#मंजुलभगत

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  • เผยแพร่เมื่อ 14 มิ.ย. 2024
  • #मंजुलभगत की कहानी-बीवी और बाँदी
    Manjul Bhagat ki kahani
    Hindi Story
    हिन्दी कहानी
    स्वर-सीमा सिंह
    मंजुल भगत (1936 - 1998)
    जन्म : 22 जून, 1936, मेरठ (उत्तर प्रदेश)।
    शिक्षा : दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. (अंग्रेज़ी)। मंजुल भगत ने लेखन कार्य 1970 में आरम्भ किया। मूलतः वे कहानीकार हैं, इसलिए उनकी हर कहानी एक मुकम्मिल रचना होती है।
    प्रमुख कृतियाँ हैं : क्या छूट गया, टूटा हुआ इन्द्रधनुष, लेडीज़ क्लब, अनारो, बेगाने घर में, ख़ातुल, तिरछी बौछार और गंजी (उपन्यास); गुलमुहर के गुच्छे, आत्महत्या से पहले, कितना छोटा सफ़र, बावन पत्ते और एक जोकर, सफ़ेद कौआ, दूत, बूँद और अन्तिम बयान (कहानी-संग्रह)। अनेक रचनाएँ भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनूदित एवं प्रकाशित। हिन्दी अकादमी, दिल्ली के साहित्यकार सम्मान से अलंकृत की गयीं और ख़ातुल उपन्यास पर कृति पुरस्कार दिया गया।
    निधन : 31 जुलाई, 1998; दिल्ली।
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ความคิดเห็น • 8

  • @madhuagarwal98
    @madhuagarwal98 14 วันที่ผ่านมา +2

    Bahut hi mazadar

  • @madhuagarwal98
    @madhuagarwal98 14 วันที่ผ่านมา +2

    😂😂❤

  • @rajnibhatia6581
    @rajnibhatia6581 15 วันที่ผ่านมา +5

    😊

  • @vidyasingh6056
    @vidyasingh6056 12 วันที่ผ่านมา +2

    रोचक अच्छी कहानी👌👌 आपका वाचन सुंदर🙏🙏

    • @sapanamandowgade8218
      @sapanamandowgade8218 12 วันที่ผ่านมา +1

      Story kuch alag subject leker banai gai bahut achhi lagi
      Ladies ko banao singhar ki shaukin hoti hai

  • @punamyadav2293
    @punamyadav2293 11 วันที่ผ่านมา +2

    Story badi interesting thi ❤❤❤❤ aur aap sunaiye ti jada interesting bn jati hai..excellent presentation gi❤❤

  • @dr.abhamathur5138
    @dr.abhamathur5138 10 วันที่ผ่านมา +2

    अच्छा हुआ लेखिका के पति बच गए। वह तो उन्हे भी चुराना चाहती थी ।