ईसाई यदि झारखंड में नहीं आया होता तो आदिवासियों का क्या हाल होता । आज ईसाई स्कूल में पढ़ कर डॉक्टर , इंजीनियर, शिक्षक, विधायक,मंत्री बन गए और देश चला रहा है।क्या ईसाई आदिवासी नहीं है क्या?धर्म विश्वास से निकलता है। मान लिया एक पिता के पांच पुत्र हैं तो उन सबकी अलग अलग धर्म हो सकती है पर जाति एक ही होगा।आकाश,पृथ्वी,समुद्र,जल के सोते, पेड़ पौधों, जीव जंतुओं को किसने बनाया ,आज वही सृष्टि कर्ता को छोड़कर सृष्टि की पूजा की जा रही है।आप संविधान को मानिए या नहीं मानिए उससे कोई मतलब नहीं ,लेकिन दुनिया के लोग तो मानते हैं और उसी संविधान की रक्षा के लिए manniya द्रौपदी मुर्मू देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हैं।
मुझे समझ में नहीं आता कि हमारे सरना आदिवासी भाई लोग ईसाई आदिवासियों को क्यों अलग समझते हैं ? हैं तो सभी कोई आदिवासी। ईसाई "सरना कोड " के विरुद्ध नहीं हैं ।
सर्वप्रथम तो यह समझने की बात है कि महामहिम राष्ट्रपतिजी सिर्फ सरना होने से नहीं, वल्कि RSS, BJP और उसकी सक्रिय सदस्य होने की वजह से इस सर्वोच्च पद पर आई हैं। यह उनका निजि अधिकार है कि आज वो शंकर जी की सवारी नंदीजी की पूजा करती हैं । आगे मैं उनकी बात नहीं करूँगा, लेकिन उनकी बात करूँगा जो सरना छोड़कर मूर्तियों की ओर जा रहे हैं । उनका तो कोई विरोध नहीं, पर विरोध तो सिर्फ ईसाईयों का ।
Jamin sirph oraon munda khariya ka jamin hai sawidhan me sarkar jamin lutne ke liye esai bana raha Baibal ko par kar angrejj Birsa munda ko mara angrejj bhi Esai dharam ko manta hai
मनसे परिवर्तन कीजिए लेकिन दूसरे का धन मत लुटिया धर्म परिवर्तन के बाद आदिवासी कोटे से बाहर हो गए हैं भारत का संविधान कहता है जो नन जुडिशल संविधान है कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन के बाद आदिवासी कोटे से बाहर हो जाता है अगर ऐसा नहीं रहता आर एस एस के लोग यू एन ओ के पास जाकर के यह मैसेज नहीं देते के भारत में कोई आदिवासी नहीं है सब ने धर्म परिवर्तन कर लिया इस गहराई को समझिए
@@anuragkujur6330 ईसाई धर्म है जिसे मानव ने बनाया है आदिवासियों का कोई धर्म नहीं होता वह अपने पूर्वजों के रीति रिवाज परंपरा को मानता है जो विज्ञान के आधार पर है इसमें अवतार और चमत्कार कुछ नहीं मानता स्वर्ग नरक कुछ नहीं होता
अरे बेकूपो आदिवासी ही हम है धर्म अलगहै और हम आदिवासी ही है भ्रम मे मत रहो गदधा सब भाई चारा की भावना रखो जैसे बंगाली करसचन पंचाबी परवीन । आसामी कृशचन जाति अपना ही रहता है सत्य को जानो और सत्य तुम्हे स्वतंत्र करेगी जय येसु
उरांव जिसको जिस धर्म में जाना है जाए उसकी मर्जी, किसी प्रकार की रोक -टोक नहीं होनी चाहिए ,क्योंकि धर्म परिवर्तन से उसकी जाति,समाज,प्रथा ,बोली-भाषा ,संस्कृति,रहन-सहन,खान-पान,जन्म से मरणोपरान्त तक सभी क्रिया-कर्म वहीं रहती हैं जो कभी नहीं बदलती,आदिवासी है तो वह आदिवासी ही रहेगा।
हमारे देश के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू हिन्दू बन गई है, शिव की पूजा करतीं हैं तो क्या वह, हिन्दू बन गई का, बकलोल, वह तो आदिवासी ही है भाई बुड़बक, भ्रमित मत होना आदिवासी ऐ हिंदूओ का चाल समझों, धन्यवाद ईसाई कोई धर्म नहीं है, सत्य तो सत्य ही है भाई, सूर्य के उगना को कोई नहीं रोक सकता है उसी प्रकार परमेश्वर के कार्य को कोई नहीं रोक सकते हैं
हे मेरे भाईयों हमहे जाति धर्म में नहीं बाँटना हैं सबसे पहले तो हम सब एक इनसान है अजाद भारत में धर्म मानने की आजादी सविंधान देता है किसी भी धर्म के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए धर्म मानने से जाति नहीं बदलता है बल्कि जीवन बदलता है यीशु ने कहा किसी दुसरे के द्वारा उदार नहीं क्यो कि स्वर्ग के निचे मनुष्यों में और कोई दुसरा नाम नहीं दिया गया जिसके द्वारा हम उदार पा सके पेरितो के काम 4:12मे लिखा हुआ है यीशु ने कहा कि मार्ग सत्य और जीवन मै ही हूँ बिना मेरे द्वारा पिता के पास नहीं पंहुच सकता है आमीन यहूना4:12
आप इसाई धर्म अपनाये तो मीडिकल नहीं जाते हैं बिमार होतें है तो डाक्टर की सलाह नहीं लेते हैं इसाई धर्म परिवर्तन करने वाले लोग दोहरी लाभ ले रहे हैं साथ ही इसाई लोग कहते हैं कि इस धर्म में नशा नहीं करने की बात करते हैं लेकिन गोबर जैसे पिते है इसाई लोग
अरे बकलोल तुम पीछे कैसे हो गाए,तुमको किसने मना किया है देश में रहना है तो सविधान को मानना ही होगा, सविधान का आवहेलना मत करो, हमारे देश में सभी को जीने का समान अधिकार है, बहकावे में मत,फसो इसके चक्कर में काही तुम बर्बाद न हो जाऐ, मरने के बाद सब मिट्टी देने जातें हैं पर दुख मे सब बहाना करते हैं
ईसाइयों में भी नासापन है पर आप सरनावलों से कम । पढ़ाई लिखाई, रहन सहन,बोली बच्चन में ईसाई आदिवासी लोग सरना वालों से बहुत आगे बढ़ते रहे हैं। आप लोग भी आगे बढ़ें । ईर्षा से न जलें ।
गांव-गांव में जमींदार कौन है यह चुंडी वाले लोग ही गांव-गांव में जमींदार है आदिवासी का जमीन को छीन जमींदार बन गए जगह-जगह में स्कूल खोल दिए ताकि हमारे आदिवासी भाई लोग पढ़े-लिखे और हिंदू को लोक से सामना करें यह बात चुंडी लोगों को पसंद नहीं आता है क्योंकि आदिवासी पढ़ेंगे तो मेरे पीछे नहीं चलेंगे इसीलिए लड़ाना चाहते हैं और अब जितना भी शहर है उसमें यही लोग का कबजा है सारे आदिवासी का जमीन को लूट करके उस शहर में बस गए हैं आदिवासी लोग समझो ईसाई ही आपका भाई है यह नेता लोग भी उन्हीं लोग से मिला हुआ है
सरना धर्म बोलता कुछ और है और करता कुछ और है। सरना लोग प्राकृतिक पूजक होते हैं लेकिन आज के दौर में देखा जाता है कि सरना लोग मूर्ति पूजा हो गए हैं, सावन का परब मानते हैं, दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा आदि त्योहारों में जितने हिन्दुओं के संख्या नहीं होते उससे तीन गुना सरना आदिवासियों का झुंड नज़र आता है, तब उस समय सरना धर्म के ठेकेदार कहाँ रहते हैं, क्योंकि ये सब त्योहार तो हिन्दुओं का है, सरना लोग hindu devi देवताओं की पूजा अर्चना कर रहे हैं उस समय किसी को कोई आपत्ति क्यों नहीं हो रही है? क्योंकि इसाई धर्म विदेशी धर्म है इसलिए आपत्ति हो रही है क्या? प्यारों भाईयों और बहनो क्रिश्चियन लोग जिस ईश्वर को और उसका पुत्र येशु मसीह को मानते हैं वो सिर्फ क्रिश्चियन लोगों के लिए नहीं है ब्लकि पूरा मानव जाति के लिए है। Yeshu mashi का विरोध अभी से नहीं हो रहा है, येशु मशीह जब इस दुनिया में था तभी से अब तक मसीहत का विरोध हो रहा है। जब इतने हजारों सालों से क्रिश्चियन लोगों का विरोध हो रहा है तो अब तक Christian लोगों का population पूरा world में सबसे अधिक क्यों है क्रिश्चियन लोगों का विरोध सिर्फ इंडिया में ही नहीं होता कई अन्य देशों में भी होता है। तब भी लोग येशु मशीह को स्वीकार रहे हैं। कभी आपलोगों ने इन बातों पर गौर किया है?......... इसका जबाब बाइबल मे मिलेगा।
आदिवासी इसाई और आदिवासी सरना के बीच हाथ में लाल धागा बांधे कौन है? यदि सरना समाज के शुभ चिंतक हैं तो पिठौरिया और उरगुटू गांव में कट्टर जातिवादी संगठनों के सहयोग सरना घेराबंदी का विरोध किया जा रहा है
आदिवासियों को अपना अपना सभ्यता संस्कृतिक पारंपरा को मानते हुए आगे बढ़ाना चाहिए। आदिवासीयों का धर्म परिवर्तन इसलिए लोग जोर शोर से कर रहे हैं कयोंकि उन्हें आदिवासियों का ज़मीन चाहिए।
हमें समझना ज़रूरी है अपनी समाज अपनी पहचान बनाना है तो अपने समाज को बेहतर बरकरार रखना चाहिए, क्यों नहीं करेंगे अपना समाज बरकरार, एक ना एक दिन आदिवासियों का इतिहास विलुप्त हो जायेंगे इस दुनिया से इसलिए हमें समझना ज़रूरी है अपनी समाज के बारे में, उनसे भी पुँछना कि क्या वे १०००वर्ष पहले ईसाई धर्म इतिहास थे क्या?हम आप सबको हार्दिक बधाई देते हैं कि जो हमारे समाज को बेहतर बनाने में मदद करते हैं इसलिए भाईयों उलझे हुए आदमी को समझाना ज़रूरी उसे वापस अपने धर्म पर पुनः आने का काम करें। धन्यवाद प्रिय आदिवासी जोहार 🙏🌹।
बिल्कुल सही बात है, सरना धर्म को 1932 से पहले कौन जानता था? दूसरे धर्म का नकल करके धर्म बनाने से कोई धर्म नहीं हो जाता। सरना धर्म क्या है खुद सरना वाले कन्फ्यूजड हैं। कभी मूर्ति पूजा करेंगे, कभी निराकरण भगवान, कभी प्रकृति भगवान को मानने सी बात करते हैं। भई प्रकृति को पूजते हो तो पेड़ पौधा को पूजो न। देवी-देवता, सरना देवी ये सब प्रकृति है क्या? प्रकृति में देवी-देवताओं के लिए कोई स्थान नहीं है। प्रकृति ने देवी-देवताओं को बनाया क्या? आदिवासियों की मीटिंग बुलाये हो, तो ये चुन्दी वाला यहाँ क्या कर रहा है? आदिवासियों के बीच की बात है आपस में बातचीत करना ही चाहिए। लेकिन हमारे मामले में चुन्दी वाले को घुसाना गलत है। एक होशियार कह रहा है जमीन नहीं देंगे। वाह क्या बात है? जमीन उसके बाप का है लगता है। सरना का कहीं कोई अता-पता नहीं है और कह रहा है ये जमीन हमारा है। किस संविधान में लिखा है? जमीन आदिवासियों का है, इसमें सरना-ईसाई से कोई संबंध नहीं। जो आदिवासी है, उसे आदिवासी होने का सारा अधिकार है। धर्म आस्था से होता है। जोर जबदस्ती और विरोध से नहीं। अगर कोई किसी की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करता है तो यह संविधान के खिलाफ गंभीर अपराध है। ग्रामीणों को अपनी स्वतंत्रता से जीने दीजिए। भीड़ दिखाकर और जमीन नहीं देने की धमकी देकर धर्म के मामले में दबाव या लालच देना अपराध है।
ऐसी सभा हर गांव में होना चाहिए लोगों को आजादी दी जाए ताकि अपने से चुनाव कर सकें ये समय परम्परा को कायम रखने का नहीं है समय आ गया है कि एक दूसरे को समझकर सही ग़लत को पहचान कर आगे बढ़ ने का समय है। ये बैठक के लिए आप सबको धन्यवाद
अगर कोई आदिवासी ईसाई धर्म को स्वीकार करता है तो उसे धर्म परिवर्तन कहते हैं, और हिन्दू देवी देवता की पूजा करते हैं तो धर्म परिवर्तन नहीं कहलाता है | कृपया स्पष्ट करें | अंग्रेज ईसाई धर्म का प्रचार के लिए नहीं आए थे अंग्रेज भारत का शोषण के लिए आए थे |
आदिवासी, आदिवासी ही रहेगा किसी के कहने और सुनने से उसकी जाति नहीं बदलती , धर्म व्यक्ति का अन्तर आत्मा का विश्वास है, क्योंकि जो जन्मा है, उसकी मृत्यु निश्चित है,मरतुय के बाद के आत्मा का जीवन के बारे में जो जीवन मनुष्य ने जीया है उ्सीआधार पर सवर्ग और नरक की प्राप्ति होगी, जो येसु मसीह ने हमें रास्ता दिखाया है, आदिवासी एक है और एक रहेंगे। प्रकृति हमारी पालने वाली मां है,उसका अनादर कैसे कर सकते हैं।
गांव एवं समाज के लोगों को समझना होगा कि धर्मान्तरण बहुत ही ज्वलंत समस्या है चाहे व हिन्दू धर्म में हो या ईसाई धर्म में हो कार्रवाई किसी एक पर न हो किसी एक धर्म की आलोचना न हो सदियों से हमें शिक्षा का अधिकार नहीं था अंग्रेज आऐ सबोंको शिक्षा का अधिकार दिया सदियों से हमें राक्षस , अछूत कहा गया हमने अभी तक क्यों विरोधी नहीं किया जय सरना जय आदिवासी
आपको इतिहास की जानकारी नहीं है जब अंग्रेज नहीं आए थे हमारे लोग यहां पढ़ते थे विदेशी यहां के शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते थे यूनिवर्सिटी थी लेकिन अंग्रेजों के आने के बाद अंग्रेजों ने यहां की शिक्षा व्यवस्था को खत्म किया जबरन कॉलेज बंद करवाएं इसमें हमारे लोग शहीद भी हुए लेकिन इतिहास को छुपाया गया हमारे स्कूल बंद करके अंग्रेजों ने शिक्षा के रूप में अपना बिजनेस खोला हमारे संस्थानों को बंद कर दिया पहले आप अपना इतिहास पढ़िए इसके बाद बात कीजिए
अंग्रेजों का सच्चाई जानना है तो डूंगरपुर राजस्थान जाइए कालीबाई कलासुआ जो एक आदिवासी भील लड़की है शहीद क्यों हुई हमारे स्कूल कॉलेज नहीं थे तो उसको गोली क्यों मारा गया अंग्रेजों ने उस बच्ची को गोली क्यों मारी नानाभाई खाट को क्यों मारा गया इसका जवाब ढूंढ करके लाइए इसके बाद बताइएगा कि अंग्रेजो ने हमारे लिए शिक्षा दिया कि शिक्षा खत्म किया
ओझा लोग ही है जो एक दूसरो को परे सानी करते हैं इसलिए सर्णा धर्म से किरस चन बन रहे हैं लोग इस बात को समझने कि जरूरत है और ओझा लोग को समझाने की जरुरत है जय धरम जय सरना
आप ने सही कहा है,हम आदिवासीयों को अन्य जाति विशेषकर हिन्दू लोग आकर लूटने लगे, ईसाई धर्म जब आया तो ईसाई मिशनरियों ने हम आदिवासी मुण्डा उरांव खड़िया को ही सर्व प्रथम शिक्षित बनाया, बिरसा मुंडा जैसे लोग भी ईसाई धर्म अपना चुके थे और ईसाई स्कूल चाईबासा में 5 वीं कक्षा तक शिक्षा ग्रहण किए थे, आप भी योग्य शिक्षित बनिए, ईसाई धर्म से नफ़रत है तो यह काला कमीज वाले हिन्दू का स्कूल ही जाइए, लेकिन अपनों को जरूर पढ़ाईए, ताकि अच्छा और बुरा को पहचान सके
जो सरना धर्म को मानते है, क्या वो लोग, मंदिर नही जाते हैं, क्या वो लोग, देवी देवता की फोटो अपने घर पर रखकर पुजा पाठ नही करते हैं ? धर्म के नाम पर , भ्रम फैला रहे हो , अत्याचार कौन करता है, कौन कर रहा है, वो कौन सा धर्म के है, ये क्या आप लोगो को दिखाई नही दे रहा है।। जो विदेशी आये थे, वो पाप मे ग्रसित थे । लेकिन आज सब कुछ बदल चुका है। विदेशी लोगो से इतना घृणा है , तो प्रधान मंत्री क्यो विदेश जा रहे हैं। क्यो लोग विदेश जा जाकर शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं, राष्ट्रपिता , महात्मा गाँधी, संविधान को लाने वाले डॉक्टर भीम बाबा, और भी बहुत से महान पुरूष है, जो बाहर विदेशो मे जा कर उच्च शिक्षा प्राप्त किये, क्या ये सब आप लोगो को मालूम नही है । पहले और अब के क्रिया कलाप मे बहुत अंतर आ चुका है, जितने भी तकनीकी मशीन है,कारखाना है, वो सब कैसे आया, कहां से प्रेरणा मिली, क्या आप लोगो को पता है, सिर्फ धर्म धर्म परिवर्तन पर बात कर रहे हो, आगे बढिये शिक्षा मे, मेल प्रेम से रहिये, दुसरो की मदत कीजिए जिनको मदत की जरूरत है । नेता गिरी करने वालो को , सिर्फ एक दुसरे के प्रति भडकाना आता है, और कहां से अत्यधिक बोट मिलेगा उसी के लिए काम करते हैं ।।। इसीलिए जागरूक बनिये ।।। जय हिन्द, जय भारत ।
मै आदिवासी समाज से ये कहना चाहती हूं आप इतने निर्बुधी कैसे हो सकते हैं? आपका अपना जात का आदमी कोई धर्म को अपना लिया तो आप उसको बेदखल करने की बात कर रहे हो? हर दिन दिकू का विरोध करते हो, फिर दिकू आकर आपको बोला आपका भाई आपका नहीं है और आपने मान लिया, आपको मालूम नहीं वही ईसाई लोग आपका दिकू और आपको पेन्ट पहना दिया और आप बहुत खुश! सरना और दिकू दोनों जिस्ने पेन्ट पाहिन्ने सिखाया उसी को गाली, तो पेन्ट खोलकर पत्ता और आपका दिकू धोती पहनो फिर बात करो, इतना नमक हराम तुम आदिवासी कयेसे हो गए , वो दिकू आपको ज्ञान दिया और आपने ले लिया और आपके भाई को बतला दिया और आप मान लिए? जागो आदिवासी जागो तुमको सरना ईसाई मे बाँट कर तुम्हारा याने दोनों का जल जंगल जमीन लूट लिया आधा से ज्यादा पूरा लूटने का उसका प्लान सफल होने वाला है, और जो इस दिकू को यहाँ बुलाया वो तुम्हारा जल जंगल जमीन बेचवाने का दलाल है, वो कयेसे मुझसे पूछो मै बात करने को तेयार हूँ,
YE SANGSAR APNE AAP ME PARVARTANSHIL HE YAHI PRAKRITI K DHARM NIYAM HE . CHATUR LOGON DUWARA YAHI CHAL RAHA HE LOLI POP CHUSA K PAHLE BANTO , LADAWO, ASLI PAHCHAN MITAWO FIR UNKE SAMPADA KO HADPO. HUM OW MACHHLI HE JO ASANI SE DIKON K JAAL ME FANS JATE HE.
बिल्कुल सही बात है, सरना धर्म को 1932 से पहले कौन जानता था? दूसरे धर्म का नकल करके धर्म बनाने से कोई धर्म नहीं हो जाता। सरना धर्म क्या है खुद सरना वाले कन्फ्यूजड हैं। कभी मूर्ति पूजा करेंगे, कभी निराकरण भगवान, कभी प्रकृति भगवान को मानने सी बात करते हैं। भई प्रकृति को पूजते हो तो पेड़ पौधा को पूजो न। देवी-देवता, सरना देवी ये सब प्रकृति है क्या? प्रकृति में देवी-देवताओं के लिए कोई स्थान नहीं है। प्रकृति ने देवी-देवताओं को बनाया क्या? आदिवासियों की मीटिंग बुलाये हो, तो ये चुन्दी वाला यहाँ क्या कर रहा है? आदिवासियों के बीच की बात है आपस में बातचीत करना ही चाहिए। लेकिन हमारे मामले में चुन्दी वाले को घुसाना गलत है। एक होशियार कह रहा है जमीन नहीं देंगे। वाह क्या बात है? जमीन उसके बाप का है लगता है। सरना का कहीं कोई अता-पता नहीं है और कह रहा है ये जमीन हमारा है। किस संविधान में लिखा है? जमीन आदिवासियों का है, इसमें सरना-ईसाई से कोई संबंध नहीं। जो आदिवासी है, उसे आदिवासी होने का सारा अधिकार है। धर्म आस्था से होता है। जोर जबदस्ती और विरोध से नहीं। अगर कोई किसी की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करता है तो यह संविधान के खिलाफ गंभीर अपराध है। ग्रामीणों को अपनी स्वतंत्रता से जीने दीजिए। भीड़ दिखाकर और जमीन नहीं देने की धमकी देकर धर्म के मामले में दबाव या लालच देना अपराध है।
सरना धर्म वाले भाइयों से मेरा नम्र निवेदन है कि आप लोग आपने लोगों को अच्छा सिखाए की वह मसीही न बने तथा पादरियों को जवाब दे सके । खास बात :_ कोई भी भारतीयों को जैसे जीने में खुशी मिलें जीने दिया जाए। यही संविधान की उदेस्य है जय हिंद ,जय भारत जय वंदेमातरम ।
Kisne bataya aadiwasi ka sankhya ghat rha hai? jinhone yeshu ko apnaya hai wey hi aap se adhik aadiwasi hain...kyonki wey aadiwasiyon k sabhi ritiriwaz , culture ya sanskriti ko aap se bhi adhik jagrukta se manate hain ,iske ulat" aap hi log dusron k bahkawe me aakar khhud ko hindu kahte ho aur khud ko dunia k samne hindu batate ho ....ye dohri chaal kyon? aap hindu dhharm ka palan karo aur fir bhi aap aadiwasi kahlaoge,lekin jo aadiwasi sabhyata sanskriti ,ritiriwaz,,aur lok kala, nach- gaan ko sawar kar ,nikhar kar, duniya k saamne pesh karke duniya ko Adiwasi hone ka gourav dilaya hai usi ko aadiwasi hone se wanchit karna chahte ho? ,hmare Catholic Church k madhyam se poora America, Europe anya deshon me Aadiwasiyon ki pahchan banayi hai.... isliye rss k propoganda ka shikar mat baniye, aur sbhi aadiwasi ekta ka Nara buland kijiye esi me hm sab aadiwasiyon ki bhalai hai....
मोदी सरकार खुद बोला है बिकसीत भारत बाना रहे हैं तो इस तरह ईसाई लोग भी विकसित भारत बाना रहे हैं।ये दुनिया संविधान का अधिकार है।देश वासियों आप लोगों से बिनती है क्या गुनाह हैं धर्मों से।
आदिवासी हो या सथाल या सरना धर्म में शांति कहाँ भाई भाई में दुश्मन घर घर में लड़ाई झगड़ा गाँव गाँव दो पार्टी तो शांति कैसे मिलेगा अपने धर्म कोभी नहीं पहचान ते है मेरा भाई हमारे उपर कितना अतयाचार कऱहाहै हमको एकाघरिया कर दिया है तो हम कहा जाय हमे तो जीने का सहारा चाहिए सहारा के लिए तो किसी के पास जाना ही होगा ना और नहीं तोजिममादारी लो बोलने से नहीं होगा 8:55
बिल्कुल सही बात है, सरना धर्म को 1932 से पहले कौन जानता था? दूसरे धर्म का नकल करके धर्म बनाने से कोई धर्म नहीं हो जाता। सरना धर्म क्या है खुद सरना वाले कन्फ्यूजड हैं। कभी मूर्ति पूजा करेंगे, कभी निराकरण भगवान, कभी प्रकृति भगवान को मानने सी बात करते हैं। भई प्रकृति को पूजते हो तो पेड़ पौधा को पूजो न। देवी-देवता, सरना देवी ये सब प्रकृति है क्या? प्रकृति में देवी-देवताओं के लिए कोई स्थान नहीं है। प्रकृति ने देवी-देवताओं को बनाया क्या? आदिवासियों की मीटिंग बुलाये हो, तो ये चुन्दी वाला यहाँ क्या कर रहा है? आदिवासियों के बीच की बात है आपस में बातचीत करना ही चाहिए। लेकिन हमारे मामले में चुन्दी वाले को घुसाना गलत है। एक होशियार कह रहा है जमीन नहीं देंगे। वाह क्या बात है? जमीन उसके बाप का है लगता है। सरना का कहीं कोई अता-पता नहीं है और कह रहा है ये जमीन हमारा है। किस संविधान में लिखा है? जमीन आदिवासियों का है, इसमें सरना-ईसाई से कोई संबंध नहीं। जो आदिवासी है, उसे आदिवासी होने का सारा अधिकार है। धर्म आस्था से होता है। जोर जबदस्ती और विरोध से नहीं। अगर कोई किसी की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करता है तो यह संविधान के खिलाफ गंभीर अपराध है। ग्रामीणों को अपनी स्वतंत्रता से जीने दीजिए। भीड़ दिखाकर और जमीन नहीं देने की धमकी देकर धर्म के मामले में दबाव या लालच देना अपराध है।
Daru pikar sab sutal rahta hai dharam ka bat kar raha hai. Aj Christian ke chalte hi samaj education hua hai. Yad rakho bhai kisi v jati ke bhagwan ho Daru ka demand nahi karta hai. Aap pas kine school college hai.bura laga sorry for that. School kholo or baccho ko education do, Christians School m mat do
भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है यहाँ हर व्यक्ति को - अपना स्वेच्छा से अपना धर्म मानने का अधिकार है | अनुच्छेद 25 में धार्मिक स्वतंतता देता है यहाँ सरना और मिशन की बात करने के लिए बाहर से दलाल मत बुलाव ' सविधान में उल्लेखित अनुच्छेद 25 को पढो तब आगे बात करना
ईसाई धर्म आज नही होता तो सरना लोग अभी तक बुड़बक ही रहता और अभी पढ़ाई लिखाई भी नही हो पता..... धर्म परिवर्तन कोई नहीं करता लोग अपने से प्रार्थना करते हैं और विश्वास बड़ जाता है तभी लोग ईसाई धर्म बनता है बनाता कोई नही करता
ईसाई लोग अपना जनसंख्या बढ़ाने में लगे है इस चीज को समझो भाई और बहनों इस काली युग में कोई भी इंसान अपने फायदा के बिना एक फूटी कौड़ी नही देने देता । और तो और आज कल भीख मगने से कोई नही देता भला पादरी कहां से देगा । भगवान या ईश्वर न तो पादरी है न तो पंडित है ना तो मुलबी है
आज धर्म के नाम पर सबको मूर्ख बना रहे हैं। सबको जीने दो और धर्म करने दो।धर्म के नाम पर क्यूँ लड़ाई कर रहे हैं। शराब से बचाये। शिक्षा दीजिये। कितने गरीब बच्चे को स्कूल में मदत किये। आपको संबिधान आपको सबको अधिकार दिया है। कोई किसी को खाने के लिए नहीं देता है।
अरे बेकूप जब इन लोगो के पास तकलिफ था अशिछा था बेरोजगारी था बिमार था तो कितनो को तुने मदद किया भाषण देने और धमकाने आये हो जिस ईश्वर ने तुमहेअ अच्छी आवाज दी हैआखे दी है बुधिद दी है उसी अगं ओ से तुम धमका रहे हो इस आवाज ।बुद्धि इसी आखें ईश्वर ले ली तो क्या कहोगे भगवान से पंगा मत लो बेटा कही पछताना न पड जाये
बिल्कुल सही बात है, सरना धर्म को 1932 से पहले कौन जानता था? दूसरे धर्म का नकल करके धर्म बनाने से कोई धर्म नहीं हो जाता। सरना धर्म क्या है खुद सरना वाले कन्फ्यूजड हैं। कभी मूर्ति पूजा करेंगे, कभी निराकरण भगवान, कभी प्रकृति भगवान को मानने सी बात करते हैं। भई प्रकृति को पूजते हो तो पेड़ पौधा को पूजो न। देवी-देवता, सरना देवी ये सब प्रकृति है क्या? प्रकृति में देवी-देवताओं के लिए कोई स्थान नहीं है। प्रकृति ने देवी-देवताओं को बनाया क्या? आदिवासियों की मीटिंग बुलाये हो, तो ये चुन्दी वाला यहाँ क्या कर रहा है? आदिवासियों के बीच की बात है आपस में बातचीत करना ही चाहिए। लेकिन हमारे मामले में चुन्दी वाले को घुसाना गलत है। एक होशियार कह रहा है जमीन नहीं देंगे। वाह क्या बात है? जमीन उसके बाप का है लगता है। सरना का कहीं कोई अता-पता नहीं है और कह रहा है ये जमीन हमारा है। किस संविधान में लिखा है? जमीन आदिवासियों का है, इसमें सरना-ईसाई से कोई संबंध नहीं। जो आदिवासी है, उसे आदिवासी होने का सारा अधिकार है। धर्म आस्था से होता है। जोर जबदस्ती और विरोध से नहीं। अगर कोई किसी की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करता है तो यह संविधान के खिलाफ गंभीर अपराध है। ग्रामीणों को अपनी स्वतंत्रता से जीने दीजिए। भीड़ दिखाकर और जमीन नहीं देने की धमकी देकर धर्म के मामले में दबाव या लालच देना अपराध है।
आदिवासियों को धर्म को लेकर विभाजित मत कीजिये । उरांव हिदू 13 लाख हैं, सरना 11लाख और ईसाई 11 लाख के करीब हैं । धर्म के आधार पर उरांवों की संख्या कम हो जायेगी । दूसरों के बहकावे में ना जाये धन्यवाद ।धन्यवाद ।
अगर सबसे आगे बढ़ाना है तो आत्म निर्भर और कोनफीडेन्स को सबसे आगे बढ़ाना होगा और इसे आगे बढ़ाने के लिए अपनी धर्म और संस्कृति को मानो नहीं तो दुसरे को देखकर चलोगे तो हमेशा पिछे रहोगे ।
कार्य से ईश्वर कि पहचान होती है। राजा महाराजा जहा सच्चे ईश्वर के बिसाय में बताया गया वे उसे सिविकर किए ।कियोकि येसु मसीह ही सच्चा ईश्वर के पास से आए थे वे ही मार्ग सत्य और जीवन हैं।उन्हीं को शोरग और पृथ्वी का अधिकार दे दिया गया है।मृत्यु के बाद आत्मा ईश्वर के पास चली जाती है ईश्वर के बिना जो उनके पास नहीं जाती उन आत्मा कि अनंत मृत्यु हो जाती है।
अगर आप सरना से हिन्दू धर्म अपनाते हैं तो धर्म परिवर्तन नहीं कहलाता।उसके खून का रंग बदल गया जैसे इसाई बनने से उस आदिवासी का खून बदल गया। जिसे जो धर्म अच्छा लगता है मानें, अच्छा नहीं लगता न मानें। ईसाईयों को जमीन बिल्कुल न दें और न ही कोई रिश्ता रखें,आपकी मर्जी है।जो सरना धर्म छोड़कर हिन्दू धर्म अपना रहें हैं उनके लिए आपका क्या कहना है इसे भी स्पष्ट करते।आप धर्म और धर्मपरिवर्तन चिल्लाते रहें जिसे जो धर्म अच्छा लगता है माने,न मानें स्वतंत्र हैं। इससे पहले हंड़िया दारू पीना बंद करें।शिक्षित व समझदार बनें ताकि किसी के बहकावे में न फंसे धर्म,भाषा , संस्कृति,सरना, हिन्दू, ईसाई सब समझ आ जाएगा जिससे अपनी अस्तित्व,जमीन,बहु बेटियों को बचा सकेंगे।आपको मजदूर और अनपढ़ कौन बना रहा अब तक समझ नहीं पाए।
Johar Jay jharkhand jay aadivasi 🇦🇹 suiyatand ke padosi gao Rajan nawatand Ka nivasi hu hamare gao me BHI sabse ek esai Ghar tha bad me shire dhire 5 Ghar ho Gaya
Phle ap apni buri or acchai ka fark karo, iske bad un 5 family ka Phle kaesa tha avi kase hai pata chal jayega. Aj gumla simdega ke log Christian school m pad rahe hain ,jab ki usko sarna school m padna chayee
Aap log apne ko sarna dharam mante hae lekin hindu devi devta ka photo ghar ke dival me tangte hae unka parab vi mante hae Acha hoga prakriti ka photo hi rakhiye
Aap agar pant kamiz pahante ho toh Pura samudai Bhai bahno ko bolo ki ham log pahle karta pahante the. Ishko Karya ko kyon chore. Ishliye 29:43 harhiya daru chhoro tabhi pant kamiz pahno.Jo kuch aap bol rahen ho wah surf dimagi hai. Ishliye ek sarna dharm Pothi banaiye taki Sab parh kar sarna ka sachai ko sabhi jaan sake nge. . Dhanyabaad.
कोई भी धर्म को मने मनुष्य क्योंकि भगवान ईश्वर को मनना अन्तरात्मा का बात है, सब मिलजुलकर रहिये कोई किसी मनव को शरीरिक अथिॅक मनसिक नुकसान नहीं होना चाहिए, क्यों आज पैंट पहनते हैं करेया नहीं पहनते, रूढ़िवादी हंडिया भी पिना नहीं छोड़ेंगे क्योंकि हमारे पुरखा शुरू से ही पिते आए हैं,
Bahut jald d. Listing hona chahiye❤garibon ko murkh banakar dharm badla ja raha hai❤eesaee banane ke liye hi sarna dharm name diya hai❤taki hindu koi action na len❤
ईसाई यदि झारखंड में नहीं आया होता तो आदिवासियों का क्या हाल होता । आज ईसाई स्कूल में पढ़ कर डॉक्टर , इंजीनियर, शिक्षक, विधायक,मंत्री बन गए और देश चला रहा है।क्या ईसाई आदिवासी नहीं है क्या?धर्म विश्वास से निकलता है। मान लिया एक पिता के पांच पुत्र हैं तो उन सबकी अलग अलग धर्म हो सकती है पर जाति एक ही होगा।आकाश,पृथ्वी,समुद्र,जल के सोते, पेड़ पौधों, जीव जंतुओं को किसने बनाया ,आज वही सृष्टि कर्ता को छोड़कर सृष्टि की पूजा की जा रही है।आप संविधान को मानिए या नहीं मानिए उससे कोई मतलब नहीं ,लेकिन दुनिया के लोग तो मानते हैं और उसी संविधान की रक्षा के लिए manniya द्रौपदी मुर्मू देश के सर्वोच्च पद पर आसीन हैं।
1765 se pahle Kahan tha Esai deku esai sarna ka jameen ko visthapit kiya hai vapas karna hoga
Deku esai ko kabhi adivasi saport nahi kiya hai deku log koi bhi shoshak barg adivasion ko hila nahi saka
Adivasi Esai Bankar bhi, muslim Bankar bhi, Hindu bankar bhi mar raha hai
@@ghuroraon1433 is duniya ko tum banaya hai Kiya , agar banaya hai to bolo
मुझे समझ में नहीं आता कि हमारे सरना आदिवासी भाई लोग ईसाई आदिवासियों को क्यों अलग समझते हैं ? हैं तो सभी कोई आदिवासी। ईसाई "सरना कोड " के विरुद्ध नहीं हैं ।
रवि भाई बहुत दोउ कथा बचाकाय ।धन्यवाद ।🌳 जय सरना 🌳 जय चाला 🙏 जय धर्मेश
सर्वप्रथम तो यह समझने की बात है कि महामहिम राष्ट्रपतिजी सिर्फ सरना होने से नहीं, वल्कि RSS, BJP और उसकी सक्रिय सदस्य होने की वजह से इस सर्वोच्च पद पर आई हैं। यह उनका निजि अधिकार है कि आज वो शंकर जी की सवारी नंदीजी की पूजा करती हैं । आगे मैं उनकी बात नहीं करूँगा, लेकिन उनकी बात करूँगा जो सरना छोड़कर मूर्तियों की ओर जा रहे हैं । उनका तो कोई विरोध नहीं, पर विरोध तो सिर्फ ईसाईयों का ।
सिर्फ ईसाई बनने पर ही आपत्ति क्यों?जो सरना भाई जो अधिकांशतः हिन्दू धर्म मान रहे हैं क्या यह धर्मान्तरण नहीं है ?यह तो महाधर्मान्तरण है।
ISAAI JIVAN SARVOTTAM MAARAG HE JIVIT ISVAR PRABHU YESHUPITAA SATGURUDEV SABKO SADBUDHDHI DE
हम बकलोल आदिवासी कब सुधरेंगे
Jamin sirph oraon munda khariya ka jamin hai sawidhan me sarkar jamin lutne ke liye esai bana raha Baibal ko par kar angrejj Birsa munda ko mara angrejj bhi Esai dharam ko manta hai
Kiyouki angrejj Bible study karke Birsa munda ko mara diya
ईसाई लोग धर्म नहीं, मन और जीवन परिवर्तन करते हैं। बुराई से अच्छाई का मार्ग दिखाते हैं।
मनसे परिवर्तन कीजिए लेकिन दूसरे का धन मत लुटिया धर्म परिवर्तन के बाद आदिवासी कोटे से बाहर हो गए हैं भारत का संविधान कहता है जो नन जुडिशल संविधान है कोई भी व्यक्ति धर्म परिवर्तन के बाद आदिवासी कोटे से बाहर हो जाता है अगर ऐसा नहीं रहता आर एस एस के लोग यू एन ओ के पास जाकर के यह मैसेज नहीं देते के भारत में कोई आदिवासी नहीं है सब ने धर्म परिवर्तन कर लिया इस गहराई को समझिए
धर्म code के जगा फिर ईसाई क्यों लिखते हो.
ईसाई क्या है धर्म है या कुछ और
@@ownerofindia1491 Visthapit ho gaye hai
@@anuragkujur6330 ईसाई धर्म है जिसे मानव ने बनाया है आदिवासियों का कोई धर्म नहीं होता वह अपने पूर्वजों के रीति रिवाज परंपरा को मानता है जो विज्ञान के आधार पर है इसमें अवतार और चमत्कार कुछ नहीं मानता स्वर्ग नरक कुछ नहीं होता
@@ownerofindia1491 90 percent log Hindu 🕉ka mandir jate hain jab ki sarna dharam ke Anusara jana nahi chayee
अरे बेकूपो आदिवासी ही हम है धर्म अलगहै और हम आदिवासी ही है भ्रम मे मत रहो गदधा सब भाई चारा की भावना रखो जैसे बंगाली करसचन पंचाबी परवीन । आसामी कृशचन जाति अपना ही रहता है सत्य को जानो और सत्य तुम्हे स्वतंत्र करेगी जय येसु
Aaj kal sarna kaha rah gya sab to Hindu dharm man rhe h, sarna ka asli pahchan kaha rah gya .
Sab hindu dharm ko nahin maante hai jay sarna🇦🇹🇦🇹🇦🇹🇦🇹🇦🇹
Sab sarna to Hindu ban gaye hain to unka dharm pariwartan nahi hua?
YE TO HUWI NA SAMASYA KO AUR BHAYANAK RUP DENE WALI BAAT. SAMASYA KO SAMADHAN KARO, APNA PURKHA ADIVASI PAHCHAN BARKARAR RAKHOO.
जय चाला जय धर्मेश जय सरना
जय झारखण्ड
उरांव जिसको जिस धर्म में जाना है जाए उसकी मर्जी, किसी प्रकार की रोक -टोक नहीं होनी चाहिए ,क्योंकि धर्म परिवर्तन से उसकी जाति,समाज,प्रथा ,बोली-भाषा ,संस्कृति,रहन-सहन,खान-पान,जन्म से मरणोपरान्त तक सभी क्रिया-कर्म वहीं रहती हैं जो कभी नहीं बदलती,आदिवासी है तो वह आदिवासी ही रहेगा।
Bilkul sahi
बिलकुल गलत
सरना का सादी मड़वा गढ़ता है ईसाई का चर्च में होता है तो कैसे एक ही संस्कृति है ईसाई और सरना का
Bahut sa niyam badal jata hai. Aap jaise logon ke karan hi sarna dharm code nahi mil rha hai
Esai dharam appnaya Matlab angrejj ka dharam appnaya Matlab jamin se bedakhal ho gaya
हमारे देश के राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू हिन्दू बन गई है, शिव की पूजा करतीं हैं तो क्या वह, हिन्दू बन गई का, बकलोल, वह तो आदिवासी ही है भाई बुड़बक, भ्रमित मत होना आदिवासी ऐ हिंदूओ का चाल समझों, धन्यवाद ईसाई कोई धर्म नहीं है, सत्य तो सत्य ही है भाई, सूर्य के उगना को कोई नहीं रोक सकता है उसी प्रकार परमेश्वर के कार्य को कोई नहीं रोक सकते हैं
Praise the Lord
हे मेरे भाईयों हमहे जाति धर्म में नहीं बाँटना हैं सबसे पहले तो हम सब एक इनसान है अजाद भारत में धर्म मानने की आजादी सविंधान देता है किसी भी धर्म के साथ ऐसा नहीं करना चाहिए धर्म मानने से जाति नहीं बदलता है बल्कि जीवन बदलता है यीशु ने कहा किसी दुसरे के द्वारा उदार नहीं क्यो कि स्वर्ग के निचे मनुष्यों में और कोई दुसरा नाम नहीं दिया गया जिसके द्वारा हम उदार पा सके पेरितो के काम 4:12मे लिखा हुआ है यीशु ने कहा कि मार्ग सत्य और जीवन मै ही हूँ बिना मेरे द्वारा पिता के पास नहीं पंहुच सकता है आमीन यहूना4:12
Jhon 3:16
Brazil me adivasi ka kya hua 😂😂😂😂😂😂😂😂😁😁😁😀😀😀😀😀😀
Jaake Google pe search Karo
आप गलत पद संख्या बाताया सत्य... यूहनन (14:6) में है
आप इसाई धर्म अपनाये तो मीडिकल नहीं जाते हैं बिमार होतें है तो डाक्टर की सलाह नहीं लेते हैं इसाई धर्म परिवर्तन करने वाले लोग दोहरी लाभ ले रहे हैं साथ ही इसाई लोग कहते हैं कि इस धर्म में नशा नहीं करने की बात करते हैं लेकिन गोबर जैसे पिते है इसाई लोग
Good very good
Jago jhakhandi
अरे बकलोल तुम पीछे कैसे हो गाए,तुमको किसने मना किया है देश में रहना है तो सविधान को मानना ही होगा, सविधान का आवहेलना मत करो, हमारे देश में सभी को जीने का समान अधिकार है, बहकावे में मत,फसो इसके चक्कर में काही तुम बर्बाद न हो जाऐ, मरने के बाद सब मिट्टी देने जातें हैं पर दुख मे सब बहाना करते हैं
ईसाइयों में नसापन
ईसाइयों में भी नासापन है पर आप सरनावलों से कम । पढ़ाई लिखाई, रहन सहन,बोली बच्चन में ईसाई आदिवासी लोग सरना वालों से बहुत आगे बढ़ते रहे हैं। आप लोग भी आगे बढ़ें । ईर्षा से न जलें ।
ये हिन्दू इंसान, पंडित है ये सरना के बीच कहा आ गया
गांव-गांव में जमींदार कौन है यह चुंडी वाले लोग ही गांव-गांव में जमींदार है आदिवासी का जमीन को छीन जमींदार बन गए जगह-जगह में स्कूल खोल दिए ताकि हमारे आदिवासी भाई लोग पढ़े-लिखे और हिंदू को लोक से सामना करें यह बात चुंडी लोगों को पसंद नहीं आता है क्योंकि आदिवासी पढ़ेंगे तो मेरे पीछे नहीं चलेंगे इसीलिए लड़ाना चाहते हैं और अब जितना भी शहर है उसमें यही लोग का कबजा है सारे आदिवासी का जमीन को लूट करके उस शहर में बस गए हैं आदिवासी लोग समझो ईसाई ही आपका भाई है यह नेता लोग भी उन्हीं लोग से मिला हुआ है
@@williamkujur7702 bilkul sahi
@@williamkujur7702
सरना धर्म बोलता कुछ और है और करता कुछ और है। सरना लोग प्राकृतिक पूजक होते हैं लेकिन आज के दौर में देखा जाता है कि सरना लोग मूर्ति पूजा हो गए हैं, सावन का परब मानते हैं, दुर्गा पूजा, सरस्वती पूजा आदि त्योहारों में जितने हिन्दुओं के संख्या नहीं होते उससे तीन गुना सरना आदिवासियों का झुंड नज़र आता है, तब उस समय सरना धर्म के ठेकेदार कहाँ रहते हैं, क्योंकि ये सब त्योहार तो हिन्दुओं का है, सरना लोग hindu devi देवताओं की पूजा अर्चना कर रहे हैं उस समय किसी को कोई आपत्ति क्यों नहीं हो रही है?
क्योंकि इसाई धर्म विदेशी धर्म है इसलिए आपत्ति हो रही है क्या? प्यारों भाईयों और बहनो क्रिश्चियन लोग जिस ईश्वर को और उसका पुत्र येशु मसीह को मानते हैं वो सिर्फ क्रिश्चियन लोगों के लिए नहीं है ब्लकि पूरा मानव जाति के लिए है।
Yeshu mashi का विरोध अभी से नहीं हो रहा है, येशु मशीह जब इस दुनिया में था तभी से अब तक मसीहत का विरोध हो रहा है। जब इतने हजारों सालों से क्रिश्चियन लोगों का विरोध हो रहा है तो अब तक Christian लोगों का population पूरा world में सबसे अधिक क्यों है क्रिश्चियन लोगों का विरोध सिर्फ इंडिया में ही नहीं होता कई अन्य देशों में भी होता है। तब भी लोग येशु मशीह को स्वीकार रहे हैं। कभी आपलोगों ने इन बातों पर गौर किया है?......... इसका जबाब बाइबल मे मिलेगा।
राष्ट्रपति खुद हिंदू धर्म माने वाली है भाई ...आप राष्ट्र पति को बोले को पेड़ को पूजा करे ना की शिव जी की पूजा करे
Hindu ni manti hai bakki sarna dharm manti hai
आदिवासी इसाई और आदिवासी सरना के बीच हाथ में लाल धागा बांधे कौन है? यदि सरना समाज के शुभ चिंतक हैं तो पिठौरिया और उरगुटू गांव में कट्टर जातिवादी संगठनों के सहयोग सरना घेराबंदी का विरोध किया जा रहा है
आदिवासियों को अपना अपना सभ्यता संस्कृतिक पारंपरा को मानते हुए आगे बढ़ाना चाहिए।
आदिवासीयों का धर्म परिवर्तन इसलिए लोग जोर शोर से कर रहे हैं कयोंकि उन्हें आदिवासियों का ज़मीन चाहिए।
आदिवासी समुदाय प्रकृति वादी है प्रकृति पूजक है। अन्य कोई भी धर्म मानने से कोई लाभ नही होगा।
हमें समझना ज़रूरी है अपनी समाज अपनी पहचान बनाना है तो अपने समाज को बेहतर बरकरार रखना चाहिए, क्यों नहीं करेंगे अपना समाज बरकरार, एक ना एक दिन आदिवासियों का इतिहास विलुप्त हो जायेंगे इस दुनिया से इसलिए हमें समझना ज़रूरी है अपनी समाज के बारे में, उनसे भी पुँछना कि क्या वे १०००वर्ष पहले ईसाई धर्म इतिहास थे क्या?हम आप सबको हार्दिक बधाई देते हैं कि जो हमारे समाज को बेहतर बनाने में मदद करते हैं इसलिए भाईयों उलझे हुए आदमी को समझाना ज़रूरी उसे वापस अपने धर्म पर पुनः आने का काम करें। धन्यवाद प्रिय आदिवासी जोहार 🙏🌹।
Sarna dharm kaab Aya jara batna , tu khud k bara me nahi janta ke sarna dharm kaab Aya
Bakwas kana band kar
बिल्कुल सही बात है, सरना धर्म को 1932 से पहले कौन जानता था? दूसरे धर्म का नकल करके धर्म बनाने से कोई धर्म नहीं हो जाता। सरना धर्म क्या है खुद सरना वाले कन्फ्यूजड हैं। कभी मूर्ति पूजा करेंगे, कभी निराकरण भगवान, कभी प्रकृति भगवान को मानने सी बात करते हैं। भई प्रकृति को पूजते हो तो पेड़ पौधा को पूजो न। देवी-देवता, सरना देवी ये सब प्रकृति है क्या? प्रकृति में देवी-देवताओं के लिए कोई स्थान नहीं है। प्रकृति ने देवी-देवताओं को बनाया क्या?
आदिवासियों की मीटिंग बुलाये हो, तो ये चुन्दी वाला यहाँ क्या कर रहा है? आदिवासियों के बीच की बात है आपस में बातचीत करना ही चाहिए। लेकिन हमारे मामले में चुन्दी वाले को घुसाना गलत है।
एक होशियार कह रहा है जमीन नहीं देंगे। वाह क्या बात है? जमीन उसके बाप का है लगता है। सरना का कहीं कोई अता-पता नहीं है और कह रहा है ये जमीन हमारा है। किस संविधान में लिखा है?
जमीन आदिवासियों का है, इसमें सरना-ईसाई से कोई संबंध नहीं। जो आदिवासी है, उसे आदिवासी होने का सारा अधिकार है।
धर्म आस्था से होता है। जोर जबदस्ती और विरोध से नहीं। अगर कोई किसी की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करता है तो यह संविधान के खिलाफ गंभीर अपराध है। ग्रामीणों को अपनी स्वतंत्रता से जीने दीजिए। भीड़ दिखाकर और जमीन नहीं देने की धमकी देकर धर्म के मामले में दबाव या लालच देना अपराध है।
Bahut achha sir apko bahut bahut johar
मेरे भाई शहर का ज़मीन खत्म हो रहा है। आप सब आदिवासी का शुभ चिन्तक हैं तो शिक्षित किजिये शराब से बचाये। आदिवासी प्राकृतिक कि पूजा करते है।
क्या ईसाई वाले शराब नही पीते है?
धर्म परिवर्तन होने से शराब का मुक्ति हो जाती है।
@@srishaoraon5443 मैं आदिवासी और ईसाई के बिषय नहीं है बोल रहा हूँ। अगर आप को लगता है कि शराब अच्छा है तो पीजिये।
इंसान पर निर्भर करता है की ओ पीना चाहता है या नही।
@@srishaoraon5443 धर्म परिवर्तन क्या है। एक ईश्वर है सही रास्ते पर चलना धर्म परिवर्तन हो गया।
अगर आप सही रहेंगे तो कोई भी धर्म में रहिए कोई दिक्कत नही है।
जय सरना जय धर्मेश जोहार
ऐसी सभा हर गांव में होना चाहिए लोगों को आजादी दी जाए ताकि अपने से चुनाव कर सकें ये समय परम्परा को कायम रखने का नहीं है समय आ गया है कि एक दूसरे को समझकर सही ग़लत को पहचान कर आगे बढ़ ने का समय है। ये बैठक के लिए आप सबको धन्यवाद
अगर कोई आदिवासी ईसाई धर्म को स्वीकार करता है तो उसे धर्म परिवर्तन कहते हैं, और हिन्दू देवी देवता की पूजा करते हैं तो धर्म परिवर्तन नहीं कहलाता है | कृपया स्पष्ट करें |
अंग्रेज ईसाई धर्म का प्रचार के लिए नहीं आए थे
अंग्रेज भारत का शोषण के लिए आए थे |
Tum log kuch v kr lo mashi log badte chale jaynge
आदिवासी के आगे बढ़ते देखकर मनुवादी तिलमिला उठे हैं!
सरना ईसाई भाई भाई रहेंगे!
बहुत अच्छा इस तरह का बैठक , जहां इस तरह का समस्या है आने वाले समय में ऐसा ना हो
आदिवासी, आदिवासी ही रहेगा किसी के कहने और सुनने से उसकी जाति नहीं बदलती , धर्म व्यक्ति का अन्तर आत्मा का विश्वास है, क्योंकि जो जन्मा है, उसकी मृत्यु निश्चित है,मरतुय के बाद के आत्मा का जीवन के बारे में जो जीवन मनुष्य ने जीया है उ्सीआधार पर सवर्ग और नरक की प्राप्ति होगी, जो येसु मसीह ने हमें रास्ता दिखाया है, आदिवासी एक है और एक रहेंगे। प्रकृति हमारी पालने वाली मां है,उसका अनादर कैसे कर सकते हैं।
इस बैठक में शामिल हुए सभी लोगो से कहना चाहूंगा कि सबसे पहले जाति और धर्म मे अंतर जानना होगा फिर धर्मांतरण और आदिवासी की संख्या घट रहा है कहा जाय
गांव एवं समाज के लोगों को समझना होगा कि धर्मान्तरण बहुत ही ज्वलंत समस्या है चाहे व हिन्दू धर्म में हो या ईसाई धर्म में हो कार्रवाई किसी एक पर न हो
किसी एक धर्म की आलोचना न हो
सदियों से हमें शिक्षा का अधिकार नहीं था अंग्रेज आऐ सबोंको शिक्षा का अधिकार दिया
सदियों से हमें राक्षस , अछूत कहा गया हमने अभी तक क्यों विरोधी नहीं किया
जय सरना जय आदिवासी
आपको इतिहास की जानकारी नहीं है जब अंग्रेज नहीं आए थे हमारे लोग यहां पढ़ते थे विदेशी यहां के शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते थे यूनिवर्सिटी थी लेकिन अंग्रेजों के आने के बाद अंग्रेजों ने यहां की शिक्षा व्यवस्था को खत्म किया जबरन कॉलेज बंद करवाएं इसमें हमारे लोग शहीद भी हुए लेकिन इतिहास को छुपाया गया हमारे स्कूल बंद करके अंग्रेजों ने शिक्षा के रूप में अपना बिजनेस खोला हमारे संस्थानों को बंद कर दिया पहले आप अपना इतिहास पढ़िए इसके बाद बात कीजिए
अंग्रेजों का सच्चाई जानना है तो डूंगरपुर राजस्थान जाइए कालीबाई कलासुआ जो एक आदिवासी भील लड़की है शहीद क्यों हुई हमारे स्कूल कॉलेज नहीं थे तो उसको गोली क्यों मारा गया अंग्रेजों ने उस बच्ची को गोली क्यों मारी नानाभाई खाट को क्यों मारा गया इसका जवाब ढूंढ करके लाइए इसके बाद बताइएगा कि अंग्रेजो ने हमारे लिए शिक्षा दिया कि शिक्षा खत्म किया
Ap ke bat par 100 samat hu hai
भारत देश धर्म निरपेक्ष देश है सब को अपने अपने आनुसार जीने दिया जाये जय जय हो संविधान की
ओझा लोग ही है जो एक दूसरो को परे सानी करते हैं इसलिए सर्णा धर्म से किरस चन बन रहे हैं लोग इस बात को समझने कि जरूरत है और ओझा लोग को समझाने की जरुरत है जय धरम जय सरना
असहाय और अशिक्षा हमारी मूल पहचान को छीन लेती है...🇮🇳
आप ने सही कहा है,हम आदिवासीयों को अन्य जाति विशेषकर हिन्दू लोग आकर लूटने लगे, ईसाई धर्म जब आया तो ईसाई मिशनरियों ने हम आदिवासी मुण्डा उरांव खड़िया को ही सर्व प्रथम शिक्षित बनाया, बिरसा मुंडा जैसे लोग भी ईसाई धर्म अपना चुके थे और ईसाई स्कूल चाईबासा में 5 वीं कक्षा तक शिक्षा ग्रहण किए थे, आप भी योग्य शिक्षित बनिए, ईसाई धर्म से नफ़रत है तो यह काला कमीज वाले हिन्दू का स्कूल ही जाइए, लेकिन अपनों को जरूर पढ़ाईए, ताकि अच्छा और बुरा को पहचान सके
जो सरना धर्म को मानते है, क्या वो लोग, मंदिर नही जाते हैं, क्या वो लोग, देवी देवता की फोटो अपने घर पर रखकर पुजा पाठ नही करते हैं ?
धर्म के नाम पर , भ्रम फैला रहे हो ,
अत्याचार कौन करता है, कौन कर रहा है, वो कौन सा धर्म के है, ये क्या आप लोगो को दिखाई नही दे रहा है।।
जो विदेशी आये थे, वो पाप मे ग्रसित थे । लेकिन आज सब कुछ बदल चुका है। विदेशी लोगो से इतना घृणा है , तो प्रधान मंत्री क्यो विदेश जा रहे हैं।
क्यो लोग विदेश जा जाकर शिक्षा ग्रहण करने जाते हैं, राष्ट्रपिता , महात्मा गाँधी, संविधान को लाने वाले डॉक्टर भीम बाबा, और भी बहुत से महान पुरूष है, जो बाहर विदेशो मे जा कर उच्च शिक्षा प्राप्त किये, क्या ये सब आप लोगो को मालूम नही है । पहले और अब के क्रिया कलाप मे बहुत अंतर आ चुका है, जितने भी तकनीकी मशीन है,कारखाना है, वो सब कैसे आया, कहां से प्रेरणा मिली, क्या आप लोगो को पता है,
सिर्फ धर्म धर्म परिवर्तन पर बात कर रहे हो, आगे बढिये शिक्षा मे, मेल प्रेम से रहिये, दुसरो की मदत कीजिए जिनको मदत की जरूरत है । नेता गिरी करने वालो को , सिर्फ एक दुसरे के प्रति भडकाना आता है, और कहां से अत्यधिक बोट मिलेगा उसी के लिए काम करते हैं ।।। इसीलिए जागरूक बनिये ।।।
जय हिन्द, जय भारत ।
Bahut achcha samjhaie
झारखंड के लोगो आदिवासीयो सुधार जाइये अभी भी वक़्त नही तो बड़ा झटका लगेगा बस शराब से दूरी बनाये शिक्षा पर ध्यान दे🙏🏻🙏🏻🙏🏻🪔
आज के दिन में सरना धर्म वाले अपने लोगों को ही मूर्ख बना रहे हैं
Jay dharmesh, bahut achha kiye h
बहुत बढ़िया आदिवासी मे फूट डालो क्योंकि मैं भी फिलहाल बीजेपी में हूँ
Ranchi me ja kar dekh lo sarna lo to Hindu riti riwaj manne Ko betab hai
ये भाई पादरी से अच्छा बात बोला
Jai Sarna Jai Dharm 🌳🌳🌲👏🇦🇹🇦🇹🇦🇹🇦🇹
मै आदिवासी समाज से ये कहना चाहती हूं
आप इतने निर्बुधी कैसे हो सकते हैं? आपका अपना जात का आदमी कोई धर्म को अपना लिया तो आप उसको बेदखल करने की बात कर रहे हो? हर दिन दिकू का विरोध करते हो, फिर दिकू आकर आपको बोला आपका भाई आपका नहीं है और आपने मान लिया,
आपको मालूम नहीं वही ईसाई लोग आपका दिकू और आपको पेन्ट पहना दिया और आप बहुत खुश! सरना और दिकू दोनों जिस्ने पेन्ट पाहिन्ने सिखाया उसी को गाली, तो पेन्ट खोलकर पत्ता और आपका दिकू धोती पहनो फिर बात करो, इतना नमक हराम तुम आदिवासी कयेसे हो गए , वो दिकू आपको ज्ञान दिया और आपने ले लिया और आपके भाई को बतला दिया और आप मान लिए? जागो आदिवासी जागो तुमको सरना ईसाई मे बाँट कर तुम्हारा याने दोनों का जल जंगल जमीन लूट लिया आधा से ज्यादा पूरा लूटने का उसका प्लान सफल होने वाला है, और जो इस दिकू को यहाँ बुलाया वो तुम्हारा जल जंगल जमीन बेचवाने का दलाल है, वो कयेसे मुझसे पूछो मै बात करने को तेयार हूँ,
Jai sarna
YE SANGSAR APNE AAP ME PARVARTANSHIL HE YAHI PRAKRITI K DHARM NIYAM HE . CHATUR LOGON DUWARA YAHI CHAL RAHA HE LOLI POP CHUSA K PAHLE BANTO , LADAWO, ASLI PAHCHAN MITAWO FIR UNKE SAMPADA KO HADPO. HUM OW MACHHLI HE JO ASANI SE DIKON K JAAL ME FANS JATE HE.
बिल्कुल सही बात है, सरना धर्म को 1932 से पहले कौन जानता था? दूसरे धर्म का नकल करके धर्म बनाने से कोई धर्म नहीं हो जाता। सरना धर्म क्या है खुद सरना वाले कन्फ्यूजड हैं। कभी मूर्ति पूजा करेंगे, कभी निराकरण भगवान, कभी प्रकृति भगवान को मानने सी बात करते हैं। भई प्रकृति को पूजते हो तो पेड़ पौधा को पूजो न। देवी-देवता, सरना देवी ये सब प्रकृति है क्या? प्रकृति में देवी-देवताओं के लिए कोई स्थान नहीं है। प्रकृति ने देवी-देवताओं को बनाया क्या?
आदिवासियों की मीटिंग बुलाये हो, तो ये चुन्दी वाला यहाँ क्या कर रहा है? आदिवासियों के बीच की बात है आपस में बातचीत करना ही चाहिए। लेकिन हमारे मामले में चुन्दी वाले को घुसाना गलत है।
एक होशियार कह रहा है जमीन नहीं देंगे। वाह क्या बात है? जमीन उसके बाप का है लगता है। सरना का कहीं कोई अता-पता नहीं है और कह रहा है ये जमीन हमारा है। किस संविधान में लिखा है?
जमीन आदिवासियों का है, इसमें सरना-ईसाई से कोई संबंध नहीं। जो आदिवासी है, उसे आदिवासी होने का सारा अधिकार है।
धर्म आस्था से होता है। जोर जबदस्ती और विरोध से नहीं। अगर कोई किसी की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करता है तो यह संविधान के खिलाफ गंभीर अपराध है। ग्रामीणों को अपनी स्वतंत्रता से जीने दीजिए। भीड़ दिखाकर और जमीन नहीं देने की धमकी देकर धर्म के मामले में दबाव या लालच देना अपराध है।
Bekup wakta Tumko kon bata diya ki Isai(Christian) banne se Aadiwasi samaj khatam ho raha hai ? Tumse bara bekup koi nahi hai
सरना धर्म वाले भाइयों से मेरा नम्र निवेदन है कि आप लोग आपने लोगों को अच्छा सिखाए की वह मसीही न बने तथा पादरियों को जवाब दे सके ।
खास बात :_ कोई भी भारतीयों को जैसे जीने में खुशी मिलें जीने दिया जाए।
यही संविधान की उदेस्य है जय हिंद ,जय भारत जय वंदेमातरम ।
O pta chalega BJP kal me
ये वंदे मातरम् कब से आदिवासी को बोलवाने लगे
हम आदिवासी को डीलिस्ट किया जा रहा है उसके बारे में एक भी नहीं बोलते
धर्म की लड़ाई करने चला है
Kisne bataya aadiwasi ka sankhya ghat rha hai? jinhone yeshu ko apnaya hai wey hi aap se adhik aadiwasi hain...kyonki wey aadiwasiyon k sabhi ritiriwaz , culture ya sanskriti ko aap se bhi adhik jagrukta se manate hain ,iske ulat" aap hi log dusron k bahkawe me aakar khhud ko hindu kahte ho aur khud ko dunia k samne hindu batate ho ....ye dohri chaal kyon? aap hindu dhharm ka palan karo aur fir bhi aap aadiwasi kahlaoge,lekin jo aadiwasi sabhyata sanskriti ,ritiriwaz,,aur lok kala, nach- gaan ko sawar kar ,nikhar kar, duniya k saamne pesh karke duniya ko Adiwasi hone ka gourav dilaya hai usi ko aadiwasi hone se wanchit karna chahte ho? ,hmare Catholic Church k madhyam se poora America, Europe anya deshon me
Aadiwasiyon ki pahchan banayi hai.... isliye rss k propoganda ka shikar mat baniye, aur sbhi aadiwasi ekta ka Nara buland kijiye esi me hm sab aadiwasiyon ki bhalai hai....
Aap ka baat aur soch se main puri tarah se sahmat hoon , humare adiwashi bhai bahanko bahari propogenda se bachna chahiye
मोदी सरकार खुद बोला है बिकसीत भारत बाना रहे हैं तो इस तरह ईसाई लोग भी विकसित भारत बाना रहे हैं।ये दुनिया संविधान का अधिकार है।देश वासियों आप लोगों से बिनती है क्या गुनाह हैं धर्मों से।
जय सरना कभी नहीं बदलना
CNT aur SPT Christian missionaries ne hi banwaya tha. Karan kuch bhi raha dharm badalne ka...lekin ab dharm mat badlo apne dahrm m hi raho
मुसीबत का सामना करना सीखो यह नहीं कि मुसीबत को छोड़कर भाग जाओ यदि मुसीबत को छोड़कर भाग जाते हैं तो कायर हैं और कायर व्यक्ति कहीं जी नहीं पाएंगे
Hindu darm k lombriyong se Sawdhan.Sarna dharm ko sabse adhik khatra Rss aur Bishwa hindu parishad se hai.
आदिवासी हो या सथाल या सरना धर्म में शांति कहाँ भाई भाई में दुश्मन घर घर में लड़ाई झगड़ा गाँव गाँव दो पार्टी तो शांति कैसे मिलेगा अपने धर्म कोभी नहीं पहचान ते है मेरा भाई हमारे उपर कितना अतयाचार कऱहाहै हमको एकाघरिया कर दिया है तो हम कहा जाय हमे तो जीने का सहारा चाहिए सहारा के लिए तो किसी के पास जाना ही होगा ना और नहीं तोजिममादारी लो बोलने से नहीं होगा 8:55
बिल्कुल सही बात है, सरना धर्म को 1932 से पहले कौन जानता था? दूसरे धर्म का नकल करके धर्म बनाने से कोई धर्म नहीं हो जाता। सरना धर्म क्या है खुद सरना वाले कन्फ्यूजड हैं। कभी मूर्ति पूजा करेंगे, कभी निराकरण भगवान, कभी प्रकृति भगवान को मानने सी बात करते हैं। भई प्रकृति को पूजते हो तो पेड़ पौधा को पूजो न। देवी-देवता, सरना देवी ये सब प्रकृति है क्या? प्रकृति में देवी-देवताओं के लिए कोई स्थान नहीं है। प्रकृति ने देवी-देवताओं को बनाया क्या?
आदिवासियों की मीटिंग बुलाये हो, तो ये चुन्दी वाला यहाँ क्या कर रहा है? आदिवासियों के बीच की बात है आपस में बातचीत करना ही चाहिए। लेकिन हमारे मामले में चुन्दी वाले को घुसाना गलत है।
एक होशियार कह रहा है जमीन नहीं देंगे। वाह क्या बात है? जमीन उसके बाप का है लगता है। सरना का कहीं कोई अता-पता नहीं है और कह रहा है ये जमीन हमारा है। किस संविधान में लिखा है?
जमीन आदिवासियों का है, इसमें सरना-ईसाई से कोई संबंध नहीं। जो आदिवासी है, उसे आदिवासी होने का सारा अधिकार है।
धर्म आस्था से होता है। जोर जबदस्ती और विरोध से नहीं। अगर कोई किसी की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करता है तो यह संविधान के खिलाफ गंभीर अपराध है। ग्रामीणों को अपनी स्वतंत्रता से जीने दीजिए। भीड़ दिखाकर और जमीन नहीं देने की धमकी देकर धर्म के मामले में दबाव या लालच देना अपराध है।
Daru pikar sab sutal rahta hai dharam ka bat kar raha hai. Aj Christian ke chalte hi samaj education hua hai. Yad rakho bhai kisi v jati ke bhagwan ho Daru ka demand nahi karta hai. Aap pas kine school college hai.bura laga sorry for that. School kholo or baccho ko education do, Christians School m mat do
Jay Dharmesh
भारत एक धर्म निरपेक्ष देश है यहाँ हर व्यक्ति को - अपना स्वेच्छा से अपना धर्म मानने का अधिकार है | अनुच्छेद 25 में धार्मिक स्वतंतता देता है यहाँ सरना और मिशन की बात करने के लिए बाहर से दलाल मत बुलाव ' सविधान में उल्लेखित अनुच्छेद 25 को पढो तब आगे बात करना
Every knee shall bow and every tongue shall confess that Jesus Christ is the ONLY LORD.
Your most of the Christian holiday's and cultures are copy of Pagans.
आंख बंद करके नहीं, खोलकर बाईबल पढ़ो। जिसका आधार ही झूठ है, वो परमेश्वर का वचन नहीं हो सकता
ईसाई धर्म आज नही होता तो सरना लोग अभी तक बुड़बक ही रहता और अभी पढ़ाई लिखाई भी नही हो पता..... धर्म परिवर्तन कोई नहीं करता लोग अपने से प्रार्थना करते हैं और विश्वास बड़ जाता है तभी लोग ईसाई धर्म बनता है बनाता कोई नही करता
ईसाई लोग अपना जनसंख्या बढ़ाने में लगे है इस चीज को समझो भाई और बहनों इस काली युग में कोई भी इंसान अपने फायदा के बिना एक फूटी कौड़ी नही देने देता । और तो और आज कल भीख मगने से कोई नही देता भला पादरी कहां से देगा । भगवान या ईश्वर न तो पादरी है न तो पंडित है ना तो मुलबी है
आप किसी को ग़लत मत कहो एक बार मन लगा कर बाईबल पढ़ कर देखो आप को जीवन का रहस्य मिलने लगेगा
पहले तो अपना लिखवाट सुधारो फिर चर्चा करो
ईसाई परिवार हम दो हमारे दो के सिध्दांतों पर है, मुरगी चेंगना, कुत्ता बिल्ली जैसे अनपढ गाँवर पैदा नहीं करते, सम...
आदवासी समाज में प्रेम कहाँ और एकता और धर्म मे शान्ति कहाँ और आदिवासी हिन्दू धर्म को कयो मान रहेहै इसको तो पहले सुधार किया जाय?
Bilkul sahi bole ravi dada
27:41 well speech bhai pesa rule mein gram Pradhan ko adhikaar diya gya hai sabhi apne gaon k logo ko sikshit banaye aur dharmantaran rokein
आज धर्म के नाम पर सबको मूर्ख बना रहे हैं। सबको जीने दो और धर्म करने दो।धर्म के नाम पर क्यूँ लड़ाई कर रहे हैं। शराब से बचाये। शिक्षा दीजिये। कितने गरीब बच्चे को स्कूल में मदत किये। आपको संबिधान आपको सबको अधिकार दिया है। कोई किसी को खाने के लिए नहीं देता है।
अरे बेकूप जब इन लोगो के पास तकलिफ था अशिछा था बेरोजगारी था बिमार था तो कितनो को तुने मदद किया भाषण देने और धमकाने आये हो जिस ईश्वर ने तुमहेअ अच्छी आवाज दी हैआखे दी है बुधिद दी है उसी अगं ओ से तुम धमका रहे हो इस आवाज ।बुद्धि इसी आखें ईश्वर ले ली तो क्या कहोगे भगवान से पंगा मत लो बेटा कही पछताना न पड जाये
बिल्कुल सही बात है, सरना धर्म को 1932 से पहले कौन जानता था? दूसरे धर्म का नकल करके धर्म बनाने से कोई धर्म नहीं हो जाता। सरना धर्म क्या है खुद सरना वाले कन्फ्यूजड हैं। कभी मूर्ति पूजा करेंगे, कभी निराकरण भगवान, कभी प्रकृति भगवान को मानने सी बात करते हैं। भई प्रकृति को पूजते हो तो पेड़ पौधा को पूजो न। देवी-देवता, सरना देवी ये सब प्रकृति है क्या? प्रकृति में देवी-देवताओं के लिए कोई स्थान नहीं है। प्रकृति ने देवी-देवताओं को बनाया क्या?
आदिवासियों की मीटिंग बुलाये हो, तो ये चुन्दी वाला यहाँ क्या कर रहा है? आदिवासियों के बीच की बात है आपस में बातचीत करना ही चाहिए। लेकिन हमारे मामले में चुन्दी वाले को घुसाना गलत है।
एक होशियार कह रहा है जमीन नहीं देंगे। वाह क्या बात है? जमीन उसके बाप का है लगता है। सरना का कहीं कोई अता-पता नहीं है और कह रहा है ये जमीन हमारा है। किस संविधान में लिखा है?
जमीन आदिवासियों का है, इसमें सरना-ईसाई से कोई संबंध नहीं। जो आदिवासी है, उसे आदिवासी होने का सारा अधिकार है।
धर्म आस्था से होता है। जोर जबदस्ती और विरोध से नहीं। अगर कोई किसी की धार्मिक स्वतंत्रता का हनन करता है तो यह संविधान के खिलाफ गंभीर अपराध है। ग्रामीणों को अपनी स्वतंत्रता से जीने दीजिए। भीड़ दिखाकर और जमीन नहीं देने की धमकी देकर धर्म के मामले में दबाव या लालच देना अपराध है।
Good reporting 🙏🙏जय धर्मेश
आदिवासियों को धर्म को लेकर विभाजित मत कीजिये । उरांव हिदू 13 लाख हैं, सरना 11लाख और ईसाई 11 लाख के करीब हैं । धर्म के आधार पर उरांवों की संख्या कम हो जायेगी । दूसरों के बहकावे में ना जाये धन्यवाद ।धन्यवाद ।
अगर सबसे आगे बढ़ाना है तो आत्म निर्भर और कोनफीडेन्स को सबसे आगे बढ़ाना होगा और इसे आगे बढ़ाने के लिए अपनी धर्म और संस्कृति को मानो नहीं तो दुसरे को देखकर चलोगे तो हमेशा पिछे रहोगे ।
सही बात है डरा कर ईसाई में कन्वर्ट हो गया बाद में बहुत ही समस्या उत्पन हो गया है
कार्य से ईश्वर कि पहचान होती है। राजा महाराजा जहा सच्चे ईश्वर के बिसाय में बताया गया वे उसे सिविकर किए ।कियोकि येसु मसीह ही सच्चा ईश्वर के पास से आए थे वे ही मार्ग सत्य और जीवन हैं।उन्हीं को शोरग और पृथ्वी का अधिकार दे दिया गया है।मृत्यु के बाद आत्मा ईश्वर के पास चली जाती है ईश्वर के बिना जो उनके पास नहीं जाती उन आत्मा कि अनंत मृत्यु हो जाती है।
कमाने का धंधा बना दिया हम लोग गांव में पास्टर लोगडूबा गांव
Good job ..jai dharam sabko ..🙏🙏
ये भाई जनी के चक्कर में ईसाई बना
Jo hindu bn gye hn unke विषय में आपलोग का क्या विचार है
पुराने लोग भी तो नौकरी करता है इस डॉक्टर बनता है इंजीनियर बनता है क्या क्रिश्चियन लोग केवल बनता है क्याआप लोग का सोच गलत
यह सफेद कमीज के पास लूर नहीं है, भारत पर राज करने वाले लोग ब्रिटेन से आए थे,जब कि ईसाई जर्मन और रोम से आए थे।
सही कहा है आपने, धन्यवाद
बिजेपि का झुट नितीयां है । कइभी इसाई आपना समाज का चालचलन परिवरथन नहि किया। धर्म धर्मकी जगह मे है । अमेरिकान राशियान भी हिन्दू है।
अरे भाई ईसाई और सरना के नाम पर क्यों ऐसा बकवास कर रहे हैं,, ? पहले आदिवासीयत पर चर्चा कीजिए न ,,
Malum nahi hai to chup raho adivasi ke bich Esai Kahan se aaya adivasi gaon me Kaise ko prawesh nishedh hai kaise Esai ghus gaya.
आदिवासियत क्या है? आदिवासी कौन है ? आदिवावसियत जीवनशैली है, रहन सहन से है। धर्म व्यक्तिगत मुद्दा है। इस पर जोर जबरस्ती नही होना चाहिए।
पहले इंसान की चर्चा कीजिए कि उसे क्या काम करना है कि वो आने वाले पीढ़ी के लिए क्या छोड़ जाऐ
Bhut sahi baat hai
My tandwa gaya hun bahut pyaara hai v nam th babulal oraon jay sarna johar
Kristan dharam me ladai jhagra keya nahi hota hai, Jay sarna
Jai dhrmesh jai adiwasi 🇮🇳🇮🇳🏹🏹💪💪🇦🇹🇦🇹💪💪💪
पुरा दुनिया में ईसाईयों का राज होगा एक दिन,जो भी कहना है कह लो
अगर आप सरना से हिन्दू धर्म अपनाते हैं तो धर्म परिवर्तन नहीं कहलाता।उसके खून का रंग बदल गया जैसे इसाई बनने से उस आदिवासी का खून बदल गया। जिसे जो धर्म अच्छा लगता है मानें, अच्छा नहीं लगता न मानें। ईसाईयों को जमीन बिल्कुल न दें और न ही कोई रिश्ता रखें,आपकी मर्जी है।जो सरना धर्म छोड़कर हिन्दू धर्म अपना रहें हैं उनके लिए आपका क्या कहना है इसे भी स्पष्ट करते।आप धर्म और धर्मपरिवर्तन चिल्लाते रहें जिसे जो धर्म अच्छा लगता है माने,न मानें स्वतंत्र हैं। इससे पहले हंड़िया दारू पीना बंद करें।शिक्षित व समझदार बनें ताकि किसी के बहकावे में न फंसे धर्म,भाषा , संस्कृति,सरना, हिन्दू, ईसाई सब समझ आ जाएगा जिससे अपनी अस्तित्व,जमीन,बहु बेटियों को बचा सकेंगे।आपको मजदूर और अनपढ़ कौन बना रहा अब तक समझ नहीं पाए।
Johar Jay jharkhand jay aadivasi 🇦🇹 suiyatand ke padosi gao Rajan nawatand Ka nivasi hu hamare gao me BHI sabse ek esai Ghar tha bad me shire dhire 5 Ghar ho Gaya
Uska bhi hisab karna hoga.adivasi gaon mein bahari culture prawesh nishedh hai kaise Esai ghus gaya hai .
Phle ap apni buri or acchai ka fark karo, iske bad un 5 family ka Phle kaesa tha avi kase hai pata chal jayega. Aj gumla simdega ke log Christian school m pad rahe hain ,jab ki usko sarna school m padna chayee
सरना समाज जागो नहीं तो आने वाला दिन में भटक जाओगे
Aap log apne ko sarna dharam mante hae lekin hindu devi devta ka photo ghar ke dival me tangte hae unka parab vi mante hae
Acha hoga prakriti ka photo hi rakhiye
सरना धर्म हमेशा हिंदू में अपने आप गिनती करते है ...
Jay sarna
Bahut achha didi yesu apko ashish de
ईसाई धर्म नहीं बदलता है मन बदलता है जो संविधान कहता है
मन 😀😀😀😀😁😁😁😁😁😂😂😂🤭🤭
Parmeshwr sap ko pyar kartahe
Yesu Masih nam afwah nahi hai yah truth hai or uska aatma Kam kar raha hai aadiwasi samaj me you will see many more Christians in coming years
Bahut achhi baat bole sir
आदिवासी को बचाना है तो आदिवासी धर्म कोड लेना चाहिए
Ha
Raj neta ke chakar m mat pado bhai, is vir m 80 percent log anpad hai
Aap agar pant kamiz pahante ho toh Pura samudai Bhai bahno ko bolo ki ham log pahle karta pahante the. Ishko Karya ko kyon chore. Ishliye 29:43 harhiya daru chhoro tabhi pant kamiz pahno.Jo kuch aap bol rahen ho wah surf dimagi hai. Ishliye ek sarna dharm Pothi banaiye taki Sab parh kar sarna ka sachai ko sabhi jaan sake nge. . Dhanyabaad.
Sarna dharm sahi hai .per dharm aaguwa log apna samaj ke sath gadari mat karo tab aadiwasi aap ka bat sunega aur samaj bachega .johar....
Jai sarna
कोई भी धर्म को मने मनुष्य क्योंकि भगवान ईश्वर को मनना अन्तरात्मा का बात है, सब मिलजुलकर रहिये
कोई किसी मनव को शरीरिक अथिॅक मनसिक नुकसान नहीं होना चाहिए, क्यों आज पैंट पहनते हैं करेया नहीं पहनते, रूढ़िवादी हंडिया भी पिना नहीं छोड़ेंगे क्योंकि हमारे पुरखा शुरू से ही पिते आए हैं,
धन्यवाद काश आप के बातों को कोई समझ सके
Jai sarna maa jai johar
Jai sarna
जाति और धर्म अलग अलग होता है।
Bahut jald d. Listing hona chahiye❤garibon ko murkh banakar dharm badla ja raha hai❤eesaee banane ke liye hi sarna dharm name diya hai❤taki hindu koi action na len❤
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