गो-कृपा कृषि पद्धति प्रशिक्षण विडिओ - उत्तम खेती सरलता से कैसे करेंगे? विस्तृत उदाहरणों के साथ समझें

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  • เผยแพร่เมื่อ 10 ก.ย. 2024
  • ॐ गं गणपतये नमः
    ॐ श्री सरस्वत्यै नमः
    ॐ श्री सुरभ्यै नमः
    मित्रों, वन्दे मातरम्, वन्दे गोमातरम् ।
    “गो-कृपा अमृतम्” बैक्टिरीअल कल्चर इस तथ्य का सर्वोच्च उदाहरण है कि गोमाता के आशीर्वाद से कुछ भी संभव है। आज भारत के लाखों किसान इसके उपयोग से सरल और स्वस्थ खेती कर आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर हैं। आज इसके अत्यंत उत्साहजनक परिणाम २२ राज्य, ६५ फसल और १० प्रकार की मिट्टी में देखे गए हैं।
    गो आधारित कृषि, आहार और आयुर्वेद की सहायता से हम साथ मिल कर भारत की प्राचीन और यशस्वी गो संस्कृति का पुनः निर्माण कर सकते हैं। इस संभावना को वास्तविकता में परिवर्तित करने के लिए गो संस्कृति का पुनः निर्माण एक राष्ट्रव्यापी अभियान बन चुका है। इस अभियान में बड़ी संख्या में संत महात्मा, वैदिक विद्वान, आयुर्वेदाचार्य, कृषि वैज्ञानिक, सामाजिक संस्थाएं और गो-भक्त जुड़े हुए हैं।
    बंसी गीर गोशाला भी इस अभियान को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और हम भारत के सभी किसानों एवं नागरिकों को इसमें अपना योगदान देने के लिए और इसका लाभ लेने के लिए हृदय पूर्वक आमंत्रित करते हैं। पूज्य गोमाता ही हमारी सभी समस्याओं का समाधान हैं।
    हमें आशा है कि गुरु, गोविंद और गोमाता को समर्पित यह विडिओ देश के किसानों की आय दुगनी करने तथा सरल एवं सफल प्राकृतिक गो आधारित खेती करने के लिए उन्हें सक्षम बनाने में सहायक सिद्ध होगा। यदि विडिओ बनाने में कोई भूल हुई हो तो हमें क्षमा करें।
    धन्यवाद।
    बंसी गीर गोशाला
    फोन - ९३१६७४६९९० (वॉट्सएप) / ६३५१९७८०८७ ।
    अधिक जानकारी के लिए - www.bansigir.in/downloads
    TH-cam - / bansigirgaushala .
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    Instagram - www.instagram....

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