कपास/नरमा के इस खेत को देखकर ऑंखें फटी की फटी रह जाएंगी! जैविक खेती कैसे करें। गोबर की खाद के फायदे
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- เผยแพร่เมื่อ 31 ส.ค. 2023
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इस वीडियो में कपास के एक ऐसे खेत को दिखाया गया है जिसमें बिना किसी रासायनिक खाद व दवा के 5 क्विंटल प्रति बीघा कपास होने की जानकारी सहज व सरल भाषा में दी गई है। यह खेत जैविक खेती की सफलता की एक अद्भुत मिसाल है।
इस खेत में पूर्ण रूप से जैविक खेती की जाती है, मतलब खाद के रूप में केवल गोबर की खाद डाली जाती है और फ़सल काटने के बाद फ़सल के अवशेष व घास फूस को गहरी जुताई द्वारा मिट्टी में दबा दिया जाता है। गोबर खाद में पौधों के लिए आवश्यक अधिकांश पौषक तत्व पाए जाते हैं। गोबर खाद डालने से मिट्टी में केंचुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी होती है। केंचुए समस्त कार्बनिक पदार्थों को पौषक तत्वों में बदल देते हैं। इस प्रकार गोबर की खाद फ़सल के लिए वरदान बन जाती है। गोबर की खाद एक बार महंगी लगती है पर इससे उत्पादन में कई गुना वृद्धि होती है व फ़सल सदैव निरोग बनी रहती है। अतः किसान भाइयों से निवेदन है कि अपने खेत व अपनी दशा सुधारने के लिए अधिक से अधिक गोबर खाद का उपयोग करें।
दूसरे, किसी भी फ़सल का स्वास्थ्य व गुणवता सिंचाई के समय पर निर्भर करती है, अगर आप 30 डिग्री से उपर के तापमान पर मतलब 12 से 5 बजे के बीच सिंचाई करेंगे तो फ़सल पीली पड़ेगी व फूल जड़ेंगे। अतः सिंचाई सुबह शाम ही करें।
पौषक तत्वों का प्रबंधन अच्छी तरह से हो और फ़सल का बच्चों के समान ध्यान रखा जाए तो बीज की कोई भी वैरायटी हो, वांछित परिणाम देती है। इस खेत में दिनकर शरीफ 7 BGll किस्म को काम में लिया गया है। आजकल सभी किसान भाई घास को निराई द्वारा हटाने के स्थान पर खरपतवरनाशक दवा का उपयोग करते हैं, दवा कंपनी चाहे फ़सल के लिए अपनी दवा को कितना भी सुरक्षित बताए पर सच्चाई यह है कि दवा फ़सल की ग्रोथ को सप्ताह भर के लिए रोक देती है। साथियों फ़सल का जीवन चक्र बहुत छोटा होता है, इसलिए फ़सल के लिए एक एक दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। 7 दिन ग्रोथ रुकने से फ़सल पर रोग व कीटों का प्रकोप भी हो सकता है, जिससे उत्पादन पर बहुत बुरा असर पड़ता है। दूसरे, निराई करने से मिट्टी में खाद, पानी व वायु का संचार सुगम होता है, भूमि में उपस्थित हानिकारक कीड़े बाहर आ जाते हैं, जिसका फ़सल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अतः खेती में इन छोटी पर महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाए।
उम्मीद है कि यह वीडियो आपके लिए काफी उपयोगी साबित होगा।
चैनल निर्माण के उद्देश्य:- 1. "ग्रीन राजस्थान" अभियान द्वारा आमजन में प्रकृति व पर्यावरण संरक्षण के प्रति अभिरुचि उत्पन्न करना।
2.. अधिकतम वृक्षारोपण द्वारा वीरान मरुस्थल को हरित क्षेत्र में बदलना।
3. कृषि- वानिकी के नवाचारों को राजस्थान के मरुस्थलीय इलाकों में लागू करना।
4. मरुस्थलीय क्षेत्र में बागवानी कृषि अपनाने पर बल देना।
5 जल संरक्षण के अनुकूल अधुनातन सिंचाई प्रणालियां अपनाने पर बल देना।
6. राज्य के औषधीय महत्व के पेड़-पौधों व बहुमूल्य औषधियों से विश्व को परिचित कराना व मानव मात्र का कल्याण करना।
7. राज्य के अद्भुत पेड़-पौधों व वन्य जीव-जन्तुओं की जानकारी देकर वन व वन्यजीव संरक्षण के प्रति चेतना का विकास करना
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(Video Credit ):-
Story & Script :- Sukhdev sharma
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इस वीडियो में कपास के एक ऐसे खेत को दिखाया गया है जिसमें बिना किसी रासायनिक खाद व दवा के 5 क्विंटल प्रति बीघा कपास होने की जानकारी सहज व सरल भाषा में दी गई है। यह खेत जैविक खेती की सफलता की एक अद्भुत मिसाल है।
इस खेत में पूर्ण रूप से जैविक खेती की जाती है, मतलब खाद के रूप में केवल गोबर की खाद डाली जाती है और फ़सल काटने के बाद फ़सल के अवशेष व घास फूस को गहरी जुताई द्वारा मिट्टी में दबा दिया जाता है। गोबर खाद में पौधों के लिए आवश्यक अधिकांश पौषक तत्व पाए जाते हैं। गोबर खाद डालने से मिट्टी में केंचुओं की संख्या में भारी बढ़ोतरी होती है। केंचुए समस्त कार्बनिक पदार्थों को पौषक तत्वों में बदल देते हैं। इस प्रकार गोबर की खाद फ़सल के लिए वरदान बन जाती है। गोबर की खाद एक बार महंगी लगती है पर इससे उत्पादन में कई गुना वृद्धि होती है व फ़सल सदैव निरोग बनी रहती है। अतः किसान भाइयों से निवेदन है कि अपने खेत व अपनी दशा सुधारने के लिए अधिक से अधिक गोबर खाद का उपयोग करें।
दूसरे, किसी भी फ़सल का स्वास्थ्य व गुणवता सिंचाई के समय पर निर्भर करती है, अगर आप 30 डिग्री से उपर के तापमान पर मतलब 12 से 5 बजे के बीच सिंचाई करेंगे तो फ़सल पीली पड़ेगी व फूल जड़ेंगे। अतः सिंचाई सुबह शाम ही करें।
पौषक तत्वों का प्रबंधन अच्छी तरह से हो और फ़सल का बच्चों के समान ध्यान रखा जाए तो बीज की कोई भी वैरायटी हो, वांछित परिणाम देती है। इस खेत में दिनकर शरीफ 7 BGll किस्म को काम में लिया गया है। आजकल सभी किसान भाई घास को निराई द्वारा हटाने के स्थान पर खरपतवरनाशक दवा का उपयोग करते हैं, दवा कंपनी चाहे फ़सल के लिए अपनी दवा को कितना भी सुरक्षित बताए पर सच्चाई यह है कि दवा फ़सल की ग्रोथ को सप्ताह भर के लिए रोक देती है। साथियों फ़सल का जीवन चक्र बहुत छोटा होता है, इसलिए फ़सल के लिए एक एक दिन अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। 7 दिन ग्रोथ रुकने से फ़सल पर रोग व कीटों का प्रकोप भी हो सकता है, जिससे उत्पादन पर बहुत बुरा असर पड़ता है। दूसरे, निराई करने से मिट्टी में खाद, पानी व वायु का संचार सुगम होता है, भूमि में उपस्थित हानिकारक कीड़े बाहर आ जाते हैं, जिसका फ़सल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अतः खेती में इन छोटी पर महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखा जाए।
उम्मीद है कि यह वीडियो आपके लिए काफी उपयोगी साबित होगा।
Bahut sandaar video👍
Good
Jaykishana,❤❤❤❤❤❤❤
બિયારણ કયુસ
गजब का नरमा है
किसान को organic खेती का कहकर देखो, मानने को तैयार नही है
जी बिलकुल, सब किसान ऑंखें मूंदकर रासायनिक खाद व दवाओं के पीछे पड़े हैं जबकि गोबर की खाद मिट्टी को जीवन प्रदान करती है। फ़सल के रंग, रूप, आकार, गुणवत्ता व उपज में भारी बढ़ोतरी करती है।
Kitne kiwantal hue kapas sir ji is khet me
Batana jaroor
Kapakinamakiyaha
Mera kapas bhi asa hi ha
Seed name
Seed name
Bhai
जी।
Apne kapas ka vedio send karunga
Bhai ye seed Hume mil sakta hai kya MP ke liye plz bataye
जी नमस्ते। आप इस वैरायटी को ऑनलाइन खरीद सकते हैं। इसके लिए आप गूगल पर वैरायटी का नाम लिखकर सर्च करें।
@@GreenRajasthan21व्हरायटी कौनसी है भाई
9 fit ki b h hearing narma
जी नमस्ते। किस्म के बारे में बताना व आप 9828244247 पर वीडियो भेजना।
Beg kon sa ha
जी नमस्ते। बीज दिनकर शरीफ 7 BGll है।
बीज कौन सी कंपनी का है
जी नमस्ते। कपास का यह बीज दिनकर शरीफ 7 BGll है।
विरायटी कौनसी ह सर
दिनकर शरीफ BG ll
5 biga 25 kivntal kam h bhai kha dimak h
Viraty kon c h
जी नमस्ते। दिनकर शरीफ 7 BGll वैरायटी है।
Hello
जी नमस्ते।
Apna number send Karo
Mane pahle bar kapas ki kheti ki ha
@@user-qs1tb1bl7y जी, आप कहाँ से हैं और फ़सल कैसी है मतलब हाईट व फल फूल।
Rajasthan se
Mane gobar or bakri ki mingni Dali ha
यह तो बहुत अच्छी बात है। गोबर की खाद खेत,मिट्टी व हर फ़सल के लिए संजीवनी बुटी का कार्य करती है।
Koi bhi sprey nahi kiya
25 qtl नही , ये 75 qtl होगा
ललितजी नमस्ते। इस किसान भाई के हर वर्ष 4 से 5 क्विटंल के बीच ही कपास होता है। इस वर्ष इन्होंने गोबर खाद की मात्रा बढ़ाई है और खेत की जुताई बहुत गहरी की थी व धूप में सिंचाई न करने का विशेष ध्यान रखा है। 12 से 4 बजे के समय में तेज धूप की अवधि में सिंचाई करने से पौधे पीले पड़ते हैं व फूलों को गिरा देते हैं। हमारे यहाँ पर बीघा 132 बाय 132 फ़ीट का है। बॉल की संख्या बहुत अच्छी है पर पौधों की संख्या कम है। इस प्रकार उपज की औसत गणना की गई है।
@@GreenRajasthan21 sahi kah rhe ho lge rho kujh to shi bolo Kora jhut hi prosoge