जननी मैं न जीऊँ बिन राम, राम लखन सिया वन को सिधाये गमन, पिता राउ गये सुर धाम, जननी मैं न जीऊँ बिन राम। कुटिल कुबुद्धि कैकेय नंदिनि, बसिये न वाके ग्राम, जननी मैं न जीऊँ बिन राम, प्रात भये हम ही वन जैहैं, अवध नहीं कछु काम, जननी मैं न जीऊँ बिन राम, तुलसी भरत प्रेम की महिमा, रटत निरंतर नाम, जननी मैं न जीऊँ बिन राम राम लखन सिया वन को सिधाए, राउ गये सुर धाम, जननी मैं न जीऊँ बिन राम कुटिल कुबुद्धि कैकेय नंदिनि, बसिये ना वाके ग्राम, जननी मैं न जीऊँ बिन राम प्रात भये हम ही वन जैहैं, अवध नहीं कछु काम जननी मैं न जीऊँ बिन राम तुलसी भरत प्रेम की महिमा, रटत निरंतर नाम, जननी मैं न जीऊँ बिन राम
बहुत स्तब्ध हूँ कि पंडित राजन मिश्र जी असमय महा प्रस्थान कर गये लेकिन उनकी अद्भुत गायन शैली, दोनों भाइयों का मृदुल व्यक्तित्व भारत का गौरव बढ़ाता रहेगा।इस भजन को प्रस्तुत करके भरत जी के श्री राम के प्रति अनुराग को श्रोताओं के सम्मुख जीवंत कर दिया।
पंडित छन्नीलाल मिश्र द्वारा विभिषण गीता सुना था l लेकिन आज आप ने भी राग प्रभाती मे तुलसीदास का पद सुनकर मंत्र मुग्ध कर दिया l धन्य है आप l जय हो आपकी आपकी कीर्ति ऐसे ही आगे बढ़ती जाये 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आपने गाया, मैं न जीऊं बीन राम आपने वैसा ही कर भी डाला ।पता नही उस दिन कैसे आपके गायन का तार भगवान राम से सीधे जुड़ गया।आपको स्वर सहित दुनिया से अलविदा होना पड़ा।आप सुरों का सौरभ लेकर श्री राम मय हो गए, छोड़ दी आपने वाराणसी की गलियां । लेकिन वाराणसी आपको नहीं छोड़ेंगी । ऐसा मेरा मानना है ।
बिप्रबर , अभी भी ये भजन उतना ही सुंदर और शानदार है , जितना ५० या ६० साल पहले था , इस भजन को मेरा चाचा जी भी खेत पर ४ बजे भोर में बहुत लय से गाते थे , ये बात लगभग ४६ साल पहले कि हैं ! ये भजन भाई भाई के प्रेम को चरितार्थ करते हुए ह्रदय को पवित्र और शांत कर देता हैं , प्रणाम !
Shri Bharat ji standing on the highest point of uncontrollable pain due separation from his "only" shelter Shri Ram. That's perfection of yogic (bhakti) state. The flooding emotions manifesting inside Bharat's heart has the power to sink the entire universe. Shri Ram knows this. This is why the Lord runs immediately towards Bharat ji at his first glance in Chitrakoot. Bharat is lying fallen flat on the ground. If his state continues, mother earth will break apart by his yogic state. It is only Ram who is capable of pacifying this rising energy in Bharat. When Lord is in motion, all his accessories move away. None wish to obstruct this divine convergence of Ram-Bharat. It's pure Love and pure compassion embracing each other ! The universe now forever cannot distinguish who is Ram and who is Bharat. This is the epitome of selflessness. Perfect resonance with supreme. *Jai SiyaRam*
What a beautiful explanation, selection of words, purely devine. Vinod Ji- you have opened heart of everyone to the last extent. Unable to describe in words, what I am feeling. Sashtaang pranaam.
इस अत्यन्त मार्मिक भजन को सुनने के लिए एक लम्बे समय से.मन चाहता था, सो आज सुनकर हृदय और मन दोनों प्रसन्न हो गए।1979 के पहले अपने स्व0 पितामह के मुखारविंद से सुना था । धन्यवाद ।
जब भी मैं इस भजन को सुनता हूँ मैं भाव-विह्वल हो जाता हूँ और विदेह भी ।भगवान श्री राम का वन- गमन -प्रसंग सजीव हो उठता हो और श्री भरत का भाई के प्रति अथाह दुःख अत्यंत हृदय-विदारक एवं असह्य भी!दोनों मिश्रा-बंधुओं को शत-शत प्रणाम!श्री राजन मिश्रा जी को अश्रु पूरित श्रद्धांजलि!
राजन साजन की जोडि को आज ग्रहण लगा और राजन जी के चल बसे! मुझे अफसोस के ऊनके देहांत पर्यत उन्हो सुन रहा हु कया कला थी! आप संगीत की दुनिया में हंमेशा जिंदा रहोगे 🙏🙏
अयोध्या कांड की शुरुआत ही रसमयी है- श्री गुरु चरण सरोज रज,निज़ मन मुकुर सुधारि। बरणउ रघुवर विमल जसु,जो दायक फल चारि। अर्थ-मन के शीशे par पड़ी धूल हटाने के लिए गुरु की क्रपा & श्री राम जी के नाम संकीर्तन का पवित्र जल प्रयोगकरने से चारों प्रकार के फलों की प्राप्ति संभव है सुगम है । विस्वास ही परम्परा है । 🙏🔔🔔🔔🔔
सहज समाधि लग रही है ।इसमें जो दर्द है,आत्मा में असीम दुख है श्री भारत जी के,आदरणीय गुरुमा की उपस्थिति में श्री सम्मानित आचार्य वृंद जी ए श्री मुख से सुनकर दिल भर आया।शरणागति भाव प्रभु कृपा से प्रबल हो उठा।श्री हरि: शरणं।
Ecstasy of bhrata prem. Only possible in indian culture. Gayan me hradaya ka dard jhalakta he. Worth listening for every bhartiya irrespective of cast n creed.
हे जननी मैं ना जिओ बिन राम धन्य हो धन्य हो सुन कर आनंद आ गया वाह क्या बोल है श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम जाना है परमधाम टिकट है हरी नाम
श्री भरत जी *राम विरह भक्ति* के परम आचार्य हैं। विरह का सर्वोत्तम रस श्री भरत की स्तिथि है। भागवत में जो गोपियों का भाव है, बिल्कुल वही श्री भरत जी का है।
@@psvk77 sir ji mere vichar me mata kaikai bhi atyant vandinay hai jinki vajah se hame sri ram or bharat jaisa charitra dekhne ko mila. Ye mera mat hai.
@@RajKumar-vq5by श्रीरामचरितमानस में सभी पात्र आदरणीय हैं , सभी से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। मनुष्य जीवन का सम्पूर्ण दर्शन है , जय-जय श्री सियाराम 🙏🙏🙏
श्री भरत जी *राम विरह भक्ति* के परम आचार्य हैं। विरह का सर्वोत्तम रस श्री भरत की स्तिथि है। भागवत में जो गोपियों का भाव है, बिल्कुल वही श्री भरत जी का है। .... अद्भुत अनुपम गायकी ... प्रणाम! *जय सियाराम!*
भरत का माँ के प्रति क्रोध, राम के बिछोह का दुःख, और मिलने की व्याकुलता.. समस्त भावों का सुरों से प्राकट्य... विलक्षण रचना.. धन्य है भारत भूमि.. आप दोनों भाइयों को कोटि-कोटि नमन
They demonstrate how Ram and Laxman must have been, Sajan ji always following his elder brother Rajan ji..Both having a unique chemistry..Building on each other's strengths.. Demonstrating how harmony and melody are maintained
I wonder why this masterpiece has so less views 😢 ❤ बहुत भाग्यशाली है हम जो इतने सुंदर स्वर में ऐसा संगीत सुन रहे है जो भगवान के विरह की पीड़ा को बखूबी प्रकट कर रहा है।
राजन सजन मिश्रा जी ने भक्ति गायन के माध्यम से प्रभु राम से आशीर्वाद जरूर प्राप्त किया होगा मैं आप दोनों विभूतियों की गायन शैली से बहुत प्रभावित हूं बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं आपको ईश्वरी आशीर्वाद प्राप्त है
एक प्रातः स्मरणीय श्री भरत लाल की अपने बडे भाई के प्रति प्रेम व श्रद्धा की हृदयमयी भजनावली विनय पत्रिका में गोस्वामी तुलसीदास जी ने कठोर वचनों का प्रयोग भी किया जा अभागे भरत को जो दोषी न होते हुए भी अपनी माता के प्रति कहने पडे है।श्री साजन मिश्रा राजन मिश्रा जी ने इस रचना को बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया है उन्हें शत् शत् नमन एवं श्रद्धेया गुरु मां जिनके सौजन्य से इस आयोजन को प्रेममयी बनाया उन्हें भी हृदय से कोटि कोटि नमन।जै श्री राम।
आप दोनों बहुत महान है l आप दोनों के चरणों में मेरा सादर प्रणाम l 🚩🚩🚩🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩 मैं बहुत सौभाग्य शाली हूँ क्योंकि मैं आप दोनों से अयोध्या में मिल चुका हूँ l
Aap sabko hamare sadar pranam panditji-on. Aap dono ko hamari parmayu lag jaye. Bhakti aapke bhshan hai hey Bharat Ratan-Bharat Suputron-Bharat Jivan. Jug Jug Jiyen aap dono. Bacchon ko sanskar milta rahe-sadhna ke path dikhai den yehi prarthana hai hamari.
Nadani bas muslim ho gaya hu but missing my culture aur hamesha ki trah aj v bhajan sun kar khush rahne ki koshish kata hu. Mera kalyan ho aplog mere liye prarthana kare.
मन आल्हादित हो उठा ।। आपका संगीत बहुत ही मधुर और विनम्रता से परिपूर्ण होता है। आपके संगीत में आपका विनम्र व्यक्तित्व भी दिखाई देता है। सत सत नमन आपकी साधना और आप जैसे साधक को।🙏🙏😌😌😌
बचपन में बड़े बूढ़ों को चार बजे सुबह में इस प्रातकाली को गाते सुनता था।आज लगभग 50 साल बाद सुनने को मिला।धन्य हो गया।प्रणाम।
Dhanya hai aaplog..🙏🙏🙏jai shree ram
Phir toh aap sattar saalke ho gaye honge
Mere baba aaj bhi gaye hain unki उम्र इस समय 96 साल है 🙏
@@bookwormssociety4501 bhai unhone कहा की वो बचपन में सुनते थे बड़ों बुड्ढों के मुंह से ...कुछ भी यार आप लोग तो ..
Bhav vibhore ho gye .... atbut, apko sat sat pranam
जननी मैं न जीऊँ बिन राम,
राम लखन सिया वन को सिधाये गमन,
पिता राउ गये सुर धाम,
जननी मैं न जीऊँ बिन राम।
कुटिल कुबुद्धि कैकेय नंदिनि,
बसिये न वाके ग्राम,
जननी मैं न जीऊँ बिन राम,
प्रात भये हम ही वन जैहैं,
अवध नहीं कछु काम,
जननी मैं न जीऊँ बिन राम,
तुलसी भरत प्रेम की महिमा,
रटत निरंतर नाम,
जननी मैं न जीऊँ बिन राम
राम लखन सिया वन को सिधाए,
राउ गये सुर धाम,
जननी मैं न जीऊँ बिन राम
कुटिल कुबुद्धि कैकेय नंदिनि,
बसिये ना वाके ग्राम,
जननी मैं न जीऊँ बिन राम
प्रात भये हम ही वन जैहैं,
अवध नहीं कछु काम
जननी मैं न जीऊँ बिन राम
तुलसी भरत प्रेम की महिमा,
रटत निरंतर नाम,
जननी मैं न जीऊँ बिन राम
🙏
🙏,🙏🙏🙏🙏
धन्य आप जो आपने हिंदी में लिखा है इस भजन को मैं आपको दिल से प्रणाम करता हूं 🎉❤🎉
है नाथ,, भरत सरीखी भक्ति दीजिए
Jai shree ram sitaram Lakshman bharat shatrughan jai bolo hanuman ki
बहुत स्तब्ध हूँ कि पंडित राजन मिश्र जी असमय महा प्रस्थान कर गये लेकिन उनकी अद्भुत गायन शैली, दोनों भाइयों का मृदुल व्यक्तित्व भारत का गौरव बढ़ाता रहेगा।इस भजन को प्रस्तुत करके भरत जी के श्री राम के प्रति अनुराग को श्रोताओं के सम्मुख जीवंत कर दिया।
❤👌
आपके दिव्य अभिव्यक्ति को नमन हमारे चैनल को देखेंगे और सब्सक्राइब करेंगे🙏 आपके शुभ 🔔🙏
Adbhut Anubhuti ❤❤
🙏
🙏
मैं बहुत भाग्यशाली हूं, कि ये भजन मुझे लखनऊ में साक्षात गुरु जी से सुनने का सौभाग्य मिला
God bless you Sir.
पंडित छन्नीलाल मिश्र द्वारा विभिषण गीता सुना था l
लेकिन आज आप ने भी राग प्रभाती मे तुलसीदास का पद सुनकर मंत्र मुग्ध कर दिया l
धन्य है आप l जय हो आपकी आपकी कीर्ति ऐसे ही आगे बढ़ती जाये 🙏🙏🙏🙏🙏🙏
आपने गाया, मैं न जीऊं बीन राम आपने वैसा ही कर भी डाला ।पता नही उस दिन कैसे आपके गायन का तार भगवान राम से सीधे जुड़ गया।आपको स्वर सहित दुनिया से अलविदा होना पड़ा।आप सुरों का सौरभ लेकर श्री राम मय हो गए, छोड़ दी आपने वाराणसी की गलियां । लेकिन वाराणसी आपको नहीं छोड़ेंगी । ऐसा मेरा मानना है ।
शास्त्रीय संगीत एवं तुलसी जी की रचना को जनमानस तक सुमधुर स्वर में गान के लिए हार्दिक धन्यवाद ।
बिप्रबर , अभी भी ये भजन उतना ही सुंदर और शानदार है , जितना ५० या ६० साल पहले था , इस भजन को मेरा चाचा जी भी खेत पर ४ बजे भोर में बहुत लय से गाते थे , ये बात लगभग ४६ साल पहले कि हैं ! ये भजन भाई भाई के प्रेम को चरितार्थ करते हुए ह्रदय को पवित्र और शांत कर देता हैं , प्रणाम !
Shri Bharat ji standing on the highest point of uncontrollable pain due separation from his "only" shelter Shri Ram. That's perfection of yogic (bhakti) state.
The flooding emotions manifesting inside Bharat's heart has the power to sink the entire universe. Shri Ram knows this. This is why the Lord runs immediately towards Bharat ji at his first glance in Chitrakoot. Bharat is lying fallen flat on the ground. If his state continues, mother earth will break apart by his yogic state. It is only Ram who is capable of pacifying this rising energy in Bharat.
When Lord is in motion, all his accessories move away. None wish to obstruct this divine convergence of Ram-Bharat. It's pure Love and pure compassion embracing each other !
The universe now forever cannot distinguish who is Ram and who is Bharat.
This is the epitome of selflessness. Perfect resonance with supreme.
*Jai SiyaRam*
Bful explanation vinod kumarji.🙏
Jai Shri Ram 🙏🙏🙏🙏
Wonderful explanation ....... naman 🙏🙏
Vinod Kumar ji I have been working on Ram Bhaav for some time but I have really understood it from your simple explanation. Aapji Ko Naman.
What a beautiful explanation, selection of words, purely devine. Vinod Ji- you have opened heart of everyone to the last extent. Unable to describe in words, what I am feeling. Sashtaang pranaam.
इस अत्यन्त मार्मिक भजन को सुनने के लिए एक लम्बे समय से.मन चाहता था, सो आज सुनकर हृदय और मन दोनों प्रसन्न हो गए।1979 के पहले अपने स्व0 पितामह के मुखारविंद से सुना था ।
धन्यवाद ।
❤👌
बहुत ही भक्ति मय चाह हमारे चैनल को देखेंगे और 🔔🙏🙏
आप अमर है, स्वरों के सरताज, रहेगें हम सब रिणी तुम्हारे 😌🙏!!
सही कहा आपने अमर रहे भक्ति मय संगीत
आप हमारे चैनल को सब्सक्राइब करेंगे🙏
जब भी मैं इस भजन को सुनता हूँ मैं भाव-विह्वल हो जाता हूँ और विदेह भी ।भगवान श्री राम का वन-
गमन -प्रसंग सजीव हो उठता हो और श्री भरत का भाई के प्रति अथाह दुःख अत्यंत हृदय-विदारक एवं असह्य भी!दोनों मिश्रा-बंधुओं को शत-शत प्रणाम!श्री राजन मिश्रा जी को अश्रु पूरित श्रद्धांजलि!
सो बार धन्य वो एक लाल की माई। जिस जननी ने जना भरत सा भाई। सो बार प्रभु के साथ सभा चिल्लाई। सो बार धन्य वो एक लाल की माई। मैथिली शरण गुप्त।
अकल्पनीय साक्षात सरस्वती मां आपके कंठ में विराजमान है बहुत ही सुंदर
मां सरस्वती पुत्रों को नमन। डॉक्टर उपेन्द्र मिश्रा हैदराबाद 🎉🙏
आप दोनो। देश के महान् विभूतियों को ह्रदय से नमन प्रणाम धन्य है 🙏🙏
2021 कोरोना काल में दोनों महानतम भाइयों की जोड़ी टुटी ।अमर कलाकार !अद्भुत !
ये अदभुत रचना आने वाली पीढियो को हमेशा याद आपकी याद दिलाएगा। माता सरस्वती आपके घर विद्यमान है और हमेशा रहेगी । हम जब तक जीवन है। सुनते रहेगे।
अद्भुत , करूणा से भरी,
बेहतरीन composition
Awesome
महानतम रचना
राजन जी मिश्रा, साजन जी मिश्रा
शत शत नमन।
राजन साजन की जोडि को आज ग्रहण लगा और राजन जी के चल बसे! मुझे अफसोस के ऊनके देहांत पर्यत उन्हो सुन रहा हु कया कला थी! आप संगीत की दुनिया में हंमेशा जिंदा रहोगे 🙏🙏
👏🌹😌😔
राम और लक्ष्मण के अवतार राजन साजन मिश्रा जी की ये अभिव्यक्ति जैसे त्रेता युग की व्यथा को फिरसे अनुभव कर रहे हैं। 🙏🏼🙏🏼🙏🏼
बाह जय हो - बहुत ही - करुण स्वर , मार्मिक प्रसंग, “भरत चरित्र “
“जननी।तूँ जननी भई , विधि के न कछु वसाई।”
Radhy Radhey।
अयोध्या कांड की शुरुआत ही रसमयी है-
श्री गुरु चरण सरोज रज,निज़ मन मुकुर सुधारि।
बरणउ रघुवर विमल जसु,जो दायक फल चारि।
अर्थ-मन के शीशे par पड़ी धूल हटाने के लिए गुरु की क्रपा & श्री राम जी के नाम संकीर्तन का पवित्र जल प्रयोगकरने से चारों प्रकार के फलों की प्राप्ति संभव है सुगम है ।
विस्वास ही परम्परा है । 🙏🔔🔔🔔🔔
जय श्री राम। 🙏🙏
आज रामनवमी के दिन इस अद्भुत रचना को सुनकर दिल खुश हो गया। मूझे लगता है यह राग भैरवी में गाया हुआ।
अगर मैं गलत हूँ तो मांफी चाहता हूं।
You are true
जय जय श्रीराम
अदभुत 🙏
राग भैरवी ही है।
आपको पहली बार सुना मंत्र मुग्ध हु. 🙏💐 🙏🙏🙏अब मै ना जियु बिन राम
सहज समाधि लग रही है ।इसमें जो दर्द है,आत्मा में असीम दुख है श्री भारत जी के,आदरणीय गुरुमा की उपस्थिति में श्री सम्मानित आचार्य वृंद जी ए श्री मुख से सुनकर दिल भर आया।शरणागति भाव प्रभु कृपा से प्रबल हो उठा।श्री हरि: शरणं।
इतनी भावपूर्ण रचना मैं अब तक नहीं सुनी
Ecstasy of bhrata prem. Only possible in indian culture. Gayan me hradaya ka dard jhalakta he. Worth listening for every bhartiya irrespective of cast n creed.
Only say irrespective of Religions..
अत्यंत अद्भुत, अद्भुत। नमन राजन साजन मिश्रा जी। मैं न जिऊं बिन राम। पूरी करूणा ऊंडेल दी है आपने।अश्रु बहते है।
Ram rametie ram rametie manorame shastra nam ya tula ram nam vatamane
Absolutely right ... 👍👍
हे जननी मैं ना जिओ बिन राम धन्य हो धन्य हो सुन कर आनंद आ गया वाह क्या बोल है श्री राम जय राम जय जय राम श्री राम जय राम जय जय राम जाना है परमधाम टिकट है हरी नाम
oh my god....I lost completely in grief of Bharat for Ram...out of world composition of pandit ji....
श्री भरत जी *राम विरह भक्ति* के परम आचार्य हैं। विरह का सर्वोत्तम रस श्री भरत की स्तिथि है।
भागवत में जो गोपियों का भाव है, बिल्कुल वही श्री भरत जी का है।
@@psvk77 sir ji mere vichar me mata kaikai bhi atyant vandinay hai jinki vajah se hame sri ram or bharat jaisa charitra dekhne ko mila. Ye mera mat hai.
Bharat ka aartnad man ko chhu jata hai, gayan me bharat ka dard, kshobh chitrit ho gaya hai
@@RajKumar-vq5by श्रीरामचरितमानस में सभी पात्र आदरणीय हैं , सभी से कुछ न कुछ सीखने को मिलता है।
मनुष्य जीवन का सम्पूर्ण दर्शन है , जय-जय श्री सियाराम 🙏🙏🙏
👌❤
श्री भरत जी *राम विरह भक्ति* के परम आचार्य हैं। विरह का सर्वोत्तम रस श्री भरत की स्तिथि है।
भागवत में जो गोपियों का भाव है, बिल्कुल वही श्री भरत जी का है।
.... अद्भुत अनुपम गायकी ... प्रणाम!
*जय सियाराम!*
अति सीमित शब्दों में बाँधकर भरत के चरित्र को जिस उच्च सीमा तक मेहसूस करा दिया , उतना शब्दों का मायाजाल करा ही नहीं पाता । धन्य गायक जी ।
- माया बंसल
-
भाग्यशाली वो लोग है जिन्हें आप जैसे गुरुओ से संगीत की तालिम मिलती है ।
प्रातः तीन बजे सुन कर तो इस वेला का आनंद और बढ़ गया।
परिवार में कोई भी कैकइ जैसा हो सकता है लेकिन भाई-भाई में प्यार और सद्भावना बनी रही चाहिए।
आप दोनों हमारे दिल में बसते हैं। अति सुन्दर चित्रण है।
राजन-साजन सर, जितनी मधुर आपकी आवाज़ है उसमें पड़वा होने वाला ज्ञान भी उतना ही मधुर है। आदर और प्रेम।
आप संगीत जगत की आत्मा है इसलिए आप के चरणो में कोटि कोटि नमन आप दोनों भाइयों की जोड़ी अमर रहें l अब मैं न जियो बिन राम
प्रभाती दादा जी सुनाते थे करीब 60 वर्ष पहले
आनंद आगया।अदभुत है साहब
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम गायक बंधुओ इनकी टीम और गीत गाने के लिए प्रेरणा स्रोत बनी गुरु माँ को अपनी कृपा प्रदान करें।
भरत का माँ के प्रति क्रोध, राम के बिछोह का दुःख, और मिलने की व्याकुलता.. समस्त भावों का सुरों से प्राकट्य... विलक्षण रचना.. धन्य है भारत भूमि.. आप दोनों भाइयों को कोटि-कोटि नमन
ऐसे स्वर्णिम शब्द और सूर आज सुनेने को मिलगये धन्य हो गये हम |
They demonstrate how Ram and Laxman must have been, Sajan ji always following his elder brother Rajan ji..Both having a unique chemistry..Building on each other's strengths.. Demonstrating how harmony and melody are maintained
I wonder why this masterpiece has so less views 😢 ❤
बहुत भाग्यशाली है हम जो इतने सुंदर स्वर में ऐसा संगीत सुन रहे है जो भगवान के विरह की पीड़ा को बखूबी प्रकट कर रहा है।
भरत जी के असह्य विरह को प्रकट करते हुए उतने ही वेदनात्मक स्वर में प्रस्तुति से मन झंकृत हो उठा🙏🙏 मिश्र बन्धुओं को शत शत नमन🙏🙏 जय जय श्री सीताराम🙏🙏
यही हमारी वास्तविक कला है, हमारी संस्कृती, वाह वा पंडित जी, धन्य हो आप दोनो भाई
Bahut pyara Bhajan h Esme Ram naam ki kitni pyari sugandh hai jai shree ram ji 🌹🙏😊😊
श्रीराम जी के बिना इस जीवन मे रक्खा ही क्या है। राम नही तो कुछ भी नही।
Sunkr bht accha lga hmre papa bi is bhjn ko gungunaya krte the adboot aklpniye dil se abhar apko
मेरी दादी लगभग 55-56 ई के समय में ब्रह्म बेला में प्रभाती गाया करती थी। अभी याद आया। जाने कहाँ गए वो दिन।
अभी दो दिवस पहले पहली बार पंडित साजन मिश्र को सामने बैठ कर सुना और स्वर्गीय अनुभूति हुई। मिश्र बंधुओं को सादर बारंबार प्रणाम
आप सबने कितने मीठे संदेश भेजे है,, भजन व श्री मिश्रा बंधुओ के लिए,, मै भजन सुन कर व संदेश पढ़ कर भाव विभोर हो गई, ऐसी जोड़ी को प्रणाम🙏🙏👌👌
बहुत बहुत सुंदर रचना व अद्भुत गायन आदरणीय मिश्रा बन्धुओं का , सादर प्रणाम ❤
BOTH ARE LEGEND... BHAGWAN RAJAN MISHRA JEE KE AATMA KO SHANTI DE..🙏🙏
👌❤
Goswami ji ki lekhani aur is bhajan ko pandit jee, aapne murt roop dekar hriday me sthapit kar diya!🙏
राजन सजन मिश्रा जी ने भक्ति गायन के माध्यम से प्रभु राम से आशीर्वाद जरूर प्राप्त किया होगा मैं आप दोनों विभूतियों की गायन शैली से बहुत प्रभावित हूं बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं आपको ईश्वरी आशीर्वाद प्राप्त है
Mere dil ko chhoo liya ye bhajan...aap jaise mahan swaron ke sartaj ko barambaar Naman❤❤❤❤❤❤
मैं भाग्यशाली हूं जो मुझे सनातन धर्म मिला ❣️🙏🙏
गुरु देव की चरणों में शत शत नमन।
मै ना जीऊं बिन राम
राम राम राम राम राम राम राम राम राम राम
आनंद आ गया जय श्री राम 🙏
क़व्वाली संगीत में तो हमें कई बंधु संगीतकार देखने मिले हैं लेकिन शास्त्रीय संगीत में हमें आप ही दो रतन मिलें हैं ....
These beautiful Shastriy Sangeet is soul of Bharat since 10000 years so needed to sing in Ayodhya too once Grand Temple stand tall there...🙏
Me na jiyun bin Ram .❤
Awesome mind relaxant music,lyrics,and singer's awesome voice
अद्भुत अनुपम रचना।अति सुंदर रचना सुंदर गायन वादन।जय सियाराम।
अत्यंत हृदयस्पर्शी प्रसंग और उस पर ये करुणामय प्रस्तुति! नमन है।
दुर्लभ भजन है । लम्बे समय बाद सुनने का अवसर मिला है। धन्य हैं दोनों भ्राता ।🙏🙏
आपका ज्ञान और आपके स्वरों की सदा जय हो। बहुत ही मधुर
Param pujey Guru dev bhagvan ji ke shree charno me koti koti naman peranam rongte khade ho gaye perabhu ji💐💐🙏🌹🌹🌹😭😭
मन को करुणा से भर दिया, प्रभु श्री राम के बिना कुछ नहीं!🙏🙏
Meri Nani maa 35yrs pahle roj subah me gati thi yeh Bhajan
अहो भाग्य हम सबका धन्य है आप दोनो भाई
राम राम
Divine bhajan to express how Bharat Ji felt about Ram Ji-wonderful feeling
Prof tara Chandra-BHUu
अति अद्भूत अद्वितीय अविस्मरणीय, आध्यात्मिकता से ओत-प्रोत भजन है।जय सियाराम
एक स्वर क्या कह और क्या सुना सकती है ! इसके जीते जागते प्रमाण है आप !🙏♥️
एक पड़ोस में दादा जी गाते थे, जब मैं 8,10 yr ka tha tab yani 10 years pehle ❤❤🎉
Gurumaa ji ke charano mein koti koti shashtang dandvat namskar...🌷🌷🌹🌹🙏🙏
मेरे पितामह भी इस भजन को बड़े प्रेम से गाते थे। जय श्री राम 🚩🚩🚩
अद्भुत बहुत सुंदर ह्रदय वेदना उतपन हो जाती है भरत की व्याकुलता ओर भगवान राम के प्रति अगाढ़ प्रेम भी दिखाई दे रहा है
धन्य भाग हमारा आज आप जैसे महानुभावों के मुखारविंद से सुनने को मिला ये अद्भुत भजन नमस्कार .
Pandit ji ko pehli bar suna aur bar bar sun ney ka man hota hai.awaj k jadugar. Shat shat naman
Mery bapu ji ye bhajan hamesha morning me gate hai aur mujhe bhut acha lagta hai jai shree ram 🙏🙏🙏🙏
जय हो महान विभुतियों की ,जय हो भारतीय संगीत कला की । राधे राधे जी जय श्री कृष्ण हर हर महादेव
Great composition. The rendering of bhajan takes a person to devine world.
Superb rendition, I pray to lord Krishna that Pandit Rajan Mishra ji gets place in lotus feet of almighty 🙏🦚
एक प्रातः स्मरणीय श्री भरत लाल की अपने बडे भाई के प्रति प्रेम व श्रद्धा की हृदयमयी भजनावली विनय पत्रिका में गोस्वामी तुलसीदास जी ने कठोर वचनों का प्रयोग भी किया जा अभागे भरत को जो दोषी न होते हुए भी अपनी माता के प्रति कहने पडे है।श्री साजन मिश्रा राजन मिश्रा जी ने इस रचना को बहुत ही सुन्दर ढंग से प्रस्तुत किया है उन्हें शत् शत् नमन एवं श्रद्धेया गुरु मां जिनके सौजन्य से इस आयोजन को प्रेममयी बनाया उन्हें भी हृदय से कोटि कोटि नमन।जै श्री राम।
अति सुंदर रचना और उसका प्रस्तुतिकरण।
आप दोनों बहुत महान है l
आप दोनों के चरणों में मेरा सादर प्रणाम l
🚩🚩🚩🙏🙏🙏🙏🙏🙏🚩🚩🚩
मैं बहुत सौभाग्य शाली हूँ क्योंकि
मैं आप दोनों से अयोध्या में मिल चुका हूँ l
Divine Bliss......So beautiful rendition.....🙏🙏🙏 One can feel pain....🙏🙏🙏
बहुत बड़ी हानी हुई है राजन मिश्र के बैकुंठ बासी हो जाने कारण शास्त्रिय संगीत जगत का ।
Superb 🎉❤❤❤❤ word hi nhi ki kaise apne bhaav prakatt kru
In the event of your sad demise, Pundit Rajan Mishraji, my heart laments how I can live without your 'live' voice!
धन्य है ये धरती जहाँ आप जन्मे ..जय श्री राम
JAI SHRI RAM..EXCELLENT superb...immense in love of ram
Aap sabko hamare sadar pranam panditji-on. Aap dono ko hamari parmayu lag jaye. Bhakti aapke bhshan hai hey Bharat Ratan-Bharat Suputron-Bharat Jivan. Jug Jug Jiyen aap dono. Bacchon ko sanskar milta rahe-sadhna ke path dikhai den yehi prarthana hai hamari.
Sadar naman pt. ji hariom hari aap hamesha dil mein rahenge
Koti koti pranam Jai Prabhu Ram, Jai Bharat ji🚩🙏🏽 ati sundar Tulasidas ji ki Rachna aur Pandit ji ka gayan ❤️
Ram ji ke the.
Ram ji ke hai.
Ram ji ke rahenge.
Jai ho Guru Maa...Anant hain bhagwan anant hain unke itne surele bhakt 🙏🙏🙏
dil ko touch karne wala bhajan hai...JAI SHRI RAM
Nadani bas muslim ho gaya hu but missing my culture aur hamesha ki trah aj v bhajan sun kar khush rahne ki koshish kata hu. Mera kalyan ho aplog mere liye prarthana kare.
🙏🙏🙏
एक कहावत तो सुनी होगी आपने, सुबह का भूला शाम को वापिस आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते।। जय श्री राम 🚩
अध्भूत जय सियाराम❤🙏❤🙏
मन आल्हादित हो उठा ।। आपका संगीत बहुत ही मधुर और विनम्रता से परिपूर्ण होता है। आपके संगीत में आपका विनम्र व्यक्तित्व भी दिखाई देता है। सत सत नमन आपकी साधना और आप जैसे साधक को।🙏🙏😌😌😌