यह सब क्यों? इसकी क्या जरूरत थी?
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- เผยแพร่เมื่อ 30 มิ.ย. 2024
- Why all this? What was the need for this?
I like to share and discuss complex issues in simple words for you.
About Vijay Sardana:
➢Advocate, Supreme Court of India, Delhi High Court, National Green Tribunal and Tribunals
➢25 years of experience in leadership positions in the corporate world, including financial & commodity markets
➢Independent Director on Corporate Boards & on Expert Committees Techno-legal, Techno-commercial & Techno-Economic Policy Expert
➢Agribusinesses Value Chain Investment Strategy & Trade Advisor
➢Research & Innovation Management Advisor
Alumni of PGDM (IIM, Ahmedabad), LLB, M.Sc. (Food Tech) (CFTRI), B.Sc. (Dairy Tech), IPR (WIPO); PGD in Arbitration, Intl. Trade Laws & Alt. Dispute Resolution (ILI, New Delhi), ESG (CFI, US); Intl. Trade Laws (UNCITRAL, Vienna), Contract Law (Yale, USA); Justice (Harvard), International Environmental Laws; Negotiation Strategy (Michigan), Bankruptcy Law (Moscow), Ph.D (Circular Bio-economy) (in progress) (JGU)
Learning, Awareness, and Education is the purpose of this channel. As a Technocrate, Lawyer, professional trainer and educator whose expertise lies in doing simplified and objective explainers of complex topics. This channel is created to share insights based on FACTS on various areas of your interest. Educate & Empower yourself on important issues that matter in your life and learn how you can make the world a better place for yourself and for everyone else.
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23 वर्ष बाद फैसला देने के लिये जजों को पद्मश्री और पद्मभूषण देना चाहिए। ऐसी अदालतों को बंद क्यों नहीं कर देना चाहिए। ये अदालतें देश में इंसाफ़ के नाम पर पूरे देश और जनता के साथ भद्दा मजाक कर रही हैं।
Bharat Ratna. Aur Sardna ko bura lagne ke liye padmashree.
😢हां जजों को सम्मानित करने की जरूरत है। इतना बड़ा काम जो कर रहे है।
मैं यह मत से पूर्णत: सहमत हूॅं | न्याय किसीभी हालत में एक सालके अंदर होना चाहियें ऐसा कानून होना चाहिये |
न्यायपालिका जनता का खून चूसने वाले जोंकों के बहुत बड़े समूह में तब्दील हो चुकी है । जनता और जनता के जागरूक लोग समय समय पर बहुत ही संतुलित व शालीनता से जजों की कार्यप्रणाली पर असहमति व्यक्त करते आ रहे हैं , लेकिन न्यायपालिका के इस विशाल जोंक समूह के कानों पर जूँ तक नहीं रेंगी , बल्कि जनता का मखौल उड़ाते हुए ये एक के बाद एक ऐसे निर्णय करते नज़र आ रहे हैं जो साफ साफ अपराधियों के पक्ष में या उनके प्रति सहानुभूतिपूर्ण नज़र आते हैं , साथ ही ये जोंकें अपने आप को संविधान से मिली इम्यूनिटी के चलते भगवान समझने लगे हैं । शहर का गुंडा भी , जब तक पुलिस या जनता का प्रतिरोध न मिले , अपने आप को भगवान समझने लगता है । समय आ चुका है कि अब इन्हें इनकी संवैधानिक वास्तविकता बता दी जानी चाहिए कि ये भी मूल रूप से जनता के नौकर ही हैं और इनके पेट में रोटी जनता के द्वारा चुकाए गए टैक्स से ही पहुँचती है । जब कुत्तों को घी हज़म नहीं होता तो उल्टियाँ करके गंदगी फैलाते हैं , ऐसा ही इनके मामले में नज़र आ रहा है ।
हमारी न्यायिक वयवस्था केजरीवाल जैसे अराजक, भ्रष्टाचारी नेताओं की मुट्ठी में पूरी तरह कैद हो चुकी है!
हमारे देश में न्यायालय भी खास तौर पर मियाँ लार्ड सिर्फ मोदी, सनातन, हिंदू, भारत विरोधी तत्व, और एनजीओ गैंग की गिरफ्त में है!
सुप्रीम कृपा से अंतिम कोर्ट से फैसला आने तक दुनिया से विदा ले चूकेगी
अब तो आंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाले सभी पर शक होगा
ये देश विरोधी लाँबी है अमर्ताय सेन ,रब्बीश, वांगचुंग देश के नासूर हैं
राजनीति हो या वामपंथी आंदोलन , ये सरल सीधे तरीके से नहीं चलते। फंडिंग के श्रोत भी अनेक होते हैं तथा इकोसिस्टम का हिस्सा बनना पड़ता है जिस के फैसले भी हमेशा अपने हाथ में नहीं होते। आप को इकोसिस्टम के साथ चलना पड़ता है। गलत ठीक का हिसाब फिर बाहर वाले ही लगाते हैं , ये लोग नहीं लगा पाते।
मेघा पाटकर ने भारत का बहुत नुक्सान किया है इनके कर्मों की सज़ा है। आगे इनको और भुगतना पड़ेगा।
सरदाना जी नमस्कार, ताकत से अहंकार और लालस बड़ जाता है और वही अहंकार एक दिन निर्वस्त्र हो जाता है, जैसे केजरीवाल का हुआ है।
यह फैसला तो लोअर कोर्ट का है। इस के बाद हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपील तो होगी ही होगी यदि वहां भी 23, 23 साल लगने लगे तो सोचो कया होगा। दोनो मैं से कोई एक इस संसार को छोड़ जायेगा और कैसे अपने आप समाप्त हो जाएगा।
@@gunrajgupta1234 एक कानून यह भी होना चाहिए कि अगर upper court, lower court का decision change करती है तो lower court की जवाबदेही तय होनी चाहिए और client का पैसा वापस करे | तमाशा बना दिया है न्याय प्रक्रिया का, समय, पैसे,की बर्बादी के साथ मानसिक तनाव जो कई बीमारी का कारण बनता है | may be i am not valid, but just presenting my opinion as law amendments are compulsory.
भारतीय न्यायपालिका ही संसार छोर दे तो अच्छा है।न्याय के नाम पर इसका होना नहीं होना एक ही है।
मेधा पाटकर विध्वंसक कार्यकर्ता है इसे सामाजिक कार्यकर्ता कहना गलत है।विदेशी संस्थाओं के उकसावे से भारत के विकास कार्य को रोकना ही रहा।
Isiliye purana constitution mein bahut sansodhan ki jarurat hai aaj ke zamane k liye.... Lekin opposition isko leke aisa galat narrative banata hai ki desh mein dangaa shuru ho jayengey... Aaj agar hamara samaj pichhe hai to aise kanoon ke wajah se... Isko hatana hi padega.
Ye niti banai hai Khangressi Neharu chacha ne, aur inka bada ecology hai jise todna Modi ko bhi nahi aaya!
बहुत अच्छा फैसला।इस औरत ने खुद की साख बढ़ाने के लिए नर्मदा बांध तथा पुनर्वास योजनाओं को बहुत ज्यादा लटकाया और भटकाया इसके अलावा खुद अपने लिए एन जी ओ के जरिए, विदेशी एजेंसियों से फंडिंग प्राप्त की।अब उनको सजा हुई। जुर्माना भी तगड़ा हुआ।इस फैसले से और भी दोगले नेताओं को सबक मिलेगा।
जमानत भले ही हाथों हाथ दे दो, लेकिन फैसला अधिकतम पांच साल में हो। दो साल लोअर कोर्ट, दो साल हाईकोर्ट और एक साल सुप्रीम कोर्ट।
S
Aur yadi in varshon me faisla nahi to case ko kharij kar dena chahiye.
सरदाना जी आपका हर विडियो देखता हूँ आपका अनालिसिस काफी जानकारी प्राप्त होती हैं l
जय हिंद सरदाना सर बुरे काम का बुरा नतीजा देर से ही सही पटेकार को उसके किये की सजा देर से ही सही अर्थ दंड के साथ मिल गई.
मेघा पाटकर को, सजा हो गई तो अच्छा ही हुआ, नर्मदा बांध को अनावश्यक रूप से विरोध कराने के पाप की भी यह सजा है___ कोर्ट के निर्णय ज्यादा से ज्यादा एक वर्ष के भीतर होने चाहिए__
Aamir Khan ko saza mili ? Did you buy a ticket to PK ? Or Dangal ?
मेघा पाटकर को आजीवन कारावास मिलना चाहिए यह महिला देश की प्रगति कि विरोधी है
@@ganeshdore nope
@@ganeshdoreफिल्म पीके के लिये कठोर सज़ा मिलनी चाहिए यह हिन्दू संस्थाओं की भी गलती है कि उन्होंने हिन्दुओं को अपना दुश्मन मानने वाले आमिर खान के खिलाफ आपराधिक अभियोजन दायर नहीं किया.
अदालत ने आज बड़े लोग पर सही फ़ैसला दिया ,आज लगा कि क़ानून कार्य सही किया ।
गुरु जी ऐसे कानून बनाने चाहिए नार्को टेस्ट पहले होने चाहिए सच झूठ का पता पहले पता चल जाएगा
23 years for THIS CASE??? The judiciary should get 5 months rigorous imprisonment 😎😎
विजयजी क्या अच्छा समाचार सुनाया आपने 🙏🙏 क्या नये कानूनी प्रावधान से ऐसे प्रकरण में लागू होंगे?और कैसे यह समझाएं🙏
सर मैं मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के अलीराजपुर में class 10th में पढ़ता था | उस समय मेघा पाटकर का जलवा ही अलग था | काफी समय तक ये और इनके सहयोगी अलीराजपुर में ही पड़े रहते थे |
ये मेरे घर के सामने रहती थी ये अमेरिका की अजेंट है।इसने कोई सामाजिक कार्य नहीं किया।ये राष्ट्र विरोधी है।आपके मुंह में घी शक्कर।बहुत ही बढ़िया खबर दी।मै मिठाई बांटूंगा।
@@uttamnarayansharma7622 Tera ghar kidhar hai.
मेघा पाटकर जैसे लोगों को सजा होनी जरूरी है लेकिन ये बहुत देर से आया है कानून में संशोधन होना चाहिए ताकि फैसला एक से तीन साल के बीच आ जाये
लगता है कुछ लोग समाज सेवा का मखोटा ओढ़ कर देश की प्रगति में रोड़ा बनते हैं।
Very good analysis,this is because of congress culture and British pattern of judicial system
नर्मदा बचाव आंदोलन एक फ्रौड था. अगर आंदोलन से जुडे जो प्रमुख लोग थे उनका आज की स्थिती देखी जये तो सब समझ मे आ जयेगा.
She fully deserves to be in JAIL for ever... She thought she can do anything and get away with it ... Was working for foreign countries against India ...
@@Rakesh42100 ha
जब भी सेवा का अर्थ केवल पावर, पोजीशन, प्रोस्पेरीटी, और पोपुलारीटी प्राप्त करने का बन जाता है तब ही व्यक्ति की आंखों और दिमाग पर अहंकार की पट्टी पड जाती है और उसे लगने लगता है कि केवल वो ही है दुनिया में और बाकी सब गौण है...
जब व्यक्ति इस स्तर पर पहुंच जाता है या जाती है उसका पतन शुरू हो जाता है...
मेधा पाटकर की सजा का समय बहुत कम है।इस महिला को लम्बी अवधि की सजा होनी चाहिए थी।कोर्ट व न्यायाधीश व्यक्ति को देखकर न्याय देते हैं।
अभी तक कोईना के विस्थापित लोगों को न्याय नहीं मिला। नर्मदा के विस्थापित आदिवासी भी वैसे ही पड़े है अभी भी।
लेकीन साली को खिलाना पिलाना पडता ऑर मेडिकल फॅसिलिटी देनी पडती
When you say something, you must give some arguments supporting your statement. You can't just issue onliners.
जब तक न्यायलय सीमित समय में न्याय नहीं देती, हर न्याय, अन्याय से कम नहीं!
मेघा पाटकर नर्मदा योजना का पुर जोर विरोध करती थी । आज गुजरात के किसानों को नर्मदा योजना का जोरदार लाभ मिल रहा है।
ये सामाजिक कार्यकर्ता जब उन्हे आंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिलेते है, वो भूल ज्याते है, भूतकाळ आउर वे जमिनी हकीकत से दूर जाते हैं.
ये लोग अपने आप को भगवान समझ बैठे थे इस लिए ग़लत काम करते आ रहे थे। अब मोदी जी का हंटर और सरकारी सिस्टम को अपने कर्तव्यों पर चलना न्याय पालिका भी कांग्रेस के Eco system से अब मुक्त हो रही है तब ये परिणाम मिलता है।
फैसले इतनी देर से होते तभी तो अपराधियों को भारत के न्यायालयों पर भरोसा होता है उनको मालूम है कि मामला 40 साल तक चलता रहेगा ।सजा तो मरने की बाद ही होगी।धन्य है ऐसी अदालतों को ,अपराधियों के लिए ऐसे जज भगवान होते हैं।जय हो जज साहिबान।
मेधा पाटकर कोई एक व्यक्ति नहीं है। वो एक प्रवृत्ति है, और ऐसे प्रवृत्ति को सजा मिलनी ही चाहिए। सवाल इस बातका है की अपील में और कितने साल बरबाद होंगे?
मेधा पाटकर के वर्तमान उम्र को देखते हुए सहानुभूति तो हो सकती है। पर आंदोलन के नाम पर वामपंथी सोंच से देश का अहित किया है। तो सजा तो भोगना हीं होगा।🙂
मेधा पाटकर was another women Kejriwal of her time. Agitation was her life style and enjoying life on public money.
ऐसे और लोगो को भी इस प्रकार की सजा देनी चाहिए और ऐसे नकांपोसो को पर्दाफाश किया जाना चाहिए सरदाना की आपको सादर प्रणाम ❤❤❤
लालच , अहंकार.. इस सीमा तक.. कि कब वह राष्ट्रद्रोह की सीमा तक लांघ गए.. शायद जानबूझकर अहंकार में कि हमें कौन रोक सकता है.. या किसी बाह्य आर्थिक शक्ति के लालच में.??
In the National Herald case, the court is waiting for Rahul Gandhi to be 80 years old, so he will live in 5 STAR hospital in NY on public expense as punishment. ❤❤❤❤❤
बिल्कुल सही कहा है
24 साल बाद निर्णय आया उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? कोर्ट सरकारी अधिकारीयोनको order देता है 4 हफ्तेमे निर्णय करो और कही बार देरी हुई तो सजा देता है, अब 24 साल का विलंबके लीये कौन सजा देगा.इस विषयपर "समग्र माते नर्मदे " यह दत्तप्रसाद दाभोळकर लिखित मराठी 'किताब महत्वपूर्ण जाणकारी देता है. आपको धन्यवाद 🙏
I urge to all court across Bharat through you sir to expedite all such cases on priority to set example so that no Megha like person to malign image of good citizens who are truly working for country.
ये जो मानव मन की सब कुछ पा लेने का लालच है यही सब बुराईयों की जड़ है।
बेहतरीन जानकारी!
धन्यवाद!
सारा तंत्र भ्रष्ट है। किससे कहें और क्या कहें।
काहे का स्योशल एकटिविस्ट, जो सच मे स्योशल कार्य करते है, अपने आप को दिखाते नही है, चूपचाप अपना काम करते रहते है, कोई उनको जानते भी न हो , फिर भी कोई गम नही इस बात की। यह होते है सामाजिक कार्यकर्ता।
उच्च कोटि का विवेचन। धन्यवाद।
सर लालच और ego इन लोगों का आम व्यक्तियों से अधिक होता है यह एक वजह है लेकिन दूसरी बहुत अहम वजह जिस पर सीधा किसी का ध्यान नहीं जाता वह है बचपन में माता पिता से मिले हुए संस्कार.. Moral Education सही गलत का भेद.. हम सब के सामने लालच और ego के सवाल आते हैं जीवन में समय समय पर लेकिन जो उचित अनुचित का खयाल तुरंत आता है वह हमें रोक देता है उस मार्ग पर आगे बढ़ने से.. जिसकी moral education बचपन में ठीक से नहीं हुई वह उस लालच या ego में आगे बढ़ जाता है उसी का प्रतिफल हैं ये दोनों व्यक्ति जिनके उदाहरण आपने दिए 🙏🏻🙏🏻💗💗
आपका अंदाजे बयां कमाल है ! आपको सुनना बहुत अच्छा लगता है !
सरलता व सहजता के साथ विषय को समझाने का शानदार उदाहरण
❤️
❤
कोई फायदा नही, 24 साल बाद फैसला, अब उच्च न्यायालय फिर सर्वोच्च न्यायालय, कितने साल लग सकता है, न्याय योग्य समय मे मिळणा चाहिये.
नटवर लाल अपने को कानून से ऊपर समझ बैठा था
SIMPLE LANGUAGE, LOGICAL THINKING AND MAGNETIC VOICE. THEASE ARE YOUR QUALITIES SIR. GOOD. GOD BLESS YOU FOR THIS NOBLE WORK. PRADEEP WALIMBE
Medha Patkar should be awarded rigorous imprisonment of 10 Years and Fine up to Rs.50 Lakhs.
Always look forward to your analysis on various legal issues. Balanced and in simple terms 🙏
Beautiful analysis.
Ego is the worst of all vices.
Some people in India still feel they are above ordinary law of the country . Court has acted judiciously, hail the verdict.
Very true sir ! If we look to any politician, government employee suddenly it strikes that honesty is lacking !
विजयजी, नपुंसक कानून, लचर न्याय प्रणाली, लचर पुलिसिया तंत्र, लचर मंत्री, भगवान ही मालिक|
Powerful and patronaged personality,**"WHO CARES**"
आप सही कह रहे हैं लेफ्ट जहां जहां सक्रिय है वहां वहां सिस्टम को अंगूठा दिखाया जाता ही है ,,विकास काम मे बाधा जनता द्वारा ही करवाते है ,सरकारी लाभ सभी लेते हैं पर सड़को को बनने नही देते या विध्न उत्पन्न करवा के क्या हासिल करते हैं समझना कठिन है ,विरोध विरोध पहला प्रमुख एजेंडा होता है इनका
सामाजिक कार्यकर्ता सेवा के अलावे एक धन अर्जन का एक साधन बन चुका है। सेवा की आड़ में देश की सांस्कृतिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर ये भ्रष्ट मानसिकता वाले तंत्र का हिस्सा बन जाते हैं।
23 वर्ष बाद फैसला ईस न्यायिक प्रक्रिया की बधाई दूं या अपने बेबसी लाचारी पर रोउ न्यायालय को न्यायालय कहुं या वैश्यालय कहुं न्यायलय के कारण ही अराजकता बढ़ रहा है न्यायालय द्वारा ज़मानत देकर २५ से ५० साल के बाद नीचली अदालत से फैसला का परिणाम स्वरुप लोग क्राईम करते हैं क्योंकी सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचते पहुंचते वादी और प्रतिवादी दोनों ये दुनिया छोड़ चुके होंगे इसलिय बिना भय लोग क्राईम करते सभ्य लोग पीड़ित होते हैं
Aadmi kitna bhi naamdaar ya dhanwaan ho, uske paas ahankaar (ego) aur laalach hamesha rahta hae. This is a natural human instinct but with thorough understanding and education together with humility, compassion, humanity and wisdom (gyan), the person is able to overcome those shortcomings. Regards from Sydney Australia, Sir.
I salute your encouraging knowledge about the legal facts.
Good analysis and presentation on the current affairs
Thank you bijay ji for good information.
सिर्फ 23 साल में फैसला सुना दिया कोर्ट ने!
इतनी जल्दी.
क़्या बात है!
Indian Judiciary को सलाम!
Your views on current topic is very geneunine.
Sir, you are absolutely right, ego & money minded people acts like ....
Excellent analysis Sir
Come directly to point.
Very nice information and analysis sir
Namaskar, Sardana Sir. Justice delayed is justice denied. Agreed. But keeping aside delayed decision of the court, the person who is accused, deserves a punishment irrespective, her age or contribution to the society. As you have pointed out the ego has gone to her head and made utterances that were unwarranted. In this case, I feel that Mr. Saxena has been lucky to have got justice, though belated.
Vijay ji namaskar,
Medha Patekar jaise logon ko sabak milna hee chahiye .
Thanks for analysing such a critical current topic.
🙏🙏🌹🌹
A very good analysis. Sometimes, by doing some so called good work, a person thinks that he is above all, including the law. No body should be above law.
अति-महत्वाकांक्षा, लालच और अहंकार, इन तीनों का कॉकटेल बड़ा ही घातक होता है। इस पर जब ग़लत दर ग़लत काम करने के बावजूद कुछ नहीं बिगड़ता, तब वो इंसान सफलता के घमंड में चूर हो कर मदान्ध हो जाता है और अंत में उसकी दुर्गति ज़रूर हो जाती है।
Excellent analysis
Aapka Vichar 100% correct hai
Vijay ji NAMAN 🙏 for a Rational Presentation . Too much Ego & Greed lead to downfall of both .
Apt presentation of the case
Yes sir. Ego & greed play a vital role in converting the person as corrupted & criminal. It is seen in our existing society. This is applicable to high level personalities.
सुन्दर प्रस्तुति
Sailut Sir for right Analysis
Very true sir, ego n greed are 2 main vices that lead one to crime n dishonest means
सनातन धर्म ही सर्वश्रेष्ठ है
पहला कैसे, सामाजिक कार्यकर्ता, उनमें विनम्रता की कमी थी उसका कारण होता है यानी एगो
दूसरा कैसे, पैसे बालो को लालच और ज्यादा होता है परिणाम दोनो का नुकसान ही होता है
People have lost faith in the judiciary. The entire system, including collegium requires Reformation.
Sir yah sab lobh aur ahankaar had se jyada badh jane ke karan hota h jiski koi seema nahi h. Iski parineeti manushya ke sarvnash ke roop me hoti h. Vaise bhi karmo ka fal to yahi bhugatna h.
Sir aap ke dwara jin vishayo par vivechana aur analysis ki jaati h
Bahut hi arthpoorn hoti h.
As ever Excellent Sardana ji
I am your fan
Blessings from 93 yrs old
Very nice information n News analysis
जो आरोपी के वकील होते हैं उन्हें पता होता है कि वह हरने वाले हैं इसलिए तारीख पर तारीख लेते रहते हैं और सालों बीत जाते हैं। यह रुकना चाहिए
Very nice analysis of facts 🎉🎉
Apķa analysis bahut achcha hai
bahot sahi faisala
Thank you very much.
बहुत अभ्यासपूर्ण विवेचन । जयहिंद
Sardanaji ko Good morning sir Jai Jai Siya ramji 🙏 ❤❤
Very much true sir🙏
Sir Aapki Itna shukm Vishleshn or yah sikh Manav ko Ahankar or Lalach nahi karna Chahiye, I Like your channel bahut bahut Dhanyawad
Absolutely right sir
सामाजिक एवं राष्ट्रीय दृष्टिकोण से सचेत कारक उद्बोधन कानों को प्रिय लगा।
Precise analysis sir🙏
Sardana ji, you are doing great job for the awareness of a common man.
Greed & Ego are a big issues, yes, Sir.