Stormy rain mercy or punishment | Baris | allah ki azab yar allah ki rehmat ka | no copy right

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ก.พ. 2025
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    तूफानी बारिश को रहमत या अज़ाब के रूप में देखना, इसके प्रभाव और परिणामों पर निर्भर करता है।
    1. **रहमत**:
    अगर बारिश सही मात्रा में हो और सूखे या पानी की कमी को दूर करे, तो इसे अल्लाह की रहमत माना जाता है।
    यह ज़मीन को हरा-भरा बनाती है, फसलें उगाती है, और इंसानों और जानवरों के लिए पानी का स्रोत प्रदान करती है।
    2. **अज़ाब**:
    अगर बारिश बहुत तेज़ और विनाशकारी हो, जिससे बाढ़, तबाही, जान-माल का नुकसान हो, तो इसे अज़ाब या इम्तिहान समझा जाता है।
    ऐसी बारिश से ज़मीन बर्बाद हो सकती है, और लोगों की ज़िंदगी प्रभावित हो सकती है।
    इस्लामी नज़रिए से, हर चीज़ अल्लाह की तरफ से होती है, और इंसानों को चाहिए कि वे इसमें हिकमत (गहराई) तलाश करें। तूफानी बारिश भी अल्लाह की कुदरत की निशानी है, और इससे सबक लेना चाहिए।
    अल्लाह कुरान में फरमाता है:
    *"और हमने आसमान से पानी बरसाया, फिर इसके ज़रिए से हर चीज़ को उगाया, तो क्या तुम ईमान नहीं लाते?"* (सूरह अल-हिज्र, आयत 22)
    इसलिए, तूफानी बारिश को रहमत या अज़ाब के रूप में देखना, इसके नतीजों और इंसानों के अमल पर निर्भर करता है
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