भारतीय पुरुषों की अंधी वासना?(विदेशी महिलाओं की भारतीय कामुकता पर टिप्पणियाँ) ||आचार्य प्रशांत(2024)
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- เผยแพร่เมื่อ 4 เม.ย. 2024
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#acharyaprashant #rape
वीडियो जानकारी: 08.03.24, महाशिवरात्रि विशेष सत्र, ग्रेटर नॉएडा
प्रसंग:
~ भारतीय पुरुषों में इतनी ज़्यादा कामवासना क्यों दिखती है?
~ भारतीय पुरुष क्यों किसी विदेशी महिला को देखकर क्यों कामनाग्रस्त हो जाते हैं?
~ भारतीय महिलाएँ इतनी असुरक्षित क्यों हैं?
~ क्या कारण है पुरुषों में हवस का?
~ कामवासना का हम पर क्या असर पड़ता है?
~ हमारे अन्दर कामवासना का संचार कैसे होता है?
~ कामवासना हम पर इतनी हावी क्यों रहती है?
~ सेक्स को कैसे समझे?
~ सेक्स इतनी बड़ी बात क्यों?
~ क्या सेक्स और ब्रह्मचर्य साथ चल सकते हैं ?
~ मन कामनाग्रस्त क्यों?
~ कामवासना से मुक्ति कैसे मिले?
संगीत: मिलिंद दाते
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Shubh janm ki bhut bhut badhayi aacharya ji apki umr laambi ho aur aap sb me aadat vikshit kr paye acchi kitabe pdhne ki scchayi ko smjhne ki 🙏🏻
Bsr 🌨️🌳⛈️
I am 12th paas student I ask what is life under my this age
आप हमारे देश के प्रधानमंत्री होने चाहिए उसके अलावा मेरे दिमाग में बहुत साड़ी बातें घूम रही है पर मुझे कुछ भी नहीं कहना है
Kye paise lagte ha kye Geeta satr ma please reply🙏🙏🙏
भीतर वासनाएं हिलोरे मार रही। बाहर बहन जी बहन जी 😂😂😂 🙏 एकदम TMT सरिया (छड़) से मार दिए आचार्य जी 🙏🙏🙏
😅😅😅😅
True
Hasne wali baat nahi hai yeh, badi sharam ki baat hai yeh.
Right 😢
जो सवाल नहीं कर सकता है वो धार्मिक नहीं हो सकता है।
Statement of this century 👍🏼
Mai samjha nhi bhai is statement ka matlab @@prithwirajjadhav2990
@@rahultekam5182religion ka purpose bondages se liberation pana hota ha. Aur bondage agyaan ka karaan hotaa hai. To liberation chahiye to gyaan chahiye. Aur gyaan pane ke liye sawaal puchanaa padta hai. Isliye dharmic ho to sawal puchanaa padega hi padega.
प्रकृति को हराया नही जाता, समझा जाता है।।
भारत में समझने पर जोर नहीं है यहाँ दबाने में बहुत जोर दिया गया है
खेती से दूर हो गया है आज का समाज, शारीरिक वर्जिश, कसरत नही करता है जिससे काम वासना की वृद्धि हो रही है। थकता ही नही है सिवाय gym जाने वालों के और ग्राउंड जाकर पसीना बहाने वालों के!
❤❤❤😢 sahi kaha,aapne
सबको official job चाहिये कंप्यूटर में बैठे की-बोर्ड चलाना आज सबको पसंद है, खेत धूप में कोई कम नहीं करना चाहत. मेरे गाव के सारे युवा तो ऐसा पढाई करने के लिए बागे की दुबारा गाव हे नहीं आये, खेती से कोई मतलब नहीं, तो आज का युवा सिर्फ मोबाइल और टीवी में khet देखता है, बहुत कम होगे जिनको सब पता है जो पुराने लोग हैं नए वाले कुछ नहीं जांते,
चेतना को वरीयता देना है, खेती तो सब साधन है और शरीर तो एक उपकरण है l
Bilkul sahi kaha bhai aapne
Right
साधु ऐसा चाहिए, जैसा सूप सुभाय। सार-सार को गहि रहै, थोथा देई उड़ाय ॥
☝🏻- संत कबीर
धर्म के केंद्र में ही जिज्ञासा है , जो जिज्ञासा नहीं कर सकता वो धार्मिक नहीं हो सकता 🙏🏻🙏🏻♥️
जो जिज्ञासा नही करता वह बेहोसी की इस्थिति मैं है।
वासना में न कुछ अच्छा है, न कुछ बुरा , जैसे आप भोजन करते हैं वैसे जनन इंद्रियां कामुकता में उतरते हैं। लेकिन जीवन का उद्देश्य ही यही नहीं बना लेना है , शारीरिक वृत्तियों में ही नहीं फस जाना है। हमे चेतना को वरीयता देना है।
~आचार्य प्रशांत 🙏🙏🙏🙏🙏
Absolutely right 👍🏻
भगवान करें आचार्य जी 100 साल और जीयें ताकि भारत का मार्गदर्शन हो सके।
भारत का धार्मिक आदमी जानने में नही सर झुकाने में जोर देता है
बिना जाने समझे ना तारीफ करो ना निंदा करो।
देखो और समझो।
The path of understanding
The fact that only 2.3 lacs people have watched this video, explains all the problems of this society!
वासना सभी का दिमाग खराब करके रखा है सर करियर में ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है कृपया मार्गदर्शन करते रहे यह वासना मनुष्यों की पूरी जिंदगी बर्बाद कर देगा खासकर हमारा देश भारत 🙏
प्रकृति को समझा जाता है दबाया नही जा सकता है।
कुछ भी इतना खतरनाक नहीं है कि उसको जाना ना जा सके , याद रखिए कि "मैं एक सजग चेतना हूं" मेरे लिए ये बाहरी और भीतरी पूरी दुनिया सिर्फ जानने का एक विषय है , किसी भी चीज के प्रति मेरी कोई धारणा नहीं, कोई रिश्ता नहीं है , बस मेरे पास केवल एक जिज्ञासा है। मैं एक रोशनी की तरह हूं , मैं जिस भी वस्तु को देखता हूं उस पर रोशनी डालता हूं उसे जानने लगता हूं ।
" बोधो अहम "
- आचार्य जी ।❤
धर्म का मतलब जिज्ञासा (जानना) है, झुकना नहीं! ~आचार्य श्री
Sach m Bharat k purusho ka str girta ja rha hai
स्वयं(अहंकार) को जानना ही अध्यात्म है और धर्म के मूल में अध्यात्म है ; जिज्ञासा(जानना)है, झुकना नहीं!
कामी, क्रोधी, लालची इनसे भक्ति न होय, भक्ति करें कोई सूरमा,जाति,वर्ण,कुल खोय।
संत कबीर🙏🙏
माया मरी न मन मरा, मर मर गया शरीर।
आशा तृष्णा न मरी कह गए दास कबीर रे साधु।।
प्रकृति को समझा जा सकता है दबाया, मारा नहीं जा सकता। और जो दबाये और मारे वो धार्मिक नहीं कहलाता वो शुम्भ, निशुंभ, चंड- मुंड कहलाता । 🙏🏻♥️10:27
जों कुछ भी शारीरिक है, लौकिक है,भौतिक है हमने उसको समझने पर बहुत कम जोर दिया है, उसे दबावों मत देखो और समझों ,
*धर्म का अर्थ है, “जानना”, झुकना नहीं।*
भारतीय पुरुष संसार मे सबसे ज्यादा वासनिक है
Jay Shree Krishna 🙏❤️ Dear Sir 🙏❤️
कामनाओं को, समझने पर जोर दो, दबाने पर नहीं। कहां से कामनाएं उठ रहीं है उनको समझो और क्यों उठ रही है यह कामनाएं जानो। तह तक जाओ।
💯%✅
man lo ki kamnaye sex k liye uth rhi hai har ek jawan ladki ya aurat ko dekh kar to kya kare, kitna bhi samajhne ki kosi kro koi asar nhi kya kare kripya bataye
@@maithilreacts
“सबसे पहले ये याद रखो कि पूर्णता हमारा स्वभाव है और पूर्णता का अनुभव पूरा नहीं होता है।”
इस उक्ति को याद रखो और आगे पढ़ो।👇
जैसा कि आपने लिखा है की आप चाहते हैं sex। अब मैं आपको जो बोलूंगा शायद आपकी समझ से बाहर का हो सकता है क्योंकि अगर आपका ये प्रश्न है तो आप गीता को नहीं पढ़े है अभी तक। आपकी जो कामना है दरअसल ये आपकी कामना है ही नहीं। अचंभित हो गए न।
अब प्रश्न आएगा कि फिर किसकी है? तो ये जानो पहले की कौन चाह रहा है की ये कामना पूरी हो जाए और अगर ये कामना पूरी हो भी गयी तो क्या उससे तुम पूरे हो जाओगे? तुम पूरे नहीं होगे तो कौन पूरा होगा?
देखो कामनाएं तो तुमने पहले भी की होंगी दूसरे तरीके की। अगर वो कामनाएं पूरी होने पर तुम पूरे नहीं हुए तो क्या गारंटी है कि सेक्स की कामना पूरी हो जाने से तुम पूरे हो जाओगे। कामनाएं तो पहले भी थीं और अब भी बनी हुई है बस रूप दूसरे हैं।
🌸“कामनाओं के पूरे हो जाने से क्या तुम पूरे हो जाते हो, पूछो अपने आप से।”🌸
अगर नहीं! तो कौन है जो ये साजिश रच रहा है अंदर जो किसी को भी देखने से भड़क जाता है, रसायनिक क्रियाएं करने लगता है। जो तुम्हारे ही बस से बाहर हो जाता है, जानो उस जानवर को कि क्या चाहता है बह।
इन सब प्रश्नों के उत्तर जब ईमानदारी से दोगे स्वयं को तो कभी आंखे बाहर किसी और में कुछ अलग नहीं दिखेंगी। सब तुम्हारे ही तरह हैं। अगर ऊपर के प्रश्नों के उत्तर नहीं पता हैं तो गीता सेशन से जुड़िए, आचार्य प्रशांत सर से समझिए और स्पष्टता आएगी जीवन में।
@@maithilreacts shadi tak control rakho mind ko.
Log smjh kr bhi nh smjhte.. ese ese log hai yahan.. i think natural hai is pr control krne se abnormal consequences bhi ho skte h...
हम वासना का सही अर्थ नहीं जानते, इसीलिए आज हम कुछ मूर्खतापूर्ण काम कर रहे हैं
सत्य तो अवश्य अज्ञेय हो सकता है मगर अहंकार को तो जाना जा सकता है। धर्म का अर्थ है अहम को मुक्ति की ओर ले जाना।
मैं एक सजग चेतना हूं, और मेरे लिए यह पूरी दुनिया अंदर की, और बाहर की दुनिया भी जानने का एक विषय है, और जब आप किसी भी वस्तु को जानने लगते हैं, तो आप शास्त्री कहलातीं है,
किसी बात का अनुभव होना और किसी बात को जानना ( ज्ञान) ये दो अलग अलग बात है
सही कहा आपने बचपन से ही छी छी करके ज्ञान से दूर रखा गया हमे
माया तो ठगनी बड़ी ठगत फिरत सब देश
जा ठग ने ठगनी ठगी ता ठग को आदेश।
बीना जाने समझे ना प्रशंसा करो ना निंदा करो बस समझो। हमने भौतिकता को समझने में बहुत कम ध्यान दिया है।
~आचार्य जी 🙏
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true
Satya ❤
Happy birthday acharya ji 🙏💐💐 i wish you live longer ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤ love you Guru ji. You are unique.
पूरी दुर्गा शप्शती ये बताने के लिए है कि प्रकृति को हराया नहीं जा सकता बल्कि जाना या समझा जा सकता है।
जो प्रकृति को दबाने निकले हैं वो राक्षस हैं।
-आचार्य प्रशांत
ji behen ji
मै एक सजग चेतना हूँ और मेरे लिए ये अंदर और बाहर की दुनिया मात्र जानने का एक विषय है 😊😊
धर्म का अर्थ है बोध, धर्म के केंद्र में ही जिज्ञासा है।
काम बिगाड़े भक्ति को, क्रोध बिगाड़े ज्ञान।
लोभ बिगाड़े त्याग को, मोह बिगाड़े ध्यान
प्रकृति को समझा जा सकता है दबाया नही जा सकता है। धार्मिकता का मतलब होता है समझो प्रकृति को।
Thank you so much for the news of the day 💕
Ye Satra maine greater Noida me live attend kiya tha ... Sanstha ka bahut bahut aabhaar mujhe itana acha avsar dene ke liye....
Maja aaya waha sir ko live sun ke kuch special laga
Happy Birthday sir ❤❤❤
आत्मज्ञान है स्वयं को जानना। स्वयं माने अहंकार, आत्मा नहीं।
Happy Birthday Acharya ji
Thank you acharya ji😊
Happy birthday Acharyaji❤❤❤❤❤❤❤❤🎉🎉🎉🎉🎉
बच्चों में हार्मोनल चेंज के शुरुवाती दिनों से ही सेक्स विषय की जानकारी देनी बहुत जरूरी है।
आज जनसंख्या इस कदर बढ़ रही है के इंसानों के आगे और जीव जंतु या जंगल का रहना असंभव हैं,
आचार्य जी की वीडियो सभी स्कूल कॉलेजों में अनिवार्य करना अती आवश्यक हो गया है।❤
Good morning TO PRASHANT G..
Happy Birthday acharya ji ❤❤❤❤
Happy birthday sir ❤❤🎉🎉🎉🎉
8 मार्च को था 🎉
Belated Happy Birthday to Acharya Ji
Happy birthday sir jii 🎉🎉🎉🎉❤❤
प्रणाम आचार्य जी 🙏🏻🙏🏻💖💖🌼🌼
Charan spersh acharya ji aapke samne hum
nat mastak h
Happy Birthday aacharya ji 🎂💐💐💐❤️
Last moment lines to tribute sant kabir was speechless ❤
Aapke vichaar sir ....humai khul ke jeena sikhate hai.. thank you
Top notch speech of Acharya ji.
सिर्फ नैतिक आधार पर अच्छा या बुरा नहीं कह देना उसे जानो, सीखो, परखों तभी हम अच्छा, बुरा क्या है समझ पाते है 🙏🙏🙏🙏
बोध तथा जिज्ञासा धर्म केंद्र हैं।🕉️🙏💚
Aacharya ji ko janm diwas ki anek shubhkamanyen..
कोटि कोटि नमन आचार्य जी 🙏🏻🙏🏻♥️💐
स्वयं माने आत्मा नहीं,अहंकार!
आत्मज्ञान है..स्वयं (अहम् )को जानना।
Aabhar acharya ji important session k liye🙏🙏🙏🙏🙏🙏
प्रकृति को हराया नही जा सकता है । Ap भारत ने ज्ञान को धर्म मानना ही बंद कर दिया ।
Acharya sir ji Namaskar
झूठे सुख को सुख कहै, मानत है मन मोद।
जगत चबैना काल का, कुछ मुख में कुछ गोद।- श्री संत कबीर।।
Pranam acharya ji ❤❤❤
Pranam Acharya Jii ❤
Aacharya Ji aapko sadar naman hai 🙏🏽🙏🏽🥺🥺🥺
Happy birthday gurudev
Acharya ji ko jabse dekhna suru Kiya hai me bhot badal gya hu
Aapke janmdin per aap ko dher sari shubhkamnaen Guruji...
जब मैने आचार्य जी को सुनना शुरु किया था तब 2.50Milliin Subscriber थे और आज 42M से ज्यादा हो चुका है। धन्यवाद गुरु जी सही प्रेरणा देने के लिए। 🙏🙏🙏🙏🙏
Main bhi
आचार्य जि 🕉️🕉️🕉️🙏🙏🙏🇳🇵
Education is must
Thanks
कोटि कोटि नमन 🙏🙏
main janta hu yahi shsashtra hai...Dhanyawad Aaachyara
Acharya jee pranam❤❤❤
Recommend this to everyone
आचार्य जी की स्पष्टता दुनिया के पाखंडियों की गले की हड्डी बन गए है जबकि देश समाज दुनिया को आचार्य जी जैसे महापुरुषों की बहुत ज्यादा जरूरत है नमन 🙏
Waheguru ji ka Khalsa, waheguru ji ki Fateh. Nice explanation to be true human being. First Sikh Guru, Guru Nanak Ji enlightened the Indians ( Renaissance in India in 15th century, perfectly praised as "Hind ko ek Mard Kamal ne jagaya khwab se ...." by Sir Md. Iqbal in his poetry) preaching three pillars of Sikhism - Naam japna, Kirat karni and Vand chhakna. When Babur invaded Punjab around 1510, Guruji addressed him as 'Jabur' and became an example how to defend against invaders and injustice by anyone. All Sikh gurus and Bhagats whose baani is incorporated in Sri Guru Granth Sahib ji enlightens us - ....."Panch doot tudh vash keete, Kaal kantak maarya..." (Five vices (Kaam, krodh, lobh, moh aur Ahankar) to be converted to five virtues on reading and applying the philosophy of Gurbani). The seed of Sikhism (sikh means sishya) bloomed into flower on Vaisakhi day (Khalsa day) during Guru Gobind Singh ji period....he taught how to become 'Sehaj Margi' and Jeevan Mukt in this materialistic world.... perfectly called as "Mard Agamrah" by sikh followers. Regards.
माया मन की मोहिनी, सुर नर रहे लुभाय
इन माया सब खाइया,माया कोई न खाए।
प्रणाम आचार्य जी ❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
धर्म का नाम है जानना, झुकना नही। आचार्य जी🙏👍
Radhe Krishna ji
प्रकृति को समझा जा सकता है, दबाया, मारा नही जा सकता। आचार्य जी 🙏🙏🙏❤
Dhanyawad Aacharya g
गुरु जी आप की चरणों मे कोटि कोटि नमन 🙏🚩🕉️❤️
Happy birthday guru ji ❤❤
धर्म के केन्द्र में ही जिज्ञासा है जो सवाल नहीं करता और हर कहीं सिर झुका देता है वह धार्मिक नहीं हो सकता। धर्म का मतलब ही है जिज्ञासा। धन्यवाद आचार्य जी ❤
Many more happy returns of the day dear guruji
Koti koti pranam Aacharya ji 🪔🙏🙏🪔🙏🪔🙏🪔🙏
आप सही समझाते हो जानना जरूरी है .लोग गलत सोच रखते हैं प्रेम करा ो पर बिना वासना के
Happy birthday acharya ji prnam
Woh 8March ko tha
Iss video me acharya prasant bole jo @@AditiSharma-ig6vj
धर्म (अहम् को आत्मामुखी रखना) जीवन की एक पारिधिक घटना है, इसके केन्द्र में अध्यात्म (अहम् /अहंकार को जानना) होता है।
धन्यवाद,आचार्य श्री!
Why this types of video are not viral😢😩
Happy birthday acharya ji aap bahot saal jiye aapke health aachi rahe.