*मैथिलीशरण गुप्त की सुन्दर रचना* तप्त हृदय को , सरस स्नेह से, जो सहला दे , *मित्र वही है।* रूखे मन को , सराबोर कर, जो नहला दे , *मित्र वही है।* प्रिय वियोग ,संतप्त चित्त को , जो बहला दे , *मित्र वही है।* अश्रु बूँद की , एक झलक से , जो दहला दे , *मित्र वही है।* *_मित्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं_* 🙏🙏🙏
Om shanti 😊
Om shanti ☀️🌞
Beautiful 🕉 shanti 🙏
ओम शांति 🙏 🌹 🌹 ❤️
*मैथिलीशरण गुप्त की सुन्दर रचना*
तप्त हृदय को , सरस स्नेह से,
जो सहला दे , *मित्र वही है।*
रूखे मन को , सराबोर कर,
जो नहला दे , *मित्र वही है।*
प्रिय वियोग ,संतप्त चित्त को ,
जो बहला दे , *मित्र वही है।*
अश्रु बूँद की , एक झलक से ,
जो दहला दे , *मित्र वही है।*
*_मित्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं_*
🙏🙏🙏
ओम शान्ती ओम
Right uncle