आदरणीय श्रीमान जी सप्रेम सादर नमन साहब जी। मानवीय शरीर की आन्तरिक संरचना जैसे स्थूल,सुक्ष्म,कारण, महाकारण, केवल्य शरीर, मानव दे में मूलाधार चक्र , स्वादिष्ठान चक्र, मणिपूरक चक्र, अनाहत चक्र,कंठ चक्र, आज्ञा चक्र,सहस्त्र कमल चक्र, मानवदेह में ये पांच कोष तीन गुण,पांच तत्व, इनकी पच्चीस प्रकृतियां ये सभी माया का मायावी प्रदर्शन है और इनसे संबंधित साधनाएं करके, सिध्दि और चमत्कारी साधन प्राप्त करके साधक स्वयं को और अन्य को भ्रमित करने में सफल हो सकता है परन्तु आवागमन मे लहते हुए भवसागर से नही छूट सकता। अब विशेष प्रश्न यह है कि इन मायावी शरीरों को, पांच तत्वों, पच्चीस प्रकृतियों , चक्रों, कोषों को अर्थात इस मायावी शरीर को छोडकर यह जीव / आत्मा कहां जायेगा/जायेगी? यदि यह पता नही चल पाया तब इस आत्मा को मानव देह की प्राप्ति का सुअवसर व्यर्थ चला जाए गा।इस से भी विशेष प्रश्न यह है कि किसी भी शरीर में जीव/आत्मा कहां से आता है/आती है? क्या जीव /आत्मा का इन शरीरों में आना जाना कभी समाप्त हो सकता है?आपने अपने इस विडियो में यह कहा है कि कारण शरीर में आप आत्मा को जान सकते है । क्या मानव शरीर (स्त्री पुरुष के शरीर) में कोई जीव/आत्मा के अतिरिक्त ऐसी कोई अन्य चेतन सत्ता भी है जो आत्मा को जानेगी?जब कि मानव शरीर में रहने वाली आत्मा ही स्वयं को और अपने स्वयं से अन्यको जानने वाली है तब इस मानव शरीर में आत्मा को जानने वाला कौन है? कृपया ये सभी बाते स्पष्ट करने की कृपा करे। तब आपके द्वारा किया गया शरीरों का वर्णन करना सफल हो सकता है अन्यथा यह सब बाते लिखा-पढ़ी की सुनी सुनाई बाते है मायवी झूठी जानकारी है इस झूठी जानकारी से कोई लाभ न होगा।सप्रेम सादर नमन।
आत्मबोध आत्म ज्ञान न हो तो कारण शरीर से सुक्ष्म शरीर और सुक्ष्म शरीर से स्थूल शरीर बनता है। नया जन्म में फिर से कारण शरीर में नया नया संस्कार इकट्ठा होता रहता है। आत्म विघटन होता है आत्मा का ज्ञान होता है तो इंसान अपने पुराने धारणाओं से बाहर निकल आता है इंसान आत्मा में रहने लगता है तो उसका कारण शरीर समाप्त हो जाता है क्योंकि आत्मा अविकारी अक्रियाशील है।
Agar hum pure din mai shakshi bhav vicharo ko bss dekhe jitna pure din ho paye Or subah saanso p dhyan de Or raat ko sone se pehle hridya pr dhyan de to kya ye glt tarika hoga Hume kisi ek pr hi dhyan dena chhaiye? Hridya p dhyan asaani se lg jata hai Saanso p abhi shuru kia hai saans ka bahar niklna pta lgta hai bs abhi shurvati din hai 2 din hue hai kya aisa hi sbke sath hota shuru mai?
आप न जाने क्या क्या बोले जा रहे हैं।सीधी बात है कि स्थल शरीर तो सभी जानते हैं और सूक्ष्म शरीर में मन,बुद्धि,चित्त,अहंकार ही होता है। कारण शरीर एक दार्शनिक अंदाज हे जिसे आप सही से नहीं बता पाए यद्यपि में भी नहीं बता सकता।
नमः शिवाय कोटि कोटि कोटि धन्यवाद जय गुरुदेव जय गुरुदेव जय गुरुदेव दत्तात्रेय
Jii8
आदरणीय श्रीमान जी सप्रेम सादर नमन साहब जी। मानवीय शरीर की आन्तरिक संरचना जैसे स्थूल,सुक्ष्म,कारण, महाकारण, केवल्य शरीर, मानव दे में मूलाधार चक्र , स्वादिष्ठान चक्र, मणिपूरक चक्र, अनाहत चक्र,कंठ चक्र, आज्ञा चक्र,सहस्त्र कमल चक्र, मानवदेह में ये पांच कोष तीन गुण,पांच तत्व, इनकी पच्चीस प्रकृतियां ये सभी माया का मायावी प्रदर्शन है और इनसे संबंधित साधनाएं करके, सिध्दि और चमत्कारी साधन प्राप्त करके साधक स्वयं को और अन्य को भ्रमित करने में सफल हो सकता है परन्तु आवागमन मे लहते हुए भवसागर से नही छूट सकता। अब विशेष प्रश्न यह है कि इन मायावी शरीरों को, पांच तत्वों, पच्चीस प्रकृतियों ,
चक्रों, कोषों को अर्थात इस मायावी शरीर को छोडकर यह जीव / आत्मा कहां जायेगा/जायेगी? यदि यह पता नही चल पाया तब इस आत्मा को मानव देह की प्राप्ति का सुअवसर व्यर्थ चला जाए गा।इस से भी विशेष प्रश्न यह है कि किसी भी शरीर में जीव/आत्मा कहां से आता है/आती है? क्या जीव /आत्मा का इन शरीरों में आना जाना कभी समाप्त हो सकता है?आपने अपने इस विडियो में यह कहा है कि कारण शरीर में आप आत्मा को जान सकते है । क्या मानव शरीर (स्त्री पुरुष के शरीर) में कोई जीव/आत्मा के अतिरिक्त ऐसी कोई अन्य चेतन सत्ता भी है जो आत्मा को जानेगी?जब कि मानव शरीर में रहने वाली आत्मा ही स्वयं को और अपने स्वयं से अन्यको जानने वाली है तब इस मानव शरीर में आत्मा को जानने वाला कौन है? कृपया ये सभी बाते स्पष्ट करने की कृपा करे। तब आपके द्वारा किया गया शरीरों का वर्णन करना सफल हो सकता है अन्यथा यह सब बाते लिखा-पढ़ी की सुनी सुनाई बाते है मायवी झूठी जानकारी है इस झूठी जानकारी से कोई लाभ न होगा।सप्रेम सादर नमन।
बहुत ही अच्छी वीडियो गुरु जी ॐ नमः शिवाय 🕉️
बहुत अच्छे से explain किया हैं आपने ! नमस्ते...जय श्रीराम..आर्य सनातन हिंदू धर्म की सदा ही जय हो..🕉️🔱🚩
आत्मबोध आत्म ज्ञान न हो तो कारण शरीर से सुक्ष्म शरीर और सुक्ष्म शरीर से स्थूल शरीर बनता है। नया जन्म में फिर से कारण शरीर में नया नया संस्कार इकट्ठा होता रहता है। आत्म विघटन होता है आत्मा का ज्ञान होता है तो इंसान अपने पुराने धारणाओं से बाहर निकल आता है इंसान आत्मा में रहने लगता है तो उसका कारण शरीर समाप्त हो जाता है क्योंकि आत्मा अविकारी अक्रियाशील है।
गागर में सागर समलित कर दिया। धन्यवाद जी।
Thanks for sharing
Aapki Jankari bahut Hi Labh Siddh hai aur mujhe isase bahut margdarshan Mila dhanyvad divine power❤🎉😊😊
Radhe Radhe krishna 🙏🙏
Bahut sundar se samjhaye h
Great information. Thank you for this amazing video..
Aapne bahut hi simple tarike se Samjhaya hai... Thanks
सही जानकारी
ॐ श्री परमात्मने नमः
पूर्ण परमात्मा कबीर साहिबभगवान हैं उनकी जय हो
Radhe Radhe GurujiPranamApne aap ko janne ka shortcut tarika
Thnx for brillant infirmation and useful guidenss ❤
What is soul.
Thankyou for this knowledge.
🕉।ॐ नमः शिवाय।🕉
Jai Sachidanand
मतलब सत्.चित आनंद
Jay Shree Krishana 🙏🏽🙏🏽🙏🏽
कबीर :=गुरु बडे गोबिन्द से ,मन्मे देख बिचार ।। हरी सुमरे सो ,वार है ,गुरु सुमेरे वो पार ।।
जय गुरुदेव जी
राधा स्वामी जी
Wah ,wah,..nice performance
जगतगुरू संत रामपाल जी महाराज की जय हो
Thanks 🙏
Radha Radha Radha
Thanks sir ji
प्रणाम गुरु जी 🙏🙏🙏
very informative video.
Nice information ❤
Jay ho sir ji
Made more video on these topics.
Om namah shivaay
Jai shree nath ji maharaj ki
Waah,🙏😊
Pranam sir🙏
प्रणाम
EXECCELENT SIR
Excellent descriptions of three bodies. Well explained. God bless you
Nice dear
Om❤sairam❤sai❤sai❤sai❤
❤nice v
જય ગુરુદેવ
Om namah shivaya
🙏🙏
प्रणाम गुरुजी, गुरुजी ये नाडिया कियू नहीं देखा जा सकता और मशीन से तो detecte किया जा सेकता । मेरी संका कृपेया दूर कीजिए🙏🙏
4th one is mahakaran sharir.(Atma)
स्थल शरीर सुक्षम शरीर कारण शरीर
Agar hum pure din mai shakshi bhav vicharo ko bss dekhe jitna pure din ho paye
Or subah saanso p dhyan de
Or raat ko sone se pehle hridya pr dhyan de to kya ye glt tarika hoga
Hume kisi ek pr hi dhyan dena chhaiye?
Hridya p dhyan asaani se lg jata hai
Saanso p abhi shuru kia hai saans ka bahar niklna pta lgta hai bs abhi shurvati din hai 2 din hue hai kya aisa hi sbke sath hota shuru mai?
Om om om om
🙏🙏🙏🙏🙏
Suksam😮sarir😮kitne😮tatwon❤ka😂bana😢h❤or😂kaaran😅kitne😢tatwon😅ka😢bhin😅bhin😅samjhao😅inko😅😂yes😂😢😮😅
Insaan ke andar kya chal raha hai ye bhi dekh or sunn sakte hai siddhiyo se....
आप न जाने क्या क्या बोले जा रहे हैं।सीधी बात है कि स्थल शरीर तो सभी जानते हैं और सूक्ष्म शरीर में मन,बुद्धि,चित्त,अहंकार ही होता है।
कारण शरीर एक दार्शनिक अंदाज हे जिसे आप सही से नहीं बता पाए यद्यपि में भी नहीं बता सकता।
सूक्ष्म शरीर को जागृत करना पड़ता है मतलब मतलब स्थूल शरीर से बाहर निकालना पड़ता है तब उसकी जानकारी मिलती है
I am the real Yogi
no one can be complete yogi
Suahani shah to mentalism janti h
Sariro ka gyan adhura... Aapki jankari puri nhi. Ath adha adhoora gyan khatarnak hota aur bekar hota hai....