Shiv Amritdhara | शिव अमृतधारा | Popular Shiv Bhajan 2024 | Shiv Bhajan | Shiv Aarti | Shiv Bhajan
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- เผยแพร่เมื่อ 29 ก.ย. 2024
- Shiv Amritdhara | शिव अमृतधारा | Popular Shiv Bhajan 2024 | Shiv Bhajan | Shiv Aarti | Shiv Bhajan
Title - शिव अमृतधारा
Singer - Vinti Singh
Music - Shubham Yadav
Lyrics - Traditional
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ॥
शिव अमृत की पावन धारा II शिव अमृतवाणी "| सोमवार का दिन शिव जी को समर्पित किया जाता है, मान्यता है बाबा बर्फानी की सच्चे मन से आराधना करने से मनुष्य सभी पापों से मुक्त हो जाता है I
शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदि स्रोत हैं और यह काल महाकाल ही ज्योतिषशास्त्र के आधार हैं। शिव का अर्थ यद्यपि कल्याणकारी माना गया है, लेकिन वे हमेशा लय एवं प्रलय दोनों को अपने अधीन किए हुए हैं। रावण, शनि, कश्यप ऋषि आदि इनके भक्त हुए है। शिव सभी को समान दृष्टि से देखते है इसलिये उन्हें महादेव कहा जाता है।
शिव के जन्म की कहानी हर कोई जानना चाहता है। श्रीमद् भागवत के अनुसार एक बार जब भगवान विष्णु और ब्रह्मा अहंकार से अभिभूत हो स्वयं को श्रेष्ठ बताते हुए लड़ रहे थे, तब एक जलते हुए खंभे, जिसका कोई भी ओर-छोर ब्रह्मा या विष्णु नहीं समझ पाए, से भगवान शिव प्रकट हुए। यदि किसी का बचपन है तो निश्चत ही जन्म भी होगा और अंत भी।
शिव महापुराण में लिखा है कि भगवान सदाशिव से ही ब्रह्मा, विष्णु और महेश की उत्पत्ति हुई। सदाशिव ही भगवान शिव हैं और जब वे अवतार लेते हैं तो महेश नाम से जाने जाते हैं। इसका अर्थ ये हैं कि शिव स्वयंभू हैं, अर्थात स्वयं से उत्पन्न हुए हैं।