिया में बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस दृष्टिकोण से आपकी बातचीत की शैली न केवल जानकारीपूर्ण है बल्कि प्रेरणादायक भी है। आपकी इस अद्वितीय शैली के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद और शुभकामनाएं🙏🏼
आज तक मुझे छठ पमहापर्व की वस्विक अर्थ पता नही था आज आचार्य जी के वाणी से समझ आ गया। आज मुझे बिहारी होने पर गर्व हो रहा है। वास्तव मे छठ महापर्व को पूरे देश मे मनाया जाना चाहिए।
🥀🥀 छठ पूजा प्रकृति को नमन का पूजा,शक्ति के साथ साथ उसके आराध्य की भी पूजा।🥀🥀 छठ पूजा का इतना महत्व और इतना सुंदर मर्म आचार्य जी और राणा जी के कारण जान पाई।धन्यवाद आप दोनों को 🙏🙏🙏🙏🙏
ऐसा न पहले सुना था और न ही कोई और ऐसे निहितार्थ वार्तालित कर पाएगा छठ पूजन महापर्व का। धन्यवाद आचार्य जी आपके कारण ही हर बात में निहित निहितार्त को समझने की कोशिश करने लगा हूँ। आंखे वही हैं बस उन चक्षुओं से अब दिख कुछ और अधिक गहरा और स्पष्ट रहा है। ❤😢🙏
आचार्य जी से छठ पर्व या किसी भी पर्व के बारे मे ये जानने को मिला कि हम कोई भी त्यौहार तभी मौज के साथ सकते है जब हम प्रकृति के साथ मिल कर और उसे हानि पहुचाये बिना मनाये। 🙏🙏
बहुत ही सुंदर मीमांसा की आचार्य जी ने मुझे भी इसका अर्थ जानना था, अब मैं अच्छे से इस पर्व का मर्म समझ कर इसे मना सकती हूं। आप सभी को छट पर्व की शुभकामनाएं ☀️☀️☀️
धन्यवाद राणा जी आपका आपने आचर्य जी के सामने इस प्रश्न को रखा सालो से छठ पर्व मनाते आ रहे थे आज इस पर्व की वास्तविकता समझ मे आई बहुत बहुत धन्यवाद आचर्य जी❤❤
मैं छठ पूजा में 2 साल से शामिल हो रही हूं पर जिनका यह व्रत था उन्होंने बताया कि यह पूजा कामना पूर्ति के लिए की जाती है। पर आचार्य जी ने कुछ नया बताया अच्छा,सुंदर बताया।
इस युग मे लोग कामना पुरती के लिए ही व्रत रखते हैं, ईश्वर से एक सौदा होती है कि हम आपकी पूजा करते हैं, उपवास रख रहे ईसलिए आप भी हमें सुख समृद्धि से भर दें, हम चाहें कितना भी स्वास्थ्य नियमों की अवहेलना करें मुझे और मेरे परिवार को स्वस्थ रखें।
Waah atiuttam... Chath mahaparv karne ke piche itna uttam uddeshya hai ye aaj pta chala. Chath mahaparv ka marmik arth prakriti ke prati naman hai ye aaj pta chala. Sat sat naman accharya ji♥️🙏
ये चर्चा बहुत आवश्यक थी क्योंकि अब छठ पर्व भी फैशन और दूषण का शिकार होने लगा है। अब इसमें पटाखे भी हैं, एक दूसरे को अपना जीता हुआ - अर्जित किया हुआ धन वैभव दिखाने की होड़ भी है, सिले हुए कपड़े भी हैं ये पर्व या कोई भी पर्व तभी तक प्रासंगिक रहेगा जब इसे मूल रूप में मनाया जाता रहे । धन्यवाद आचार्य जी and India news.👍
अद्भुत महापर्व है छठ.... आचार्य जी ने जिस प्रकार से इसकी व्याख्या की वह भी अतुलनीय। मेरा मानना है कि पूरे देश मे इस त्योहार को मनाया जाना चाहिए.. ताकि हमारा देश इस प्रकृति पर्व की महत्ता को समझ सके और उसके संरक्षण के प्रति सजग हो सके ❤❤
आज आचार्य जी ने जो छठ पर्व की पवित्रता और वास्तविक अर्थ समझाया इसके लिए आचार्य जी को कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏आज हमे गर्व की अनुभूति हो रही है कि हम छठी मईया की पूजन करते हैं 🙏 जय छठी मईया 🙏
छठ पूजा को इतनी आसानी से सरल भाषा में हमें विस्तार से समझाए आचार्य जी ने और प्रकृति से ही हम हैं, उसी के अंश हैं ,हमें उसकी रक्षा करनी है, यही असली धर्म है ,असली पूजा है, धन्यवाद आचार्यजी🙏🙏
मैं तो सोच रही थी यह भी दूसरी पूजा की तरह रिचुअलिस्टिक है। इसलिए इस उत्सव के बारे में एक नेगेटिव भावना लेकर इसे अवॉयड कर रही थी। पर आचार्य जी का यह वीडियो ने मेरी आंख खोल दिया। मैं तो इस पर्व के प्यार में पड़ गई हूं। इतनी सुंदर पवित्र पर्व शायद और किसी देश में नहीं है। अज्ञानता के कारण मैं इसे त्याग कर रही थी। इस कोई शायद आचार्य जी गीता समझते समय कर्म सन्यास कहते हैं। जो कर्म सन्यास ज्ञान के बिना हानिकारक होता है। प्रणाम आचार्यजी। "वारी जाऊं मैं सतगुरुके, किया मेरा भरम सब दूर"।
आचार्य जी निःशब्द हूं क्या तार्किक बात बताये हैं हम बिहार से है और आपके हर शब्द को अपने जीवन से और अपने महापर्व छठ से जोड़ पा रहा हूँ छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏❤❤
पहली बार और देर से ही सही लेकिन आचार्य प्रशांत जी ने, छठ पूजा का असली अर्थ समझा है,, छठी मैया को अब से प्रकृति मां मानो और सभी, एस्को छठ पूजा को प्रकृति पूजा मानकर करो,, jay हो छठी मैया,,माँ प्रकृति की जय हो 🙏🙏🙏
छठ पूजा पवित्रता प्रकृति और तो और समाजिक समानता का दर्शन देती है..❤ संसार को प्रकृति से जोड़ने वाली एकमात्र पर्व यही है जो पवित्रता से पूर्ण है पाखंड से दूर.. काश छठ पर्व का यह संदेश जो आपसे मिल रहा है सब कोई समझसके..! कोटि कोटि धन्यवादआचार्य 🙏
आज से पहले मैंने छठ पर्व के महत्व को इतनी गहराई से नहीं जाना था ।मैं सोचता था यह पूजा केवल बिहारी ही मनाते हैं मैं अब तक इसी गलत अवधारणा में जी रहा था। आचार्य जी को बहुत बहुत धन्यवाद!
कितना निर्मल है छठ पूजा सूर्य षष्ठी व्रत हमारे पूर्वजों ने हमें दिया और हम अपने आने वाले नस्लें को देंगे ताकि हम हमेशा प्रकृति से जुड़े रहे, बिहार आज भी छठ पूजा के रूप में प्रकृति को बचाने का नेतृत्व कर रहा है
सच में ये परब वैदिक है। क्योंकि इस परब में किसी पंडित पुरोहित की जरूरत नही 😅 साफ साफ हम समझ सकते हैं वैदिक टाइम पर धर्म का बिज़नेस नही होता था। सनातन सत्य है।हमे बिहारी होने में गर्व है 😢ये पर्व हमारे लिए एक emotion है। कॉमेंट करते टाइम आज के दिन छठ पर्व का लास्ट दिन था 😢 ईस लिए वीडियो देखने का टाइम मिल पाया । चार दिनों से दिन तालाब के घाट की सफाई। पूजा रात में जगे रहना बहुत सारे rituals थे।।। रियली 😢 it's amazing 😍 last few days। spritual, environment, प्यूरिटी respect, comunity 🎉,and Sun puja
श्री जी पूर्ण रूप से सत्य बोल रहे है क्योंकि आज मैने छठ घाट गए थे और वहां मैने देखा कि ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो एक दूसरे के सहयोग से, एकता में होकर।। यह भूलकर की हम किस जाति, धर्म, संपदा से है यह सब भुलकर एक दूसरे के साथ बैठकर छठी मां को अर्ध देते है।
आचार्य जी! आपकी क्लास में हर बार कुछ नया सीखने को मिलता है। जितने प्रेम से और सरल भाषा में आपने छठ पूजा से जुड़े प्रतीकों के अर्थ समझाए हैं, उसके कारण पर्व से जुड़ाव और बढ़ गया है। छठ पूजा पर बाहर बाहर सफाई को लेकर तो हम खूब सजग रहते थे लेकिन भीतर भी सफाई होनी चाहिए इसपर कभी ध्यान ही नहीं गया। अगर आप ना बताते तो कभी पता भी नहीं चलता कि सही तरीके से मनाएं तो हमारे पर्व कैसे हमें प्रकृति के और करीब ले आते हैं।
Celebrating chhath puja since my childhood but today understanding the true essence of this festival with a great perspective. Thank you Acharya Prashant 🙏🏻❤❤
रात के 12 बजे हैं जब मैं आचार्य जी की बात सुन रहा हूं। आचार्य जी ने हरेक पर्व के बारे में हमें समझाया है लेकिन छठ पूजा के बारे में इतना गहनता से अपनी बात रखी है इन्होंने की मन गदगद और निराश भी हुआ। गदगद इसलिए कि ये पर्व हम बिहारी मनाते हैं और प्रकृति के इतने समीप जाते हैं परन्तु दुख इस बात का है कि ये प्रकृति प्रेम हम हमेशा नहीं दिखाते। आचार्य जी जो हर पर्व में त्रुटि निकालते है जो कि सही भी हैं लेकिन लोकास्था का इस महापर्व के बारे में इन्होंने सिर्फ़ प्रशंसा भी की है।
पहली बार ,छठ का वास्तविक अर्थ समझा, बिहार से हूँ तो पता ही हैं, छठ की पवित्रता, बस सभी को छठ पर्व का वास्तविक अर्थ समझ आये,
जय छठी मईया 🙏🏻🙏🏻
सत्य वचन 🙏
Bihari is the best jai chathi maiya ❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉
जय छठी मैया 🙏🙏🙏
Log aaj se hi nonveg khate lgte h surya ko ark dene k bad
Sahi bole aap 😢@@BeyonDimension
पहली बार आचार्य जी को किसी पर्व को बिना किसी आक्षेप के पूर्ण रूप से समर्थन करते हुए पाया है, प्रकृति की जय हो, छठी मैया की जय हो
आचार्य जी तो केवल पाखंड और फूहड़ता के विरुद्ध हैं, किसी त्योहार के नहीं।
Vo aakshep kis per lagate hai
Jo bhi tyohar ki aad mein galat ho raha hai us per
Shi kaha apne Ye acharaya ji ka phla parv h jo yathawath swikar kiya h unhone 🙏
Jai chhathi mayiya
छठ पर्व तो बहुत सालों से कर रही हूँ पर सही अर्थ आज समझ पाई
ध्न्यावाद आचार्य जी 🙏
@@PremlataGoyal-xn4fu सही है मैं आचार्य जी को बहुत सुनता हूं वे जो पाखंड व दिखावा पर बोलते हैं बिल्कुल सही है, छठ व्रत प्रकृति से जुड़ा व्रत है
पर्व समय ही वो होता है जहाँ हम अपनी आध्यात्मिक जड़ों की तलाश कर सके।
बिहार की धरती से आपको, प्रणाम!💜
पर्व का अर्थ ही है, जोड़ यानी जुड़ना, समन्वय।
ऐसे छठ महापर्व का निहितार्थ पहली बार सुना और मैं भावुक हो गया रोने लगा, चूंकि मैं बिहार से हूं तो मेरे घर में भी होता है पर आज तक छठ महापर्व का ऐसा अर्थ नहीं जाना सुना था। आचार्य आपका धन्यवाद और इस अर्थ के साथ पूरे देश क्या पूरे दुनिया को ये पर्व मनाना चाहिए।
जय छठी मैया 🙏🙏
मैं बिहार से हू और मैने आज तक इस दृष्टि से छठ महापर्व को नहीं देखा था,आचार्य जी ने एकदम अलग ही अर्थ बता दिया 🪔...पिछले साल भी मै video ढूंढ रही थी कि कोई एक video तो हो आचार्य जी की और इस साल मुझे surprise मिल गया❤THANK YOU ACHARYA JI I LOVE YOU❤
❤
Same, me also inspired to know actual truth behind our religion & culture.
Ya,it was a good surprise,I only look for acharyaji pov about all topics.
Hum sab bahut bhagysali hai ......😊😊.....chhath hamre yaha hoti hai.....😊😊..❤❤
🎉
आज के दिन मैं और मेरे दोस्त सब मिलकर छठ पूजा मनाएंगे। आचार्य जी की एक एक शब्द बिल्कुल सत्य है।
आचार्य जी आज सही मायने में अपने छठ पूजा की की जो उच्चतम उपयोगिता हो सकती है ,वो समझाया
धन्यवाद आचार्य जी❤
आचार्य जी ने बहुत ही सुंदर तरीके से छठ पूजा का अर्थ समझाया है। उन्होंने बताया कि यह त्योहार हमें प्रकृति से जुड़ाव की सीख देता है। उन्होंने समझाया कि अगर हम प्रकृति का सम्मान करेंगे और उसकी देखभाल करेंगे, तो हम भी स्वस्थ और संतुलित रहेंगे। छठ पूजा में सूर्य की आराधना और जल-स्रोतों का पूजन, हमें इस बात की याद दिलाता है कि हमारी खुशहाली और स्वास्थ्य का गहरा संबंध प्रकृति से है।🙏🙏
जब प्रकृति ही बीमार होगी तो हम भी बीमार होगें तो पर्व किस बात का प्रकृति को बचाकर ही पर्व मनाने का मजा निराला है वाह आचार्य प्रशांत जी आपको कोटि कोटि नमन। जय हिन्द जय भारत वंदे मातरम्
यह भारत के लिए सौभाग्य की बात अचार्य प्रशान्त जैसा बालक मिला
दुःख की बात आज जब वो जिंदा है उनकी कोई सुध नहीं ले रहा और जब मर जायेंगे तब उनके सिद्धांतों और उन्हे उन्हें शहीद घोषित कर देंगे😢 आज जब उनकी जरूरत हैं तब उनको ध्यान नहीं दिया जा रहा मिडिया,सरकार,इत्यादि स्लूट आचार्य प्रशांत
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद राणा जी आचार्य प्रशांत जी के कार्य को आगे बढ़ाने के लिए ।
Proud to be a devotee of Chhath maiya, All Bihari can feel it 🗿
Goosebumps bhai 🗿🗿🗿
Mai bhi bihar se hu mere ghar bhi chhat puja hota hai❤
कुछ बात आचार्य जी की इतनी करुणा से भरी होती है आंसू आजाते है। आप दुखी है तो मैं खुश नहीं हो सकता । सब ख़ुश रहेंगे तभी मेरी ख़ुशी संभव है , कितनी करुणा भरी बात है
निशब्द हूँ मैं आचार्य जी
आपने कितने सरल और सुन्दर शब्दों में ये समझा दिया कि छठ पर्व वास्तव में प्रकर्ति को नमन करते हुए उसे बचाने का पर्व है। कितना अच्छा हो अगर पूरा विश्व इस पर्व को मनाए तो प्रकर्ति का शोषण काफ़ी हद तक रोका जा सकता है।
बहुत बहुत शुक्रिया राणाजी आपका भी आचार्य प्रशान्त जी को इस मौक़े पर बुलाने के लिए और इतना अच्छे से हमें समझाने के लिए, आभारी हैं आपके।
Is mahan parva ko Rashtriya parva ke roop men supratishthit karna chaahiye
मेरा कल्याण तुम्हारे कल्याण से भिन्य नही हैं, चलेंगे तो साथ ही चलेंगे।❤
🎉🎉
सही विषय उठाया है राणा जी!!
ये वर्तलाप अंदर से हिला दिया।❤️❤️ धनवाद 🙏🙏 आचार्य जी🙏🙏
बहुत ही सुंदर और मार्मिक अर्थ आचार्य जी ने आज बताया है। इस त्यौहार का प्राचीन काल से जो उद्गम हुआ है और प्रकृति से संबंध को जो प्राथमिकता दी गई है। यदि प्रकृति स्वस्थ है तो हम भी स्वस्थ रहेंगे या प्रकृति स्वस्थ नहीं है तो हम भी स्वस्थ नहीं रह पाएंगे। ऐसी कोई भी चीज नहीं है इस तोहार में जो बायोडिग्रेडेबल नहीं हो।
बाकी अन्य पर्वों में तो कुछ ऐसी चीज जरूर मिल जाती है जो बायोडिग्रेडेबल नहींहोती। इस त्यौहार में उन्हीं चीजों को अर्पित किया जाता है जो रीजनल और सीजनल होती हैं। यदि आप घाट या नदी के तट पर जा रहे हैं सूर्य को अर्थ देने के लिए तो आप निश्चित रूप से वहां पर जो हालात है नदियों की, तालाबों की वह आप जरूर देखेंगे और उनकी हालत सही नहीं है तो आप उसे सुधारने का यथासंभव प्रयास करेंगे।
इस त्यौहार के गहरे अर्थ को देखते हुए हमें यह कोशिश करनी चाहिए कि यह त्योहार पूरे देश भर में मनाया जाए देश भर में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व भर में मनाया जाए।
सिरिफ आचार्य जी के लिए आती हूं इस चैनल पर ❤.....
Mai bhi
Sabhi
सिर्फ
गीता कम्यूनिटी में जुडो
@@shreelochan1883 1 सालो से जॉइन किया है मैंने
आचार्य प्रशांत जी की शिक्षा से जीवन मे वास्तविक परिवर्तन आ रहा है. सभी लोगो के साथ आचार्य प्रशांत जी की शिक्षा को ज्यादा से ज्यादा शेयर करिए.
दिल ले लिया 🙏आचार्य जी आपने।।। आपका समझाना ❤
बिहारी होने पे गर्व है कि हमलोग के पास दुनिया का सबसे महान पर्व हैं
बहुत अच्छा समझाया है आचार्य जी ने 💗
बहुत सुंदर तरीके से आचार्य जी ने छठ व्रत के बारे में बतलाया जिसे कभी नहीं समझ आया था। धन्यवाद आचार्य जी 🙏🏻🙏🏻
आचार्य जी ने छठ महापर्व पर हमलोगों को जो इस वीडियो के माध्यम से संदेश दिए हैं इस संदेश को जब तक अपने जीवन में सही तरीके से नहीं उतारेंगे तब तक जो भी पर्व मना लिजिए हमलोगों को उसकी महता नहीं समझ में आयेगी आचार्य जी को प्रणाम 🙏 और पत्रकार बंधु को प्रणाम 🙏
जिस तरह से आप आधुनिक विषयों को सांस्कृतिक संदर्भों के साथ जोड़ते हैं, वह न केवल गहराई प्रदान करता है बल्कि हर सवाल और जवाब को एक नया दृष्टिकोण भी देता है।
आपने अपनी इस बातचीत में आधुनिकता और संस्कृति को इस प्रकार से जोड़ा है, जो आज की दुनिया में बेहद महत्वपूर्ण हैं। इस दृष्टिकोण से आपकी बातचीत की शैली न केवल जानकारीपूर्ण है बल्कि प्रेरणादायक भी है।
आपकी इस अद्वितीय शैली के लिए आपको हार्दिक धन्यवाद और शुभकामनाएं🙏🏼
आप का बहुत बहुत आभार राणा जी 🙏 आचार्य श्री के मर्म को और ज्यादा लोगों तक पहुंचाने के लिए 🙏❤️
सच में मेरे आचार्य जी जैसा कोई नहीं l प्रणाम गुरु देव सभी देशवासियों को छठ पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं❤❤❤🙏🙏🙏🙏🥰🥰🥰🥰🥰
छठ पर्व का इतना सुंदर गहरा अर्थ हो सकता है कभी सोचा नहीं। धन्यवाद आचार्य जी 🙏🙏❤
आज तक मुझे छठ पमहापर्व की वस्विक अर्थ पता नही था आज आचार्य जी के वाणी से समझ आ गया। आज मुझे बिहारी होने पर गर्व हो रहा है। वास्तव मे छठ महापर्व को पूरे देश मे मनाया जाना चाहिए।
🥀🥀 छठ पूजा प्रकृति को नमन का पूजा,शक्ति के साथ साथ उसके आराध्य की भी पूजा।🥀🥀
छठ पूजा का इतना महत्व और इतना सुंदर मर्म आचार्य जी और राणा जी के कारण जान पाई।धन्यवाद आप दोनों को 🙏🙏🙏🙏🙏
ऐसा न पहले सुना था और न ही कोई और ऐसे निहितार्थ वार्तालित कर पाएगा छठ पूजन महापर्व का। धन्यवाद आचार्य जी आपके कारण ही हर बात में निहित निहितार्त को समझने की कोशिश करने लगा हूँ। आंखे वही हैं बस उन चक्षुओं से अब दिख कुछ और अधिक गहरा और स्पष्ट रहा है। ❤😢🙏
पर्व का सही और गहरा अर्थ अधिकतर लोगों को नहीं पता होता है। आचार्य जी का बहुत आभार 🙏
इस विषय पर चर्चा का में इंतजार कर रही थी।😊❤
ध्नयवाद आचार्य जी🙏 आप सभी पर्वों का केन्द्रिय अर्थ बताकर उस पर्व का महत्व और बढ़ा देते हैं।❤
आज प्रकृति को बचाना ही छठ पूजा के प्रति सच्ची श्रद्धा होगी। धन्यवाद,🙏
आचार्य जी सत् सत् नमन
मैं बहुत उत्सुक था छठ व्रत के विशेषता जानने के लिए और आज छठ पर्व के गुड़ मर्म समझ में आया।
इसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद।
❤❤
धन्यवाद आचार्य जी छठ पूजा के केंद्रीय मूल बताने के लिए🌅🌄🙏🙏
प्रकृति से रिश्ता भी बहुत ही अच्छा से समझा आया ❤
आचार्य जी से छठ पर्व या किसी भी पर्व के बारे मे ये जानने को मिला कि हम कोई भी त्यौहार तभी मौज के साथ सकते है जब हम प्रकृति के साथ मिल कर और उसे हानि पहुचाये बिना मनाये। 🙏🙏
अब तो इंतजार रहता है इस चैनल पर आचार्य जी के साथ अब किस विषय पर चर्चा होगी।
आपका बहुत धन्यवाद ज्ञानवर्धक चर्चा के लिए।❤❤
छठ पर्व का इतना सहज और स्वाभाविक विश्लेषण आचार्य जी के अलावा कोई और नहीं कर सकता। बहुत बहुत धन्यवाद अचार्य जी ❤❤
बहुत ही सुंदर मीमांसा की आचार्य जी ने
मुझे भी इसका अर्थ जानना था, अब मैं अच्छे से इस पर्व का मर्म समझ कर इसे मना सकती हूं।
आप सभी को छट पर्व की शुभकामनाएं ☀️☀️☀️
अतिसुंदर व्याख्या 🙏❤
छठ पुजा का वास्तविक अर्थ बताने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी 🙏🪔
बहुत अच्छा विश्लेषण , सभी व्रतधारियों को प्रकृति के पूजा को केंद्र में रखना चाहिए। तालाब में दीप जलाकर प्रदूषण से बचना जरूरी है
आचार्य जी-लाइट आफ द वर्ल्ड 🔥
धन्यवाद sir
काश इसी समझ की जिज्ञासा के साथ जीवन जीते हम सब ।
धन्यवाद राणा जी आपका आपने आचर्य जी के सामने इस प्रश्न को रखा सालो से छठ पर्व मनाते आ रहे थे आज इस पर्व की वास्तविकता समझ मे आई बहुत बहुत धन्यवाद आचर्य जी❤❤
ये बहुत सुंदर वीडियो है इसे मै हर जगह share करूंगा।❤
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य जी के वजह से प्रकृति के साथ संबंध समझने को मिला 💪🙏👍👍🙏
बहुत सरल तरीकों से समझाया गया और बहुत ज्यादा उपयोगी ❤❤
राणा जी धन्यवाद ये विषय आचार्य जी के सामने रखने के लिए, आचार्य जी द्वार कितना सटीक अर्थ बताया उन्होंने, धन्यवाद🙏
आचार्य जी ने अभिभूत कर दिया 😮😮
आभार हैं राणा जी और आचार्य जी इतनी सही जानकारी के लिए । इतना साफ बोध भरी जानकारी तो आचार्य प्रशांत सर दे सकते है ।❤ निस्वार्थ ❤❤ अद्भुत ❤❤
मैं छठ पूजा में 2 साल से शामिल हो रही हूं पर जिनका यह व्रत था उन्होंने बताया कि यह पूजा कामना पूर्ति के लिए की जाती है। पर आचार्य जी ने कुछ नया बताया अच्छा,सुंदर बताया।
इस युग मे लोग कामना पुरती के लिए ही व्रत रखते हैं, ईश्वर से एक सौदा होती है कि हम आपकी पूजा करते हैं, उपवास रख रहे ईसलिए आप भी हमें सुख समृद्धि से भर दें, हम चाहें कितना भी स्वास्थ्य नियमों की अवहेलना करें मुझे और मेरे परिवार को स्वस्थ रखें।
सब बकवास
@@D.K.naturopathक्या बकवास है
@@D.K.naturopathbhai, tu naturopath hoke aisa bol rha hai
Waah atiuttam... Chath mahaparv karne ke piche itna uttam uddeshya hai ye aaj pta chala. Chath mahaparv ka marmik arth prakriti ke prati naman hai ye aaj pta chala.
Sat sat naman accharya ji♥️🙏
मुझे छठ पूजा का इतना सटीक अर्थ, प्रकृति से संबंधित आपने अच्छे से बताया आचार्य जी❤
❤❤
धन्यवाद सर।
त्योहारों का वास्तविक अर्थ बताने के लिए।❤❤
ये चर्चा बहुत आवश्यक थी क्योंकि अब छठ पर्व भी फैशन और दूषण का शिकार होने लगा है।
अब इसमें पटाखे भी हैं, एक दूसरे को अपना जीता हुआ - अर्जित किया हुआ धन वैभव दिखाने की होड़ भी है, सिले हुए कपड़े भी हैं
ये पर्व या कोई भी पर्व तभी तक प्रासंगिक रहेगा जब इसे मूल रूप में मनाया जाता रहे ।
धन्यवाद आचार्य जी and India news.👍
Bina sile huye hi hote h kpde
Bht sunder explanation about chhath festival ❤ love you Acharya ji as usual.... thanks to you sir to inviting him for a wonderful session
छठ पर्व अहम से उत्पन्न होने वाली भिन्न्ता को मिटाने में मदद करता है। आचार्य जी को शत शत नमन🙏
अद्भुत महापर्व है छठ.... आचार्य जी ने जिस प्रकार से इसकी व्याख्या की वह भी अतुलनीय। मेरा मानना है कि पूरे देश मे इस त्योहार को मनाया जाना चाहिए.. ताकि हमारा देश इस प्रकृति पर्व की महत्ता को समझ सके और उसके संरक्षण के प्रति सजग हो सके ❤❤
आज आचार्य जी ने जो छठ पर्व की पवित्रता और वास्तविक अर्थ समझाया इसके लिए आचार्य जी को कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏आज हमे गर्व की अनुभूति हो रही है कि हम छठी मईया की पूजन करते हैं 🙏 जय छठी मईया 🙏
छठ पर्व का बहुत सुन्दर विवेचन ।❤
प्रणाम आचार्य जी!
छठ महापर्व का वास्तविक अर्थ, और उसमें निहित संदेश आज समझ में आया।
इतना सुंदर अर्थ छठ महापर्व का ❤🙏
iss news channel aur acharya prashant ji ko sat sat naman🙌👐🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
पर्व=जीव और जगत (प्रकृति) का सही सुंदर सहज स्वस्थ संबंध 🙏🌄🪔🪴
छठ पूजा को इतनी आसानी से सरल भाषा में हमें विस्तार से समझाए आचार्य जी ने और प्रकृति से ही हम हैं, उसी के अंश हैं ,हमें उसकी रक्षा करनी है, यही असली धर्म है ,असली पूजा है, धन्यवाद आचार्यजी🙏🙏
मैं तो सोच रही थी यह भी दूसरी पूजा की तरह रिचुअलिस्टिक है। इसलिए इस उत्सव के बारे में एक नेगेटिव भावना लेकर इसे अवॉयड कर रही थी। पर आचार्य जी का यह वीडियो ने मेरी आंख खोल दिया। मैं तो इस पर्व के प्यार में पड़ गई हूं। इतनी सुंदर पवित्र पर्व शायद और किसी देश में नहीं है। अज्ञानता के कारण मैं इसे त्याग कर रही थी। इस कोई शायद आचार्य जी गीता समझते समय कर्म सन्यास कहते हैं। जो कर्म सन्यास ज्ञान के बिना हानिकारक होता है। प्रणाम आचार्यजी। "वारी जाऊं मैं सतगुरुके, किया मेरा भरम सब दूर"।
आचार्य जी से प्रेरणा लेकर मैं पर्यावरण के प्रति काफी सजग रहता हूं ,,,,,
आचार्य जी निःशब्द हूं क्या तार्किक बात बताये हैं हम बिहार से है और आपके हर शब्द को अपने जीवन से और अपने महापर्व छठ से जोड़ पा रहा हूँ
छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं 🙏❤❤
पहली बार और देर से ही सही लेकिन आचार्य प्रशांत जी ने, छठ पूजा का असली अर्थ समझा है,, छठी मैया को अब से प्रकृति मां मानो और सभी, एस्को छठ पूजा को प्रकृति पूजा मानकर करो,, jay हो छठी मैया,,माँ प्रकृति की जय हो 🙏🙏🙏
आचार्य जी आप महान योद्धा हैं
आचार्य जी आप हमारे लिए वरदान हैं, आपको सुन पाना हमारे जीवन का सबसे उच्चतम , सबसे महत्वपूर्ण काम है
छठ पूजा पवित्रता प्रकृति और तो और समाजिक समानता का दर्शन देती है..❤ संसार को प्रकृति से जोड़ने वाली एकमात्र पर्व यही है जो पवित्रता से पूर्ण है पाखंड से दूर..
काश छठ पर्व का यह संदेश जो आपसे मिल रहा है सब कोई समझसके..!
कोटि कोटि धन्यवादआचार्य 🙏
अनुपम संदेश आचार्य जी 🪔🔥❤
अधिक से अधिक लोगों को इसे सुनने और खुद को बदलने की जरूरत है
अद्भुत प्राकृतिक शानदार विवेचना - प्रणाम आचार्य जी
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बहुत ही अद्भुत सन्देश 🙏
प्रकृति जो भी है वो भोगने के लिए नहीं है। ~आचार्य जी ❤
आज से पहले मैंने छठ पर्व के महत्व को इतनी गहराई से नहीं जाना था ।मैं सोचता था यह पूजा केवल बिहारी ही मनाते हैं मैं अब तक इसी गलत अवधारणा में जी रहा था। आचार्य जी को बहुत बहुत धन्यवाद!
बिल्कुल सही बात कही है आचार्य जी ने
धन्यवाद आचार्य जी और इंडिया न्यूज।
बहुत बहुत युद्धस्व इस वीडियो चैनल को ❤❤❤❤❤❤❤❤
Bhaw vibhor ho gya Chhath puja ki is mahanta ko jaan ke
As a Bihari i am proud of this festival 🎉
Mai bhi pichhle saal acharya Prashant about chhath puja search karta tha but video nhi aayi thi ab acharya ji ko is mudde pe sunkar ek wisdom mila hai
कितना निर्मल है छठ पूजा सूर्य षष्ठी व्रत हमारे पूर्वजों ने हमें दिया और हम अपने आने वाले नस्लें को देंगे ताकि हम हमेशा प्रकृति से जुड़े रहे, बिहार आज भी छठ पूजा के रूप में प्रकृति को बचाने का नेतृत्व कर रहा है
नमस्ते आचार्यजी। बहुत आभार आपका हमे सही तरीके से समझाने के लिए। प्रणाम।
Matlab kuch kah nhi sakte! Ki aap kaise explain karte hai itna badhiya❤
सच में ये परब वैदिक है। क्योंकि इस परब में किसी पंडित पुरोहित की जरूरत नही 😅 साफ साफ हम समझ सकते हैं वैदिक टाइम पर धर्म का बिज़नेस नही होता था। सनातन सत्य है।हमे बिहारी होने में गर्व है 😢ये पर्व हमारे लिए एक emotion है। कॉमेंट करते टाइम आज के दिन छठ पर्व का लास्ट दिन था 😢 ईस लिए वीडियो देखने का टाइम मिल पाया । चार दिनों से दिन तालाब के घाट की सफाई। पूजा रात में जगे रहना बहुत सारे rituals थे।।। रियली 😢 it's amazing 😍 last few days। spritual, environment, प्यूरिटी respect, comunity 🎉,and Sun puja
छठ पर्व के महत्त्व को बिलकुल सटीक एवं स्पष्टता से समझाया आचार्य जी ने!
छठ पर आपने जितनी जलन समस्या को उठाया है उसके लिए कोटि कोटि नमन
पर्व तभी मनाया जा सकता है जब प्रकृति स्वस्थ्य रहे। आचार्य🙏🙏🙏
Sare thirthdham aap ke charno me hey guru dev pranam aap ke charno me ❤❤ love you so much acharya ji ❤❤❤❤❤❤❤❤
श्री जी पूर्ण रूप से सत्य बोल रहे है क्योंकि आज मैने छठ घाट गए थे और वहां मैने देखा कि ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जो एक दूसरे के सहयोग से, एकता में होकर।। यह भूलकर की हम किस जाति, धर्म, संपदा से है यह सब भुलकर एक दूसरे के साथ बैठकर छठी मां को अर्ध देते है।
बहुत सुंदर तरीके से समझाया है आचार्य जी ने..❤❤
आचार्य जी! आपकी क्लास में हर बार कुछ नया सीखने को मिलता है।
जितने प्रेम से और सरल भाषा में आपने छठ पूजा से जुड़े प्रतीकों के अर्थ समझाए हैं, उसके कारण पर्व से जुड़ाव और बढ़ गया है।
छठ पूजा पर बाहर बाहर सफाई को लेकर तो हम खूब सजग रहते थे लेकिन भीतर भी सफाई होनी चाहिए इसपर कभी ध्यान ही नहीं गया।
अगर आप ना बताते तो कभी पता भी नहीं चलता कि सही तरीके से मनाएं तो हमारे पर्व कैसे हमें प्रकृति के और करीब ले आते हैं।
Celebrating chhath puja since my childhood but today understanding the true essence of this festival with a great perspective. Thank you Acharya Prashant 🙏🏻❤❤
रात के 12 बजे हैं जब मैं आचार्य जी की बात सुन रहा हूं। आचार्य जी ने हरेक पर्व के बारे में हमें समझाया है लेकिन छठ पूजा के बारे में इतना गहनता से अपनी बात रखी है इन्होंने की मन गदगद और निराश भी हुआ। गदगद इसलिए कि ये पर्व हम बिहारी मनाते हैं और प्रकृति के इतने समीप जाते हैं परन्तु दुख इस बात का है कि ये प्रकृति प्रेम हम हमेशा नहीं दिखाते।
आचार्य जी जो हर पर्व में त्रुटि निकालते है जो कि सही भी हैं लेकिन लोकास्था का इस महापर्व के बारे में इन्होंने सिर्फ़ प्रशंसा भी की है।
हर पॉडकास्ट मे सिखने को मिल रहा है बहुत बहुत धन्यवाद
बहुत बहुत धन्यवाद आचार्य प्रशांत जी आपकी चरणों में कोटि कोटि प्रणाम 🙏❤️🕉️🚩