बिल्कुल सही कहा है धनी अपनी अंगना से अलग नहीं रह सकते सबसे नजदीकी रिश्ता है जो हमें ब्रह्म वाणी सिखाती है लेकिन ब्रह्माणी का प्रचार करने वाले भी सरकार श्री जैसे विरले ही मिलेंगे जी महाराज ने हमें उनके चरणों में भेजा लेकिन श्रीमान जी धनी हमारे श्री राज है हमारे पिया हैं हमारेखसमहै उन्हें ही भागवत में कृष्ण नाम दिया है ब्रह्म वाणी में भी वर्णन है तूने ने आवे एक ने मुख्य श्री कृष्ण। और गौरी पूजा में नाम मालाउरधारो साधो भाई। मैं परिवर्तन किया है यह सरासर गलत कृष्ण कृष्ण मुख रतन रात दिन, सआसओसआस पुकारो क्यों परिवर्तन किया। तारतम्य में भी श्री कृष्ण को अनादि अक्षरा अतीत कहां है और श्री जी साहब कुरान के प्रमाण से कहा है ध्यान देने योग्य बात है जहां भी वाणी में कुरान का पसंद आया है वहीं पर साहिब नाम आया है श्री महेश्वर तंत्र में भी तीन श्री कृष्ण का वर्णन है एक बैकुंठ वासी कृष्ण रुक्मणी दूसरे गोलोक वासी कृष्ण राधा और तीसरे परमधाम वासी जहां 25 पक्ष मूल मिलावा वर्णन है वहां श्री कृष्ण स्वामिनी आया है अर्थात श्याम श्यामा। अब बताइए क्या कोई शास्त्र को बदल सकता है परमात्मा की प्रेरणा से शास्त्र प्रगट होते हैं लेकिन निमित्त कारण इंसान होता है उपादान कारण परमात्मा ही है इसलिए शास्त्र में चतुराई दिखाना इंसान के बस की बात नहीं है श्री जी ने शास्त्रों की बहुत बड़ी महानता पर गडकरी है। ब्रह्म वाणी जिन जानो शास्त्रों में नहीं, है शास्त्रों में सब कुछ। पर जीव सृष्टि क्यों पावही जिनकी अकल है तुछ।। संसार की बुद्धि सूखने की है जिसके जैसा मन में आया ऐसा आरोप लगाया लेकिन जागृत बुद्धि कलयुग में प्रकट हुई श्री प्राणनाथ जी से ही सारे वेद कतेब खुलते हैं
धानी जी के प्यारे लाड़ले श्री सुंदर साथ जी तारतम्य में दो निज नाम पर प्रेम से मिलकर सहूर करेंगे।🎉🎉🎉 दो निज नाम का एक ही अभिप्राय है। ऐसा नहीं है कि 1 गोलों तक दूसरा परमधाम तक दोनों श्री परमधाम के हैं। सिर्फ भाषा का अंतर है एक पुराण के प्रमाण से है दूसरा कुरान के। प्यारे साथ ही ब्रह्म वाणी पर विचार करेंगे।🎉🎉🎉 ब्रह्म वाणी में जहां भी कुरान पक्ष आया है वहां साहेब नाम आया है। धानी जी के इशारों को धनी जी का प्यारा साथ ही समझेगा चींटी हार ऊंट कतार जीव सृष्टि की फितरत है। प्यारे साथ ही शास्त्रों पर भी जरूर करेंगे।🎉🎉🎉 श्री महेश्वर तंत्र में तीन श्री कृष्ण जी का वर्णन है। जहां बैकुंठ का वर्णन है वहां श्री कृष्ण रुकमणी किसनो लक्ष्मी आया है और जहां गोलोक धाम का वर्णन है वहां श्री कृष्ण राधा शब्द आया है और जहां परमधाम 25 पक्ष मूल मिलावा का वर्णन है वहां श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा आया है। धानी जी फरमाते हैं🎉🎉🎉 जिन जानो शास्त्रों में नहीं है शास्त्रों में सब कुछ। पर जीव सृष्टि क्यों पावही जिनकी अकल है तुछ।। सपन बुद्धि होने के कारण कोई शास्त्रों को नहीं समझ सका जागृत बुद्धि से शास्त्रों का भेद खुल रहा है।🎉🎉 प्रणाम जी
श्री कृष्ण के तीन भेद🎉 कृष्ण बैकुंठका दूजा है गोलोक तीजो अखंड धाम को जहां जाए सब शौक।🎉 श्री महेश्वर तंत्र में भी वर्णन है एक श्री कृष्ण रुकमणी विष्णु लक्ष्मी वैकुंठनाथ दूसरा श्री कृष्ण राधा गोलोक धाम तीसरा श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा 25 पक्ष मूल मिलावा परम धाम। जय श्री कृष्ण के तीन भेद हैं। परमधाम में श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा है। श्री कृष्ण राधे नहीं।🎉 श्रीजी साहेब कुरान पक्ष को सिद्ध करता है। ध्यान देने योग्य बात है ब्रह्म वाणी में जहां भी कुरान पक्ष आया है वहां साहेब नाम आया है।
प्रणाम जी मेरे प्यारे सतगुरु के श्री चरणों में
सरकार श्री जी के चरणो में कोटि कोटि प्रणाम जी
Parnam ji sarkar saheb jiii
Prem Parnam ji 🙏🙏🌹🌹❤️❤️sarkar shri ji 🙏 🙏 🌹 🌹 ❤️ ❤️
Thank you so much sundarsath ji itani pyari charcha sarkar saheb ki utube par bhejane ke liye kash Sarkar k darshan ka labh hame bhi milta 😢😢
प्रनामजी साथजी ॥
सांचे सांचा मिल चले, मिले झूठा झूठों माहें।
जो जैसा तैसी सोहोबत, इनमें धोखा नाहें।।१० ० ।।
Pranam ji
કોટિ કોટિ પ્રેમ પ્રણામ
Pranamji 🙏🙏
परम पूज्य सरकार श्री जी के श्री चरणों में कोटि कोटि प्रेम प्रणाम जी 🙏🌹❤️🙏
Shri Raj syama ji
Parnam sunder sath ji
Koti koti prem pranam ji sarkar Sri ji 🙏🌹🙏🙏🙏💐🙏
Saprem pranam 🙏 ji
Parnamji ❤❤
Prem Pranam Ji
Sarkar shri k charno me koti koti pranamJKi
प्रेम प्रणाम जी
प्रेम परनामजी
🌹🙏🙏🙏🙏🌹😊
Parnamji
Pranam ji
सप्रेम प्रणाम जी श्री सुन्दर साथ जी।
🙏🙏🙏🙏🙏
🌺🌺🙏🙏🌺🌺
Pranmji
बिल्कुल सही कहा है धनी अपनी अंगना से अलग नहीं रह सकते सबसे नजदीकी रिश्ता है जो हमें ब्रह्म वाणी सिखाती है लेकिन ब्रह्माणी का प्रचार करने वाले भी सरकार श्री जैसे विरले ही मिलेंगे जी महाराज ने हमें उनके चरणों में भेजा लेकिन श्रीमान जी धनी हमारे श्री राज है हमारे पिया हैं हमारेखसमहै उन्हें ही भागवत में कृष्ण नाम दिया है ब्रह्म वाणी में भी वर्णन है तूने ने आवे एक ने मुख्य श्री कृष्ण। और गौरी पूजा में नाम मालाउरधारो साधो भाई। मैं परिवर्तन किया है यह सरासर गलत कृष्ण कृष्ण मुख रतन रात दिन, सआसओसआस पुकारो क्यों परिवर्तन किया। तारतम्य में भी श्री कृष्ण को अनादि अक्षरा अतीत कहां है और श्री जी साहब कुरान के प्रमाण से कहा है ध्यान देने योग्य बात है जहां भी वाणी में कुरान का पसंद आया है वहीं पर साहिब नाम आया है श्री महेश्वर तंत्र में भी तीन श्री कृष्ण का वर्णन है एक बैकुंठ वासी कृष्ण रुक्मणी दूसरे गोलोक वासी कृष्ण राधा और तीसरे परमधाम वासी जहां 25 पक्ष मूल मिलावा वर्णन है वहां श्री कृष्ण स्वामिनी आया है अर्थात श्याम श्यामा। अब बताइए क्या कोई शास्त्र को बदल सकता है परमात्मा की प्रेरणा से शास्त्र प्रगट होते हैं लेकिन निमित्त कारण इंसान होता है उपादान कारण परमात्मा ही है इसलिए शास्त्र में चतुराई दिखाना इंसान के बस की बात नहीं है श्री जी ने शास्त्रों की बहुत बड़ी महानता पर गडकरी है। ब्रह्म वाणी जिन जानो शास्त्रों में नहीं, है शास्त्रों में सब कुछ। पर जीव सृष्टि क्यों पावही जिनकी अकल है तुछ।। संसार की बुद्धि सूखने की है जिसके जैसा मन में आया ऐसा आरोप लगाया लेकिन जागृत बुद्धि कलयुग में प्रकट हुई श्री प्राणनाथ जी से ही सारे वेद कतेब खुलते हैं
Aagna ka sabse najki rishta to h par ve sundarsaath ke sukh dookh ko apna kyo nhi maante plzz iska javaab do
धानी जी के प्यारे लाड़ले श्री सुंदर साथ जी तारतम्य में दो निज नाम पर प्रेम से मिलकर सहूर करेंगे।🎉🎉🎉 दो निज नाम का एक ही अभिप्राय है। ऐसा नहीं है कि 1 गोलों तक दूसरा परमधाम तक दोनों श्री परमधाम के हैं। सिर्फ भाषा का अंतर है एक पुराण के प्रमाण से है दूसरा कुरान के। प्यारे साथ ही ब्रह्म वाणी पर विचार करेंगे।🎉🎉🎉 ब्रह्म वाणी में जहां भी कुरान पक्ष आया है वहां साहेब नाम आया है। धानी जी के इशारों को धनी जी का प्यारा साथ ही समझेगा चींटी हार ऊंट कतार जीव सृष्टि की फितरत है। प्यारे साथ ही शास्त्रों पर भी जरूर करेंगे।🎉🎉🎉 श्री महेश्वर तंत्र में तीन श्री कृष्ण जी का वर्णन है। जहां बैकुंठ का वर्णन है वहां श्री कृष्ण रुकमणी किसनो लक्ष्मी आया है और जहां गोलोक धाम का वर्णन है वहां श्री कृष्ण राधा शब्द आया है और जहां परमधाम 25 पक्ष मूल मिलावा का वर्णन है वहां श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा आया है। धानी जी फरमाते हैं🎉🎉🎉 जिन जानो शास्त्रों में नहीं है शास्त्रों में सब कुछ। पर जीव सृष्टि क्यों पावही जिनकी अकल है तुछ।। सपन बुद्धि होने के कारण कोई शास्त्रों को नहीं समझ सका जागृत बुद्धि से शास्त्रों का भेद खुल रहा है।🎉🎉 प्रणाम जी
श्री कृष्ण के तीन भेद🎉 कृष्ण बैकुंठका दूजा है गोलोक तीजो अखंड धाम को जहां जाए सब शौक।🎉 श्री महेश्वर तंत्र में भी वर्णन है एक श्री कृष्ण रुकमणी विष्णु लक्ष्मी वैकुंठनाथ दूसरा श्री कृष्ण राधा गोलोक धाम तीसरा श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा 25 पक्ष मूल मिलावा परम धाम। जय श्री कृष्ण के तीन भेद हैं। परमधाम में श्री कृष्ण स्वामिनी अर्थात श्याम श्यामा है। श्री कृष्ण राधे नहीं।🎉 श्रीजी साहेब कुरान पक्ष को सिद्ध करता है। ध्यान देने योग्य बात है ब्रह्म वाणी में जहां भी कुरान पक्ष आया है वहां साहेब नाम आया है।
Bullshit and lie nijand