What Is Panch Kosh ? पंचकोश क्या है ? Types of Panch Kosh। पंच कोष के प्रकार। Koshas Of Existence |
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- เผยแพร่เมื่อ 24 พ.ย. 2020
- important topics -
1. panch kosh
2. What is panch kosh
3. Panch kosh kya hai
4. Type of panch kosh
5 Panch kosh k prakar
6 Anandmay kosh
7. Pranamay kosh
8. Manomay kosh
9. Vigyanmay kosh
10. Annamay kosh
11. Kosh kya hai
12. Panch kosh aur uske prakar
13. Panch kosh and its types
14. पंच कोशः
Vimal vani
Vivekanand vimal
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ये 5 कोशः या परत है -
1 अन्नयमय कोशः जिसे हम अंग्रेजी में physical body कह सकते हैं।
दूसरा प्राणमय कोशःया etheric body
तीसरा मनोमयः कोश या astral body
चौथा विज्ञानमय कोश या mental body
और पांचवा आनंदमय कोश या causal bodyH
चलिए दोस्तों अब मैं एक-एक कर इन पांचों कोशो का विश्लेषण करता हूं और आप को समझाने की कोशिश समझाने की कोशिश करता हूं कि वास्तव में यह कोष क्या है
1। अन्नमय कोश
दोस्तों अन्नमय का अर्थ होता है अन्न से युक्त। यानी जो कुछ भी इस संसार मे भोजन से युक्त है। वह अन्न मय कोशः का ही हिस्सा है। जैसे हमारा शरीर भी भोजन से ही बना है तो यह अन्नयमय कोश का ही हिस्सा है। भोजन इस प्रकृति के स्थूल जगत का एक हिस्सा है इसलिए यह सम्पूर्ण स्थूल जगत, ग्रह-नक्षत्र, तारे और हमारी यह पृथ्वी भी अन्नयमय है। ययानी जिसे भी हम खुली आँखों से देख सकते हैं, वह सब अन्नयमय कोशः के अंतर्गत आता है।
दोस्तों, यह प्रथम कोश है जहाँ आत्मा एक शरीर रूपी चोला पहन कर स्वयं को अभिव्यक्त करती है।
और हम माया और अज्ञान में फंस कर शरीर को ही सबकुछ मान लेते हैं, जबकि यह तो केवल भोजन का एक संग्रह या ढेर है, जिसे हमने खाना खा कर तैयार किया है। यह आत्मा की वह परत है जिसे हम नंगी आँखों से देख सकते हैं। इससे अंदर के कोषों को हम नंगी आंखों से नहीं देख सकते। जो आत्मा इस शरीर को ही सब कुछ मानकर भोग-विलास में निरंतर रहती है वही तमोगुणी कहलाती है। इसलिए दोस्तों इस स्थूल शरीर या आत्मा के बाहरी परत से बढ़कर भी कुछ है, जिसे हम नहीं समझ पाते। वह है -
प्राणमय कोश - यानी पंच कोषों में दूसरा
दोस्तों इसे हम एक प्रकार का 'चार्जर' कह सकते हैं जिसके द्वारा अन्नमय कोश की आंतरिक क्षमताओं में शक्ति व्यय होते रहने पर उन्हें खोखला नहीं होने देती। बल्कि बैटरी को डिस्चार्ज होने के पूर्व ही उसे चार्ज कर देती है।
दोस्तों , प्राणतत्व को चेतन ऊर्जा यानी लाइफ एनर्जी कहा गया है। ताप, प्रकाश, चुम्बकत्व, विद्यत शब्द आदि ऊर्जा के अलग अलग रूप हैं।
इस विश्वब्रह्माण्ड में मैटर यानी पदार्थ की तरह ही सचेतन प्राण ऊर्जा भी भरी पड़ी है। साँसों के द्वारा इसी शक्ति का प्राणाकर्षण करके हम उसे प्राप्त करते हैं। प्राणायाम की विभिन्न प्रक्रियों के द्वारा हम अधिक मात्रा में प्राणों का अवशोषण कर सकते हैं।
चेहरे पर चमक, आँखों में तेज, मन में उमंग, स्वभाव में साहस एवं प्रवृत्तियों में पराक्रम इसी विद्युत्प्रवाह का उपयुक्त मात्रा में होना है। इसे ही प्रतिभा अथवा तेजस् कहते हैं।
स्वास लेने से हमारे अन्नमय कोश से जो स्पंदन बाहर की तरफ़ जाता है उससे हमारे चारों तरफ़ तरंगों का एक क्रम बन जाता है, यही हमारा प्राणमय कोश होता है, शरीर के इर्दगिर्द फैला हुआ यह विद्युत् प्रकाश तेजोवलय कहलाता है। जो नंगी आंखों से तो नहीं देखा जा सकता लेकिन आधुनिक विज्ञान के कुछ तकनीकों से जरिये इसे देखा जा सकता है। विज्ञान की भाषा मे इसे aura भी कहा जाता है। मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ मनुष्य पूर्ण साँस लेता है जिससे उसका प्राणमय कोश उत्तम अवस्था में रहता है साथ ही प्राणायम के सतत प्रयोग से प्राणमय कोश को स्वस्थ रखा जा सकता है।
3. मनोमय कोश
दोस्तों हमारे अस्तित्व में अन्न और प्राण के अलावा जो तीसरी चीज है वह है मन । मन के अंदर ही हमारी सारी कल्पनाऐं, विचारणाऐं, इच्छाएँ, आदि उत्पन्न होती है। मनोमय कोश पूरी विचारसत्ता का क्षेत्र है। इसमें मन के तीन रूपों चेतन यानी conscious, अचेतन यानी sub conscious एवं उच्च चेतन यानी super conscious तीनों ही परतों का समावेश है। इसमें मन, बुद्धि और चित्त तीनों का संगम है। मन कल्पना करता है। बुद्धि विवेचना करती और निर्णय पर पहुँचाती है। चित्त में अभ्यास के आधार पर वे आदतें बनती हैं, जिन्हें संस्कार भी कहा जाता है। इन तीनों का मिला हुआ स्वरूप ही मनोमय कोश है।
4. विज्ञानमय कोश
दोस्तों विज्ञानमय कोश को समझ पाना इतना आसान नहीं। यह अन्तर्ज्ञान या सहज ज्ञान से बना है। आम मनुष्य को इसका बहुत कम आभास होता है। जब हम मन से पार हो जाते तभी वास्तव में हम अंतर्ज्ञान या वास्तविक ज्ञान को महसूस कर पाते हैं।इसलिए इसका अनुभव महान योगी जन ही वास्तविक तौर पर कर पाते हैं। जो मनुष्य पूरी समग्रता से समझ बूझ कर विज्ञानमय कोश का उचित ढंग से इस्तेमाल करता है और असत्य, भ्रम, मोह, आसक्ति आदि से पूरी तरह दूर रहकर हमेशा ध्यान आदि योगक्रियाओं का अभ्यास किया करता है, उसको उचित-अनुचित का निर्णय करने वाली विवेक युक्त बुद्धि अर्थात अंतर्ज्ञान बड़ी आसानी से प्राप्त हो जाती है। यही वह शक्ति है जिससे योगी जन भूत भविष्य वर्तमान को देख पाते हैं, या वो ज्ञानी बन पाते हैं।
आनंदमयः कोश
दोस्तों पूर्वके चारों शरीर की बाधा से जब आत्मा मुक्त होती है तो अंततः वह वहां पहुचती है जहां केवल आनंद रह जाता है। इसके अतिरिक्त कुछ भी नही। हमारे प्राचीन मनीषियों ने इस कोश को हृदयाकाश , कारण शरीर , आदि नामों से भी पुकारा है ।
बहुत ही ज्ञानवर्द्धक है ।
यह हे इच्छा लगे और ज्ञान भी मिला. मै आपकी आभारी हू.
Very very useful and knowledge full
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Bahut badhiya gyan diya aapne guruji🙏🙏🙏
Bahut hi sundar n simple tarikey sey achchhe se clear kiya is kathin vishay ko.
Dhnywd.
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Very very clearly explained....feel so grateful to u....
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Good video sir keep it up🔥👍
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Bht useful vedio h...thanku so much
Thank you so much sir ji 🙏
अच्छी है
वाह बहुत ही कमाल की जानकारी रखते हैं महान जानकारी है आपके पास
मैं अपने जीवन में बहुत परेशान रहा हूं बचपन से ही परेशानियां झेल रहा हूं
गरीबी बचपन से ही देखता रहा हूं सामाजिक स्तर पर भी परेशानियां झेल रहा हूं। सही संबंधी के तरफ से भी अच्छे रिजल्ट नहीं है।
इसी परेशानियों के बीच मैंने बहुत कुछ ढूंढा है और इसी ढूंढने में मुझे भी पर्सनली मिला है और मैंने 10:00 10 दिन का कोर्स तीन बार किया है फिर मैंने योगानंद का झोपड़ा तथा क्रिया योग में भी दीक्षा लिया तो बहुत दिनों तक प्रैक्टिस किया फिर भी जीवन में कोई परिवर्तन नहीं हो रहा है बहुत ही तरह का साधना वगैरह भी करने का प्रयास किया जीवन में कोई बदलाव नहीं हो रहा है अभी इस लॉकडाउन में मेरी नौकरी भी चला गया है तथा मैं बहुत ही बुरी अवस्था में गुजर रहा हूं।
आप मुझे अगर आप मुझे कुछ रास्ता दिखा सकते हैं तो हमें रास्ता दिखाएं धन्यवाद
हो सकता है यह सब आपके पूर्व जन्म का प्रारब्ध हो.... थोड़ा वक्त दीजिए ... ईश्वर और गुरुदेव पर विश्वास बनाये रखिये, धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा
Aanand.aa.gaya
Very nice 👍
Ji sir ji
Thank you for
Bhaut sunder Vidieo ati sunder
विडिओ बहोत अच्छी लगी
Gaagar me sagar bhar diya apne
Very nice kgshah
Mind blowing sir,or video banaye please
Ati uttam gyan 🙏🙏
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Bahut hi gyanvardhak
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Sir👏 very nice video
बहुत सुंदर 🎉
Nice presentation and content Sir.
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Thank you sadguru 🙏
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धन्यवाद आपका 🙏🙏
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Zuperb
Nice ❤️
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Mangal Bhawan Amangal Hari Dravahi Su Guruvar Om Tripurari Om Namah Shivay Uvach
Om namesh shiva
Awesome Bhai
शूक्रिया जी 😊🙏
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Jay siy rsm
Hare Krishna
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Jald hi dusre channel pr aayega bhai.. 2-3 dino me
Thank you soo much sir you explained in a very easy way i m watching for my b.ed exam as per our syllabus..... thanks a lot ❤🙏
I love you sanjay
Good morning ji plz derisory
अन्नमय कोष
मनोमय कोष
प्राणमय कोष
विज्ञानमय कोष
आनंदमय कोष
Swami Vivekananda Vimal Ek Aap Ki Kripa Se Tan Man Dhan Har Pal Rahe Ujjaval DuniyWalo Ek Aaj Ke Din Se Kar Lo Sachchi Yari Kyuki Kabhi Bhi Nahi Aata Hai Kal Jidhar Bhi Ye Najar Jaye Hoga Tera Mangal Hi Mangal
Send more details thanks
Ji sir ji
Nice
Ji sir ji