मनुष्य समय,देशकाल और परिस्थितियों के अनुसार अपने क्रिया कलापों और रीति-रिवाजों में बदलाव करता है तथा परिवर्तनों को धार्मिक मान्यता प्रदान करने के लिए धर्म में जोड़ दी जाती हैं। धर्म में लगातार परिवर्तन होता रहता है और मानव समाज में सातत्य बना रहता है। सुन्दर विश्लेषण
सनातन धर्म और हमारे संविधान की सबसे सराहनीय बात यह है कि युग परिवर्तन के साथ ये भी परिवर्तित होते रहते हैं। परिवर्तन प्रकृति का नियम है। जो परिवर्तित नहीं होता वह मृत है। नमः शिवाय च नमः शिवायै🙏🙏🙏
what a profound knowledge Guruji has... am awestruck by his memory power, even at this age he is able to reproduce verbatim of Dr. Radhakrihna's quote.... he is true treasure of India...
Sir aap ko naman hai Guruji ko Dandavat .........aap ki koshish sarahniya hai ..........Please put some light as earlier SAGES used to go to villages as per vanprastha system how they used to manage for food and necessities........ Sincere Regards Rajesh sharma
Gayatri mantra ...is given by lord Vishnu for humanity... Viswamitra ne var manga dharti p huminity ke kalayan ke liye bcs moksh pana har kise ki liye sambhav nhi tab...Vishnu ji ne Gayatri mantra de diya..
मे तो इन्हें गुरु समझ रहा था लेकिन मैं गलत था आप का जो ज्ञान है उसे सम्भल कर लोगों के समक्ष रखे क्यों कि समाज पहले से ही गड्ढे में गिरा पडा़ है कृपया अपना और योग दान न देवे ओर अगर देना ही हैं तो अपने चेतना के स्तर को और प्रबल बनावे नमस्ते
Guruji se ek sawaal hai. Purohit log yagya me ghee daalte hai. Kintu aaj ke zamaane me ghee ki vajah se jaanwar kat te hai, kaise? Kyoki gaay tabhi doodh deti hai jab wo bachhda ya bachhdi ko janm deti hai. prakrati ne doodh maa ko apni santaan ke liye diya tha. AB dairy vgrh ya ghar me bachhdo, paado ko koi paalta to nahi hai, usko katne ke liye bhej diya jata hai. Yani ke, hame jo doodh se ghee mil raha hai, uske peeche kisi jaanwar ka khoon hai. To kya hame aaj yagya me ghee daalna band nahi karna chahiye?
Buddha se kafi pahle Narad Ji ne pashu Bali ka virodh Kiya tha unhone Raja pracheen barhi ko aise kisi yajnya ke liye bahut dhikkara tha aur kaha ki upar dekho ye sare pashu teekhe seengo se aur krodh bhare netro se tumhari prateeksha kar rahe hai aur swarg me tumse badla lene ko aatur hai .Shrimad bhagwat me yah prasang hai.Narad ji is kupratha ko band karane ke pratham aachrya hai .
Guru ji sikho ke 9th guru teg bahadur ji ke upar gyann de ki unhone hindu dharm ki raksha ke liye apna balidan diya. Isse lekar bhi aaj bhut confusion hai
गुरुजी हम सभी यही जानते हैं कि शिवजी के कोई माता-पिता नहीं थी परंतु कभी किसी वेद में या किसी के मुख से ब्रह्म देव जी और श्री विष्णु हरि जी के माता पिता के नाम के बारे में भी नहीं सुना क्या आप उसके ऊपर कभी प्रकाश डाल सकते हैं आपका बहुत-बहुत आभार
तो फिर गुरुजी कुछ इसी तरह से आज के समय में जातिवाद, वर्ण व्यवस्था, कर्म कांड इन सभी की जरूरत नही है।तो फिर हम क्यूं इस तरह की सड़ी गली व्यवस्था को चला रहे हैं।
ये सवाल आपको स्वयं से करना चाहिए । क्योंकि जाति या कर्मकांड लोगो द्वारा ही किया जाता है अगर आपको लगे इस आज के समय में ये सब पाखंड है तो निश्चित तौर पर आपको ये सब छोड़ देना चाहिए । व्यक्ति को शिक्षा इसीलिए दी जाती है जिससे वो सही और गलत का चुनाव कर सके ताकि स्वयं को जान सके । मात्र विज्ञानिक शिक्षा या फॉर्मल एजुकेशन से कभी कोई व्यक्ति इंसान नही बनता बल्कि उसे अध्यात्मिक शिक्षा ही उसका आधार होनी चाहिए क्योंकि कोई नैतिक व्यक्ति क्यों बलि प्रथा, जाति प्रथा, कर्मकांड को बढ़ावा देगा? जभी फॉर्मल एजुकेशन वाले व्यक्ति को इससे कोई फर्क पड़ेगा ही नही उसके लिए नैतिकता का उसके जीवन में कोई अर्थ नही।। आप स्वयं से पूछो अगर कोई चीज गलत है तो उसका विरोध करो और उसे त्यागो । और कोई चीज सही तो उसके लिए अपना जीवन लगा दो 🙏
ये आपने त्रिशंखु की काल्पनिक कथा सुनादी । जब वेद हिंसा की आज्ञा नही देते तो फिर वेद से बकरे की बलि की बात कहना ये तो अज्ञानता ही हुई क्याकि बलि देना भी तो हिंसा ही हुई ? वेद किसी भी प्रकार से हिंसा की बात नहीं करता है । *यहां आप की गलती हुई है ।*
Thik se padhiye ye sach h Mere dharm me ye kachra bhi h lagta h aapko abhi duniya me kya chal rha h iska pata nhi h Aap ek baar ye documentary dekh lo sab clear ho jayega th-cam.com/video/XhTOLeevtQw/w-d-xo.html Jai shree krishna
Log to apni marji ki karte h Buddho ko to bhula diya jata h Par aapke sawal ka jawab ye h एक बार बुद्ध भिक्षा मांगने गये तो उन्हें कुछ नहीं मिला तो आखिर में एक व्यक्ति ने गुस्से में सड़े हुए मांस के टुकड़े उनके कटोरे में डाल दिए तो बुद्ध ने सोचा कि क्या भेदभाव करना चाहे पकवान मिले या ना खाने योग्य सड़ी वस्तु तो बुद्ध ने वो स्विकार कर लिया खाया या नहीं ये कही नहीं है कथा में (नहीं खाया होगा), तो बस इतनी सी बात पकड़ लिया लोगो ने कि बुद्ध ने लिया तो हम भी ले सकते हैं और बुद्ध की करुणा की सीख को भुला दिया गया
पोथी पढ़ पढ़ जगमुआ पंडित भया न कोय😅 जिन्हे यज्ञ का भी सही अर्थ नहीं पता जिन्हे देवता क्या होते हैं ये नहीं पता, जो बस कुछ पढ़ का अपनी मन में समझी बाते कह रहें हैं उसने लोग ज्ञान ले रहे हैं, इन्हे बाली का भी सही अर्थ नहीं पता, अपना कुछ अनुभव है नहीं, कही से पढ़ा उसे ठीक से समझा भी नहीं और उड़ेल दिया दूसरों पर, । सनातन कोई कर्मकांड दोहराने की बात नहीं, सनातन मतलब कालातीत जो कभी न बदले, और प्रकृति का तो स्वभाव ही बदलते रहना हैं, ये बुजुर्ग जिनका शरीर अब कुछ समय का है, वो अगर उपनिषद पढ़ लिए होते तो ऐसी व्याख्या नहीं करते , प्रश्न करना आदमी भूलता जा रहा है, जो कहा वो मान लेते हैं, खोज करो दर्शन पढ़ो ,शब्दों के प्रतिको को समझो , और अपने अनुभव में उतर जाते तो ही ज्ञान दो। ज्यादा जानकारी के लिए आचार्य प्रशांत सर्च करें youtube पर 🙏 मानो मत जाने अभी आप जीवित हैं।
बाली दी जाती होगी, वो समय की बात है, और अपने कु प्रथा जैसा शब्द नहीं सुना क्या??? सनातन वो जो कभी न बदले और प्रथा परंपराएं बदलती रहती है समय के साथ, जो समय के साथ न बदले वो सनातन, उसे उसे जाने।,
आचार्य प्रशांत सबको सही दिशा दिखाने वाले हैं .किसी की बलि देना किसी भी प्रकार से उचित नहीं है आचार्य जी केवल सच बताते हैं सबse आसान तरीके से समझाते hai.हम तो धन्य हो गए उनको पाकर 🙏🙏🙏🙏
❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉 बहुत बहुत धन्यवाद आपका प्रभु जी
डॉक्टर साहब की वाणी साक्षात ज्ञान है। नमन
मनुष्य समय,देशकाल और परिस्थितियों के अनुसार अपने क्रिया कलापों और रीति-रिवाजों में बदलाव करता है तथा परिवर्तनों को धार्मिक मान्यता प्रदान करने के लिए धर्म में जोड़ दी जाती हैं। धर्म में लगातार परिवर्तन होता रहता है और मानव समाज में सातत्य बना रहता है।
सुन्दर विश्लेषण
सनातन की यही खुबी हैं.. निरंतर सुधार
बिलकुल. इसीलिए ये सनातन है अर्थात जो हमेशा रहता है
युग परिवर्तन किस तरह मान्यताओं को परिवर्तित कर देता है, नारियल के अलग अलग
प्रयोग का कारण बहुत सुंदर -नमन गुरुदेव
सनातन धर्म और हमारे संविधान की सबसे सराहनीय बात यह है कि युग परिवर्तन के साथ ये भी परिवर्तित होते रहते हैं। परिवर्तन प्रकृति का नियम है। जो परिवर्तित नहीं होता वह मृत है। नमः शिवाय च नमः शिवायै🙏🙏🙏
बहोत ही ज्ञान वर्धक जानकारी दी है।
जय धन्वंतरि /जय भारत🙏
महेंद्र सिंह
शिव शक्ति परिवार🙏🏼
(मछली गांव/गोरखपुर ,उत्तर प्रदेश)
This must be Gurudev one of the last recording. Looking frail but still delivering. Missing him so much.
Aaj guruji ki aavshyakta hai
Really you need all the applause to bring Guruji to us. 🙏🙏🙏
Really Guruji is very important for all bharatvasi. 🙏🙏🙏
इसीलिए गौतम बुद्ध जी को भगवान कहा जाता है। नमन वंदन 🙏
🕉🚩जय गुरुदेव 🙏🙏🙏🙏🌹🌹🌹🌹
Ati uttam guru ji 🙏😘🇮🇳
what a profound knowledge Guruji has... am awestruck by his memory power, even at this age he is able to reproduce verbatim of Dr. Radhakrihna's quote.... he is true treasure of India...
Sahi baat kahi ji aapne #straightvichardhara
@@phloemsA
महान शख्सियत को भारत सरकार को भारत रतन से सम्मानित चाहिए इनको
हर हर महादेव 🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱🕉️🔱
🙏🌹🙏 गुरूजी के श्री चरणों में कोटी कोटी प्रणाम वंदन करता हूं 🙏🌹🙏
Superb!!!
धन्यवाद गुरूजी शत् शत नमन🙏🏻
Guruji ko mera pranam 🙏🙏🙏
Pranam guru Ji🙏🙏
Waah!! Very nicely explained. Koti koti pranaam Guruji.
Latest Aksharpurushotam darsan
Uss sacrifice ka kya kiya jaata tha ?
Albhut guruji 👌👌👌👌👏👏👏👏🙌🙌🙌🙌⚘⚘⚘🙏🙏🌷🌷🌷
ज्ञानवर्धन के लिए बेहद धन्यवाद🙏💕 श्री गुरु जी🙏💕 बेहद की परम महा शान्ति है🙏💕 परमशान्ति🙏💕
Pranaam juru ji
Guru ji charno may koto koti parnam.
Guruji ko koti koti pranaam
🎉bahut Khoob Guruji Dhanyavad 🎉😊
नम शिवाय
Sir aap ko naman hai Guruji ko Dandavat .........aap ki koshish sarahniya hai ..........Please put some light as earlier SAGES used to go to villages as per vanprastha system how they used to manage for food and necessities........
Sincere Regards
Rajesh sharma
Guruji ko pranam aur Charan sparsh. Mahendra Dhaka from sikar Rajasthan.
गुरु जी को प्रणाम
Pranam uncle ji🙏🙏
जय गुरुदेव कोटि कोटि चरण वंदन
Jai shree Ram 🙏🙏
जय गुरू देव 🙏🏽
Guruji please say about the philosophy of Achintya Bhedabheda
Kya app praman de sakte hain ki vedon me kis mantra me kisi bhi pasu ya bakre ki bali ka ullakh hai
Mahabharat me h bhism ke mukh se
Or ase logo ko bhism me dharm ke bhes me adarmi kha h
🙏🙏🕉️🙏🙏 very good information.. kindly make more videos..thank you and your channel...and your godd initiative.
गुरु जी को नमन्....गोत्र का वैज्ञानिक आधार कृपया बताइए
Vishwamitra shishya matlab
Guru Ji please explain the pursang of raja Bal and vavan avatar
Aap kaha pe rehte Ho
Guruji yakshini Sadhna kaise prapt kar sakte hai
हर हर महादेव 🙏🔱🚩
"Khopa "....means?
कृपया गौत्र की उत्पत्ति के बारे भी बताये?
Sir Apko Satyarth Prakash padna chaye
Kurukshetra me kha milenge
🦶🌺💮🙏
Vikash ji please upload video on Gayatri Mantra.
Gayatri mantra ...is given by lord Vishnu for humanity...
Viswamitra ne var manga dharti p huminity ke kalayan ke liye bcs moksh pana har kise ki liye sambhav nhi tab...Vishnu ji ne Gayatri mantra de diya..
🙏👏🌺
Sir mera apse sawal hai...
Devtao ko Bali ki kya jarrurat..
Kisi jivit prani ke mrityu se devta parsan kyu...agar aisa h to ..
Humare kul devi ke pass to abhi bhee Bakra lagta hai . What is the significance of it ?
मे तो इन्हें गुरु समझ रहा था लेकिन मैं गलत था आप का जो ज्ञान है उसे सम्भल कर लोगों के समक्ष रखे क्यों कि समाज पहले से ही गड्ढे में गिरा पडा़ है कृपया अपना और योग दान न देवे ओर अगर देना ही हैं तो अपने चेतना के स्तर को और प्रबल बनावे नमस्ते
Ankur warikooooo advt kya banaya
Guruji se ek sawaal hai. Purohit log yagya me ghee daalte hai. Kintu aaj ke zamaane me ghee ki vajah se jaanwar kat te hai, kaise? Kyoki gaay tabhi doodh deti hai jab wo bachhda ya bachhdi ko janm deti hai. prakrati ne doodh maa ko apni santaan ke liye diya tha. AB dairy vgrh ya ghar me bachhdo, paado ko koi paalta to nahi hai, usko katne ke liye bhej diya jata hai. Yani ke, hame jo doodh se ghee mil raha hai, uske peeche kisi jaanwar ka khoon hai. To kya hame aaj yagya me ghee daalna band nahi karna chahiye?
Ha
Ye video dekh lijiye
th-cam.com/video/XhTOLeevtQw/w-d-xo.html
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
Buddha se kafi pahle Narad Ji ne pashu Bali ka virodh Kiya tha unhone Raja pracheen barhi ko aise kisi yajnya ke liye bahut dhikkara tha aur kaha ki upar dekho ye sare pashu teekhe seengo se aur krodh bhare netro se tumhari prateeksha kar rahe hai aur swarg me tumse badla lene ko aatur hai .Shrimad bhagwat me yah prasang hai.Narad ji is kupratha ko band karane ke pratham aachrya hai .
Kuch tantrik yagyo mein pashu bali ka upyog hota hai
Guru ji sikho ke 9th guru teg bahadur ji ke upar gyann de ki unhone hindu dharm ki raksha ke liye apna balidan diya. Isse lekar bhi aaj bhut confusion hai
गुरुजी के प्रति हमारा बहुत पूज्य भाव है लेकिन आज के विषय प्रतिपादन मे हम चर्चा करना चाहते है आवश्य संपर्क करे
नमस्कार महाराज
Guru ji se milna h
गुरु जी, क्या अर्थी यात्रा के अंतर्गत " राम नाम सत्य" हमेशा से बोला जाता था?
मेरा मतलब है की जब महाराज दशरथ की मृत्यु पे क्या ऐसा ही बोला गया होगा?
😇🙏🙏
🙏🙏🤲🤲
🙏💐🍎
butterfly effect .
गुरुजी हम सभी यही जानते हैं कि शिवजी के कोई माता-पिता नहीं थी परंतु कभी किसी वेद में या किसी के मुख से ब्रह्म देव जी और श्री विष्णु हरि जी के माता पिता के नाम के बारे में भी नहीं सुना क्या आप उसके ऊपर कभी प्रकाश डाल सकते हैं आपका बहुत-बहुत आभार
Swarg kahin bahar nahi hai swarg sukh ko kehete hai
इस का कोई ऐतिहासिक प्रमाण है कृपा बताये
Yagya me bali ka virodh jain aur boddho ke prabhav se kam hua
तो फिर गुरुजी कुछ इसी तरह से आज के समय में जातिवाद, वर्ण व्यवस्था, कर्म कांड इन सभी की जरूरत नही है।तो फिर हम क्यूं इस तरह की सड़ी गली व्यवस्था को चला रहे हैं।
सनातन धर्म ब्यबस्था पर सब कुछ है
ये सवाल आपको स्वयं से करना चाहिए । क्योंकि जाति या कर्मकांड लोगो द्वारा ही किया जाता है अगर आपको लगे इस आज के समय में ये सब पाखंड है तो निश्चित तौर पर आपको ये सब छोड़ देना चाहिए ।
व्यक्ति को शिक्षा इसीलिए दी जाती है जिससे वो सही और गलत का चुनाव कर सके ताकि स्वयं को जान सके । मात्र विज्ञानिक शिक्षा या फॉर्मल एजुकेशन से कभी कोई व्यक्ति इंसान नही बनता बल्कि उसे अध्यात्मिक शिक्षा ही उसका आधार होनी चाहिए क्योंकि कोई नैतिक व्यक्ति क्यों बलि प्रथा, जाति प्रथा, कर्मकांड को बढ़ावा देगा? जभी फॉर्मल एजुकेशन वाले व्यक्ति को इससे कोई फर्क पड़ेगा ही नही उसके लिए नैतिकता का उसके जीवन में कोई अर्थ नही।।
आप स्वयं से पूछो अगर कोई चीज गलत है तो उसका विरोध करो और उसे त्यागो । और कोई चीज सही तो उसके लिए अपना जीवन लगा दो 🙏
भाई जाति आपको पहले अपनै नाम से हटानी चाहिए
@@tejasnirmal7710 😂😂
@@tejasnirmal7710 आसमानी किताब 😂😂😂😂😂
मेरा एक सवाल हैं भक्ति करते समय आसान जरूरी हैं किया ताऊ जी और कियु जरूरी हैं
आसन शब्द है🙏💕 बेहद की परम महा शान्ति है🙏💕
We listen to all these stories as if these are all true. Will next generation listen with same faith or God's are also bound to die?
तो मनुष्य खुद की बलि देकर स्वर्ग में क्यों नहीं जाते थे, जबकि जिस बकरे की बलि देते थे वो स्वर्ग चला जाता था 😂
Nariyal nar Bali ka pratik hai
Please guru ji
Bhagwan narsingh avatar k bare me bataye.
नेट पे आपको जानकारी मिल जाएगी कु की मे नर सिंह प्रभु की भक्ति करता हूँ
ये आपने त्रिशंखु की काल्पनिक कथा सुनादी ।
जब वेद हिंसा की आज्ञा नही देते तो फिर वेद से बकरे की बलि की बात कहना ये तो अज्ञानता ही हुई क्याकि बलि देना भी तो हिंसा ही हुई ? वेद किसी भी प्रकार से हिंसा की बात नहीं करता है ।
*यहां आप की गलती हुई है ।*
Kaha jata hai ke apne ander ke pashu ki bali de lekin murakh log janwaron ki bali dete hai
महोदय मैनें पढ़ा है, अश्वमेध में अश्व की बलि होती थी, मेध यानी बलि, कृपया स्पष्ट करें।
Yes its true ...valmiki ramayan me iska varnan hai
@@akshaytawar1294 right i have heard it too.
एक तांत्रिक यज्ञ का नाम नरमेध भी होता था । अर्थात नर बलि का यज्ञ 😅
@@shivbhaktedits108 जब जब देवताओं को नर,नारी की जरूरत होती हैं तब तब नरमेध कुरियर सेवा थ्रू, आजभी डिलीवरी देवताओं को पहुचाई जाती हैं।।।।
@@unadpotrarahim2006 h
Sanatan dhrm me janwar ki bali ka khi ullekh nhi h. Ye sb ap kya keh rhe h
Thik se padhiye ye sach h
Mere dharm me ye kachra bhi h
lagta h aapko abhi duniya me kya chal rha h iska pata nhi h
Aap ek baar ye documentary dekh lo sab clear ho jayega th-cam.com/video/XhTOLeevtQw/w-d-xo.html
Jai shree krishna
Guruji ek sawal man me aaya hai
Buddh ne bali baand karwai to
adikansh budha ke followers non vegetarian kyu hai ?? vo log jiv hatya kyu karte hai ??
Log to apni marji ki karte h
Buddho ko to bhula diya jata h
Par aapke sawal ka jawab ye h
एक बार बुद्ध भिक्षा मांगने गये तो उन्हें कुछ नहीं मिला
तो आखिर में एक व्यक्ति ने गुस्से में सड़े हुए मांस के टुकड़े उनके कटोरे में डाल दिए
तो बुद्ध ने सोचा कि क्या भेदभाव करना चाहे पकवान मिले या ना खाने योग्य सड़ी वस्तु
तो बुद्ध ने वो स्विकार कर लिया
खाया या नहीं ये कही नहीं है कथा में
(नहीं खाया होगा),
तो बस इतनी सी बात पकड़ लिया लोगो ने कि बुद्ध ने लिया तो हम भी ले सकते हैं
और बुद्ध की करुणा की सीख को भुला दिया गया
Brahman ka bali kyo nahi di jati
Asli bali apne andar ke pashu ki hoti hai
Vishwamitra jaise sant ko gussa aaya... Gussa aaya to sant kaisa
कपोल कल्पनाएं
I have t heard it full but Why Buddha opposed Bali when he himself use to eat meat. 🙏🏻
Ek tarf kahete hain ki swarg nark kuch bhi nahi hai aur dusri taraf... Ye bachkani baatein
I m not agree .devta sacrifice nhi mangte h .devi devtaon k pas hum insan to jate h or bhoot pret b jate h unke liye di jati h bali
Kabir das kya bhagawan hai sant ram pal ji maharaj kahaite hai sat kya
nhi
Bali kaho bhai
thanks you for your lie. bakre ki nhi balki gau aur bail ki bali di jati thi. kitne zut boleoge aur bali pratha ka samrathan bhi kr rahe ho.
Wrong information hai
fictional... All these are illogical...
पोथी पढ़ पढ़ जगमुआ पंडित भया न कोय😅 जिन्हे यज्ञ का भी सही अर्थ नहीं पता जिन्हे देवता क्या होते हैं ये नहीं पता, जो बस कुछ पढ़ का अपनी मन में समझी बाते कह रहें हैं उसने लोग ज्ञान ले रहे हैं, इन्हे बाली का भी सही अर्थ नहीं पता, अपना कुछ अनुभव है नहीं, कही से पढ़ा उसे ठीक से समझा भी नहीं और उड़ेल दिया दूसरों पर, । सनातन कोई कर्मकांड दोहराने की बात नहीं, सनातन मतलब कालातीत जो कभी न बदले, और प्रकृति का तो स्वभाव ही बदलते रहना हैं, ये बुजुर्ग जिनका शरीर अब कुछ समय का है, वो अगर उपनिषद पढ़ लिए होते तो ऐसी व्याख्या नहीं करते , प्रश्न करना आदमी भूलता जा रहा है, जो कहा वो मान लेते हैं, खोज करो दर्शन पढ़ो ,शब्दों के प्रतिको को समझो , और अपने अनुभव में उतर जाते तो ही ज्ञान दो। ज्यादा जानकारी के लिए आचार्य प्रशांत सर्च करें youtube पर 🙏 मानो मत जाने अभी आप जीवित हैं।
आप बताइए ऐतिहासिक तौर यज्ञ में बलि दी जाती थी या नहीं? विषय को घुमाइए मत.
और कौन प्रशांत?
सही हैं इंद्र को आजभी बकरा चाहिए जो पंडित यज्ञ थ्रू नही पहुचाकर खुद ही स्वाहा करके पहुचा रहे है!
बाली दी जाती होगी, वो समय की बात है, और अपने कु प्रथा जैसा शब्द नहीं सुना क्या??? सनातन वो जो कभी न बदले और प्रथा परंपराएं बदलती रहती है समय के साथ, जो समय के साथ न बदले वो सनातन, उसे उसे जाने।,
आचार्य प्रशांत सबको सही दिशा दिखाने वाले हैं .किसी की बलि देना किसी भी प्रकार से उचित नहीं है आचार्य जी केवल सच बताते हैं सबse आसान तरीके से समझाते hai.हम तो धन्य हो गए उनको पाकर 🙏🙏🙏🙏
@@jeevanprkashdubey7819आपने बिल्कुल सही कहा सही सनातन को जानो
सिख 100साल पुराना फेंक रिलीजन है