बाबा साहब आंबेडकर को एक ब्राह्मण गुरु ने पढ़ाया, उनकी छात्रवृति का इंतजाम किया और उनको इंग्लैंड पढ़ने के लिए भेजा। इसी ब्राह्मण गुरु ने अपना आंबेडकर सरनेम बाबा साहब को दिया। फिर ब्राह्मणों ने ही उनको संविधान की ड्राफ्टिंग कम्मेटी का अध्यक्ष चुना।
बुद्धिस्ट अशोका ने जैन भिक्षुक क्यों मरवाये ? छुपाये नहीं. बाटा किसने? मलिछो के आक्रमण से आस्था परिवर्तित देशो में देखो. परिवर्तित शूद्र गांव पाकिस्तान में उनसे पूछो. उनका अस्तित्व मिटा. और मनुस्मृति वर्गों /वर्णो के आरक्षण से अस्तित्व बचा. मनुस्मृति की हर बात नहीं मानी गयी. क्या वो गलती थी ब्राह्मण चाणक्य की? फिर आंबेडकर से बड़ा चाणक्य क्यों नहीं. इसलिए आदिवासी/शूद्र मौर्या को राजा ( क्षत्रिय ) बनाया चाणक्य ब्राह्मण ने. दोनों.तरह के उद्धारण हैं, अच्छे या बुरे. जैन, सिख, बुद्ध और अब नये सम्प्रदाय मैं अधर्मिक मायावी घुसपैड और उनकी नीयत से सावधान, जो इस्कॉन मैं भी दिखती हैं. यही से आसुरी आस्था और विचारधारा में "परिवर्तन दलाली इत्यादि" भी. भासावाद, कट्टरवाद इत्यादि के प्रयोग से अलगावित और भ्रस्ट करना. भोजन, ड्रग्स, भौतिकवादी/शरीरिक प्रेम जिसे लव, इश्क या मोहब्बत इत्यादि कहे, से भ्रस्ट या निर्भित करना. फादरवाद/सिस्टरवाद/मौलावाद/रब्बावाद में आस्था डालना वही जो चाणक्य-मौर्या 👇तथा यूनानी काल से चल रहा हैं. ये नहीं भूले के विष्णु अवतार श्री राम 🏹 महादेव 🔱की पूजा करते. जो बुद्ध को विष्णु अवतार मानते हैं. उन्हें ये ज्ञात हैं की उन्हें मानवीकरण विहीन महादेव ( शुन्य) का आशीर्वाद और आभास हुआ. इसलिए बुद्ध मानवीकृत ईश्वर में विश्वास नहीं करते थे. 👇 खुद हिंसा नहीं करना, हिंसा आस्था के अकर्मक को बुलाना या उनकी दलाली करने का भी एतिहास हैं । वो भी पाप है।भारत राजाओं को उखाड़ फेंकने के लिए आक्रमणकारियों के साथ दलाल सांठगांठ का इतिहास छिपाया गया है। कुछ सनातन धर्म के अनुकृति संप्रदायों को यूनानी काल से ही अलग धर्म के रूप में मान्यता दी गई । इससे यूनानी और उनके उपरांत, अनुकृति संप्रदाय का समर्थन करके चाणक्य-मौर्य के सुनहरे काल में असुर मुकाबला कर पाये..क्योकि चाणक्य-मौर्य के सुनहरे काल की "चाणक्य अर्थव्यवस्था" से आया अनचाहा दलालवाद. जिसके धन पोषण माध्यम से "अनुकृति संप्रदाय" को असुरो ने अलगावित रखा. ये संभव हैं की असुर नीती अनुसार खुद को मूल होने का दावा करती अनुकृति संप्रदाय की दीवारें तोड़ी गईं। और अनुकृति संप्रदाय ने बहुत सारे मंदिर जैसे सोमनाथ तुड़वाये आक्रामक बुलाके. यूनानी के उपरांत भी, आश्चर्य की बात यह है कि डुप्लिकेट(अनुकृति संप्रदाय ) हमेशा किसी भी उत्खनन का मूल स्रोत कहलाना चाहता हैं, चाहे हड़प्पा हो या कही और असुरी योजना अनुसार या आदत से । दीवान तोडरमल जैन वगेरा मुगलो के धन पोषक बने दलालवाद प्रणाली अंतर्गत.
@chandrashekharrao5774 true. If not for counter force. All those nations would. be annexed by communist china like tibet and parts of Mongolia, etc. Or converted by islam like Afghanistan, Xinjiang,, pakistan, etc. Or other asur astha.
पंकज जी, आज हमारे देश में आप जैसे लोगों की शख्त जरूरत है, क्योंकि हम जानते हैं कि हमारे देश का उद्धार बुद्धजीवी लोगों के द्वारा ही होगा,हम सब बहुजन आपके विचारों से आपकी बातों से सम्पूर्ण रूप से सहमत हैं, जय भीम जय संविधान,
बाबा साहब आंबेडकर एक ब्राह्मण गुरु ने पढ़ाया, उनकी छात्रवृति का इंतजाम किया और उनको इंग्लैंड पढ़ने के लिए भेजा। इसी ब्राह्मण गुरु ने अपना आंबेडकर सरनेम बाबा साहब को दिया। फिर ब्राह्मणों ने ही उनको संविधान की ड्राफ्टिंग कम्मेटी का अध्यक्ष चुना।
बहुत सुंदर सार्थक और सटीक कहा है आपने सर बुद्ध के विचारों से ही व्यक्ति, समाज, देश और विश्व का कल्याण और दुःखों से मुक्ति मिल सकती है| इतिहास और वर्तमान इसका उदाहरण है ---सम्राट अशोक, सम्राट कनिष्क इसके उदाहरण हैं, जापान और अनेक बौद्ध देश इनके उदाहरण है| साधुवाद और नमन के साथ नये वर्ष की शुभकामनाएं| नत्थि मे शरणं अयं बुद्धो मे सरणं वरं एतेन सच्चवच्चेन होतु मे जयमंगलं| नत्थि मे शरणं अयं धम्मो मे शरणं वरं एतेन सच्चवच्चेन होतु मे जयमंगलं| नत्थि मे शरणं अयं संघो मे सरणं वरं एतेन सच्चवच्चेन होतु मे जयमंगलं|
आप सराहनीय कार्य कर रहे हैं, आज के दौर में, सच प्रकट करना, भाईचारे की बातें करना, निष्पक्ष होकर, सत्य भाषण करना बहुत ही कठिन है, आप कर रहे हैं, धन्यवाद।
आप ठीक कह रहे हैं पर आधा ही ठीक है क्योंकि दूसरे विश्व युद्ध तक ईसाइयों में मुस्लिमो से भी ज़्यादा कटृरता थी बाद में बुद्ध के विचार नास्तिकता, समानता आदि के आने से वे शान्ति प्रिय हो गये पहले रेलगाड़ी में दो तरीके के डब्बे होते थे
@@timeandlife6782 सर महोदय जी नमस्कार में इमानुएल कांड की नैतिकता की थ्योरी पड़ी है उसके बाद मुझे ज्यादा इसमें विषय में नहीं पढ़ना क्या सत्य की सत्य सत्य की जन की एक ही जारी तरीका है कि टाइम मशीन बन जाएगी तो हम जाकर देख लेंगे क्या सत्य क्या सत्य कौन संगीता कौन गलत बाकी मैं तो यह कहता हूं बेहतर जीवन जीना है तो इन सब चीजों को पीछे छोड़ दो गोली मारो यीशु को गोली मारो गोली मारो कृष्ण को गोली मारो महावीर को यह सब तो निकाल लिए बेहतर जिंदगी का इन्होंने जो करना था कर दिया धरती को सब दिया है स्वास्थ्य नहीं दिया सॉरी स्वास्थ्य अब लड़ने के लिए बच्चे महात्मा गांधी सुभाष चंद्र वीर सावरकर उनके नाम पर भी लड़ाई चलती रहती इनको भी हटा दी तरफ से सम्मान करो जिसको जिसको करना सम्मान बेहतर जिंदगी है कि मैं नाथ मंदिर के पक्ष में मस्जिद की और मेरा बस चले तो मैं जैन मंदिर में जाकर गुरुवाणी पढ़ने लघु और सजदा करूं गुरु ग्रंथ साहिब के अनुसार मीराबाई चरित्र में चर्च मेंजाकर नमाज पढ़ने लघु चर्च वाले मेरा विरोध ना करें क्योंकि मेरे लिए तो चर्च में भी खुद देखेंगे वह मंदिर में मुझे महावीर देखेंगे गुरुद्वारा मुझे राम देखेंगे मस्जिद में जाकर देखूंगा मुझे तो बहुत देखेगी मस्जिद में महात्मा बुद्ध मिल जाएंगे और गुरुद्वारे में राम मिल जाएंगे और चर्च में खुद मिलजाएंगे
सरजी बुद्ध के विचारों को जाने बिना जीवन की समस्याओं का हल ठीक ठीक नहीं हल किया जा सकता, इसलिए लोगों की मजबूरी है कि बिना बुद्ध के जीवन संभव ही नहीं है।
धन्य हो बाबा साहिब अम्बेडकर जी का जिन्होंने बुद्ध धम्म को फिर से भारत के धरातल पर उतारा .बुद्ध जी ने कहा था कि अपना दीपक खुद बनो ताकि अपना जीवन अपने सही तार्किक. तरीके से जीवन जिया जा सके .जीवन यापन के लिए प्रेम ,बंधुत्व और विश्वास की जरूरत पड़ती तभी हमारा जीवन और समाज खुशहाल हो सकता है .जय भारत जय किसान जय संविधान .
आप के विचार आपकी भाषाशैली बहुत ही प्रेरक है आप के जैसे कुछ और विचारक हो तो लोगों के विचार और ज्ञान में जल्द विकास की संभावना होगी आपका काम जमीनी स्तर का है बहुत बहुत धन्यवाद सर🙏 नमो बुद्धाय, जय भीम ❤❤❤
बुद्ध का मार्ग ही मानवता का मार्ग है, सभी की भलाई का धर्म है। किसी को दंड से नहीं प्रेम से सत्य का मार्ग दिखा कर जीवन जीने का विचार है। ये विषय उठाने, अच्छी तरह से समझने और समझाने के लिए आपको महती साधुवाद।
पंकज जी नये वर्ष की शुभ कामना। आप २०२५ मे अपने विचारों से भारत के विचारों को आत्म सात करके जनता को लाभांवित करेगेँ। बुद्ध तो भारत की आत्मा है शरीर से आत्मा कभी अलग नही हो सकती है।
एड त्रिपाठी जी आप प्रासंगिक विषयों पर सटीक जानकारी देते हैं। वास्तव में गौतम बुद्ध की शिक्षाओं की आज आवश्यकता है। और आप जैसे, ओशो रजनीश जी जैसे लोग पैदा हुए हैं तो बुद्ध धम्म ज्ञान अधिक प्रासंगिक है। भारत का कल्याण भी बुद्ध में है न कि युद्ध में।नमो बुद्धाए।
व्यस्ततावश आज ही देख पाया। बहुत ही सार गर्भित और ज्ञान वर्धक वीडियो। वाकई आप बहुत दुर्दर्शी भी है। हिँसा को हिंसा से रोकना अंतिम उपाय ही हो सकता है, पर वर्तमान मे बुद्ध और शांति की ही अति आवश्यकता है।
बुद्ध जी का धम्म दलितों में प्रसार करने का सबसे ज्यादा योगदान अंबेडकर का है।।पर विश्व में बुद्ध का धम्म अंबेडकर ने नहीं फैलाया ।। बल्कि विश्व में बुद्ध का धम्म विश्व में फैलाने का काम सम्राट अशोक मौर्य महान जी ने किया था।। नमो बुद्धाय जय सम्राट।।
BJP kaise sahi hai wo to job mangne waalon pr laathi chalwa rahi hai. industry ko barbad kar rahi education ko kha gai. bjp waale buddh ko maante hi nahin BJP me wo hi jata hai jo laalchi hota hai. Buddh ka DP hatalo dear. phir bjp bolo Buddh ne bola hai dimaag use karo. aur bhakton k pass gobar hota hai
इस कार्यक्रम को एवं बौद्ध धर्म की प़सार को बहुत बहुत समर्थन करते हैं जय भीम जय भारत छ ग नमोः बुद्धय
अपना दीपक स्वयं बनो | सबके प्रति दया , करूणा , प्रेम , समता , बंधुता , रखे एवं तार्किक व विज्ञानवादी बने यही बुद्ध है |
बुद्ब ही सत्य है बुद्ब ही सबसे पहले हैं बुद्ब ही प्रकाश है बुद्बाय नमः
बुद्ध धर्म ही भारत को महान बना सकता है
बुद्ध के सिद्धांत कल भी प्रासंगिक थे और आज भी प्रासंगिक हैं और आगे भी प्रासंगिक रहेंगे 🙏
नमो बुद्धाय त्रिपाठी जी🙏🙏🙏
Jay bheem sir ji❤❤🎉🎉
हम ओबीसी शाक्य मौर्य सैनी कुशवाहा नाम सी जाने वाले ओबीसी लोग हम अपने पुरखों के धाम की तरफ वापस आ रहे हैंआपको बहुत बहुत धन्यवाद नमो बुद्धाय जय भीम
जय हो शाक्य मौर्य जाति की
जय हो दादा चंद्रगुप्त मौर्य को
नमो बुद्धाय जय सम्राट 🎉🎉
बाबा साहब आंबेडकर को एक ब्राह्मण गुरु ने पढ़ाया, उनकी छात्रवृति का इंतजाम किया और उनको इंग्लैंड पढ़ने के लिए भेजा। इसी ब्राह्मण गुरु ने अपना आंबेडकर सरनेम बाबा साहब को दिया। फिर ब्राह्मणों ने ही उनको संविधान की ड्राफ्टिंग कम्मेटी का अध्यक्ष चुना।
Namo buddhay Jay bheem Bhai
Tum chutiya hai esliye bahaman ko gapori baat bol raha @@hindustanhamara-
@@hindustanhamara-usi ki keemat to chuka rahe hain.
विश्व गुरू बनना हो भारत को तो बुद्ध को ही अपनाना चाहिए
बुद्ध को अपनाना हि होगा यदि विश्व गुरु बनना है तो
बुद्धिस्ट अशोका ने जैन भिक्षुक क्यों मरवाये ? छुपाये नहीं. बाटा किसने? मलिछो के आक्रमण से आस्था परिवर्तित देशो में देखो. परिवर्तित शूद्र गांव पाकिस्तान में उनसे पूछो. उनका अस्तित्व मिटा. और मनुस्मृति वर्गों /वर्णो के आरक्षण से अस्तित्व बचा.
मनुस्मृति की हर बात नहीं मानी गयी. क्या वो गलती थी ब्राह्मण चाणक्य की? फिर आंबेडकर से बड़ा चाणक्य क्यों नहीं. इसलिए आदिवासी/शूद्र मौर्या को राजा ( क्षत्रिय ) बनाया चाणक्य ब्राह्मण ने. दोनों.तरह के उद्धारण हैं, अच्छे या बुरे. जैन, सिख, बुद्ध और अब नये सम्प्रदाय मैं अधर्मिक मायावी घुसपैड और उनकी नीयत से सावधान, जो इस्कॉन मैं भी दिखती हैं. यही से आसुरी आस्था और विचारधारा में "परिवर्तन दलाली इत्यादि" भी. भासावाद, कट्टरवाद इत्यादि के प्रयोग से अलगावित और भ्रस्ट करना. भोजन, ड्रग्स, भौतिकवादी/शरीरिक प्रेम जिसे लव, इश्क या मोहब्बत इत्यादि कहे, से भ्रस्ट या निर्भित करना. फादरवाद/सिस्टरवाद/मौलावाद/रब्बावाद में आस्था डालना
वही जो चाणक्य-मौर्या 👇तथा यूनानी काल से चल रहा हैं. ये नहीं भूले के विष्णु अवतार श्री राम 🏹 महादेव 🔱की पूजा करते. जो बुद्ध को विष्णु अवतार मानते हैं. उन्हें ये ज्ञात हैं की उन्हें मानवीकरण विहीन महादेव ( शुन्य) का आशीर्वाद और आभास हुआ. इसलिए बुद्ध मानवीकृत ईश्वर में विश्वास नहीं करते थे.
👇
खुद हिंसा नहीं करना, हिंसा आस्था के अकर्मक को बुलाना या उनकी दलाली करने का भी एतिहास हैं । वो भी पाप है।भारत राजाओं को उखाड़ फेंकने के लिए आक्रमणकारियों के साथ दलाल सांठगांठ का इतिहास छिपाया गया है। कुछ सनातन धर्म के अनुकृति संप्रदायों को यूनानी काल से ही अलग धर्म के रूप में मान्यता दी गई । इससे यूनानी और उनके उपरांत, अनुकृति संप्रदाय का समर्थन करके चाणक्य-मौर्य के सुनहरे काल में असुर मुकाबला कर पाये..क्योकि चाणक्य-मौर्य के सुनहरे काल की "चाणक्य अर्थव्यवस्था" से आया अनचाहा दलालवाद. जिसके धन पोषण माध्यम से "अनुकृति संप्रदाय" को असुरो ने अलगावित रखा. ये संभव हैं की असुर नीती अनुसार खुद को मूल होने का दावा करती अनुकृति संप्रदाय की दीवारें तोड़ी गईं। और अनुकृति संप्रदाय ने बहुत सारे मंदिर जैसे सोमनाथ तुड़वाये आक्रामक बुलाके. यूनानी के उपरांत भी, आश्चर्य की बात यह है कि डुप्लिकेट(अनुकृति संप्रदाय ) हमेशा किसी भी उत्खनन का मूल स्रोत कहलाना चाहता हैं, चाहे हड़प्पा हो या कही और असुरी योजना अनुसार या आदत से । दीवान तोडरमल जैन वगेरा मुगलो के धन पोषक बने दलालवाद प्रणाली अंतर्गत.
Sri Lanka me Bouddha dharm hai. Bramhadesh ( Myanmar) me Bouddha dharm hai. Thailand me bhi Bouddha dharm hai. Woh bhi sab Vishwa Guru bananewale hai.
@chandrashekharrao5774 true. If not for counter force. All those nations would. be annexed by communist china like tibet and parts of Mongolia, etc. Or converted by islam like Afghanistan, Xinjiang,, pakistan, etc. Or other asur astha.
कोटाखोरों हरामखोरो की फौज खड़ी हो जाएगी।😅
धन्यवाद,नमो बुद्धाय।
नमाे बुद्धाय 🙏 जय भीम 🌷
वहुत ही ज्ञानवर्धक है ये विचार
पंकज जी, आज हमारे देश में आप जैसे लोगों की शख्त जरूरत है, क्योंकि हम जानते हैं कि हमारे देश का उद्धार बुद्धजीवी लोगों के द्वारा ही होगा,हम सब बहुजन आपके विचारों से आपकी बातों से सम्पूर्ण रूप से सहमत हैं,
जय भीम जय संविधान,
बाबा साहब आंबेडकर एक ब्राह्मण गुरु ने पढ़ाया, उनकी छात्रवृति का इंतजाम किया और उनको इंग्लैंड पढ़ने के लिए भेजा। इसी ब्राह्मण गुरु ने अपना आंबेडकर सरनेम बाबा साहब को दिया। फिर ब्राह्मणों ने ही उनको संविधान की ड्राफ्टिंग कम्मेटी का अध्यक्ष चुना।
@@hindustanhamara-Kaun bola tha kya ?
बुद्धम शरणं गच्छामि।
बुद्धाय नमः।
नमो बुद्धया। बोद्ध धर्म अमर रहे हैं।
बिलकुल दादा आपके तार्किक और संवेदनशील विचार बुद्धत्व को पुष्ट करने वाले हैं ❤सादर प्रणाम
बहुत सुंदर सार्थक और सटीक कहा है आपने सर
बुद्ध के विचारों से ही व्यक्ति, समाज, देश और विश्व का कल्याण और दुःखों से मुक्ति मिल सकती है| इतिहास और वर्तमान इसका उदाहरण है ---सम्राट अशोक, सम्राट कनिष्क इसके उदाहरण हैं, जापान और अनेक बौद्ध देश इनके उदाहरण है|
साधुवाद और नमन के साथ नये वर्ष की शुभकामनाएं|
नत्थि मे शरणं अयं बुद्धो मे सरणं वरं एतेन सच्चवच्चेन होतु मे जयमंगलं|
नत्थि मे शरणं अयं धम्मो मे शरणं वरं एतेन सच्चवच्चेन होतु मे जयमंगलं|
नत्थि मे शरणं अयं संघो मे सरणं वरं एतेन सच्चवच्चेन होतु मे जयमंगलं|
बौद्ध धर्म के पलायन वाद और दुखवाद के कारण ही भारत में निराशा फैलती गई और देश गुलाम बना।
आप सराहनीय कार्य कर रहे हैं, आज के दौर में, सच प्रकट करना, भाईचारे की बातें करना, निष्पक्ष होकर, सत्य भाषण करना बहुत ही कठिन है, आप कर रहे हैं, धन्यवाद।
नमो नमः बुद्धाय
❣️🌺🥀🍂♈🌹 बहुत अच्छा जानकारी ❤ सत्य अहिंसा दया करूणा समता बंधुत्व मैत्री समानता ❤ नमो मणीपद्मे हुं 🙏
❤नमो बुद्धाय 🙏🙏❤❤❤
माय फेवरेट जीसस क्राइस्ट और महात्मा बुद्ध मुझे यह दोनों ही दुनिया में सबसे ज्यादा पसंदहै
❤ I respect Buddha and Christ. Peaceful community.
आप ठीक कह रहे हैं पर आधा ही ठीक है क्योंकि दूसरे विश्व युद्ध तक ईसाइयों में मुस्लिमो से भी ज़्यादा कटृरता थी बाद में बुद्ध के विचार नास्तिकता, समानता आदि के आने से वे शान्ति प्रिय हो गये पहले रेलगाड़ी में दो तरीके के डब्बे होते थे
Jisase भी बुद्ध ke shishya थे भिक्षु ka जीवन भी जिएं थे sceince journey ke vedio dekh वो भी पुख्ता पुरातात्विक सबूत ke साथ
@@timeandlife6782 सर महोदय जी नमस्कार में इमानुएल कांड की नैतिकता की थ्योरी पड़ी है उसके बाद मुझे ज्यादा इसमें विषय में नहीं पढ़ना क्या सत्य की सत्य सत्य की जन की एक ही जारी तरीका है कि टाइम मशीन बन जाएगी तो हम जाकर देख लेंगे क्या सत्य क्या सत्य कौन संगीता कौन गलत बाकी मैं तो यह कहता हूं बेहतर जीवन जीना है तो इन सब चीजों को पीछे छोड़ दो गोली मारो यीशु को गोली मारो गोली मारो कृष्ण को गोली मारो महावीर को यह सब तो निकाल लिए बेहतर जिंदगी का इन्होंने जो करना था कर दिया धरती को सब दिया है स्वास्थ्य नहीं दिया सॉरी स्वास्थ्य अब लड़ने के लिए बच्चे महात्मा गांधी सुभाष चंद्र वीर सावरकर उनके नाम पर भी लड़ाई चलती रहती इनको भी हटा दी तरफ से सम्मान करो जिसको जिसको करना सम्मान बेहतर जिंदगी है कि मैं नाथ मंदिर के पक्ष में मस्जिद की और मेरा बस चले तो मैं जैन मंदिर में जाकर गुरुवाणी पढ़ने लघु और सजदा करूं गुरु ग्रंथ साहिब के अनुसार मीराबाई चरित्र में चर्च मेंजाकर नमाज पढ़ने लघु चर्च वाले मेरा विरोध ना करें क्योंकि मेरे लिए तो चर्च में भी खुद देखेंगे वह मंदिर में मुझे महावीर देखेंगे गुरुद्वारा मुझे राम देखेंगे मस्जिद में जाकर देखूंगा मुझे तो बहुत देखेगी मस्जिद में महात्मा बुद्ध मिल जाएंगे और गुरुद्वारे में राम मिल जाएंगे और चर्च में खुद मिलजाएंगे
सरजी बुद्ध के विचारों को जाने बिना जीवन की समस्याओं का हल ठीक ठीक नहीं हल किया जा सकता, इसलिए लोगों की मजबूरी है कि बिना बुद्ध के जीवन संभव ही नहीं है।
विश्वगुरु है बुद्धा में।
बुद्धम शरनम गच्छामि।
अर्थात जो जाग गया हो उसके बताए मार्ग के अनुसार खुद को तैयार करना।❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤❤
बुद्ध ही सत्य। नमो बुद्धाय जय जय सम्राट अशोक जय भीम जय संविधान जय मूलनिवासी जय भारत
पंडित पंकज जी को जयभीम नमो बुद्धाय
Namo buddhay Jay Bheem ❤❤❤❤❤
बिल्कुल सत्य विचार सर
नमो बुद्धाय सर जी
बौद्ध धर्म के बिचार से ही राष्ट्र का बिकाश होगा
नमो बुद्धाय
धन्य हो बाबा साहिब अम्बेडकर जी का जिन्होंने बुद्ध धम्म को फिर से भारत के धरातल पर उतारा .बुद्ध जी ने कहा था कि अपना दीपक खुद बनो ताकि अपना जीवन अपने सही तार्किक. तरीके से जीवन जिया जा सके
.जीवन यापन के लिए प्रेम ,बंधुत्व और विश्वास की जरूरत पड़ती तभी हमारा जीवन और समाज खुशहाल हो सकता है .जय भारत जय किसान जय संविधान .
बौध्द धम्म में न्याय समता बंधुता करुणा इन विचारोंकी बात रखी हैं. एसलिये बौध्द धम्म में लोग विश्वास करने लगे हैं ❤❤❤
जय भीम
जय भारत
बुद्धम, शरणम् गच्छामि
धम्मम शरणम् गच्छामि
संघम शरणम् गच्छामि
नमो बुद्धाय 🙏
नव वर्ष मंगलमय हो, जय भारत नमो बुद्धाय🙏🙏🙏
आप के वीडियो ज्ञान का दीपक जला देते हैं धन्यवाद आप को और आपके परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें
आप के विचार आपकी भाषाशैली बहुत ही प्रेरक है
आप के जैसे कुछ और विचारक हो तो लोगों के विचार और ज्ञान में जल्द विकास की संभावना होगी
आपका काम जमीनी स्तर का है
बहुत बहुत धन्यवाद सर🙏
नमो बुद्धाय, जय भीम
❤❤❤
पंकज त्रिपाठी जी आपका नियमित श्रोता हूं , क्योंकि आप निष्पक्ष और स्वतंत्र विचार रखते हैं।
बुद्ध का मार्ग ही मानवता का मार्ग है, सभी की भलाई का धर्म है। किसी को दंड से नहीं प्रेम से सत्य का मार्ग दिखा कर जीवन जीने का विचार है। ये विषय उठाने, अच्छी तरह से समझने और समझाने के लिए आपको महती साधुवाद।
इस विडियो मे कई बातें ज्ञान वर्धक लगीं 👌👍
सर मै आपको गलत समझता था लेकिन बुद्ध के उपर आपके विचार सुनकर काफी प्रभावित हुआ हू
पंकज जी नये वर्ष की शुभ कामना। आप २०२५ मे अपने विचारों से भारत के विचारों को आत्म सात करके जनता को लाभांवित करेगेँ। बुद्ध तो भारत की आत्मा है शरीर से आत्मा कभी अलग नही हो सकती है।
Ye atma kaha se aya
सर यह सब सुनकर आपके मुंह से बस दिल को सुकून और शांति मिल रही है
आज बुद्ध मार्ग से देश को चलना चाहिए ह
आपकी पुस्तक भारतीय संविधान बहुत अच्छी लगी। सरल तरीके से समझाया गया है।
एड त्रिपाठी जी आप प्रासंगिक विषयों पर सटीक जानकारी देते हैं। वास्तव में गौतम बुद्ध की शिक्षाओं की आज आवश्यकता है। और आप जैसे, ओशो रजनीश जी जैसे लोग पैदा हुए हैं तो बुद्ध धम्म ज्ञान अधिक प्रासंगिक है। भारत का कल्याण भी बुद्ध में है न कि युद्ध में।नमो बुद्धाए।
आपको साधुवाद जय भीम जय संविधान जय मूलनिवासी नमो बुद्धाय जय भीम बुदम शरम गछामी
बहुत जल्द भारत बुद्ध मय हो जायेगा
नमो बुद्धाय
बुद्धमशरणं गच्छामि
To ab hame military ki jaroorat hi nahi rahengi.
Namo buddhay Sadar Jai Bheem
भवतू सब्ब मंगल❤❤❤
❤ Great Sir
व्यस्ततावश आज ही देख पाया। बहुत ही सार गर्भित और ज्ञान वर्धक वीडियो।
वाकई आप बहुत दुर्दर्शी भी है। हिँसा को हिंसा से रोकना अंतिम उपाय ही हो सकता है, पर वर्तमान मे बुद्ध और शांति की ही अति आवश्यकता है।
तर्कपूर्ण बातें। वैसे यह साधारण पर सबसे अहम बात है कि शांति स्थापित होने पर ही विकास संभव होगा।
बौद्ध धर्म ही सच्चा धर्म है
बौद्ध धर्म की क्या पहचान मानव मानव एक समान❤ नमो बुद्धाय 💜💜 यूपी अयोध्या से प्राचीन साकेत नगरी 💜💜💜
विश्व में भगवान - गौतम बुद्ध का बुद्ध धम्म १९५६ के बाद बढनेंमे Dr.बाबासाहेब आंबेडकर का सबसे ज्यादा योगदान है उनकी दुरदृष्टी और विद्वत्ता का श्रेय है.
बुद्ध जी का धम्म दलितों में प्रसार करने का सबसे ज्यादा योगदान अंबेडकर का है।।पर विश्व में बुद्ध का धम्म अंबेडकर ने नहीं फैलाया ।।
बल्कि विश्व में बुद्ध का धम्म विश्व में फैलाने का काम सम्राट अशोक मौर्य महान जी ने किया था।।
नमो बुद्धाय जय सम्राट।।
Kyuki Buddh hi satya hai
बुद्ध जी का जो कांसेप्ट है वह विश्व का सबसे सहज कॉन्सेप्ट है।।
जिसे उन्होंने कहा।। अप्प दीपो भावः।।
नमो बुद्धाय जय सम्राट 🎉🎉
BJP kaise sahi hai
wo to job mangne waalon pr laathi chalwa rahi hai.
industry ko barbad kar rahi
education ko kha gai.
bjp waale buddh ko maante hi nahin
BJP me wo hi jata hai jo laalchi hota hai.
Buddh ka DP hatalo dear.
phir bjp bolo
Buddh ne bola hai dimaag use karo. aur bhakton k pass gobar hota hai
त्रिपाठी सर आपने सही कहा अंबेडकर महात्मा गांधी के विचार बुद्ध के विचार से मेल खाते हैं जय बाबा रविदास जय भीम
Jay bhim namobudhai Jai samvidhan
भाई महात्मा गांधी और बाबा साहब आंबेडकर दोनों का विचार बहुत अलग है
Sadar Namo buddhay 🙏🌹
Grt video
नमो बुद्धाय जय भीम,भगवान बुद्ध के विचारों पर चलकर ही विश्व में शांति व सौहार्द लाया जा सकता है। और किसी भी तरह से नहीं👏👏
सर आप का बहुत बहुत धन्यवाद
You are a very good brahman I like you
हम सब बहुजन बुद्ध ही थे, चालाक लोंगोने हमको बडीही चालाकी से तोडा है. ये हमरी विरासत है. 🙏जय बहुजन 🙏
Namo bhudhay ❤❤❤
सही कहा भारत बौद्ध मय होगा सर नमो बौद्ध 🎉😂❤
One of the best way of buddha
आपके विचार बहुत प्रभावशाली है आपकी सोच दूर दृष्टि है ऐसा होने वाला है जय भीम नमो बुद्धाय
बहुत बढिया सर .🙏🏻🙏🏻🌹🌹
Vishwaguru tathagat Gautam Buddha ki karuna ho Namo buddhay ji Jai samrat Asok mahan 🎉❤🎉
नमो buddhay तथागत बुद्ध ही शुद्ध जीवन ही शुद्ध मार्ग है ❤😢 जय संविधान अहिंसा परमोच्च धर्म 🎉
क्रांतिकारी जय भीम! जय संविधान, जय विज्ञान, जय भारत!
नमो बुद्धय! 🙏💙🇮🇳💙🙏
त्रिपाठी सरजी!
Nice stream, thanks
अति सुन्दर विचार
NamoBudhayJaiBhimJaySamvidhan
Bahut Sundar Vichar Hai Sir Aapke Tathagat Shanti Ke Partik Hai Namo.buddhay Jay.bheem Jay bharat Jay samvidhan
बिल्कुल सत्य है सर जी जय संविधान
Namo Budhay❤
नमो बुद्धाय जय भीम
Very good work thanku sir jay bhim jay bhart Nemo budday 😊
धन्यवाद सर न मो बुद्ध जयभीम बहुत बढीया मानना पढग
Namo Buddhay ❤🧡💛💚💙💜🤎
त्रिपाठी जी
सम्राट अशोक भारत के राजनैतिक पूर्वज
और
भगवान बुद्ध आध्यात्मिक पूर्वज हैं।🎉🎉🎉
Namo budhay
Pray your Own light 🕯️ Namo Buddhay 💙🙏
Sir namo buddhay your explanation is really effective and easy to understanding the concept
Namobudyay
Same to you sir Jai Bhim 🎉🎉🎉🎉
NAMO BUDHYAY JAI BHIM.
सादर भीम नमोः भूद्धाय।
Namo bhudha
Namo bhudhay
धन्यवाद सर
Duniya me shanti Bhudh ka gyan/ tatv hi layenge.....
Jay bhim jay bharat jay savidhan namo namo buddhay jaunpur se
सर जय भीम जय विज्ञान जय संविधान
नमो बुद्धाय जय भीम ❤
Namo Buddhaya
Om namo budhay namah 🙏
Jay Samvidhan