बहुत सारा धन्यवाद आचार्य जी 🙏 आपने सब कुछ बिलकुल स्पष्ट बताया कोई इसे मना नहीं कर सकता है की यह गलत बोला है सब कुछ सत्य बात हमारी किस्मत सचमे बहुत अच्छी है हमें हमारे आचार्य जी ने आर्य समाज से मिला दिया नहीं तो हम भी अपना पूरा दिमाग़ जो भगवान ने दिया है उसका उपयोग ही करते और आप व्याख्यान सुनने को मिल गया बहुत अच्छा लग रहा है अब हमें कोई भटका नहीं सकता आसानी से |
आचार्य जी आप लोक जागरण का काम उठाकर आप सच्ची भारतीय और सनातनी का मतलब लोगों को बता दिया। आज गिरते हुए समाज में लोगों की कमजोर और मरियल मानसिकता से भारत का अध्यात्म ही बचा सकता है। अर्थात् वैदिक ज्ञान।
हमारा मत है , एक पुस्तक ,एक मत एक संगठन जैसे की आर्य समाज संगठन हो, और सब निकम्मा हिंदू संगठन भाग्य बादी और भक्तिबादी है , ओह जोर देते है , अंतरिक भक्ति में , जिससे भारत देश खंड खंड होकर छोटे से छोटे होकर रह गया और निर्बल, भेरी जैसे का पुरूष बन गई। कोई आवाज नहीं दुष्ट , दूषित, विचार और कार्य के विरोध , संगठन है तो अलग अलग इस अलगता ही जढ बन गया की कोहि से आवाज नही उठता। इसलिए जरूरी है , सब गुरुबादी अलग अलग संगठन बंद होकर एक आर्य समाज जैसे संगठन बने, एक विचार बने
आचार्य जी नमस्ते, मैं समझता हूं कि किसी भी धार्मिक मानव को स्वयं धार्मिक बनने हेतु और अन्यों को धार्मिक बनाने हेतु मैत्री,करुणा,मुदतो और उपेक्षा इन चार सम्बन्धों पर ईमानदारी से आचरण करना पड़ेगा। धार्मिक मानव को धर्म मार्ग के सहयोगियों से मैत्री,धर्म मार्ग पर किसी भी कारण से चलने में अशक्त पर करुणा,धर्म मार्ग पर चलने में अशक्त मानवों को शक्त बनाने हेतु शक्ति देने वाले से मुदिता और ऐसे मानवों से भिन्न अन्य सभी मानवों से उपेक्षा करनी हि होगी और इसके लिए साम,दाम,दण्ड और भेद यह चार कार्य अनवरत करने होवेंगे अन्यथा आर्यों की संख्या वृद्धि नहीं हो पाएगी ।
Sanitation Hindu adopted Varan system hence Dalit or Shudra is 25 percent while 75 percent are Savarn means Bradman and Kshetriya and Vaishya and It is also correct that India is becoming NIKAMA because 75 percent Savarn here and fully responsible for this situation
bhai varn toh apne karm se bante hai koi janm se nhi hota hai janm se na veh sudra hota hai kyoki sabko apna varn chunne ki azaadi hoti hai yogyata ke anushaar abhi aap jaane or angrego ne vibhajan ke time st sc obc kardiya tha sab baki sab koi brahman chatriye jo chahe ban sakta hai
sabse pahle to ham hinduon mein Ekta nahin hai Sabse vinash ka Karan to yah hai aur rahe sant do sant kahta main bada hun aapke to main bada hun vah kahta hai main theek hun aapke to main theek hun yah jab tak vichardhara ki ladai rahegi kabhi bhi Hindu Sukh chain se nahin rahega jativad khatm karo sab aapas mein Bhai Bhai Hain tabhi Desh tarkki Karega aur Desh badhega
दयानंद के पास चिट्ठी आई थी क्या कि बिते हुए 7000 बर्ष पहले कोई गलत काम नहीं हुआ अथवा बिते हुए 453 चतुर्युगी में नहीं गलत काम हुए होंगे। बंहस उतना ही करना चाहिए जितना चल सके गप्पे हांकना आर्य का लक्षण नहीं है।
ओम का झंडा ऊंचा रहे 🚩🚩
वेद की ज्योति जलती रहे 🔥🔥🔥🔥
Jai arya 🎠🎠🎠🎠
सत्यवचन
Acharya ji Namaste. Bahut Sundar pravachan suna. DHANYAVAD.
ओउम् नमस्ते जी
अत्यंत ज्ञानवर्धक,तर्क एवम् सत्य जानकारी का एकमात्र मंच आर्य समाज ही है।
बहुत सारा धन्यवाद आचार्य जी 🙏 आपने सब कुछ बिलकुल स्पष्ट बताया कोई इसे मना नहीं कर सकता है की यह गलत बोला है सब कुछ सत्य बात हमारी किस्मत सचमे बहुत अच्छी है हमें हमारे आचार्य जी ने आर्य समाज से मिला दिया नहीं तो हम भी अपना पूरा दिमाग़ जो भगवान ने दिया है उसका उपयोग ही करते और आप व्याख्यान सुनने को मिल गया बहुत अच्छा लग रहा है अब हमें कोई भटका नहीं सकता आसानी से |
आचार्य जी को सादर नमस्ते 🙏🙏
नमस्ते आचार्य जी अति सुंदर ज्ञान बहुत बढ़िया देश को दिशा बदलने में बहुत आवश्यकता है
बहुत-बहुत धन्यवाद आचार्य जी।🙏🙏
ऐसा ज्ञान देने के लिए कोटी कोटी धन्यवाद धन्यवाद,
आचार्य श्री जी का उद्बोधन सर्वोचित सत्य है, कर्मशील अत्यधिक कम हैं कर्महीन अधिक हैं
आचार्य प्रशांत भी आज यही लोक जागरण में जिवन समर्पित किये हैं। आज वेद के सच्चे और सही अर्थ की जरुरत है भारत को
🙏
Bahut sacchi bat
गजब का ज्ञान है
🚩वेद का प्रचार तीव्र गति से हो। जय भारत 🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
Very nice ,om shanti
ओउम नमस्ते आचार्य जी
सादर अभिवादन सादुवाद
सकल पदार्थ हैं जगमाही, कर्महीन नर पावत नाही।
Aice katha life fast sunrahihu guru ji 🙏🙏🙏🙏🚩
Om. Aacharya ji. Namaste. Very good pravachan
🙏🙏
Bahut sundar aapke vichar Jan Jan Tak pahuchna chaiye
Namesathay
नमस्ते
परम उच्च स्तरीय सनातन सुरक्षा-शान्ति-खुशहाली सम्पन्न जीवन सनातन धर्म की पहचान-प्रमाण-परिणाम है
❤
Wah aachary ji wah
Sadar Namaste 🙏🚩
आचार्य जी आप लोक जागरण का काम उठाकर आप सच्ची भारतीय और सनातनी का मतलब लोगों को बता दिया। आज गिरते हुए समाज में लोगों की कमजोर और मरियल मानसिकता से भारत का अध्यात्म ही बचा सकता है। अर्थात् वैदिक ज्ञान।
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हमारा मत है , एक पुस्तक ,एक मत एक संगठन जैसे की आर्य समाज संगठन हो, और सब निकम्मा हिंदू संगठन भाग्य बादी और भक्तिबादी है , ओह जोर देते है , अंतरिक भक्ति में , जिससे भारत देश खंड खंड होकर छोटे से छोटे होकर रह गया और निर्बल, भेरी जैसे का पुरूष बन गई। कोई आवाज नहीं दुष्ट , दूषित, विचार और कार्य के विरोध , संगठन है तो अलग अलग इस अलगता ही जढ बन गया की कोहि से आवाज नही उठता। इसलिए जरूरी है , सब गुरुबादी अलग अलग संगठन बंद होकर एक आर्य समाज जैसे संगठन बने, एक विचार बने
नमस्ते जी🙏🙏
सादर नमस्ते जी ✅💥🔥🚩🌺🙏🏼
बहुत सुंदर,,
नमस्ते आचार्य श्रेष्ठ जी
नमस्ते आचार्य🙏
Very Nice 👍👍👍👍 Ramchand Goyal Ballabgarh
आचार्य जी को नमस्ते
Aadarniy Aacharya Ji ko कोटि-कोटि pranam ATI Sundar pravachan Om Om
प्रणाम वेदाचार्य 🙏
atisundar wah .. sab kuch spast hota jata hai
Aacharya jee namaste. Aapake samjhane ka tarika bahut achha hai.
🌷🙏🙏🌷
आचार्य जी नमस्ते, मैं समझता हूं कि किसी भी धार्मिक मानव को स्वयं धार्मिक बनने हेतु और अन्यों को धार्मिक बनाने हेतु मैत्री,करुणा,मुदतो और उपेक्षा इन चार सम्बन्धों पर ईमानदारी से आचरण करना पड़ेगा। धार्मिक मानव को धर्म मार्ग के सहयोगियों से मैत्री,धर्म मार्ग पर किसी भी कारण से चलने में अशक्त पर करुणा,धर्म मार्ग पर चलने में अशक्त मानवों को शक्त बनाने हेतु शक्ति देने वाले से मुदिता और ऐसे मानवों से भिन्न अन्य सभी मानवों से उपेक्षा करनी हि होगी और इसके लिए साम,दाम,दण्ड और भेद यह चार कार्य अनवरत करने होवेंगे अन्यथा आर्यों की संख्या वृद्धि नहीं हो पाएगी ।
सतगुरु नानक परगटिया,मिटि धुंध जग चानण होया!उसके बाद आये ऋषि दयानंद सरस्वती उन्होंने फिर से वेदो के प्रकाश को पुन: प्रकाशित किया!🙏
विचार उत्तम होते हैं तो सम्मान पाता है आदमी
और विचार गंदे व गिरते तो उपर उठ जाता है आदमी
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ll ओ३म ll नमस्ते आचार्य जी । धन्यवाद ।
👌👌🙏🙏🌹🌹🚩🚩🚩💥
ओ३म नमस्ते जी
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩🚩🚩🚩🚩
आचार्य जी थोडा new world ऑर्डर के baare मे भी बताये
अब आचार्य ये बताओ मंहगाई से केसै लढै पानी अच्छी सड़क रहने को पक्का मकान कैसे मिल जाऐंगे
Desh kabhi bhi NIKKME NAHI ho sakta manyavar yadhapi Bharat ke log NIKKME HE aur hote jaa rahe he
T.c.p.
मेहनत तो सभी करते हैं चाहे वह किसी भी मान्यता वाला व्यक्ति हो
आर्य समाज शिवलिंग पूजा के पाखण्ड पर क्यों नहीं बोलता !!!
Sanitation Hindu adopted Varan system hence Dalit or Shudra is 25 percent while 75 percent are Savarn means Bradman and Kshetriya and Vaishya and It is also correct that India is becoming NIKAMA because 75 percent Savarn here and fully responsible for this situation
bhai varn toh apne karm se bante hai koi janm se nhi hota hai janm se na veh sudra hota hai kyoki sabko apna varn chunne ki azaadi hoti hai yogyata ke anushaar abhi aap jaane or angrego ne vibhajan ke time st sc obc kardiya tha sab baki sab koi brahman chatriye jo chahe ban sakta hai
kayar anpd ko sata snpne ka fal h ayogya hinsak. chal kapti marich ko sata dena hindu ki bul
sabse pahle to ham hinduon mein Ekta nahin hai Sabse vinash ka Karan to yah hai aur rahe sant do sant kahta main bada hun aapke to main bada hun vah kahta hai main theek hun aapke to main theek hun yah jab tak vichardhara ki ladai rahegi kabhi bhi Hindu Sukh chain se nahin rahega jativad khatm karo sab aapas mein Bhai Bhai Hain tabhi Desh tarkki Karega aur Desh badhega
कम से कम हिंदी में ही लिखा करो महाराज
दयानंद के पास चिट्ठी आई थी क्या कि बिते हुए 7000 बर्ष पहले कोई गलत काम नहीं हुआ अथवा बिते हुए 453 चतुर्युगी में नहीं गलत काम हुए होंगे। बंहस उतना ही करना चाहिए जितना चल सके गप्पे हांकना आर्य का लक्षण नहीं है।
Kiya Ishwer Apni ichha se Sakar nahi ban sakhta acharye g
ऐसा करने से ईश्वर की सत्ता का उलंघन हो जायेगा, एक देशीय हो जाएगा।
अबे साले पिद्दी पहले हिंदी में लिखा कर
.😅😅😅😅😅😅😅😅
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सकल पदार्थ हैं जगमाही, कर्महीन नर पावत नाही।
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